08-03-2021, 12:13 PM
उनकी बात पूरी होने के पहले ही सिन्दूर की डिबिया ले कर , गुड्डो हाजिर थी ,
" लीजिये डाल दीजिये , ... "
" तू क्या सोचती है मैं छोडूंगी इस चिकने को , लेकिन तूने इतने प्यार से इनकी इतनी अच्छी मांग काढ़ी थी , चल डाल सोचते नहीं ,... "
और गुड्डो ने सिन्दूर दान कर दिया , और उसके बाद गुड्डो की मम्मी ने भी ,... खाली मांग कितनी खराब लगती थी ,... "
कम्मो ने इतना सिखा पढ़ा कर भेजा था पर बनारस वालियों के आगे , बड़े बड़े पानी मांग जाते हैं ,...
और जब गुड्डो सिन्दूर की डिब्बी वापस रखने गयी तो बड़ी हिम्मत कर के , कम्मो का सब सिखाया, उनके बोल फूटे,
" सिन्दूर दान के बाद भी तो ,... "
गुड्डो की मम्मी ऐसी हंसती थी की सिगरा पर हँसे तो चौक में सुनाई दे , जोर से हंसी , बोलीं
" एकदम होगा क्यों नहीं होगा , लेकिन जिसकी मांग में सिन्दूर पड़ता है , उसी की ली जाती है धूमधाम से ,... यहाँ तो लौण्डेबाजों की लाइन लगी थी जब से तेरे आने का सुना उन्होंने , लेकिन तेरा इम्तहान, जिस दिन तेरा इम्तिहान ख़तम होगा , उसी रात चार की बुकिंग है, यही इसी कमरे में ,... और फिर वही हंसी ,... और गुड्डो की मम्मी ने बात आगे बढ़ाई , मैं मजाक एकदम नहीं कर रही , हाँ इस खूंटे के बारे में ,.... तो तेरी बहन को मैंने बुला लिया है , वो आ जायेगी इम्तहान के अगले दिन , बस इसी कमरे में हम लोगों के सामने ,... मना लेना मन भर सुहाग रात , या सुहागदिन ,... "
लेकिन तब तक गुड्डो अंदर आ गयी थी , उसने पूछ लिया ," क्या कह रहे थे ये ,"
" कहेंगे क्या, ... अपने माल को याद कर रहे थे, क्या नाम है उसका गुड्डी इनकी बहन ,... " मम्मी उसकी बोलीं ,...
गुड्डो भी कौन कम थी , वो भी बनारस वाली , बोली
" बड़ी लम्बी उमर है उसकी , अभी उसी की बात हो रही थी उसी की सहेली से , ... बोल रही थी जैसे ये यहां आये हैं वहां छैलों की लाइन लगी है , अभी चौथे का नंबर चल रहा है। "
लेकिन गुड्डो की मम्मी के मन में कुछ और चल रहा था बोलीं , इतना चिक्क्न माथा , ऐसा खाली , ... " और अपनी बड़ी सी टिकुली उनके माथे पर लगा दी ,
उसके बाद खाना , लेकिन ससुराल में खाना तो बिना गाली के होती नहीं ,...
पर उसके बाद उन दोनों ने उसे पढ़ने के लिए छोड़ दिया था बस उसी शर्त के साथ मांग , सिन्दूर टिकुली हटाने की सोचे भी नहीं , अब तो घर में ही रहना है ,
बस तीन चार घंटे में एक बार कभी हार्लिक्स , कभी दूध कभी काफी , ज्यादातर गुड्डी ,... कभी उसकी मम्मी भी ,...
" लीजिये डाल दीजिये , ... "
" तू क्या सोचती है मैं छोडूंगी इस चिकने को , लेकिन तूने इतने प्यार से इनकी इतनी अच्छी मांग काढ़ी थी , चल डाल सोचते नहीं ,... "
और गुड्डो ने सिन्दूर दान कर दिया , और उसके बाद गुड्डो की मम्मी ने भी ,... खाली मांग कितनी खराब लगती थी ,... "
कम्मो ने इतना सिखा पढ़ा कर भेजा था पर बनारस वालियों के आगे , बड़े बड़े पानी मांग जाते हैं ,...
और जब गुड्डो सिन्दूर की डिब्बी वापस रखने गयी तो बड़ी हिम्मत कर के , कम्मो का सब सिखाया, उनके बोल फूटे,
" सिन्दूर दान के बाद भी तो ,... "
गुड्डो की मम्मी ऐसी हंसती थी की सिगरा पर हँसे तो चौक में सुनाई दे , जोर से हंसी , बोलीं
" एकदम होगा क्यों नहीं होगा , लेकिन जिसकी मांग में सिन्दूर पड़ता है , उसी की ली जाती है धूमधाम से ,... यहाँ तो लौण्डेबाजों की लाइन लगी थी जब से तेरे आने का सुना उन्होंने , लेकिन तेरा इम्तहान, जिस दिन तेरा इम्तिहान ख़तम होगा , उसी रात चार की बुकिंग है, यही इसी कमरे में ,... और फिर वही हंसी ,... और गुड्डो की मम्मी ने बात आगे बढ़ाई , मैं मजाक एकदम नहीं कर रही , हाँ इस खूंटे के बारे में ,.... तो तेरी बहन को मैंने बुला लिया है , वो आ जायेगी इम्तहान के अगले दिन , बस इसी कमरे में हम लोगों के सामने ,... मना लेना मन भर सुहाग रात , या सुहागदिन ,... "
लेकिन तब तक गुड्डो अंदर आ गयी थी , उसने पूछ लिया ," क्या कह रहे थे ये ,"
" कहेंगे क्या, ... अपने माल को याद कर रहे थे, क्या नाम है उसका गुड्डी इनकी बहन ,... " मम्मी उसकी बोलीं ,...
गुड्डो भी कौन कम थी , वो भी बनारस वाली , बोली
" बड़ी लम्बी उमर है उसकी , अभी उसी की बात हो रही थी उसी की सहेली से , ... बोल रही थी जैसे ये यहां आये हैं वहां छैलों की लाइन लगी है , अभी चौथे का नंबर चल रहा है। "
लेकिन गुड्डो की मम्मी के मन में कुछ और चल रहा था बोलीं , इतना चिक्क्न माथा , ऐसा खाली , ... " और अपनी बड़ी सी टिकुली उनके माथे पर लगा दी ,
उसके बाद खाना , लेकिन ससुराल में खाना तो बिना गाली के होती नहीं ,...
पर उसके बाद उन दोनों ने उसे पढ़ने के लिए छोड़ दिया था बस उसी शर्त के साथ मांग , सिन्दूर टिकुली हटाने की सोचे भी नहीं , अब तो घर में ही रहना है ,
बस तीन चार घंटे में एक बार कभी हार्लिक्स , कभी दूध कभी काफी , ज्यादातर गुड्डी ,... कभी उसकी मम्मी भी ,...