08-03-2021, 12:10 PM
(25-02-2021, 05:57 AM)Donn007 Wrote: कोमल जी गुड्डो और उसकी मम्मी का एक साथ रगड़ाई जरूर हो।पूरी तरह से हो।बस यही गुजारिस है।
बाकी आप खुद ही समझदार है ,कहानी की जो मांग हो उस तरह से कहानी को ले चलिए।आप के साथ यू ही बना रहे।
आप की लेखन शैली है उसका तो कोई जबाब नही है,ऐसा लगता है सारी कहानी चलचित्र की भांति सामने चल रही हो।
सबसे अच्छी बात होती है कि यह हिन्दी (देवनागरी लिपि)लिखित इस फोरम की सबसे अच्छी कहानियों में से एक है।
जैसा आपने चाहा वही होगा , बस कहते हैं न सहज पके सो मीठा होय ,... तो थोड़ा कभी धीमी आंच कभी कभी तेज