28-03-2019, 11:28 AM
और रिया बेचैनी से बैठी हुई सोचे जा रही थी कि दिव्या का क्या हाल होगा, वो बेचारी रोती हुई ऊपर गयी है , वो उसके पास जाना चाहती थी पर राहुल के डर से जा नहीं पा रही थी .
तभी उसके दिमाग में एक बात आयी, हरिया काका भी नहीं दिखायी दे रहे थे , कहीं ऊपर वो दोनों …… ओह माय गॉड !!!, अगर ऐसा है तो उसे भी ऊपर होना चाहिए , उसने एक आखिरी कोशिश कि ऊपर जाने के लिए, पर राहुल ने डपट कर उसे वहीँ बिठा लिया .
बेचारी अपनी चूत को मसलकर वहीँ बैठी रह गयी
उसे थोड़ी देर पहले हरिया काका के लंड को चूसना याद आ गया , कितना मोटा और मजेदार लंड है उनका, अभी तक उसकी कसावट और बनावट में कोई फर्क नहीं आया है
और हरिया काका के बारे में सोचते -२ वो उन यादो के भंवर में डूबती चली गयी जब उसने पहली बार हरिया काका से अपनी चूत मरवाई थी .
उन दिनों उसकी शादी भी नहीं हुई थी, वो 21 साल कि थी उस वक़्त और मनीष और उसके घरवाले भी वहीँ गाँव में ही रहते थे .
उसका और मनीष का चक्कर चल रहा था, ये बात उसके सभी दोस्तों को भी पता थी .
उन दोनों के बीच अक्सर प्यार भरी बातों के अलावा चूमा चाटी और बदन पर इधर उधर दबाई ही हुई थी ,दोनों ने कई बार चुदाई के बारे में भी सोचा था , पर सही मौका नहीं मिल पा रहा था.
एक बार उन्हें मौका मिल ही गया खुलकर सब कुछ करने का , मौका था मनीष के जन्मदिन का, उसकी माँ ने मन्नत मांगी हुई थी उसके जन्म के समय कि और काफी सालों के बाद भी वो उसे पूरा करने के लिए समय नहीं निकाल पा रही थी, मनीष कि आवारगी कि वजह से उन्हें लगने लग गया कि जब तक वो मन्नत पूरी नहीं करेंगी, तब तक वो जीवन में आगे नहीं बढ़ सकेगा, इसलिए उन्होंने पक्का निश्चय कर लिया कि उसके 23वें जन्मदिन पर वो जरुर शिव के प्राचीन मंदिर जाकर उसकी मन्नत उतार देंगी .
मनीष और रिया ने उसी दिन अपनी सारी हदें पार कर लेने का मन बना लिया, मनीष के माता पिता सुबह ही निकल गए और पीछे बचे बस हरिया काका और मनीष .
रिया के आते ही मनीष उसे लेकर घर के पीछे बने एक पुराने कमरे कि तरफ ले गया पर वो दोनों ये नहीं जानते थे कि हरिया कि आँखे सब कुछ नोट कर रही थी.
जैसे ही वो दोनों पीछे कि तरफ गए, हरिया काका भी उनके पीछे-२ वहाँ चल दिये.
अंदर पहुँचते ही मनीष और रिया एक दूसरे से चिपक गए और बेतहाशा चूमने लगे, रिया ने घाघरा और चोली पहना हुआ था जिसके नीचे उसने न तो ब्रा पहनी थी और ना ही पेंटी
उसकी चोली कि डोरियों को बेसब्री से खोलते हुए मनीष के हाथ कांप रहे थे , आज वो पहली बार उसे उरोजों को नंगा देखने वाला था, और जैसे ही उसने उसकी चोली उतरी उसके सामने उसके कंधारी अनार जितने बड़े – २ दो फल चमकने लगे.
उनकी सुंदरता देखकर वो मंत्रमुग्ध सा होकर उन्हें देखता ही रह गया.
दोनों स्तन और उनपर लगे हुए किशमिश के दाने अपनी सुंदरता बिखेरते हुए कहर बरपा रहे थे.
मनीष से सब्र नहीं हुआ और उसने नीचे झुककर उसके दांये मुम्मे को मुंह में भर लिया और उसके खड़े हुए दाने को दांतों के बीच पीसकर उसका जूस निकालने लगा.
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …।मनॆऎऎएश ………धॆएरे ……ऽह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …।स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ”
उसने मनीष के सर को पकड़कर अपनी छाती पर जोर से दबा दिया और सियार कि तरह ऊपर मुंह करके जोर से चिल्लाने लगी.
और उसकी ये चीख और स्तनपान का दृश्य हरिया काका छुप कर साफ़ देख रहे थे.
और साथ ही साथ अपने लम्बे लंड को बाहर निकाल कर रिया कि मदमस्त जवानी को देखकर मुठ भी मार रहे थे , उन्होंने अपने गाँव कि ना जाने कितनी औरतों कि चूत मारी थी पर रिया जैसी रंगीन लड़की उन्होंने आज तक नहीं देखि थी, भरवां भिन्डी जैसी थी वो एकदम…।
रिया भी बेसब्री से मनीष के लंड को उसकी पेंट के ऊपर से ही मसलने लगी , मनीष ने भी अपना रौब दिखाते हुए उसे अपने पैरों के पास पटका और अपनी कमर पर हाथ रखकर किसी रIजा कि तरह खड़ा हो गया , रिया ने भी उसकी दासी कि तरह बिना सवाल किये उसकी पेंट कि जीप खोली और फिर बेल्ट और हुक खोलकर उसके लंड को आजाद किया.
जब लड़की खुद ही लड़के के कपडे उतारती है , उसकी बेल्ट खोलती है, उसका लंड खींचकर बाहर निकालती है और भूखी कुतिया कि तरह चूसने लग जाती है, इससे ज्यादा उत्तेजक कुछ और हो ही नहीं सकता, आज ये बात मनीष कि समझ में आ गयी थी।
मनीष का लंड एक झटके के साथ उसके चेहरे के सामने प्रकट हो गया.
वैसे तो मनीष के लंड को वो पहले एक-दो बार देख चुकी थी , पर आज बिना किसी अवरोध के और वो भी बिल्कुल पास से देखने का ये उसका पहला मौका था.
उसे अपने हाथों में लेकर वो उसे बड़े ही प्यार से सहलाने लगी, उसकी गोटियों को अपनी नाजुक उँगलियों में भरकर उनका वजन नापने लगी ,पर तभी मनीष ने उसके बालों को बेदर्दी से पकड़ा और उसके मुंह के अंदर अपने लंड को ठूस दिया , वो रिया कि किसी दासी कि तरह ट्रीट कर रहा था और रिया को भी डोमिनेट होने में मजा आ रहा था
फच – २ कि आवाजों के साथ मनीष का जहाज रिया के मुंह के समंदर के अंदर हिचखोले खाने लगा
उसके दोनों मुम्मे हिलते हुए मनीष के घुटनो में ड्रिलिंग कर रहे थे और मनीष उसके नरम – गरम टच से और भी ज्यादा उत्तेजित होकर जोर से धक्के मार रहा था.
और जब मनीष को लगा कि उसका निकलने वाला है तो उसने अपना लंड बाहर खींच लिया और रिया को खड़ा कर लिया.
फिर उसके घाघरे का नाडा खोलकर उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया
कमरे में हलकी रौशनी थी जिसमे उसका नंगा बदन सोने कि तरह चमक रहा था.
रिया के योवन को ऊपर से नीचे तक निहारने के बाद मनीष ने उसे कोने में पड़ी हुई चारपाई पर लिटा दिया और खुद उसके पीछे पहुँच कर उसकी मखमली टांगो को पकड़ कर उठा दिया और अपने लंड को उसकी गांड के एअरपोर्ट पर मसलने लगा ..मनीष ने उसकी एक टांग ऊपर उठा ली और उसकी चूत के मुहाने पर अपने हवाई जहाज का गोल मटोल हिस्सा लगाकर धीरे से दबाव डाला.
दोनों का ये पहली बार था, इसलिए दोनों के दिल धक् – २ कर रहे थे, फिर भी , बड़ी मुश्किल से, मनीष ने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर जैसे ही एक तेज झटका मारा वो जोर से चिल्ला पड़ी ….
तभी उसके दिमाग में एक बात आयी, हरिया काका भी नहीं दिखायी दे रहे थे , कहीं ऊपर वो दोनों …… ओह माय गॉड !!!, अगर ऐसा है तो उसे भी ऊपर होना चाहिए , उसने एक आखिरी कोशिश कि ऊपर जाने के लिए, पर राहुल ने डपट कर उसे वहीँ बिठा लिया .
बेचारी अपनी चूत को मसलकर वहीँ बैठी रह गयी
उसे थोड़ी देर पहले हरिया काका के लंड को चूसना याद आ गया , कितना मोटा और मजेदार लंड है उनका, अभी तक उसकी कसावट और बनावट में कोई फर्क नहीं आया है
और हरिया काका के बारे में सोचते -२ वो उन यादो के भंवर में डूबती चली गयी जब उसने पहली बार हरिया काका से अपनी चूत मरवाई थी .
उन दिनों उसकी शादी भी नहीं हुई थी, वो 21 साल कि थी उस वक़्त और मनीष और उसके घरवाले भी वहीँ गाँव में ही रहते थे .
उसका और मनीष का चक्कर चल रहा था, ये बात उसके सभी दोस्तों को भी पता थी .
उन दोनों के बीच अक्सर प्यार भरी बातों के अलावा चूमा चाटी और बदन पर इधर उधर दबाई ही हुई थी ,दोनों ने कई बार चुदाई के बारे में भी सोचा था , पर सही मौका नहीं मिल पा रहा था.
एक बार उन्हें मौका मिल ही गया खुलकर सब कुछ करने का , मौका था मनीष के जन्मदिन का, उसकी माँ ने मन्नत मांगी हुई थी उसके जन्म के समय कि और काफी सालों के बाद भी वो उसे पूरा करने के लिए समय नहीं निकाल पा रही थी, मनीष कि आवारगी कि वजह से उन्हें लगने लग गया कि जब तक वो मन्नत पूरी नहीं करेंगी, तब तक वो जीवन में आगे नहीं बढ़ सकेगा, इसलिए उन्होंने पक्का निश्चय कर लिया कि उसके 23वें जन्मदिन पर वो जरुर शिव के प्राचीन मंदिर जाकर उसकी मन्नत उतार देंगी .
मनीष और रिया ने उसी दिन अपनी सारी हदें पार कर लेने का मन बना लिया, मनीष के माता पिता सुबह ही निकल गए और पीछे बचे बस हरिया काका और मनीष .
रिया के आते ही मनीष उसे लेकर घर के पीछे बने एक पुराने कमरे कि तरफ ले गया पर वो दोनों ये नहीं जानते थे कि हरिया कि आँखे सब कुछ नोट कर रही थी.
जैसे ही वो दोनों पीछे कि तरफ गए, हरिया काका भी उनके पीछे-२ वहाँ चल दिये.
अंदर पहुँचते ही मनीष और रिया एक दूसरे से चिपक गए और बेतहाशा चूमने लगे, रिया ने घाघरा और चोली पहना हुआ था जिसके नीचे उसने न तो ब्रा पहनी थी और ना ही पेंटी
उसकी चोली कि डोरियों को बेसब्री से खोलते हुए मनीष के हाथ कांप रहे थे , आज वो पहली बार उसे उरोजों को नंगा देखने वाला था, और जैसे ही उसने उसकी चोली उतरी उसके सामने उसके कंधारी अनार जितने बड़े – २ दो फल चमकने लगे.
उनकी सुंदरता देखकर वो मंत्रमुग्ध सा होकर उन्हें देखता ही रह गया.
दोनों स्तन और उनपर लगे हुए किशमिश के दाने अपनी सुंदरता बिखेरते हुए कहर बरपा रहे थे.
मनीष से सब्र नहीं हुआ और उसने नीचे झुककर उसके दांये मुम्मे को मुंह में भर लिया और उसके खड़े हुए दाने को दांतों के बीच पीसकर उसका जूस निकालने लगा.
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …।मनॆऎऎएश ………धॆएरे ……ऽह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। …।स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ”
उसने मनीष के सर को पकड़कर अपनी छाती पर जोर से दबा दिया और सियार कि तरह ऊपर मुंह करके जोर से चिल्लाने लगी.
और उसकी ये चीख और स्तनपान का दृश्य हरिया काका छुप कर साफ़ देख रहे थे.
और साथ ही साथ अपने लम्बे लंड को बाहर निकाल कर रिया कि मदमस्त जवानी को देखकर मुठ भी मार रहे थे , उन्होंने अपने गाँव कि ना जाने कितनी औरतों कि चूत मारी थी पर रिया जैसी रंगीन लड़की उन्होंने आज तक नहीं देखि थी, भरवां भिन्डी जैसी थी वो एकदम…।
रिया भी बेसब्री से मनीष के लंड को उसकी पेंट के ऊपर से ही मसलने लगी , मनीष ने भी अपना रौब दिखाते हुए उसे अपने पैरों के पास पटका और अपनी कमर पर हाथ रखकर किसी रIजा कि तरह खड़ा हो गया , रिया ने भी उसकी दासी कि तरह बिना सवाल किये उसकी पेंट कि जीप खोली और फिर बेल्ट और हुक खोलकर उसके लंड को आजाद किया.
जब लड़की खुद ही लड़के के कपडे उतारती है , उसकी बेल्ट खोलती है, उसका लंड खींचकर बाहर निकालती है और भूखी कुतिया कि तरह चूसने लग जाती है, इससे ज्यादा उत्तेजक कुछ और हो ही नहीं सकता, आज ये बात मनीष कि समझ में आ गयी थी।
मनीष का लंड एक झटके के साथ उसके चेहरे के सामने प्रकट हो गया.
वैसे तो मनीष के लंड को वो पहले एक-दो बार देख चुकी थी , पर आज बिना किसी अवरोध के और वो भी बिल्कुल पास से देखने का ये उसका पहला मौका था.
उसे अपने हाथों में लेकर वो उसे बड़े ही प्यार से सहलाने लगी, उसकी गोटियों को अपनी नाजुक उँगलियों में भरकर उनका वजन नापने लगी ,पर तभी मनीष ने उसके बालों को बेदर्दी से पकड़ा और उसके मुंह के अंदर अपने लंड को ठूस दिया , वो रिया कि किसी दासी कि तरह ट्रीट कर रहा था और रिया को भी डोमिनेट होने में मजा आ रहा था
फच – २ कि आवाजों के साथ मनीष का जहाज रिया के मुंह के समंदर के अंदर हिचखोले खाने लगा
उसके दोनों मुम्मे हिलते हुए मनीष के घुटनो में ड्रिलिंग कर रहे थे और मनीष उसके नरम – गरम टच से और भी ज्यादा उत्तेजित होकर जोर से धक्के मार रहा था.
और जब मनीष को लगा कि उसका निकलने वाला है तो उसने अपना लंड बाहर खींच लिया और रिया को खड़ा कर लिया.
फिर उसके घाघरे का नाडा खोलकर उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया
कमरे में हलकी रौशनी थी जिसमे उसका नंगा बदन सोने कि तरह चमक रहा था.
रिया के योवन को ऊपर से नीचे तक निहारने के बाद मनीष ने उसे कोने में पड़ी हुई चारपाई पर लिटा दिया और खुद उसके पीछे पहुँच कर उसकी मखमली टांगो को पकड़ कर उठा दिया और अपने लंड को उसकी गांड के एअरपोर्ट पर मसलने लगा ..मनीष ने उसकी एक टांग ऊपर उठा ली और उसकी चूत के मुहाने पर अपने हवाई जहाज का गोल मटोल हिस्सा लगाकर धीरे से दबाव डाला.
दोनों का ये पहली बार था, इसलिए दोनों के दिल धक् – २ कर रहे थे, फिर भी , बड़ी मुश्किल से, मनीष ने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर जैसे ही एक तेज झटका मारा वो जोर से चिल्ला पड़ी ….