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Adultery अनोखी चूत चुदाई की वो रात // by सुकान्त शर्मा
#4
मेरी हथेली में उसकी कड़क घुंडी और मुलायम रुई के फाहे जैसे मृदु कोमल उरोज का मादक स्पर्श हुआ। एक बार तो मन किया कि दबोच लूं उसे और चूस लूं।

लेकिन पुत्रवधू के रिश्ते का ख्याल आते ही मैं रुक गया।
मेरा हाथ अभी भी बहू के स्तन पर रखा था और उसकी सांसों, धड़कन का स्पंदन मैं अपनी हथेली पर महसूस कर रहा था।
मैंने एक बार फिर अपने जी कड़ा करके सम्बन्धों की मर्यादा तार तार होने से बचाने की कोशिश कि और अदिति से खुद को छुडाया और दूसरी तरफ करवट ले ली।
लेकिन होनी तो प्रबल थी।
बहूरानी पर तो जैसे साक्षात् रति देवी सवार थी उस रात!
मेरे करवट लेते ही बहू मेरे ऊपर से लुढ़क कर मेरे सामने की तरफ आ गई।
‘आज क्या हो गया आपको? अब ऐसा भी क्या गुस्सा जी, ऐसे तो कभी भी नहीं किया आपने!’
मैं चुप रहा, बस इसी सोच में था कि जैसे तैसे इस पाप के कुएं से बाहर निकल पाऊं बस!
‘अच्छा ये लो, आज मुंह में लेकर चूसती चूमती हूँ इसे। आप हमेशा कहते थे न कि एक बार मुंह में ले के प्यार कर दो इसे। लेकिन मैंने कभी नहीं मानी आपकी बात…’ बहू बोली और मेरा लंड पकड़ कर उस पर झुक गई और अपनी जीभ की नोक से उसे छुआ, फिर फोरस्किन को नीचे खिसका के सुपारा अपने मुंह में ले लिया।
उस अँधेरी कोठरी में मैं विवश था पर लंड नहीं, वह तो बहू के मुंह में प्रवेश करते ही फूल के कुप्पा हो गया।
बहू ने पूरा सुपारा अपने मुंह में भर लिया और एक बार चूसा जैसे पाइप से कोल्ड ड्रिंक चूसते हैं। एक बार चूस के उसने तुरन्त मुंह हटा लिया, शायद पहली बार होने की वजह से।
बहू ने फिर मेरे लंड की चमड़ी को चार छः बार ऊपर नीचे किया जैसे मुठ मारते हैं और फिर लंड को फिर से अपने मुंह में भर लिया, इस बार उसने पूरा सुपारा मुंह में ले लिया, मुंह को ऊपर नीचे करने लगी जिससे लगभग एक तिहाई लंड उसके मुंह में आने जाने लगा।
कुछ देर ऐसे ही करने में बाद अदिति बहूरानी मेरे ऊपर आ गई और लंड को मेरे पेट पर लिटा दिया और अपनी चूत से लंड को दबा दबा के रगड़ा मारने लगी।
बहू के इस तरह रगड़ने से उसकी चूत के होंठ स्वतः ही खुल गये और मेरा लंड उसकी चूत के खांचे में फिट सा हो गया।
अदिति जल्दी जल्दी अपनी चूत को मेरे लंड पे घिसने लगी, उसकी बुर से रस बहता हुआ मेरे पेट तक को भिगो रहा था।
अचानक उसकी रगड़ने की स्पीड बहुत तेज हो गई और उसके मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगीं ‘आह, जानू, कितना अच्छा लग रहा है इस तरह! आपके लल्लू पर अपनी पिंकी ऐसे रगड़ने का मज़ा आज पहली बार मिल रहा है… आह ओह… उई माँ… बस मैं आने ही वाली हूँ मेरे राजा… जानू। इसे एक बार घुसा दो न प्लीज, उम्म्ह… अहह… हय… याह… फिर मैं अच्छे से आ जाऊँगी!
ऐसा कहते हुए अदिति अपनी चूत को कुछ ऐसे एंगल से लंड पर रगड़ने लगी कि वो उसकी चूत में चला जाए।
लेकिन मैंने वैसा होने नहीं दिया इस पर अदिति खिसिया कर पागलों की तरह अपनी चूत को मेरे लंड पर पटक पटक कर रगड़ते हुए मज़ा लेने लगी।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // अनोखी चूत चुदाई की वो रात // by सुकान्त शर्मा - by suneeellpandit - 30-03-2019, 11:43 AM



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