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Adultery रीमा की दबी वासना
रीमा अपनी ही हवस की आग में मस्त थी, रीमा को एक पल लगा प्रियम की बात समझने में | प्रियम के शब्दों ने जैसे  आग पर पानी डाल दिया हो, रीमा के कान खड़े हो गए, वो चौंक गयी, इसकी इतनी हिम्मत हुई कैसे  -  क्या कर लेने दू, तुमारी इतनी हिम्मत हुई कैसे, तुम मुझी से मेरी चूत चोदने के लिए पूँछ रहे हो  | चुपचाप मुट्ठी मारो, नहीं मै तुमारी गांड मार लूंगी अभी  |

रीमा भी रौ में बोल गयी | 
प्रियम भी त्रस्त हो गया था आखिर फट पड़ा - कब तक ऐसे करता रहू, मेरे सामने ही आप  भी तो नंगी होकर अपनी चूत दिखा रही हो, इन्सान का बच्चा हूँ आखिर कैसे बर्दाश्त करू आप ही बता दो | मुझे अब और काबू नहीं हो रहा | 
अब रीमा का गुस्सा चरम तक पंहुच गया | वो गुस्से से तमतमाने लगी | इतना सब कुछ होने के बाद भी इसकी इतनी हिम्मत, साला मुझे से मुझको चोदने के लिए पूछ रहा है | डर नाम की कोई चीज है या नहीं | इतना सब कुछ होने के बाद भी मेरी दहशत से बेख़ौफ़ है | इसकी इतनी हिमात हुई कैसे ? रीमा को चैलेन्ज | रीमा के हाथ पांव बस काबू में थे, यही क्या कम था फिर भी प्रियम पर फट पड़ी | 
रीमा - भोसड़ी के मादरचोद, रंडी की औलाद, झांट भर के लंड, इंसान की चूत से निकले हो  इन्सान के लंड के बच्चे की तरह रहना था न, अभी तो ठीक से तनता भी नहीं है कुचल दूँगी तो जिंदगी भर के लिए बस मुतने के काम आएगा | भोसड़ी के मुझे चोदोगे, तुमारी माँ की चूत .........................तड़ाक तड़ाक तड़ाक | 
रीमा आगबबुला होकर पागल हो गयी थी -  बर्दाश्त नहीं हो रहा तो अपनी अम्मा की चूत में जाकर डालो भोसड़ी के , तब तो यहाँ आये थे रीमा की चूत का विडिओ बनाने ताकि मुझे ब्लैकमेल कर सको चोदने के लिए | झांट भर के लंड वाले बच्चे कही क्या चूत के ख्वाब देखते है मादरचोद |
प्रियम बदहवास सा आखिरकार रोने लगा | 
प्रियम - चाची गलती हो गयी , मै अँधा हो गया था इस ठरक के चक्कर में | आपने मेरी आंखे खोल दी | मुझे माफ़ कर दो | अब जिंदगी भर ऐसा नहीं करूगां , किसी के साथ नहीं करूगां | 
उसे कुछ समझ नहीं आया था, उसके अन्दर की हिम्मत पाताल पंहुच गयी और वो बुरी तरह से डर गया था | बस रोये जा रहा था, पहली बार वो रीमा से न केवल अन्दर तक डर गया बल्कि उसके अन्दर सचमुच की दहशत भर गयी | 
रीमा प्रियम को रोता देख मुहँ फेर, किचन के सिंक की तरफ चली गयी | एक गिलास पानी पिया, प्रियम का सिबुकना सुनकर कर उसकी तरफ दौड़ी और तड़ाक से एक करारा झापड़ जड़ दिया |
रीमा - चुप बिलकुल चुप, ये नौटंकी बंद , साँस की भी आवाज नहीं आनी चाहिए, मादरजात, वरना मार मार के पिचका दूँगी. तुझे भी और तेरे लंड को भी | 
रीमा को सबसे बुरा ये लग रहा था कि इतना डराने धमकाने के बाद भी वो रीमा के सामने इतना बेख़ौफ़ कैसे हो सकता है | रीमा के हिसाब से उसे डरना चाहिए था, उसकी नजरे नीची होनी चाहिए थी और उसने जो किया था उसके लिए उसके अन्दर जबदस्त ग्लानी होनी चाहिए थी | परिस्थियों के अनुसार (जब आपके सामने खूबसूरत  नंगी औरत हो, और उसकी चिकनी सफाचट चूत आपके अन्दर की आग के लगातार घी डाल रही हो) प्रियम की एक सामान्य सी मानव स्वाभाव की प्रतिक्रिया थी, रीमा को पता नहीं क्यों अपने अस्तित्व पर एक चुनौती की तरह लगी, उसका स्त्रीत्व का अहंकार, जो पहले से ही उस पर हावी था अपने चरम पर पंहुच गया  | प्रियम ने हाथ पाँव सब ढीले छोड़ दिए, निढाल, हरा हुआ , पस्त , फर्श की तरफ जितना ज्यादा गर्दन झुका सकता था, झुकाए, आँखों से खामोश आंसू बहाता हुआ बैठा था, तब न सही लेकिन अब वो सब प्रियम के हाव भाव से जरुर झलक रहा था, जो रीमा के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए जरुरी था | अब प्रियम बेबस, लाचार, थका हुआ, निस्तेज, मानसिक रूप से हारा हुआ, ग्लानी और अवसाद से भरा बैठा था | रीमा को अपमानित करने की इससे ज्यादा क्या सजा हो सकती थी, अहंकारी रीमा को अपने अहम् को संतुष्ट करने को और क्या चाहिए था | रीमा के इतना पास होने के बावजूद भी प्रियम की हिम्मत अपनी गर्दन ऊपर की तरफ करने की नहीं हुई, उसके अन्दर रीमा की आँखों से आंखे मिलाने की हिम्मत नहीं बची थी | उसकी आँखों से आंसू टपक रहे थे |     
रीमा नफरत भरी आँखों से कुछ देर प्रियम को घूरती रही और उसकी हालत देखकर अपने अन्दर के अहम्तु को संतुष्ट करती रही, आखिरकार उसके गुस्से में कुछ नरमी आई |
रीमा - रोहित के लंड के बच्चे आये तो तुम थे मुझे चोदने का इरादा लेकर ही, इतना तो पक्का हो ही चूका है, तो  लो मै तो चूत खोल के बैठी हूँ, नंगी, पूरी तरह से नंगी | बीच में झांटो का भी पर्दा नहीं, बिलकुल चिकनी सफाचट गुलाबी, गीली, रसभरी चूत | अब इससे ज्यादा औरत किसी अनाड़ी कच्चे लंड की क्या मदद कर  सकती है?
 क्या मै तुमारा अनाड़ी कच्चा लंड पकड़ के अब अपने ही चूत के छेद में भी घुसाऊ, फिर काहे के मर्द हो और काहे की मर्दानगी | गांड में दम है और सीने में हिम्मत है और लंड में जान है तो चोद डालो मेरी चूत को, सामने ही तो है, 
प्रियम का रोना थमा ही था कि वो फिर से रोने लगा और रोते हुए कहने  - चाची गलती हो गयी अब ऐसा कभी नहीं करूगां, प्लीज मुझे माफ़ कर दो, अब ऐसी गलती कभी नहीं होगी दुबारा | बहुत गलत सोच लिया था मैंने, बहुत ही बड़ी गलती करने जा रहा था | आपने रंगे हाथ पकड़कर मुझे सीधे नरक जाने से बचा लिया |
प्रियम की ग्लानी और आंसू से भरी आवाज रीमा के अन्दर तक छूती चली गयी | रीमा को एक पल को अपनी आक्रामकता का अहसास हुआ लेकिन फिर संभल कर अपने पर काबू किया -, मैंने जरा सा भाव क्या दिया बच्चा समझकर, तुम तो मुझसे ही मर्दानगी दिखाने लगे थे, मुझ पर ही मर्दानगी आजमाने लगे |  कल को चूत से निकलकर पैदा हुए हो  और लंड तो ऐसे तना हुआ था  जैसे मेरी चूत फाड़कर रख दोगे, अब चूत से निकले बच्चे की तरह मिमियाने क्यों लगे |  जिस चूत को चोदने आये थे वो तुमारे सामने है, गांड में हिम्मत है तो चोद के दिखावो | चोदो न रीमा की चूत, मै भी तो देखू कौन सा लंड दुनिया में ऐसा है जो बिना मेरी मर्जी के मेरी चूत में घुस जायेगा | 
प्रियम का रोना जारी रहा - चाची सचमुच में बहुत बड़ी गलती हो गयी, माफ़ कर दो, अपनी मरी माँ की कसम खाता हूँ अब ऐसा कभी नहीं करूगां | 
प्रियम की माँ मरी नहीं थी उसे छोड़ कर चली गयी थी और ये बात सिर्फ चार  लोग जानते थे, रोहित, रोहित की बहन, रोहित का जीजा और रीमा | अब रीमा का दिल पसीजने लगा | वो सीधी हो गयी और उसी पत्थर पर सीधी बैठ गयी | कुछ देर सोचती रही फिर अपनी जांघे फैला दी और अपनी चूत के ओंठ खोल दिए | असल में रोहित से चुदने के बाद रीमा को अपनी असली स्थिति का अहसास हुआ | उसे पता लग गया की उसके और प्रियम के रिश्ते की एक हद है और उसे उससे आगे न खुद बढ़ना है न उसे बढ़ने देना है | यही सब सोचकर उसने एक नए तरीके से प्रियम के साथ रिश्ता बनाने की सोची थी लेकिन उसकी बेवखूफी ने सब गड़बड़ कर दिया और रीमा का गुस्सा सातवे आसमान पर पंहुचा दिया | इसलिए पिछले तीन से ज्यादा घंटे से उसकी सजा भुगत रहा है और अब सजा भुगतते भुगतते टूट गया | 
[Image: Spreading-Long-Labia-Vagina-Dusted-with-Flour-HD_L.jpg]

रीमा ने अपनी आटे से सनी चूत के फांके खोले और प्रियम को दिखाते हुए बोली - देख रोहित के लाल, ये रीमा की चूत कमाल, जिस पर नहीं है एक भी बाल, इसमें तू मत अपना लंड डाल, ये नहीं बनी तेरे लिए लाल |
 ये चूत तेरे लंड के लिए नहीं है | मै बस यही देखना चाह रही थी कि इस चूत के लिए तेरे अन्दर कितनी तड़प है | कान खोलकर सुन ले ये रीमा की गुलाबी चिकनी चूत  तेरे लिए नहीं है, तेरे लिए नहीं है तेरे लिए नहीं है  | अपने लंड को अच्छी तरह से समझा दे इस चूत के सपने देखना छोड़ दे | ये उसे नहीं मिलने वाली | तुझे चूत चोदनी है, मै दिलऊँगी ताजा फ्रेश कसी हुई गुलाबी कुंवारी चूत | इसके ख्वाब देखना छोड़ दे | 
इसके बाद ख़ामोशी छा गयी | न प्रियम ने सर सीधा किया, न रीमा आगे कुछ बोली | 
कुछ देर रूककर थोडा सोचकर रीमा ने ही किचन की ख़ामोशी तोड़ी - तू इसे चुसना चाहे तो चूस सकता है, छु सकता है चाट भी सकता है, इसका पानी भी पी सकता है लेकिन मै इसे तुझे चोदने नहीं दे सकती, न ही तू इसमें कभी अपना लंड घुसाने का ख्वाब देखना | तेरे लंड से रीमा की ये चूत कभी नहीं चुदेगी, न तू इसे कभी चोद पायेगा | कम से कम मेरे पुरे होशोहवास में तो कभी नही | (रीमा ने झूठ बोला ताकि प्रियम पर दबाव बना सके )  | इस चूत ने सिर्फ एक लंड लिया है अब तक और वो है मेरे पति का | तू अपनी छोड़ तेरे बाप की कभी हिम्मत नहीं हुई, मेरी चूत के बारे  में सोचने की | तू बच्चा लंड है इसलिए तेरे लंड पर रहम कर रही हूँ वरना अभी रस्सी से बंधकर वो कसकर निचोड़ती तेरा लंड और गोटियों को कि यहाँ से सीधे हॉस्पिटल जाता | बच्चा है इसलिए प्यार से डील कर रही थी, अभी अभी तेरा लंड चूसा था, फिर खड़ा होगा, फिर चूस के झाड़ दूँगी लेकिन तू अपनी उम्र में लड़की दूंढ, वही तेरे लिए अच्छा है | तू मुझे नंगा देख चूका है, मेरे जिस्म जिस्म को छु चूका है, मेरी चूंची दबा चूका है, मेरे ओंठो का रस पी चूका है, मेरी चूत चाट चूका है, मेरा चूत दाना चूस चूका है | इससे ज्यादा औरत के जिस्म में लुटाने को और होता ही क्या है, अब बचा क्या है मेरे जिस्म में जिसको तुझे पाना है | एक बच्चा समझकर मैंने तेरी मदद की | तुझे चूत कैसे चोदते है ये भी सिखाऊंगी लेकिन किसी और की चूत के साथ | अब कान खोलकर सुन ले जो आज के बाद ऐसी बेवखूफी भरी हरकत की और ख़बरदार जो इसके बारे में किसी को बताया तो | तेरे बाप को सब पता है, ये भी बता दूँगी फिर सोच लेना क्या हाल करेगा तेरा  वो रोहित |          
प्रियम ने डरते हुए - लेकिन चाची एक बार, सिर्फ एक बार .........................................|
रीमा फिर पुराने टन में लौट में आई - तुमारी गांड फाड़ के रखो तब तक ही तुम्हे मेरी बात समझ आती है | नहीं का मतलब नहीं है | मुझे नहीं चुदवाना समझे, एक बार नहीं चाहे हजार बार गिडगिडाओ | इस चूत में तुमारे लंड क लिए कोई जगह नहीं है | 
प्रियम समझ गया ज्यादा जोर डाला तो फिर पहले की तरह चंडी बन जाएगी, बेहद धीमी डरती आवाज में - इसको क्या करू, अब हाथ से नहीं होगा मुझसे | आप सामने नंगी बैठी हो मुझसे नहीं हो पायेगा |
रीमा भी अब नार्मल हो गयी थी - ऊहोहोहो तो ये बात है, सामने नंगी औरत बैठी है इसलिए मुठीयाने में मजा नहीं आ रहा है | मेरी गुलाबी चूत देखकर लगता है पागल हो गया है बच्चा लंड  | अच्छा एक काम कर बच्चे का कच्चा लंड जाकर फ्रिज से एक आइस क्यूब ले आ, जब मुझे मजा आएगा तभी तुझे मजा दूँगी | प्रियम का शरीर थका हारा था फिर भो वो फ्रिज तक गया और एक आइस उठा लाया | चल इसे मेरे चूत पर चारो तरफ रगड़ और फिर मेरे संकरे गुलाबी छेद में डाल दे | 
प्रियम चौंक गया - ये ठंडा ठंडा नहीं लगेगा |
रीमा - यही  ठंडा गरम तो चूत का असली मजा है जो औरत और उसकी चूत को घनघना, झनझना देता है, अच्छे अच्छे मर्द नहीं समझ पाए  फिर तेरे जैसे कच्चे लंड के कैसे  पल्ले पड़ेगा, तू बस जो बोला है वो कर |
प्रियम ने चारो तरह बर्फ का टुकड़ा घुमाया, फिर चूत दाने को रगड़ा और कुछ देर बाद ही उसे चूत के छेद में घुसेड़ दिया | गरम गीली चूत के अन्दर बर्फ के ठन्डे सर्द चुभन से एक अलग ही तरह का कम्पन रीमा के शरीर में हुआ | ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने बर्फ के चाकू से उसकी चूत चीर दी हो लेकिन चूत की दीवारों पर ठन्डे बर्फीलेपन के अहसास से एक अलग ही किंकी सुख रीमा को मिला | अक्सर वो अपने शरीर पर बर्फ के टुकड़े फिराती थी लेकिन चूत और चूत के अन्दर ये अनुभव उसे पहली बार ही हुआ था | 

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उसकी चूत की दीवारे सुन्न होने की तरफ जा रही थी लेकिन रीमा ये बेहद अलग अनुभव किसी भी तरह जाया नहीं करना चाहती थी और इसलिए उसने प्रियम को खड़ा करके उसके पास घुटनों के बल बैठ गयी |  उसका ये खुद को ही तकलीफ देकर एन्जॉय करने का तरीका प्रियम के ऊपर से निकल गया | बर्फ से सर्द टुकड़े ने रीमा की चूत में ऐसी हलचल मचाई की रीमा जोश में आ गयी | उसने एक लम्बा सा बर्गर उठाया उसे बीच से चीरा मारा और प्रियम के लंड को उसके अन्दर चारो ओर से लपेट लिया | प्रियम का लंड बर्गर में समां गया | रीमा ने प्रियम को उसके लंड के चारो तरफ लिपटे बर्गर को थामने को कहा ताकि वो उस पर क्रीम और सास लगा सके | जब प्रियम ने लंड के चारो तरफ लिपटे बर्गर को थामा तो रीमा ने मस्तियाते हुए बर्गर सहित प्रियम को अपने मुहँ में लेने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही | फिर रीमा सास और क्रीम लेने चली गयी  | 
प्रियम हैरान था की अब रीमा चाची क्या करने वाली है | वो बस साँस थामे आगे होने वाले रीमा के एडवेंचर का वेट कर रहा था और मन ही मन सोच रहा था, कहाँ से इतने आईडिया आते है इनके पास ,  क्या सोचा था मैंने रीमा चाची के बारे में और ये क्या निकली | ये तो सेक्स की जन्म जन्मान्तर की भूखी है और थकती भी नहीं | मेरी तो अभी से जान निकल गयी है | इसके बाद तो मुझसे अपने पैरो पर खड़ा भी नहीं हुआ जायेगा |


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रीमा ने प्रियम के लंड और बर्गर के चीरे के बीच में ढेर सारा टोमेटो सास उड़ेल दिया और चाट चाट कर चखने लगी | प्रियम हैरान था की रीमा चाची के पास कितने तरीके है लंड से खेलने के, अपने जिस्म से खेलने के | कैसे उनकी चूत इतनी ठंडी बर्फ निगल गयी | एक ही दिन में उसने औरत किचन में कितनी तरह से सेक्स गेम खेल सकती है ये सब देख लिया था | जिस उम्र में वो था शायद ही उसे कुछ समझ आया हो, लेकिन जो भी रीमा बोलती गयी किया उसने सब कुछ, भले ही उसके डर से | जाहिर सी बार है इसमें उसके लिए मजे वाली कोई बात नहीं थी, लेकिन अब उसकी चेतना लौट चुकी थी दिमाग ने सोचना शुरू कर दिया था | उधर रीमा ने   प्रियम के लंड को लाल चटनी के साथ चाटना शुरू कर दिया | प्रियम का लंड कई बार मसला जा चूका था और सास में मिर्च का प्रभाव था इसलिए वो प्रियम के लंड पर जाकर तेजी से लगा | प्रियम चीखने लगा तो रीमा ने डांट दिया |  
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रीमा के डांटने से प्रियम तो चुप हो गया लेकिन उसकी आंखे बह चली | रीमा ने तेजी से लाल चटनी उसके लंड पर से साफ़ करने शुरू कर दी ताकि उसके लंड में हो रही जलन कुछ कम हो सके | साथ में बर्गर को पकड़कर उसके लंड के ऊपर ऊपर नीचे करने लगी | रीमा अपने हाथ की मुट्ठी की बजाय बर्गर से प्रियम का लंड रगड़ कर मुठिया रही थी | प्रियम का खड़ा लंड जलन से बेहाल था लेकिन रीमा की चूमा चाटी और मुठीयाने से मुरझा भी नहीं रहा था | बड़ी विषम स्थिति थी प्रियम की, रीमा चाची के सामने ही चार बार झड चूका था लेकिन मजाल है जो एक बार भी उसे रीमा ने इसके सुख का अहसास करने दिया हो | 
रीमा प्रियम की हालत देख कर बोली - बिलकुल ऐसी ही हालत होती है औरत और उसके चूत की, जब कोई बिना पूछे, बिना चूमे, बिना चाटे, बिना मर्जी के औरत को चोदना शुरू कर देता है | उसे भी चुदाई में दर्द या चूत में जलन महसूस होती है, ऐसे ही जैसे अभी तुम्हे हो रही है | धीरे धीरे ये जलन तुमारी मै चाट चाट कर ख़त्म कर दूँगी और फिर तुम अपने वासना के ज्वार में डूब जावोगे | वैसे ही जैसे कुछ देर तक चूत में लंड जाने से चूत अपने आप गीली हो जाती है और औरत का बदन गरम, फिर वो भी चुदाई में साथ देने लगाती है | इसलिए ध्यान रखो बिना औरत की मर्जी के कभी उसकी चूत मत मारना, उसे बिलकुल उसी अनुभव से गुजरना पड़ता है जैसे अभी तुम गुजर रहे हो | जिस दिन इस दर्द के अहसास को अपना बना लोगे, और औरत को चोदते समय उसका ख्याल रखोगे, उसके बाद  हर औरत खुसी खुसी तुमसे चुदेगी |       

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रीमा बर्गर को मुहँ में लेने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका साइज़ बहुत बड़ा था., फिर रीमा ने प्रियम के सुपाडे को चुसना शुरू कर दिया | प्रियम के लंड की जलन कम हो गयी थी और वो अपने लंड को काफी देर से हिला भी रहा था | बाकि कसर रीमा के चूसने ने पूरी कर दी | प्रियम की गोलियां फिर से फूल गयी और उसकी गोलियों में बचा हुआ सफ़ेद गरम रस उसके लंड के मुहाने की तरफ बह चला | प्रियम के हाथ पांव ढीले पड़ गए | प्रियम झड़ने लगा |  अब उसके शरीर में जान नहीं बची थी, बस एक गरम रस का आवेग था जिसे बहकर निकल जाना था और प्रियम चाहता था ये जल्दी से जल्दी निकले | उसकी जान को सुकून मिले | इससे पहले कभी भी वो लगातार दो बार के बाद नहीं झड़ा था | आज तो उसकी सारी लिमिट टूट गयी | रीमा ने उसे जड़ सहित निचोड़ लिया | पिचकारी छुटते समय प्रियम की टांगे काँप गयी और उसका रस रीमा के सुडौल छातियों से जाकर चिपक गया | बस दो छोटी पिचकारी में ही उसका काम तमाम हो गया |
[Image: cumon67-hmfgk-c08e46.jpg]
 उसकी गोलियों में अब और रस नहीं बचा था | रीमा ने सब निचोड़ लिया था, एक एक बूँद निचोड़ लिया था | प्रियम पस्त हो चूका था | उसके हाथ पांव सब ढीले पड़ चुके थे | वो वही धम्म से बैठ गया | रीमा ने उसकी तरफ बर्गर बढ़ा दिया, बिना इनकार के प्रियम ने बर्गर ले लिया और खाने लगा | रीमा ने अपने उभरी छाती की पहाड़ी पर गिरे सफ़ेद रस को उंगलियों से पोछा और चाटने लगी |   रीमा ने आज अपनी फंतासी जी भर के जी, प्रियम न आया होता तो शायद रूटीन की तरह नंगे होकर खाना बनाती, थोडा बहुत अपने जिस्म से खेलती और सो जाती | लेकिन प्रियम ने तो उसका दिन बना दिया | रोहित के चुदाई के बाद जो आत्मविश्वास उसे मिला था उसमे आज चार चाँद लग गए | पूरा सेक्स सेशन उसने लीड किया और प्रियम को अपने स्लेव की तरह बनाकर जो मर्जी हुई वो करवाया | उसे एक पल को प्रियम के लिए दुःख होता लेकिन अगलने पल ही वो गुस्से से भर जाती और खुद के फैसले और हरकतों को खुद के अन्दर ही जस्टिफाई करने लगती |  



[Image: chocolate-9.jpg]


प्रियम तो बर्गर खाने के बाद जैसे फर्श पर ही पसर गया | रीमा समझ गयी उसे एनर्जी की जरुरत है, वो जल्दी से एग का फ्रूट शेक बनाकर ले आई |
उसने गिलास प्रियम की तरफ बढ़ा दिया - लो पियो |
प्रियम - आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, क्या मैंने इतनी बड़ी गलती कर दी थी की आप मेरी जान ही निकाल दो | आपने मेरो गोलियों की आखिरी बूँद तक निचोड़ ली है | मेरे लंड और सुपाडे में दर्द हो रहा है और गोलियों में भी | प्रियम दुखी होता हुआ बोला |
रीमा - लंड और गोलियों का दर्द तो ठीक हो जायेगा, कल सुबह तक गोलियां फिर से भरने लगेगी और २ दिन के अन्दर ही उनमे फिर से उतना माल जमा हो जायेगा जितने की अभी पिचकारी मारी है | तुमारी गलती इतनी बड़ी है की मै तुम पर अब जिंदगी भर भरोसा नहीं करूंगी | तुमने मेरा भरोसा तोडा है | ये जो सजा मिली है वो इस बात की है, औरत के कपडे उतारने से पहले उसकी इज्जत करना सीखो, चूत को चोदने से पहले उसकी कीमत जानो और उसको क़द्र करो | औरत का शरीर सिर्फ हांड मांस का जिस्म नहीं है, उसके साथ उसकी भावनाओं के अथाह सागर जुड़े है | उन भावनाओं की क़द्र नहीं करोगे तो तुममे और जानवर में अन्तर क्या है | औरत उन्ही भावनाओं में डूब कर ही तो दिलो जान से किसी को प्यार करती है और चुदती भी है | जब उन भावनाओं की क़द्र नहीं करोगे तो उसके जिस्म, उसकी चूत की क़द्र कैसे करोगे | औरत चुदते समय जिस दर्द के साथ लंड अपनी चूत में लेती, जिस दर्द से गुजरती है उसे महसूस तो करो, उसका अहसास तो करो कम से कम | जावो किसी औरत का दिल जीतो पहले, फिर जमकर चोदो उसे, जमकर मतलब जमकर, वो हर दर्द बर्दास्त करेगी, क्योंकि उसे पता है जिस लंड के लिए वो इतना कुछ बर्दास्त कर रही है उसे उसकी कीमत पता है, उसकी वो हमेशा क़द्र करेगा | अपनी गुलाबी मखमली चिकनी चूत को अच्छे से  फैलाते हुए - देख लो इसे, ध्यान से देख लो, ये तुमारी रीमा चाची की चूत नहीं है बल्कि वो चूत है जो तुम्हे चाहिए, देखो इस छेद को ध्यान से, इसी में अपना लंड घुसेड कर अन्दर बाहर तो करना चाहते थे | ये मेरी चूत नहीं है ये वो चूत है जो तुम्हे चाहिए, सब औरतो की चूत एक ही जैसी होती है, रंग रूप की बात अलग है लेकिन जिस चूत को भी देखोगे ऐसी ही मिलेगी | जावो बाहर निकालो, अपने लायक, अपने लिए अपनी चूत ढूंढो, उसे अपना बनावो और खूब चोदो | यहाँ तुम्हें बस इतना ही मिल सकता है जितना तुमारे सामने है | इससे आगे बढ़ने की न तो मै तुम्हे इजाजत दूँगी और न ही तुम्हे इसका हक़ है |           






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रीमा ने जांघे समेत ली - जब तक तुम्हे चोदने के लिए तुमारी चूत नहीं मिलती, तुमारे लंड की स्टैमिना ट्रेनिंग जारी रह सकती है बशर्ते ये मै तय करूंगी की कब और कैसे ट्रेनिंग देनी है |
प्रियम - आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, ऊपर से आप नंगी होकर तो कहर ही ढाती हो, भला मुझे कोई और कैसे पसंद आएगी |
रीमा - इस उम्र में होता है ये सब, धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा |
प्रियम - कैसे होगा, आपके जिस्म का इक एक हिस्सा, एक एक कसाव, एक एक कटाव, एक एक उभार सब देखा है मैंने | और कौन लड़की मुझे इस तरह से नंगा होकर ये सब दिखाएगी |
रीमा हल्का सा मुस्कुरा दी - पुरे के पुरे गधे हो क्या | क्या चाहते हो की पहले लड़की नंगा होकर तुम्हे अपना जिस्म दिखाए, अपनी चूत, छाती, चुतड के दर्शन कराये तब उससे दोस्ती करोगे | पहले दोस्ती होती है, खाना पीना साथ खाते है, कई महीनो तक अच्छे से एक दुसरे को जानने के बाद कही लड़की चुदने को तैयार होती है |
प्रियम - इतनी मेहनत करू भी और न पसन् आई उसकी चूत तो |
रीमा हंस पड़ी - चूत में क्या पसंद नापसंद, चूत तो सबकी एक जैसी ही होती है गधे कही के | रही बात मेहनत की तो देखो तो कितनी मेहनत लगती है चूत की एक झलक पाने में, चोदना तो बहुत दूर की बात है | यहाँ फ़ोकट में सब मिल गया] तो उल्टा मुझे ही ब्लैकमेल करने चले आये |
प्रियम - फिर भी न पसंद तो |
रीमा - पहले एक किसी को चोद तो सही, फिर बताना पसंद आई की नहीं |  कम से कम तेरा खाता तो खुलेगा, फिर न पसन् आये तो लड़की को बोलकर अगल हो जाना, किसी और को ट्राई करना |  लडकिय भी तो यही करती है | मेरी चूत के बारे में भूल जावो, ये तुम्हे मरते दम तक नहीं मिलने वाली | इसे चूम चाट लिया , इसे अपना सौभाग्य समझो | अब तो अन्दर तक छेद भी खोलकर दिखा दिया | इससे ज्यादा और क्या चाहिए | अब निकलो और सीधे अपने फ्रेंड के यहाँ जाना, जैसा तुमने रोहित को बोला था |







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प्रियम ने झट से अपने कपडे पहने और अपने घर की तरफ निकल गया | जाने से पहले रीमा ने उसे कुछ गोलिया दी, जो इस तरह से निचोड़े जाने के बाद होने वाले उसके सर दर्द और बदन दर्द में काम आने वाली थी | रीमा ने उसे ये भी बता दिया की  कब कौन सी गोली खानी खानी है | प्रियम राजू का मोबाइल लिए बिना ही वापस चला गया, उसे पता था की राजू को क्या बोलना है, रीमा नंगे ही  खाना बनाने में लग गयी |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 29-03-2019, 11:07 PM



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