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Adultery अनोखी चूत चुदाई के बाद // by: सुकान्त शर्मा
#12
“सुनो जी, आपके लाड़ले को कंपनी वाले दस दिन की ट्रेनिंग पर बंगलौर भेज रहे हैं. अदिति मुझे बुला रही थी वहां रहने के लिए. मैं तो जा नहीं पाऊँगी, आप ही चले जाओ बहू के पास कल शाम की ट्रेन से. वहां वो अकेली कैसे रहेगी. आप तो जानते हो ज़माना कितना ख़राब है आजकल!”

“अरे तो अदिति को यहीं बुला लो ना. गुड़िया की शादी के बाद से आई भी नहीं है वो!” मैंने कहा.
“मैंने तो कहा था उससे आने के लिए पर वो कह रही है कि अगले महीने उसका कोई एग्जाम है बैंक में पी ओ. का वो उसकी तैयारी कर रही है. अब उसके भी करियर की बात है. आप ही चले जाओ कल!” पत्नी ने कहा.
“ठीक है. मैं कल शाम को चला जाऊंगा.” मैंने संक्षिप्त सा जवाब दिया और चाय पीने लगा.
मेरे हां कहने के बाद पत्नी जी ने अदिति बहूरानी को तुरंत फोन मिलाया. फोन कनेक्ट होते ही- हां अदिति बेटा सुन, मैंने इनसे कह दिया है तेरे यहां जाने के लिए. ये कल शाम की ट्रेन से बैठ जायेंगे; और सुन मैं इनके साथ तेरे लिए दही बड़े भी भेज रही हूं इमली की चटनी के साथ, तेरे को बहुत पसंद हैं ना!
पत्नी जी के इतना कहते ही बहूरानी की हंसी की धीमी खनक मेरे कानों में पड़ी. सास बहू की कुछ और बातें हुईं और फोन कट गया.
“आप चाय पियो मैं जाती हूं अब. उड़द की दाल भिगो देती हूं. कल दही बड़े बना दूंगी आप ले जाना!” पत्नी जी मुझसे बोलीं और चली गयीं.
“मैं और अदिति बहूरानी अकेले एक ही घर में, और तीसरा कोई नहीं; वो भी पूरे दस दिन और दस रातें!” ऐसा सोचते हुए मेरे दिल की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ गई. ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था कभी ये दिन भी हमारे जीवन में आयेंगे जब मैं और बहूरानी यूं अकेले रहेंगे एक ही घर में; जो बातें मैंने अपने दिलो दिमाग से बिल्कुल निकाल दीं थीं लेकिन वक़्त के एक पल ने सब कुछ बदल कर रख दिया था जैसे.
जब मैं और बहूरानी घर में अकेले होंगे तीसरा कोई नहीं होगा तो क्या मैं या वो अपने पर काबू रख सकेंगे?
शायद नहीं.
इतिहास खुद को पुनः दोहराने वाला था जल्दी ही.
अदिति के साथ की गई पिछली चुदाईयां फिर से सजीव हो उठीं. एक एक बात याद आने लगी. वो छत के ऊपर वाले अँधेरे कमरे में अदिति के साथ पहली चुदाई जिसमें उसे नहीं पता था कि वो अपने ससुर से चुदवा रही है, फिर बाद की चुदाई के नज़ारे मेरे दिमाग में से गुजरने लगे. कितने प्यार से लंड चूसती है मेरी बहूरानी और कितने समर्पित भाव से अपनी चूत मुझे देती है, जैसे
कोई अनुष्ठान, कोई यज्ञ हो. अब तो वो चूत लंड चुदाई जैसे शब्द भी खूब बोलती है चुदते टाइम.
ये सब पिछली बातें सोच सोच के मेरे लंड में फिर से जोश भरने लगा.
अब जब अदिति को तो पता चल ही चुका है कि मैं उसके पास परसों सुबह पहुंच जाऊंगा; तो क्या वो भी अभी मेरी ही तरह ही सोच रही होगी इस टाइम, क्या उसकी चूत भी मेरे लंड की याद में रसीली हो उठी होगी और उसकी पैंटी गीली हो गई होगी?
पर इन सवालों का फिलहाल मेरे पास कोई जवाब नहीं था.
तो अगले दिन शाम तक पत्नी जी ने मेरे जाने की तैयारियां कर दीं. दही बड़े, चटनी, आम नींबू के अचार, मूंग की दाल की बड़ी, पापड़ ये सब अच्छी तरह से पैक करके मुझे दे दिया. कुल मिलाकर कोई पांच सात किलो वजन तो हो ही गया था. मैंने अपनी तरफ से भी पूरी तैयारी कर ली थी; वैसे मुझे तैयारी करनी भी क्या थी. सिर्फ अपनी झांटें शेव करनी थी सो अपने लंड को बढ़िया चिकना कर लिया ताकि बहूरानी को मेरा लंड चूसने में, अगर वो चाहेगी, तो कोई परेशानी, कोई असुविधा न हो.
तो मित्रो मैंने जाने के लिए तत्काल में अपना आरक्षण सुबह ही करा लिया था. ऐ. सी. सेकेण्ड में कोई जगह नहीं मिली 18 वेटिंग आ रही थी, आप सबको तो पता ही है कि ऐ.सी. की वेटिंग बहुत कम कन्फर्म होती है. अगर ऐ.सी. टू के कई कोच लगे हों तो शायद हो भी जाय. पर मेरी वाली ट्रेन में ऐ.सी.टू का सिर्फ एक ही कोच लगता था. तो 18 वेटिंग कन्फर्म होने का सवाल ही नहीं था.
लेकिन सौभाग्य से ऐ.सी. थर्ड में तीन बर्थ उबलब्ध थीं मैंने फुर्ती से अप्लाई किया तो मेरी बर्थ कन्फर्म हो गई. हालांकि मुझे मिडल बर्थ मिली जो मुझे अच्छी नहीं लगती लेकिन अदिति बहूरानी से पुनर्मिलन में इन छोटी मोटी परेशानियों से कोई फर्क नहीं, अगर जनरल क्लास में भी जाना पड़ता तब भी मैं एक पैर पर खड़े होकर जाने को तैयार था.
मिडल और अपर बर्थ का एक फायदा भी होता है. आप नीचे बैठी लड़कियों या महिलाओं की क्लीवेज और मम्में बड़े आराम से तक सकते हैं निहार सकते हैं. आजकल की लेडीज दुपट्टा तो डालती नहीं, ऊपर से ब्रा भी स्टाइलिश पहनती हैं जिसमें उनके मम्मों का आकार प्रकार अत्यंत लुभावना होकर उभरता है, अपर बर्थ्स का ये सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है कि आप चाहो तो आराम से किसी हसीना के मस्त मस्त मम्मों का दीदार करते हुए आराम से चादर के नीचे लंड को हिला हिला के मुठ मार सकते हो कोई देखने वाला टोकने वाला नहीं.
नीचे बैठी हसीना को आप अपने ख्यालों में लाकर तरह तरह से चोदते हुए मूठ मार सकते हो.
तो उस दिन ट्रेन निर्धारित समय से बीस बाईस मिनट देरी से आई. मेरी वाली बर्थ के नीचे वाली लोअर बर्थ पर एक चौबीस पच्चीस साल की आकर्षक नयन नक्श वाली खूबसूरत महिला थी उसने ब्लैक टॉप और जीन्स पहन रखा था. वो एक हाथ में सिक्स इंच वाला स्मार्ट फोन लिये नेट सर्फ़ कर रही थी, दूसरे हाथ से एक अंग्रेजी पत्रिका के पन्ने भी पलटे जा रही थी. ट्रेन की खिड़की की तरफ वाले प्लग में उसने अपना लैपटॉप लगा रखा था.
ऐ.सी.कोच में ज्यादातर ऐसे ही नज़ारे देखने को मिलते हैं. हर कोई अपने आप को ख़ास और व्यस्त दिखलाने का प्रयास करता है.
सौभाग्य से नीचे वाली महिला, नहीं, उसे महिला कहना अनुचित होगा, लड़की के टॉप का गला कुछ ज्यादा ही बड़ा था जिससे उसके अधनंगे बूब्स के दर्शन मुझे बहुत पास से बड़ी अच्छी तरह से हो रहे थे, मतलब आँखें सेंकने यानि चक्षु चोदन का पूरा पूरा इंतजाम था.
उसके सामने वाली बर्थ पर एक ताजा ताजा जवान हुई छोरी थी जो किसी मोटी किताब के पन्ने पलट रही थी और एक नोटबुक में कुछ लिखती भी जा रही थी साथ में बार बार अपना मोबाइल भी चेक करती जाती, शायद उसका कल कोई एग्जाम था जिसकी तैयारी में थी.
यही सब देखते देखते मुझे नींद आने लगी साथ ही पेशाब भी लग आई थी. मैं उठा और टॉयलेट में घुसा और जल्दी जल्दी निबटने लगा. नज़र सामने पड़ी तो दीवार पर जगह जगह चूत के चित्र बने हुए थे साथ में कॉल गर्ल्स के फोन नम्बर शहर के नाम के साथ लिखे थे. हो सकता है ये असली कालगर्ल्स के नंबर हों या किसी ने किसी लड़की को परेशान करने के लिए उसके असली नम्बर शहर के नाम के साथ लिख दिए हों.
कई चित्रों में चूत में लंड घुसा था और चूत की शान में कई शायरी भी लिखीं थीं. ऐसे अश्लील चित्र हमारी ट्रेन्स के लगभग हर टॉयलेट में मिल जाते हैं. पता नहीं किस तरह के लोग ये सब गन्दगी फैलाते हैं. महिलायें भी ये सब देखती पढ़ती होंगी. कुछ सिरफिरे लोग किसी लड़की से चिढ़ कर उसका नंबर इस तरह शहर के नाम के साथ लिख देते हैं फिर लोग उन्हें कॉलगर्ल समझ कर फोन करते हैं.
अंत में उस बेचारी लड़की को वो नम्बर हटाना ही पड़ता है.
टॉयलेट से वापिस आकर मैं सोने की कोशिश करने लगा. मेरा स्टेशन सुबह पांच बजे आना था तो मैं सुबह चार बजे ही उठ गया.
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // अनोखी चूत चुदाई के बाद // by: सुकान्त शर्मा - by suneeellpandit - 30-03-2019, 12:04 PM



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