18-02-2021, 04:59 PM
(This post was last modified: 13-10-2021, 08:12 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
आम
जेठानी जी ने इन्हे टोका ,
" अरे खाने वाने को भी कुछ लाने वाले थे न तुम , या अपने माल के चक्कर में भूल गए। "
एकदम नहीं भाभी सब लाया हूँ ,और सबसे पहले उन्होंने आम निकाले ,दसहरी ,परफेक्ट राइप और कड़े कड़े
उनकी भाभी ने पकड़कर ,दबाकर चेक किया ,
" वाह देवर जी ,एक ही दिन में आम की अच्छी पहचान हो गयी है तुझे , खूब कड़े कड़े हैं "
" गुड्डी ने खरीदवाया " झेंपते हुए उन्होंने कबूल किया।
लेकिन जेठानी जी क्यों छोड़तीं ,छेड़ने का मौका , चिढ़ाते हुए बोलीं ,
" अच्छा उसकी कच्ची अमिया भी कुतरी की नहीं। "
वो झेंप गए लेकिन मैंने जेठानी की ओर उन्हें डाइवर्ट किया ,
" और दो दिन बाद जो रसीले आमों की दावत होनी है ,याद है की , ... "
उनकी निगाहें अब खुल के अपनी भाभी के चोली फाड् ३६ डी डी छलकते जोबनो पर टिकी थी।
वो भी बदमाश बेशरम , होंठों पर जीभ फिराते बोले कैसे ख़तम होंगे ये दो दिन।
और जेठानी मजा ले रही थी लेकिन थोड़ी झेंप गयी। उनकी पांच दिन वाली छुट्टी दो दिन बाद ख़तम होने वाली थी।
" अच्छा चलो बहुत देख लिया अपनी भाभी के उभार , अब चलो ये आम धो के और बाकी खाने पीने का सामान किचेन में रखो मैं आती हूँ ,और घर में भी क्या यही डाटे रहोगे। "
वो किचेन में गए और मैंने जेठानी को दबोच लिया ,
" अरे दीदी बिचारे कैसे ललचा के देख रहे थे ,छुट्टी तो निचली मंजिल की है ज़रा आम का स्वाद तो चखा दीजिये न उन्हें। "
" तू भी न ,... बहुत बदमाश हो गयी है और मेरे देवर को भी बदमाश बना दिया है " खिलखिलाते वो बोलीं।
" अच्छा दी आपको लिमका पसंद है न , खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक हो जाए। "
मेरे दिमाग में कुछ चल रहा था।
" एकदम तुझे तो मेरी सारी पसंद मालूम है। " हंस के वो बोलीं।
" दी आज खाना बेड रूम में ही लगाती हूँ ,ये फिल्म भी तो लाये हैं ,हमीं तीन तो हैं बस वहीँ खाना खाते फिल्म भी भी ,... आप बेड रूम में चलिए आपके देवर देवरानी वहीँ पर लगाते हैं "
" देवरानी हो तो ऐसी , एकदम तेरा आइड्या एकदम फर्स्ट क्लास होता है " मेरे गालों पे जेठानी जी ने चिकोटी काटी और अपने बैडरूम की ओर।
ये किचेन से निकल कर ऊपर हमारे बेडरूम की ओर जा रहे थे ,चेंज करने तो मैंने इन्हे इशारे से रोका और पास जा के कान में बोली ,
" वो वोडका वाली बड़ी बोतल ले आना हमारे कमरे से ,और जल्दी आना "
……………………………..
वो ऊपर गए और में किचेन में।
कबाब दर्जन से तो ऊपर ही थे मटन के ,मैंने जरा सा चखा ,एकदम स्वादिष्ट
पराठे भी मुगलाई। मैंने तवे पर पहले कबाब रखे गरम करने को ,
कल इस किचेन में चिकेन और पोर्क वाला पिज्जा और मटन बिरयानी ,आज कबाब और मुगलाई पराठा।
जहाँ इनकी बर्थ डे पर मेरी लायी एगलेस पेस्ट्री भी फेंक दी गयी थी , क्या पता के नाम पे और आज ,
मैंने फिर पुराने ख्यालों को झटक के बाहर निकाला और तबतक वो आगये।
उन्हें देख के ऐसे ही मेरी पुराने दिनों के दुःख दर्द भूल जाते थे।वो कबाब और पराठा गर्म करने में लग गए और मैं लिम्का -वोडका का मिश्रण बनाने में। आफ कोर्स वोडका ज्यादा थी।
आम काटने का काम तो इनका था ही , बस आधे घंटे में हम सब सामान लेके जेठानी जी के बेडरूम में ,
वो भी एकदम तैयार थीं , बिस्तर बिछा और टीवी में डीवीडी प्लेयर लगा के ,
थोड़ी देर में ही लिम्का मिली वोडका का असर मेरी जेठानी पे चालू हो गया और मैंने इनसे कह के डीवीडी चालू करवा दी।
मटन कबाब ,मुगलाई पराठा , वोडका और सामने टीवी पर हार्ड कोर ब्ल्यू फिल्म ,...
ये मेरे और जेठानी जी के बीच में बैठे थे।
लंड की हालत तो इनकी मैंने किचेन में ही चूस चूस के ख़राब कर दी , बिना झाड़े और अब वो साढ़े साथ इंच एकदम शीयर शार्ट से झांकता ,
जेठानी जी की भी निगाहें वहीँ चिपकी।
जेठानी जी ने इन्हे टोका ,
" अरे खाने वाने को भी कुछ लाने वाले थे न तुम , या अपने माल के चक्कर में भूल गए। "
एकदम नहीं भाभी सब लाया हूँ ,और सबसे पहले उन्होंने आम निकाले ,दसहरी ,परफेक्ट राइप और कड़े कड़े
उनकी भाभी ने पकड़कर ,दबाकर चेक किया ,
" वाह देवर जी ,एक ही दिन में आम की अच्छी पहचान हो गयी है तुझे , खूब कड़े कड़े हैं "
" गुड्डी ने खरीदवाया " झेंपते हुए उन्होंने कबूल किया।
लेकिन जेठानी जी क्यों छोड़तीं ,छेड़ने का मौका , चिढ़ाते हुए बोलीं ,
" अच्छा उसकी कच्ची अमिया भी कुतरी की नहीं। "
वो झेंप गए लेकिन मैंने जेठानी की ओर उन्हें डाइवर्ट किया ,
" और दो दिन बाद जो रसीले आमों की दावत होनी है ,याद है की , ... "
उनकी निगाहें अब खुल के अपनी भाभी के चोली फाड् ३६ डी डी छलकते जोबनो पर टिकी थी।
वो भी बदमाश बेशरम , होंठों पर जीभ फिराते बोले कैसे ख़तम होंगे ये दो दिन।
और जेठानी मजा ले रही थी लेकिन थोड़ी झेंप गयी। उनकी पांच दिन वाली छुट्टी दो दिन बाद ख़तम होने वाली थी।
" अच्छा चलो बहुत देख लिया अपनी भाभी के उभार , अब चलो ये आम धो के और बाकी खाने पीने का सामान किचेन में रखो मैं आती हूँ ,और घर में भी क्या यही डाटे रहोगे। "
वो किचेन में गए और मैंने जेठानी को दबोच लिया ,
" अरे दीदी बिचारे कैसे ललचा के देख रहे थे ,छुट्टी तो निचली मंजिल की है ज़रा आम का स्वाद तो चखा दीजिये न उन्हें। "
" तू भी न ,... बहुत बदमाश हो गयी है और मेरे देवर को भी बदमाश बना दिया है " खिलखिलाते वो बोलीं।
" अच्छा दी आपको लिमका पसंद है न , खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक हो जाए। "
मेरे दिमाग में कुछ चल रहा था।
" एकदम तुझे तो मेरी सारी पसंद मालूम है। " हंस के वो बोलीं।
" दी आज खाना बेड रूम में ही लगाती हूँ ,ये फिल्म भी तो लाये हैं ,हमीं तीन तो हैं बस वहीँ खाना खाते फिल्म भी भी ,... आप बेड रूम में चलिए आपके देवर देवरानी वहीँ पर लगाते हैं "
" देवरानी हो तो ऐसी , एकदम तेरा आइड्या एकदम फर्स्ट क्लास होता है " मेरे गालों पे जेठानी जी ने चिकोटी काटी और अपने बैडरूम की ओर।
ये किचेन से निकल कर ऊपर हमारे बेडरूम की ओर जा रहे थे ,चेंज करने तो मैंने इन्हे इशारे से रोका और पास जा के कान में बोली ,
" वो वोडका वाली बड़ी बोतल ले आना हमारे कमरे से ,और जल्दी आना "
……………………………..
वो ऊपर गए और में किचेन में।
कबाब दर्जन से तो ऊपर ही थे मटन के ,मैंने जरा सा चखा ,एकदम स्वादिष्ट
पराठे भी मुगलाई। मैंने तवे पर पहले कबाब रखे गरम करने को ,
कल इस किचेन में चिकेन और पोर्क वाला पिज्जा और मटन बिरयानी ,आज कबाब और मुगलाई पराठा।
जहाँ इनकी बर्थ डे पर मेरी लायी एगलेस पेस्ट्री भी फेंक दी गयी थी , क्या पता के नाम पे और आज ,
मैंने फिर पुराने ख्यालों को झटक के बाहर निकाला और तबतक वो आगये।
उन्हें देख के ऐसे ही मेरी पुराने दिनों के दुःख दर्द भूल जाते थे।वो कबाब और पराठा गर्म करने में लग गए और मैं लिम्का -वोडका का मिश्रण बनाने में। आफ कोर्स वोडका ज्यादा थी।
आम काटने का काम तो इनका था ही , बस आधे घंटे में हम सब सामान लेके जेठानी जी के बेडरूम में ,
वो भी एकदम तैयार थीं , बिस्तर बिछा और टीवी में डीवीडी प्लेयर लगा के ,
थोड़ी देर में ही लिम्का मिली वोडका का असर मेरी जेठानी पे चालू हो गया और मैंने इनसे कह के डीवीडी चालू करवा दी।
मटन कबाब ,मुगलाई पराठा , वोडका और सामने टीवी पर हार्ड कोर ब्ल्यू फिल्म ,...
ये मेरे और जेठानी जी के बीच में बैठे थे।
लंड की हालत तो इनकी मैंने किचेन में ही चूस चूस के ख़राब कर दी , बिना झाड़े और अब वो साढ़े साथ इंच एकदम शीयर शार्ट से झांकता ,
जेठानी जी की भी निगाहें वहीँ चिपकी।