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Adultery अनोखी चूत चुदाई के बाद // by: सुकान्त शर्मा
#7
अदिति बेटा!मैंने कहा।

तो उसने प्रश्नवाचक नज़रों से मुझे देखा।
 ‘खोल दो इसे अपने हाथों से!’ मैंने कहा।
उसने झट से अपना हाथ अपनी चूत पर रखा और अंगूठे और उंगली के सहारे उसने अपनी चूत को यूं ओपन कर दिया जैसे हम अपने टच स्क्रीन फोन पर कोई फोटो ज़ूम करते हैं!
‘ऐसे नहीं… अपने दोनों हाथ से खोलो अच्छी तरह से मेरी तरफ देखते हुए!’ मैंने कहा।
‘आप तो मुझे बिल्कुल ही बेशर्म बना दोगे आज! ऐसे तो मैंने अभिनव के सामने भी नहीं खोल के परोसी कभी!’ वो शरमा कर बोली।
‘देखो बेटा, जो स्त्री सम्भोग काल में बिल्कुल निर्लज्ज होकर भांति भांति की काम केलि करती हुई अपने हाव भाव से, अपनी अदाओं से, अपने गुप्त अंगों को प्रदर्शित कर अपने साथी को लुभा लुभा कर उसे उत्तेजित कर समर्पित हो जाती है वही हमेशा उसकी ड्रीम गर्ल बन के रहती है।’ मैंने कहा और उसकी चूत को चुटकी में भर के हिलाया।
‘ठीक है पापा जी, समझ गई यह ज्ञान!’ वो बोली और उसने झट से अपने दोनों हाथ अपनी चूत पर रखे और उंगलियों से उसे पूरा फैला दिया और मेरी होठों पर मीठी मुस्कान लिए मेरी आँखों में झाँकने लगी।
मुझे लड़की का यह पोज बहुत ही पसन्द आता है जब वो चुदासी होकर चुदवाने को अपनी चूत अपने दोनों हाथों से खोलकर चोदने को आमंत्रित करती है।
उसके वैसे करते ही चूत के भीतर का लाल तरबूज के जैसा रसीला गूदा दिखने लगा. साथ ही उसकी चूत का दाना खूंटे जैसा उभर के लपलपाने लगा।
फिर मैंने उसके दोनों बूब्स कस के पकड़ लिए और जैसे ही मैंने उसकी चूत के दाने पर जीभ रखी वो उत्तेजना के मारे उछलने लगी और उसकी चूत मेरी नाक से आ टकराई।
लेकिन मैंने उसकी जांघें कस के दबा के उसकी चूत को गहराई तक चाटने लगा, उसकी चूत रस बरसाने लगी। साथ साथ मैं उसका कुच मर्दन भी करता जा रहा था।
उत्तेजना के मारे अदिति ने बेडशीट को अपनी मुट्ठियों में जकड़ लिया और अपनी चूत बार बार ऊपर उछालने का प्रयास करने लगी।
‘जीभ मत डालो पापा जी.. असली चीज डाल दो अब तो! नहीं रहा जा रहा अब!’ वो अपनी कमर उचका के बोली।
‘क्या डाल दूं अदिति? उसका नाम तो बताओ?’
‘अपना पेनिस!’
‘हिंदी में बताओ न?’
‘अपना लिंग डाल दो न पापा जी!’
‘लिंग नहीं कोई और नाम बताओ!’ मुझे अदिति को सताने में मजा आ रहा था।
‘उफ्फ… मुझे कुछ नहीं पता अब! मत करो आप कुछ!’ वो थोड़ा झुंझला के बोली लेकिन मैंने उसकी चूत चाटना और बूब्स मसलना जारी रखा।
मुझे बहूरानी की चूत मारने की कोई जल्दी नहीं थी, मुझे अपने पे पूरा कंट्रोल था, बस चूत को खूब देर तक रस ले ले चाटना मुझे बहुत पसन्द है, और वही मैं करने लगा।
भला अदिति बहूरानी की चूत चाटने चूमने का ऐसा बढ़िया मौका जीवन में दुबारा मिले न मिले, किसे पता?
‘आह.. हूं… करो… मत करो! मान जाओ पापा .. सुनो!’
‘हाँ बोलो बेटा जी?’ मैंने उसकी चूत के दाने को चुभला कर पूछा।
‘अपना लंड घुसा दो अब जल्दी से…’ अदिति ने अपनी कमर उछाली।
‘कहाँ लोगी.. यहाँ लोगी?’ मैंने उसकी गांड के छेद को सहलाते हुए पूछा।
‘धत्त… वहाँ नहीं, कल की तरह मेरी वेजाइना में डाल के जल्दी से फक कर दो मुझे!’ वो मिसमिसाते हुए बोली।
‘वेजाइना नहीं, अपनी बोली में कहो कि कहाँ लोगी मेरा लंड?’ मैंने उसकी नारंगियों को मसकते हुए पूछा।
‘मेरी योनि में घुसा दो अब लंड को!’ उसने जैसे रिक्वेस्ट सी की।
‘योनि नहीं, कोई दूसरा नाम बताओ इसका तभी मिलेगा मेरा लंड!’ मैंने उसे और सताया फिर उसके भगान्कुर को होठों में ले के चुभलाने लगा।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // अनोखी चूत चुदाई के बाद // by: सुकान्त शर्मा - by suneeellpandit - 30-03-2019, 11:53 AM



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