02-04-2019, 09:58 AM
// मोम की चुदाई देख कर मेरा बुरा हाल हुआ //
आज मै कॉलेज गया लेकिन किसी कारन छुट्टी हो गई और मै वापस घर पे आने लगा .........और दोपहर के करीब १२ बज रहे थे .....और मै सोचा की माँ आराम कर रही होगी और मेरे बैग में घर की एक चाभी पड़ी थी मै चुपके से घर में घुस गया और अपने रूम में चला गया .............और माँ को नहीं पता था की मै घर पे हु ..........और माँ आपको बता दू की मेरे घर के ऊपर फ्लोर पे एक अंकल किराये पे रहते है जिसकी सीढ़ी घर के अंदर ही है और मैंने देखा की अंकल सीढ़ी से उतर के सीधा माँ के बेड रूम की तरफ जाने लगे तभी मुझे कुछ शक हुआ की अंकल माँ के बेड रूम की तरफ क्यों जा रहे है ........और मै चुपके से माँ के बेड रूम की तरफ देखा तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया मैंने देखा की अंकल माँ के ब्लाउज़ के ऊपर से माँ के बूब्स को दबा रहे है और माँ के चुतर से अपने लुंड को घिस रहे है मुझे ये सब देख के गुस्सा लगी फिर मुझे लगा की मेरा लण्ड भी पैंट के अंदर टाइट हो रहा है और मै चुप के देखने लगा..........
माँ:- अरे भाई साहब कोई आजायेगा छोड़िये न आआआअह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- अरे मेरी जानेमन किए छोड़ू तुमने तो मुझे अपना गुलाम बना लिए है दोपहर को ही तो मौका मिलता है
माँ:- AAAAAAAAAAAHHHH अरे भाई साहब कोई धीरे से दबाओ न गुलाम तो तुम्हारे लण्ड ने बनाया है........ ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम
मै माँ के मुँह से ये सब बातें सुन के हैरान था ..........
माँ:- AAAAAAAAH भाई साहब अभी कल ही दोपहर में इतनी जल्दी बेताबी बढ़ गई
अंकल:- अरे मेरी जान मेरा बस चले तो तुम्हारे आस पास ही रहू दिन रत लेकिन ......
माँ:- अच्छा तुम्हारी बीवी मइके से आजाये फिर देखती हु कैसे मेरे पास आते हो .........
अंकल :- तभी तो दिक्कत है वरना तुम्हारी चूत के रस को दिन रत पिता रहू ......आआआहहह
अब अंकल माँ के ब्लाउज़ के बटन को खोलने लगे ......
माँ:- आआअह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल :- मुझे कैसे शर्म मेरी जान तुम तो ऐसे शर्माती हो जैसे की आज पहली मुलाकात है ......
और तभी मै समझ गया की कई दिनों का चक्कर है माँ और अंकल का .........
और अंकल ने माँ के साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और ब्लाउज़ को भी निकलने लगा और माँ अब ब्रा में थी और मै भी माँ को पहली बार ब्रा में देखा था और मैंने देखा की अंकल माँ के चूची को दबा दबा के चुम रहे है ब्रा में माँ की चूचियां क्या चमक रही थी और दोनों चूची के बीचे का कट क्या मस्त लग रहा था ये सब देख के मेरे लण्ड से तो पानी //
अब अंकल ने माँ के साड़ी की घुटनो के ऊपर उठाने लगा जिससे माँ के नंगे पैर दिखने लगे गोरेगोरे चमक रहे थे मुझे भी माँ के नंगे पैर देखने में अच्छे लग रहे थे और अंकल माँ के नंगे पैरों को चूमने लगे और चूमते चूमते जांघ तक आगये और माँ के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी.......//
माँ:- आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आप कितने बेहतरीन ढंग से सेक्स करते हो......आआआआअह्ह्ह्ह //
अंकल:- अरे मेरी जान तुम हो ही इतनी बेहतरीन तो मई क्या करों तुम्हारे बदन बदन का एक एक अंग स्पेसल है आआआआह तुम्हारे सेक्सी पैर तुम्हारे बूब्स आआअह्ह्ह्हजीसे जितना दबाओ मन ही नहीं भरता आआअह्ह्ह्ह//
अब अंकल फिर से माँ के ब्रा के ऊपर से ही माँ की चूचियां दबाने लगे और माँ के गर्दन में चूमने लगे........ माँ:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम भाई साहब आआआहहहहह आज ऑफिस नहीं जाना क्या.......... //
अंकल:- आआआह्ह्ह्हहमेरी जान आज आधे दिन की छुट्टी लिया हु तुम्हारे लिए क्यों की कल बीवी मइके से आजायेगी आअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म //
माँ:- ऊऊओह्ह्ह्हह तो फिर तो पूरे ४ बजे तक का टाइम है आज लगता है की महीने भर की चुदाई आज ही करोगे...........//
अंकल:- अरे नहीं मेरी जान तुम्हे मै कितना भी छोड़ू लेकिन तुम्हारे बदन की खुशबू मेरे लैंड को बार बार खड़ा कर देती है आआअह्ह्ह्ह अब अंकल का हाथ सीधा माँ के चुतर पे आगया और दोनों माँ के सेक्सी चुतर दोनों हाथ से दबाने लगे और माँ के होठ से अपने होठ रख के चूमने लगे .. ीिस्स्सस्स्स्सस्शह्ह्हह्ह मैंने देखा की माँ भी अपने चुतर बड़े आराम से दबवा रही है और किश का रिप्लाई भी पूरे तरीके से दे रही है.........मुझे ये //
सब देख के अजीब सा जोश आगया माँ के चुतर को दबते देख मुझे भी दबाने का मन करने लगा लेकिन मै कैसे दबा सकता
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!