26-03-2021, 12:08 PM
(23-11-2018, 04:28 PM)firefly Wrote: दोस्तो बहुत दिनों से सोच रहा था कि एक अच्छी कामुक स्टोरी कैसे लिखे इस बारे में अपने विचार आपके समक्ष रखु और आपके विचार जानू तो दोस्तो मैंने सोचा
“सेक्स स्टोरी कैसे लिखें”
इस विषय पर एक निबन्ध लिखूं, एक कामुक कहानी या सेक्स स्टोरी के क्या गुण धर्म होते हैं, इसमें क्या होना चाहिए क्या नहीं और एक सेक्स कथा लिखते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए और एक अच्छी सेक्स कहानी को कैसे लिखें; इन सब बातों का समावेश करके एक निबंध लिखने का मन किया.और आशा है कि यह लेख सभी के लिए उपयोगी होगा.
तो मित्रो, पहली बात तो ये अच्छी तरह से समझ लें कि कोई भी सेक्स कथा किसी अन्य साहित्यिक रचना की तरह ही होती है अब ये किसी पाठक का अपना खुद का दृष्टिकोण है कि वो इन कहानियों को किस दृष्टि से देखता है. अपने भारतीय प्राचीन सेक्स साहित्य में अनेक दुर्लभ ग्रन्थ लिखे गए जिनमें से कुछ ही आज प्राप्य हैं जैसे महर्षि कोका द्वारा रचित कोकशास्त्र, महर्षि वात्स्यायन रचित कामसूत्र और अन्य ग्रन्थ जैसे गीत गोविन्द, संस्कृत भाषा में रचित मृच्छकटिकम्, रति विलास जैसे अनेक काम्य ग्रन्थ आज भी आदर की दृष्टि से देखे, पढ़े समझे जाते हैं. हमारे प्राचीन ऋषियों ने स्त्रियों की योनि की बनावट के आधार पर उन्हें चार भागों में विभक्त भी किया है जैसे हस्तिनी, अश्विनी, चित्रिणी, पद्मिनी इत्यादि!
अतः अपनी सेक्स कथा लिखते समय इतना मन में विश्वास रखना चाहिए कि आप भी साहित्य सृजन ही कर रहे हैं न कि गन्दा, अस्वीकार्य या अक्षम्य लेखन कर रहे हैं. अतः अपनी सेक्स कथा लिखते समय कोई भी हीन भावना मन में न रखें और पूरे आत्मविश्वास के साथ लिखें.
कोई भी लेखक अपनी लेखनी से कुछ भी लिखने को स्वतंत्र होता है या कोई भी कलाकार या मूर्तिकार अपनी पसन्द से अपनी कला को रच सकता है. किसी मूर्तिकार को खजुराहो या कोणार्क जैसी सजीव सम्भोगरत जीवन्त मूर्तियाँ पत्थर की शिला से उकेरना अच्छा लगता है तो कोई मूर्तिकार भगवान् का कोई रूप अपनी छैनी हथोड़े से गढ़ता है. सारे के सारे रूप कला की दृष्टि से एक जैसे सम्माननीय ही हैं. ठीक यही बात सेक्स कहानी पर भी लागू होती है. अतः सेक्स कथा भी एक विशिष्ट श्रेणी का साहित्य ही समझा जाना चाहिए.
अच्छी सेक्स स्टोरी के क्या गुण होते हैं?
मुख्य बात है कि पाठक किसी कहानी में खुद को कहानी के किसी पात्र में खुद को महसूस कर सके, उसके स्थान पर खुद को रख के सोचे और वो सब महसूस कर सके, अनुभूत कर सके, उसे प्रतीति हो सके कि वो सब उसके साथ ही घटित हो रहा है. कथा पढ़ते पढ़ते पुरुष का लिंग बिना किसी प्रयास के खुद बखुद तन जाए और लड़कियों की योनि रसीली हो उठे और उनका हाथ अनचाहे, अनायास ही उनकी पैंटी में घुस कर योनी को सहलाने लगे, उंगलियां क्लिट या दाने को छेड़ने लगें तभी कहानी की सार्थकता है.
सेक्स कथा पढ़ना, उसमे खो जाना या कोई पोर्न फिल्म देख के या किसीसे सेक्स चेटिंग करते करते उत्तेजित होना ये सब इन्टरनेट का Virtual World या आभासी या अप्रत्यक्ष दुनिया है इसमें सच है ही नहीं. दिन में जागते हुए सपने देखने जैसा ही है. जब इन्टरनेट नहीं था तब भी यह आभासी सेक्स की दुनिया दूसरे रूप में थी; पहले मस्तराम लिखित 63-64 पेज की छोटे साइज़ की पुस्तिका आती थी जिसे हम मोड़ कर आसानी से पैंट की जेब में रख लेते थे, फिर कैसेट प्लेयर आ गया तो सेक्स कहानी के कैसेट्स आ गए फिर वीडियो प्लेयर्स आ गए उसके बाद सी डी, पेन ड्राइव …. अब आज का युग है जिसमे हर चीज एक क्लिक पर सहज ही उपलब्ध है.
मुझे बचपन की याद है मैं दसवीं या ग्यारहवीं कक्षा में होऊंगा तभी से हम मित्रों ने सेक्स की बातें करना शुरू कर दीं थीं; असली योनि कैसी होती है वो तो किसी ने देख नहीं रखी थी पर सब लोग इस पर बातें खूब करते थे और अपने अपने हिसाब से योनि के रूप रंग आकार प्रकार का वर्णन चटखारे ले ले कर करते रहते थे.
वह भी एक अलग तरह की आभासी दुनिया ही थी. उम्र कुछ और बढ़ी तो हस्तमैथुन करना आ गया. गर्मी की छुट्टियों में नाना के गाँव जाना तो होता ही था तो गाँव के लड़कों के साथ पेड़ पर चढ़ कर मुठ मारने में जो मज़ा आता था और अपने वीर्य की पिचकारी दूर तक फेंकने में जो हम बालकों में प्रतिस्पर्धा चलती थी उस दुनिया का आनन्द ही अलग था.
कभी कभी किसी कुएं के पास के पेड़ पर चढ़ कर पत्तों में छिप कर पानी भरती, कपड़े धोती या नहाती लड़कियों को देखते हुए मूठ मारने का जो लुत्फ़ था मज़ा था उसकी बात ही अलग थी.
कहने का कुल मतलब ये कि यह सेक्स का virtual world आदि काल से ही किसी न किसी रूप में विद्यमान रहा है.
Regards
Firefly
दोस्त,
आपकी दी हुई जानकारी से अभिभूत हुआ
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!