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Misc. Erotica पाँच सहेलियाँ
#5
इधर ईशा की भी हालत ठीक नही थी, वो उस रूम से निकल कर आ तो गयी, पर दिमाग अभी भी वही था। उसने सोचा नहा कर सो जाती हूँ, दिमाग को शांति मिलेगी। शावर के नीचे खड़े होकर नहाने लगी। आज पानी जैसे ही उसके बदन पर गिरने लगा उसके अंदर वासना को जगाने लगा। दिमाग मे पूरी तरह से शिखा मैडम की चुदाई घूमने लगी। आज पहली बार उसके हाथ उसके निप्पल पर पहुँचे और चूत में उँगली करने का पहला मौका था। आँखे बंद कर शिखा मेडम की चुदाई देखने लगी और अपने हाथ और उँगलियों से मजे लेने लगी। थोड़ी देर में वो झड़ गयी। नहा कर बाहर आयी। कपड़े पहने और सो गई।
उधर दूसरे रूम में दो चुदाई की कहानी सुनने के बाद सभी की हालत ऐसी थी कि अगर उस रूम में कोई मर्द होता तो वो अपनी प्यास बुझा लेती। एक दूसरे से शर्म के कारण कोई भी कुछ नही कर पा रहा था। बहुत ही मुश्किल से लड़कियों और मेडम ने अपने आप को कंट्रोल कर रखा था। आशा ने सोचा, मैं ईशा के रूम में चली जाती हूँ। वहां जाकर वॉशरूम में अपनी चूत की आग ठंडी कर के आती हूँ। उसने सोचा वहा जाने के लिए कुछ बहाना बनाना पड़ेगा।
उसने कहा यार ईशा को गए बहुत देर हो गयी है। मैं उसके लिए चिप्स ले जाती हूँ, शायद उसे भूख लगी हो। वो चिप्स लेकर जाने लगी... वोडका और वासना ने शिखा को पूरी तरह से अपने वश में कर लिया। उसे अब कुछ समझ नही आ रहा था तभी शिखा मेडम ने पास से जाती हुई आशा की गाँड़ पर एक जोरदार हाथ मारा.. जैसे ही आशा मुड़ी, शिखा मैडम ने कहा- इतनी सेक्सी तरह से अपनी गाँड़ मत मतकाओ, नही तो होटल के वेटर तुम्हे देख कर मुठ मारेंगें। आशा ने अपने आप को कंट्रोल कर रखा था। पर उसकी गाँड़ पर पड़ी मार और गाँड़ की तारीफ ने उसे बोलने पर मजबूर कर दिया, मैडम मेरी गाँड़ देख कर अगर वो मुठ मारने लगे तो आप उन्हें ब्लो जॉब दे देना। ये सुनते ही शिखा मैडम ने जोर से आशा की गाँड़ दबा दी। अब आशा ने हिम्मत की और मैडम के बूब्स दबा दिए और आशा पास वाले रूम में चली गयी। जाते ही वाशरूम में चली गयी और अपनी पहली चुदाई के बारे में सोचने लगी। इधर आशा के जाते ही रानू में थोड़ी सी वोडका अपने कपड़ों पर गिरा दी और बोली मैं नहा कर आई। और वॉशरूम चली गयी, वहां नंगी हो गयी और मस्त चूत में उँगली करने लगी। नेहा ने कहा मुझे टॉयलेट जाना है, रानू को नहाने में टाइम लगेगा, मैं ईशा के रूम से आती हूँ। नेहा जैसे ही ईशा के रूम के वॉशरूम के पास जाती है, उसकी आँखें फटी रह जाती है, आशा अंदर नंगी है और आंखे बंद कर अपने जिस्म से खेल रही है, ये देख नेहा वही रूम में नंगी हो जाती है और अपने बूब्स और चूत से खेलने लगती है। शिखा मैडम पलंग पर लेट जाती है और चादर से अपना बदन ढ़क लेती है। पास में दिया भी लेती हुई है।  फिर चादर के अंदर से अपना लोअर और पैंटी निकाल कर चूत में उँगली करने लग जाती है। दिया एक दम हैरान, शिखा उसे देखते ही कहती है, आ जा तेरी चूत को भी प्यार कर देती हूँ और उसकी चूत पर एक हाथ रख देती है। दिया अपने आप को रोक नही पाती और मैडम की चादर में ही अपने आप को ले जाती है। दोनों कमरो में वासना ही वासना है। ईशा को सपने में भी वासना ने परेशान कर रखा है। 
शिखा और दिया बहुत हु जल्द झड़ जाते है और कपड़े पहन कर सो जाते है। इधर नेहा ईशा के पास ही लेटकर उँगली कर रही है। आशा भी झड़ कर जल्दी से निकल कर पास वाले रूम में चली जाती है और वहा सो जाती है। आशा ने ध्यान ही नही दिया कि नेहा उस रूम में थी। और रानू भी मस्त हल्की हो कर आती है और सो जाती है। नेहा भी थक कर सो जाती है, उसे ध्यान ही नही रहता कि उसने सिर्फ लोअर पहना है, पैंटी वही पड़ी है।
शनिवार की सुबह ईशा के लिए बहुत ही अलग रहने वाली है। जुड़े रहिये आगे की कहानी के लिए...
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पाँच सहेलियाँ - by Gpoint - 09-03-2021, 10:36 PM
RE: पाँच सहेलियाँ - by Gpoint - 10-03-2021, 01:28 PM
RE: पाँच सहेलियाँ - by Bhavana_sonii - 11-03-2021, 01:24 AM
RE: पाँच सहेलियाँ - by Bhavana_sonii - 12-03-2021, 11:48 PM



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