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Misc. Erotica पाँच सहेलियाँ
#3
शिखा मैडम की चुदाई की कहानी सुन कर सबकी चूत गीली हो गयी थी। ईशा की हालत बहुत अजीब थी, उसे इस तरह की बाते पसंद नही थी। 
दिया तुम भी सुना दो चुदाई का एक किस्सा.. शिखा मेडम ने दिया से कहा। दिया पिछले 2 साल में 10-12 बार चुद चुकी थी रितेश के साथ। दिया ने कहा ठीक है मैडम जी आप बोलती हो तो सुना देती हूँ।
लड़कियों को भी मजा आने लगा था। दिया अपनी कहानी शुरू करती उसके पहले ईशा ने कहा, यार मुझे नही सुनना ये कुछ भी और वो दूसरे रूम में चली गयी। आज पहली बार ईशा को अपनी चूत में इतना गीला पन महसूस हो रहा था।
दिया ने अपनी कहानी शुरू की-
रितेश के फार्म हाउस पर, रितेश के मम्मी पापा की शादी की सालगिरह की पार्टी थी। दिन में बढ़िया पार्टी रही और शाम तक सब लोग जा चुके थे। मैं और रितेश ही थे फार्महाउस पर.. मैं रितेश से थोड़ा गुस्सा थी क्योंकि रितेश के पापा की दोस्त की बेटी रितेश से कुछ ज्यादा ही चिपक रही थी। रितेश को पता चल गया था कि मुझे जलन हो रही है, इसलिये वो भी थोड़ा उसके पास चला गया। शाम को रितेश ने मुझे जोर से गले लगाया और बोला यार तुम बहुत ही प्यारी हो। और प्यार से गर्दन पर किस किया और कहा, आप मुझे जो सजा देना चाहे दे सकती हो। मैंने आपका दिल दुखाया है। उसकी बात सुनकर मैं  मुस्कुरा दी, और उसने धीरे से मेरे होंठो पर किस कर दिया। मैंने कहा तुम्हारी सजा है कि तुम मुझे एक वाइल्ड स्मूच करो.. उसने मुझे सबसे पहले एक वाइल्ड स्मूच किया.. उस स्मूच ने मेरे अंदर आग लगा दी थी.. फिर भी मैंने कहा मजा नही आया यार स्मूच में, ये भी कोई स्मूच है क्या.. उसने अपना कुर्ता निकला और मुझे उठा कर पलंग पर लेटा दिया, अब वो मेरे ऊपर आ गया और फिर से वाइल्ड स्मूच करने लगा और स्मूच करते करते मेरे बूब्स पकड़ लिए। उन्हें दबाने लगा, फिर उसने कपड़ो के अंदर से बूब्स मसले। मुझसे अब रहा नही जा रहा था। मैं बहुत ही जोश में आ गयी और अपने कपड़े उतार दिए, मैं सिर्फ पैंटी में थी। रितेश मेरे एक बूब्स को मसल रहा था और एक बूब्स को चूस रहा था। मैंने रितेश को नंगा किया और उसके लंड को हाथ मे लेकर हिलाने लगी। उसने मेरी पैंटी निकाल दी। और मुझे देखने लगा, मैं अपने बस में नही थी, मेरी चूत ने मुझे पागल कर दिया था। रितेश मुझे चोदो, मेरी चूत में अपना लंड डालो, मेरी चूत की प्यास भुझा दो। मेरी बातों से रितेश भी बहुत जोश में आया और लंड पर कांडोम लगा कर मेरी चूत में डाला और एक जोर का झटका मारा। मेरी चीख निकल गयी, उसने धीरे धीरे झटके मारने शुरू किए, ये मेरी जलन ही थी जो मुझे अपनी चूत में उसके लंड का अलग ही मजा दे रही थी। मेरी साँसे बहुत तेज हो गयी थी, रितेश और जोर से चोदो.. मुझे रंडी के जैसे चोदो। रितेश ने सुनते ही तेजी से चुदाई शुरू कर दी। ये ले मेरी रंडी रानी और बोलते ही बूब्स मसल दिए। मेरे हाथ उसकी पीठ पर नोच रहे थे। मैंने उसकी पूरी पीठ नोच दी थी। अब मैं उसकी गाँड़ मसल रही थी और रितेश तेजी से चोद रहा था। ohhhhhh yaaaaaaa.... I'm coming baby.... रितेश रुको... तुम अपनी मलाई मेरे बूब्स पर गिराओ, उसने जल्दी से लंड निकाला, कंडोम हटाया और मेरे बूब्स पर माल गिराया। इसी के साथ मैं भी डिस्चार्ज हो गयी। रितेश ने अपनी उँगली मेरी चूत से गिला किया और चाट लिया।
रूम का माहौल बहुत ही गरम हो चुका था। 4-4 पेग का नशा भी सबको हो गया था। सबकी पैंटी गीली हो गयी थी। चुचिया भी कड़क हो गयी थी।
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पाँच सहेलियाँ - by Gpoint - 09-03-2021, 10:36 PM
RE: पाँच सहेलियाँ - by Gpoint - 10-03-2021, 09:07 AM
RE: पाँच सहेलियाँ - by Bhavana_sonii - 11-03-2021, 01:24 AM
RE: पाँच सहेलियाँ - by Bhavana_sonii - 12-03-2021, 11:48 PM



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