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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
मिसेज डी मेलो
 
 
 
 
 
 
 
मिसेज डी मेलो को मैं पहले ही बता चुकी थी , उनकी ब्रा के शॉपिंग के बारे में भी और चार बजे मम्मी की काल के बारे में भी।
 
अब वह आलमोस्ट मेरे गैंग में थीं।
और ये सीमारेखा पार करना उनके लिए बड़ा मुश्किल था , लेकिन मेरी और मॉम यही तो चाहते थे की वो हर सीमा पार कर जाएँ।
 
उन्होंने मिसेज डी मेलो को अपने केबिन में बुलाया और बैठने को बोला , और पहली बार उन्होंने मिसेज डी मेलो के बड़े बड़े ,एकदम सख्त ,रसीले गुदाज उभारों को वैसे देखा , जैसे कोई मर्द हरदम देखता है , ड्रूलिंग ,ललचाते हुए , और कुछ देर तक उनकी नजरें उसे सहलाती रहीं।
 
वो भी बहुत खुश थीं और उन्होंने टाइट टॉप में उभरे , अपने उभारों को थोड़ा और खुल के उभार के पूछा ,
 
" सर आपने मुझे बुलाया ,कोई ख़ास काम। "
 
वो जानती थीं की उनके साथ इन्शिएटिव उन्हें ही लेना पड़ेगा।
 
" नहीं हाँ असल में , एक्चुअली थोड़ा पर्सनल काम था , मेरी समझ में नहीं रहा है ,… " वो थूक निगलते ,घबड़ाते बोले।
 
" तो मुझसे बोलिए आखिर मैं आपकी पर्सनल सेक्रेटरी हूँ। " मुस्करा के वो बोलीं और थोड़ा टेबल पे झुकीं तो क्लीवेज साफ साफ़ दिखने लगा।
 
अब उनकी हालत और खराब लेकिन दूकान का पता तो  पता ही करना था।
 
" प्लीज डोंट काल मी सर एस्पेशलि जब हम दोनों केबिन में हो , यू डोंट माइंड आई जस्ट वांट टू कॉम्प्लीमेंट यू , … यू वियर परफेक्ट फिटिंग ड्रेसेज।  सो नाइस। "
 
" थैंक्स सर। " खुश होके वो बोलीं।
 
" यू नो , मुझे कुछ शॉपिंग करनी थी , वो वो , असल में , अंडर गारमेंट्स की , " मुश्किल से वो बोलपाये।
 
" नो प्राबलम सर , लेकिन मैम की साइज तो वो अभी इत्ती यंग है , और , मेरी तो , वो जो + साइज कहते हैं वो है , उनकी शॉप्स भी बहुत कम है तो आप को। "
 
और उन्होंने जान बूझ के बात अधूरी छोड़ दी /
 
" असल में नहीं मैडम के लिए नहीं , वो तो अपनी शॉपिंग खुद करती हैं , बस आप गिफ्ट समझ लीजिये , वो , प्लस साइज वाली ,और आप इत्ती परफेक्ट ड्रेसेज पहनती हैं तो मैंने सोचा की , आई होप आपने बुरा नहीं माना। "
 
" नहीं सर ,इसमें बुरा मानने की क्या बात ,, मैं जानती हूँ एक शाप बेस्ट शाप है यहाँ की लेकिन आप थोड़ा जल्दी पहुंच जाइए पांच बजे के पहले तो ठीक रहेगा ,वैसे भी बजे बॉबी टेलर्स में भी आपका अप्वाइंटमेंट हैऔर आज आॅफ़िस में भी कुछ ख़ास काम नहीं है। एक सेल्सगर्ल रीमा मेरी फ्रेंड है मैं उसे बोल दूंगी , वोआपको पर्सनली अटेंड करेगी ,और मैं अड्रेस आपको टेक्स्ट कर देती हूँ।  और नंबर भी। "
 
और अबकी जब वो जाने के लिए खड़ी हुयी , तो वो भी खड़े हुए और बहुत धन्यवाद दिया।
 
आफ कोर्स चार बजे उन्होंने मम्मी को फोन लगाया और बात की शुरुआत की , मम्मी प्लीज मुझे मादरचोद बना दीजिये न।
 
एंड ऑफ कोर्स मिसेज डी मेलो ने एक्सटेन्सन पे एक एक बात सुनी , सास -दामाद की।
 
 
 
पांच बजे वह शाप पर पहुँच गए। 
 
मैं भी थोड़ी देर में वहीँ थी।
रीमा उनका वहां वेट  कर रही थी , दुबली पतली तन्वंगी ,सिवाय उभारों के। जो एकदम जबरदस्त थे। कटाव भी ,उभार भी। 
 
पहली चीज उसने जो पूछी वो उसी में सकपका गए ,
 
" साइज "
 
अब वो क्या बताएं , लेकिन रीमा भी आखिर मिसेज डी मेलो की सहेली थी , तुरंत उसने हालत संभाल ली और पूछा ,
 
" अंदाज से कुछ , " 
 
घबड़ाते हुए वो बोले ," बस ऐसे समझ लीजिये ,की , अब ,,,, "
 
मुस्कराते वो बोली , " अरे परेशान होने की बात नहीं , अब देखिये ये प्लस साइज की एक्सक्ल्यूसिव बूटीक है।  तो मेरी साइज से बड़ी ही होगी न। "
 
अब उनके बोल फूटे , " हाँ एकदम।
 
रीमा के हाथ में एक सफेद लेसी ब्रा थी , उसने फिर पूछा , चलिए अंदाज से ये बता दीजिये मान लीजिये , अगर उनकी साइज आप के बराबर हो , …
 
खुश होके वो बोले , " हाँ यही समझ लीजिये ,"
 
बस बिना रुके रीमा ने जो ब्रा उसके हाथ में उनके सीने पे करके नापना शुरू कर दिया , कप साइज ठीक है उसने पूछा भी।
 
लेकिन उन्हें ब्लश करने से फुरसत मिले तब न।
 
उसने कुछ जोड़ घटा के बताया , एक नंबर और बड़ी चलेगी ,कप साइज डी होगी।  वैसे देखने में तो दो नंबर ज्यादा लगती है लेकिन ड्रेस के अंदर , एक नंबर बड़ी होने से चल जाएगा। और फिर उसने एक उनके मेजरिंग ब्रा निकाली और अबकी ठीक से डिटेल नापा।
 
वो खूब ब्लश कर रहे थे , लेकिन रीमा पे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
और एक बात ये भी थी की उन्हें लगा शायद इस समय बूटीक में कम भीड़ होगी , लेकिन उन्हें अंदाज नहीं था की आफटरनून में ही ज्यादातर औरतें  शॉपिंग केलिए निकलती हैं।
 
ज्यादातर ३५ + वाली थी लेकिन कुछ कमसिन भी।
 
देख हर तरह की उनकी तरफ थीं।  वो अकेले मर्द थे शाप में। 
 
उनकी निगाह जमींन में गड़ी थी।
 
और उसी समय मैं पहुँच गयी ,कुछ देर तक मैं दूर से उन्हें देखती रही। रीमा ने फिर मोर्चा सम्हाल लिया था और उनसे ब्लाउज और चोली की स्टाइल पूछ रही थी। अब वो कुछ नार्मल महसूस कर रहे थे। रीमा ने उन्हें स्टैपल्स ब्रा , पैडेड बारे , हाफ कप , शियर , सब निकाल के दिखाई।
 
 और उसी  समय मैं पहुँच गयी।
 
उनकी जान में जान आई लेकिन थोड़ी देर में मेरी और रीमा की पक्की दोस्ती हो गयी।
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RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 29-03-2019, 05:23 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM



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