28-03-2019, 07:43 PM
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२३ वीं फुहार
पिछवाड़े पर खतरा
![[Image: rear-end-hump-day-hq-7.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/rear-end-hump-day-hq-7.jpg)
सलवार और कुर्ता दोनों टाइट हो गये थे और मेरे जोबन के उभार और चूतड़ एकदम साफ-साफ दिख रहे थे।
![[Image: sixteen-salwarhot0051.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/sixteen-salwarhot0051.jpg)
पीछे से कामिनी भाभी ने छेड़ा- “अरे ऐसे चूतड़ मटका के ना चलो, कोई छैला मिल जायेगा तो बिना गाण्ड मारे नहीं छोड़ेंगा…”
“अरे भाभी, इसको भी तो गाण्ड मरवाने का मजा चखने दीजिये…” मैंने पीछे मुड़कर देखा तो बसंती हँसकर बोल रही थी।
तब तक पीछे से किसी ने जोर से मेरे उछलते कूदते मचलते चूतड़ों पर जोर से चिकोटी काटी और साथ में एक मस्त रसीली गाली भी ,
"अरे ये मस्त मोटे मोटे चूतड़ मटकाकर कहाँ चली,, छिनाल ,... "
और फिर एक हलकी सी चपत भी चूतड़ पे ,
मैं पहचान गयी। भाभी की माँ ,वो अभी अभी शहर से आई थीं।
इसका मतलब अजय और सुनील भी लौट आये होंगे।
मैं कुछ बोलती उसके पहले मुस्करा के वो बोलीं,
" मैं तुम्हारे घर भी गयी थी , तेरे लिए एक खतरनाक खबर है ,"
[i]कुछ देर तक सस्पेंस रखने के बाद वो बोलीं , वहां कुछ टेंशन था शहर में ,इस लिए अब छुट्टी सात दिन के लिए बढ़ा दी गयी है। हमने तुम्हारे घर भी बात कर ली है तो अब तुम छुट्टी खत्म होने के बाद,
भाभी की ख़ुशी तो छलक रही थीं , मायके में इतने दिन और रहने का मौका ,
और मैंने भी मुश्किल से अपनी ख़ुशी दबाई। लेकिन मेरे मुंह से निकल ही गया ,
' मतलब सात दिन और " मैं बोल पड़ी।
" नहीं नहीं सात दिन नहीं ,जो तेरी छुट्टियां खत्म हो रही थीं उसके बाद सात दिन और। " उन्होंने हाल खुलासा किया।
भाभी ऊँगली पे कुछ जोड़ घटाना कर रही थीं , तुरंत बोलीं , अरे हम लोगों को पांच दिन बाद जाना था ,मतलब १२ दिन और।
बसंती ने टुकड़ा लगाया , " ई तो बहुत निक खबर है , गाँव के लड़कन और मरदन के लिए हाँ बुरी खबर ,बुर के लिए है एकरे बुर की बुरी हालत हो जायेगी ,"
लेकिन मेरा बचाव किया ,भाभी की माँ ने हमेशा की तरह
" अरे तू लोग न हरदम हमरी बिटिया के पीछे पड़ी रहती हो , अरे इसकी बुर के लिए बुरी खबर काहें को है , ई केहु को मना की है कभी , अपने देवरों को बोलो न। "
( ये कहने की जरूरत नहीं की उनकी एक हथेली इस समय मेरी टाइट शलवार के ऊपर से ठीक दोनों रेशमी मखमली जाँघों के बीच ,) [/i]
मैं चंदा के घर की ओर चल पड़ी लेकिन कान मेंरे घर में हो रही बाते से चिपके थे।
...
मैं उन आवाजों से दूर घने गन्ने के खेतों के बीच मेंड़ पर आ चुकी थी , चंदा के घर का शार्ट कट।
उसे भी ये खुशखबरी देनी थी , १२ दिन और।
…………………………………
अब तक गांव की गली, पगडंडियों का मुझे अच्छी तरह पता चल गया था इसलिये, हरी धानी चुनरी की तरह फैले खेतों के बीच,
![[Image: paddy-fields-2.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/paddy-fields-2.md.jpg)
पगडंडियों पर, आम से लदे अमराईयों से होकर,
![[Image: mango-grove-3.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/mango-grove-3.md.jpg)
हिरणी की तरह उछलती, कुलांचे भरती, जल्द ही मैं चन्दा के घर पहुँच गयी।
चंदा
![[Image: sixteen-desimaal2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/sixteen-desimaal2.jpg)
चन्दा बिस्तर पे ओढ़ के लेटी थी। माथे पे हल्की सी हरारत लग रही थी।
मैंने उससे कहा- “जोबान दिखाओ…”
और उसने शरारत से अपनी चोली पर से आंचल हटा दिया।
मैं क्यों चूकती, मैंने चोली के दो बटन खोले और अंदर हाथ डालकर, धड़कन देखने के बहाने, उसके जोबन दबाने लगी। मैं समझ गयी थी कि मेरी सहेली पे किस चीज का बुखार है।
उसका सीना सहलाते, मसलते मैं बोली-
“हां धड़कन तो बहुत तेज चल रही है, डाक्टर बुलाना पड़ेगा और इंजेक्शन भी लगेगा…”
“हां नर्स, तुम तो मेरे डाक्टर को अच्छी तरह जानती हो पर जब तक वह नहीं आते, तुम्हीं मेरे सीने पर मालिश कर दो ना…” मेरे हाथ को अपने सीने पर कस के दबाते वह बोली।
“डाक्टर, हाजिर है…” मैंने नजर उठायी तो अजय और सुनील दोनों एक साथ बोल रहे थे।
सुनील को पकड़ के, मैं सामने ले गयी और बोली- “मुझे मालूम है की तुम्हारा फेवरिट डाक्टर कौन है…”
सुनील मेरी टाइट सलवार में मेरे कसे भरे-भरे नितंबों को देख रहा था। उसका तम्बू तना हुआ था।
पिछवाड़े पर खतरा
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सलवार और कुर्ता दोनों टाइट हो गये थे और मेरे जोबन के उभार और चूतड़ एकदम साफ-साफ दिख रहे थे।
![[Image: sixteen-salwarhot0051.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/sixteen-salwarhot0051.jpg)
पीछे से कामिनी भाभी ने छेड़ा- “अरे ऐसे चूतड़ मटका के ना चलो, कोई छैला मिल जायेगा तो बिना गाण्ड मारे नहीं छोड़ेंगा…”
“अरे भाभी, इसको भी तो गाण्ड मरवाने का मजा चखने दीजिये…” मैंने पीछे मुड़कर देखा तो बसंती हँसकर बोल रही थी।
तब तक पीछे से किसी ने जोर से मेरे उछलते कूदते मचलते चूतड़ों पर जोर से चिकोटी काटी और साथ में एक मस्त रसीली गाली भी ,
"अरे ये मस्त मोटे मोटे चूतड़ मटकाकर कहाँ चली,, छिनाल ,... "
और फिर एक हलकी सी चपत भी चूतड़ पे ,
मैं पहचान गयी। भाभी की माँ ,वो अभी अभी शहर से आई थीं।
इसका मतलब अजय और सुनील भी लौट आये होंगे।
मैं कुछ बोलती उसके पहले मुस्करा के वो बोलीं,
" मैं तुम्हारे घर भी गयी थी , तेरे लिए एक खतरनाक खबर है ,"
[i]कुछ देर तक सस्पेंस रखने के बाद वो बोलीं , वहां कुछ टेंशन था शहर में ,इस लिए अब छुट्टी सात दिन के लिए बढ़ा दी गयी है। हमने तुम्हारे घर भी बात कर ली है तो अब तुम छुट्टी खत्म होने के बाद,
भाभी की ख़ुशी तो छलक रही थीं , मायके में इतने दिन और रहने का मौका ,
और मैंने भी मुश्किल से अपनी ख़ुशी दबाई। लेकिन मेरे मुंह से निकल ही गया ,
' मतलब सात दिन और " मैं बोल पड़ी।
" नहीं नहीं सात दिन नहीं ,जो तेरी छुट्टियां खत्म हो रही थीं उसके बाद सात दिन और। " उन्होंने हाल खुलासा किया।
भाभी ऊँगली पे कुछ जोड़ घटाना कर रही थीं , तुरंत बोलीं , अरे हम लोगों को पांच दिन बाद जाना था ,मतलब १२ दिन और।
बसंती ने टुकड़ा लगाया , " ई तो बहुत निक खबर है , गाँव के लड़कन और मरदन के लिए हाँ बुरी खबर ,बुर के लिए है एकरे बुर की बुरी हालत हो जायेगी ,"
लेकिन मेरा बचाव किया ,भाभी की माँ ने हमेशा की तरह
" अरे तू लोग न हरदम हमरी बिटिया के पीछे पड़ी रहती हो , अरे इसकी बुर के लिए बुरी खबर काहें को है , ई केहु को मना की है कभी , अपने देवरों को बोलो न। "
( ये कहने की जरूरत नहीं की उनकी एक हथेली इस समय मेरी टाइट शलवार के ऊपर से ठीक दोनों रेशमी मखमली जाँघों के बीच ,) [/i]
मैं चंदा के घर की ओर चल पड़ी लेकिन कान मेंरे घर में हो रही बाते से चिपके थे।
...
मैं उन आवाजों से दूर घने गन्ने के खेतों के बीच मेंड़ पर आ चुकी थी , चंदा के घर का शार्ट कट।
उसे भी ये खुशखबरी देनी थी , १२ दिन और।
…………………………………
अब तक गांव की गली, पगडंडियों का मुझे अच्छी तरह पता चल गया था इसलिये, हरी धानी चुनरी की तरह फैले खेतों के बीच,
![[Image: paddy-fields-2.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/paddy-fields-2.md.jpg)
पगडंडियों पर, आम से लदे अमराईयों से होकर,
![[Image: mango-grove-3.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/mango-grove-3.md.jpg)
हिरणी की तरह उछलती, कुलांचे भरती, जल्द ही मैं चन्दा के घर पहुँच गयी।
चंदा
![[Image: sixteen-desimaal2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/11/02/sixteen-desimaal2.jpg)
चन्दा बिस्तर पे ओढ़ के लेटी थी। माथे पे हल्की सी हरारत लग रही थी।
मैंने उससे कहा- “जोबान दिखाओ…”
और उसने शरारत से अपनी चोली पर से आंचल हटा दिया।
मैं क्यों चूकती, मैंने चोली के दो बटन खोले और अंदर हाथ डालकर, धड़कन देखने के बहाने, उसके जोबन दबाने लगी। मैं समझ गयी थी कि मेरी सहेली पे किस चीज का बुखार है।
उसका सीना सहलाते, मसलते मैं बोली-
“हां धड़कन तो बहुत तेज चल रही है, डाक्टर बुलाना पड़ेगा और इंजेक्शन भी लगेगा…”
“हां नर्स, तुम तो मेरे डाक्टर को अच्छी तरह जानती हो पर जब तक वह नहीं आते, तुम्हीं मेरे सीने पर मालिश कर दो ना…” मेरे हाथ को अपने सीने पर कस के दबाते वह बोली।
“डाक्टर, हाजिर है…” मैंने नजर उठायी तो अजय और सुनील दोनों एक साथ बोल रहे थे।
सुनील को पकड़ के, मैं सामने ले गयी और बोली- “मुझे मालूम है की तुम्हारा फेवरिट डाक्टर कौन है…”
सुनील मेरी टाइट सलवार में मेरे कसे भरे-भरे नितंबों को देख रहा था। उसका तम्बू तना हुआ था।
![[Image: salwar-kameez-jkg.jpg]](https://i.ibb.co/hHHvnFq/salwar-kameez-jkg.jpg)