02-04-2019, 10:00 AM
अंकल खूब मज़े से माँ के सेक्सी चुतर दबाये जा रहे थे मैंने मन में सोचा की काह्स मै भी माँ के सेक्सी चुतर दबा पाता आआह्ह्ह्हह्ह मुझे देखने में इतना मज़ा आरहा था तो दबाने में कितना मज़ा आएगा उउउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ अब मुझे इंतज़ार था माँ के सेक्स नाँघि चूचियां देखने का जो की मैंने कभी सोचा भी नहीं था खैर मैंने तो ये भी नहीं सोचा था की माँ को इस हालत में भी कभी देखूंगा वो भी अंकल के साथ उउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या मज़ा आरहा था
मै तो थैंक्स कॉलेज वालो को कहूंगा की जिनकी वजह से मै एक राज़ माँ के सेक्सी बदन के दीदार हुए ........//
अब अंकल ने माँ को अपने गोद में बैठा लिया या यु कहु की अपने लुंड पे माँ के चूत को कपडे के ऊपर रख दिया और माँ के ब्रा के के ऊपर से माँ के आधे चूचियों को चूमने लगे.......... माँ :- आआआअह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आपका लण्ड तो पैंट के अंदर से ही चटपटा रहा है आअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म //
अंकल:- आआह्ह्हहमेरी जान उसे तुम्हारी चूत की आहट लग गई है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम//
अंकल लगातार माँ के बदन को सहला रहे थे चुम रहे थे और माँ भी अंकल का पूरी तरीके से साथ दे रही थी.......अंकल कभी माँ के ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाते कभी माँ के दोनों सेक्सी चुतर को दबाते कभी नाँघि पीठ को सहलाते और माँ के आधे बूब्स को अपने मुँह से दांत से दबा दबा के धसा रहे थे .........//
माँ:- आआआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब दांत न धसाइये निशान पद जायेगा सिर्फ चूसिये आआअह्ह्ह .......//
अंकल:- अच्छा जानेमन सॉरी आआआहहहहह........क्या करू तुम्हारे जिस्म की : की खुशबू मुझे बेकाबू कर देती है आआअह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम काश की तुम्हारे साथ पूरी रात मिलती तो मज़ा आजाता ाआआआंमम्मम्म//
माँ:-
ह्म्मम्म्म्म...लेकिन ये नहीं हो सकता न एक यही दोपहर का टाइम है जिसमे हम दोनों वासनाओ में डूब सकते है रात में संभव नहीं है भाईसाहब ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम//
अब मैंने एक चीज़ नोटिस किआ की जहा से मैं चुप के ये सब नज़ारा देख रहा हु वहाँ अंकल की नज़र बार बार मेरी तरफ ही आ रही है लेकिन मैंने इसे इग्नोर किआ और माँ के रोमांस का नज़ारा देखता रहा मैंने सोचा अंकल ऐसे ही कुछ देख रहे होंगे .........//
अब अंकल ने माँ को बेड पे लिटा दिए और माँ के साड़ी को माँ के सेक्सी जांघो के ऊपर तक कर दिए और माँ के दोनों नंगेपैरों को अपने हाथो से सहलाने लगे और साथ ही माँ के गर्दन को गालों को अपने होठो से चूमने लगे ........//
माँ:- आआआहहहहहहह भाई साहब आज बड़े इत्मीनान से प्यार कर रहे हैं मुझे क्या बात है बड़े फुर्सत में है क्या ............//
अंकल:- अरे मेरी जानेमन आपके लिए तो फुर्सत ही फुर्सत है .......//
मै तो थैंक्स कॉलेज वालो को कहूंगा की जिनकी वजह से मै एक राज़ माँ के सेक्सी बदन के दीदार हुए ........//
अब अंकल ने माँ को अपने गोद में बैठा लिया या यु कहु की अपने लुंड पे माँ के चूत को कपडे के ऊपर रख दिया और माँ के ब्रा के के ऊपर से माँ के आधे चूचियों को चूमने लगे.......... माँ :- आआआअह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आपका लण्ड तो पैंट के अंदर से ही चटपटा रहा है आअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म //
अंकल:- आआह्ह्हहमेरी जान उसे तुम्हारी चूत की आहट लग गई है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम//
अंकल लगातार माँ के बदन को सहला रहे थे चुम रहे थे और माँ भी अंकल का पूरी तरीके से साथ दे रही थी.......अंकल कभी माँ के ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाते कभी माँ के दोनों सेक्सी चुतर को दबाते कभी नाँघि पीठ को सहलाते और माँ के आधे बूब्स को अपने मुँह से दांत से दबा दबा के धसा रहे थे .........//
माँ:- आआआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब दांत न धसाइये निशान पद जायेगा सिर्फ चूसिये आआअह्ह्ह .......//
अंकल:- अच्छा जानेमन सॉरी आआआहहहहह........क्या करू तुम्हारे जिस्म की : की खुशबू मुझे बेकाबू कर देती है आआअह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम काश की तुम्हारे साथ पूरी रात मिलती तो मज़ा आजाता ाआआआंमम्मम्म//
माँ:-
ह्म्मम्म्म्म...लेकिन ये नहीं हो सकता न एक यही दोपहर का टाइम है जिसमे हम दोनों वासनाओ में डूब सकते है रात में संभव नहीं है भाईसाहब ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम//
अब मैंने एक चीज़ नोटिस किआ की जहा से मैं चुप के ये सब नज़ारा देख रहा हु वहाँ अंकल की नज़र बार बार मेरी तरफ ही आ रही है लेकिन मैंने इसे इग्नोर किआ और माँ के रोमांस का नज़ारा देखता रहा मैंने सोचा अंकल ऐसे ही कुछ देख रहे होंगे .........//
अब अंकल ने माँ को बेड पे लिटा दिए और माँ के साड़ी को माँ के सेक्सी जांघो के ऊपर तक कर दिए और माँ के दोनों नंगेपैरों को अपने हाथो से सहलाने लगे और साथ ही माँ के गर्दन को गालों को अपने होठो से चूमने लगे ........//
माँ:- आआआहहहहहहह भाई साहब आज बड़े इत्मीनान से प्यार कर रहे हैं मुझे क्या बात है बड़े फुर्सत में है क्या ............//
अंकल:- अरे मेरी जानेमन आपके लिए तो फुर्सत ही फुर्सत है .......//
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!