18-02-2021, 04:46 PM
गुरु दक्षिणा
" एकदम भाभी , गुरु दक्षिणा के लिए तो अभी से मेरी हाँ , लेकिन क्या लेंगी गुरु दक्षिणा में " अनुज ने लिबराते हुए पूछा।
" गुरु दक्षिणा नहीं बुर दक्षिणा , तेरी बहन की , गुड्डी की कच्ची कोरी बुर , लेकिन तू अभी ध्यान से सुन "
और कम्मो भौजी ने उसे स्त्री के ३६ अंग जहाँ छूने से उसकी कामोत्तेजना बढ़ती है , होंठ उरोज या योनि नहीं , ये तो सब जानते हैं और ये सम्भोग के समय , लेकिन उसके पहले , उन्होंने अनुज की ऊँगली रख कर , लड़की के गले के साइड का हिस्सा , कंधे , पीठ के बीच की नाली , काँखे ,
और जब ज़रा पट जाए तो जाँघों का निचला हिस्सा , एक एक कर के सारे भाग , फिर ये भी की लड़कियों को पटाने के लिए क्या होगा और खेली खायी औरतों के लिए फिर खास तैर से गुड्डो की मम्मी के लिए , फिर ऊँगली में भी कब ऊँगली से सिर्फ हलके से छू कर के हटा लेना है , कब ,
जैसे एकांत हो तो कभी मलाई या कुछ भी होंठ पर से हटाने के बहाने , ऊँगली से होंठ धीरे धीरे रगड़ो
और वो आँखे बंद कर ले , सिसके , बदन पर सिहरन हो समझ ले न वो सिर्फ पट गयी है बल्कि दे भी देगी , ...
लेकिन इस पढ़ाई के दौरान ही देवर का खूंटा खूब खड़ा हो गया , और फागुन में कौन भौजी मना कराती ,
लेकिन अनुज ने जब ठेलने की कोशिश की कम्मो ने रोक दिया ,
" न न। इतनी जल्दी नहीं , ... मान लो मैं गुड्डो की मम्मी हूँ , तो पहले देर तक जांघ सहलाओ , वो खुद जाँघे खोल देगी , फिर खूंटे को खाली उसके निचले होंठों पर रगड़ो , हलके हलके छुला कर हटा दो , फिर रगड़ो , जब वो एकदम मस्ता जाए , तुझे पकड़ के अपनी ओर खींचो , .. हाँ चल कर ,.. "
और अनुज ने थ्योरी से प्रैक्टिकल किया , हालत तो उसकी भी खराब हो रही थी , पर भौजी की बात मानना भी जरूरी था ,
" हाँ बस , एक बार जैसे गलती से लग गया , क्लिट से हलके से छुला के हटा लो , ... अरे यहाँ नहीं यहाँ ,... "
कम्मो भौजी ने अपने देवर के खूंटे को अपने हाथ से पकड़ा कर अपनी क्लिट पर लगा कर देवर को समझाया।
" हाँ अब पेलो , लेकिन बस सुपाड़ा , और एक धक्के में नहीं रगड़ते , दरेरते , यहीं सब नर्व्स होती हैं , थोड़ा सा दरेरो , रगडोगे , ख़ास तौर से गुड्डो की मम्मी को न तो मजे से पागल हो जायेगी , नयी उम्र की लड़कियां तो थोड़ी घबड़ायी रहती हैं पर वो , उनका मरद तो दो तीन साल में आता है , खुदै छुंछियाई होंगी ,
हाँ अब इसके बाद होंठ , पहले पलक पर फिर गाल पर , होंठ पर और साथ साथ दोनों जोबन बस हलके हलके सहलाओ , कभी निप्स फ्लिक कर दो ,
और जब वो खुद चूतड़ उचकाने लगे , तो थोड़ा सा और ठेल दो , लेकिन उसी तरह से रगड़ते घिसटते , ... हाँ पूरा अभी नहीं ,... और अब होंठ से एक निप्स और दूसरा हाथ से , अब जोबन मसलना शुरू कर ,
हाँ ऐसे ही , और अब बाकी का ,... हाँ धीमे धीमे , ... "
कम्मो भौजी देवर को सिखा भी रही थीं , गाइड भी कर रही थीं और मजे भी ले रही थीं , नए जवान होते लौंडे का।
फिर दसो तरीके धक्के मारने के , शुरू में हलके से ठेलते , पेलते , दरेरते ,... और जब एक बार पूरा घुस जाए , तो थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ दो , बुर को उसकी लमबी मोटाई का अहसास होने दे , उसके बाद आधा निकाल के आठ दस धक्के , धीमे धीमे ,
साथ में जोबन की मसलाई , चुम्मा , चूँची चूसो , फिर सब काम रोक कर , आलमोस्ट पूरा निकाल के , कमर पकड़ के जोरदार धक्का सीधे बच्चेदानी पर सुपाड़े की थाप लगनी चाहिए , और ऐसे पांच सात धक्के , एक के बाद एक ,
फिर रुक के लंड के बेस से ही क्लिट की रगड़ाई कर , दो चार मिनट तक , फिर वही जोरदार धक्के शर्तिया झड़ जायेगी , फिर चाहो तो आसान बदल के या वैसे ही घीमे धक्के , पहली बार में ऊपर चढ़ के ही ठीक रहता है , बाकी सब तरीके बाद में , ...
अब अनुज कम्मो भौजी की बताये तरीके कम्मो भौजी पर ही अपना रहा था , चुदाई पूरी तेजी में चल रही थी , नीचे से कम्मो भाभी भी जोर जोर से चूतड़ के धक्के मारती , उसकी बहन गुड्डी का नाम ले के गरियाती ,
" चोद स्साले , चोद गुड्डी के भंडुए , तेरी बहन को खूब चुदवाउंगी , पक्की चुदवासी , चुदक्कड़ बन जायेगी जब तक तू बनारस से लौटेगा , चोद स्साले देखतीं हूँ कितनी ताकत है ,... "
गाली सुन के अनुज दूने जोश से , दस पन्दरह मिनट तक लगातार बिना रुके , और वो और कम्मो भाभी साथ साथ झड़े "
कटोरी भर सफ़ेद मलाई , गाढ़ी थक्केदार ,
और जब अनुज उठ के उन के बगल में बैठा , तो कम्मो ने अपनी जाँघों के बीच बह रहे सफ़ेद रंग को ऊँगली में लपेट कर , अनुज के होंठ पर ,
" चाट ले स्साले तेरा माल है , .... "
और बात उन्होंने आगे बात बढ़ाई , तो ये रहा दूसरा स्टेप ,
पहली चुदाई में ही लड़की हो या औरत , पागल बना दे , तेरी गुलाम हो जाए , और हां कभी एक बार चोद कर मत छोड़ना , चाहे लड़की हो या औरत , उसके मन में कई बार ये अहसास हो जाता है , की गलत हुआ , आगे से नहीं करवाउंगी , और अगर कुछ देर रुक के उसे दुबारा चोद देगा न तो बस वो अहसास कभी नहीं होगा , उसके मन में खाली मजे का अहसास बचेगा , और हाँ लड़की हो या औरत पहले उसे झड़ना चाहिए , खास तौर से गुड्डो की मम्मी को , एक दो बार कम से कम उसे झाड़ के झड़ोगे न तो एकदम दीवानी हो जायेगी , खुद तो देगी ही औरों की दिलवाएगी , लेकिन रुक यार , कुछ खाने को लाती हूँ , दो बार तेरी टंकी खाली हो गयी ,
कम्मो भौजी स्टोर से थाली भर कर गुझिया , नमकीन समोसे , और दो बड़े ग्लासों में ठंडाई भर के लायीं और उन की ज्ञान गंगा चालू हो गयी
" एकदम भाभी , गुरु दक्षिणा के लिए तो अभी से मेरी हाँ , लेकिन क्या लेंगी गुरु दक्षिणा में " अनुज ने लिबराते हुए पूछा।
" गुरु दक्षिणा नहीं बुर दक्षिणा , तेरी बहन की , गुड्डी की कच्ची कोरी बुर , लेकिन तू अभी ध्यान से सुन "
और कम्मो भौजी ने उसे स्त्री के ३६ अंग जहाँ छूने से उसकी कामोत्तेजना बढ़ती है , होंठ उरोज या योनि नहीं , ये तो सब जानते हैं और ये सम्भोग के समय , लेकिन उसके पहले , उन्होंने अनुज की ऊँगली रख कर , लड़की के गले के साइड का हिस्सा , कंधे , पीठ के बीच की नाली , काँखे ,
और जब ज़रा पट जाए तो जाँघों का निचला हिस्सा , एक एक कर के सारे भाग , फिर ये भी की लड़कियों को पटाने के लिए क्या होगा और खेली खायी औरतों के लिए फिर खास तैर से गुड्डो की मम्मी के लिए , फिर ऊँगली में भी कब ऊँगली से सिर्फ हलके से छू कर के हटा लेना है , कब ,
जैसे एकांत हो तो कभी मलाई या कुछ भी होंठ पर से हटाने के बहाने , ऊँगली से होंठ धीरे धीरे रगड़ो
और वो आँखे बंद कर ले , सिसके , बदन पर सिहरन हो समझ ले न वो सिर्फ पट गयी है बल्कि दे भी देगी , ...
लेकिन इस पढ़ाई के दौरान ही देवर का खूंटा खूब खड़ा हो गया , और फागुन में कौन भौजी मना कराती ,
लेकिन अनुज ने जब ठेलने की कोशिश की कम्मो ने रोक दिया ,
" न न। इतनी जल्दी नहीं , ... मान लो मैं गुड्डो की मम्मी हूँ , तो पहले देर तक जांघ सहलाओ , वो खुद जाँघे खोल देगी , फिर खूंटे को खाली उसके निचले होंठों पर रगड़ो , हलके हलके छुला कर हटा दो , फिर रगड़ो , जब वो एकदम मस्ता जाए , तुझे पकड़ के अपनी ओर खींचो , .. हाँ चल कर ,.. "
और अनुज ने थ्योरी से प्रैक्टिकल किया , हालत तो उसकी भी खराब हो रही थी , पर भौजी की बात मानना भी जरूरी था ,
" हाँ बस , एक बार जैसे गलती से लग गया , क्लिट से हलके से छुला के हटा लो , ... अरे यहाँ नहीं यहाँ ,... "
कम्मो भौजी ने अपने देवर के खूंटे को अपने हाथ से पकड़ा कर अपनी क्लिट पर लगा कर देवर को समझाया।
" हाँ अब पेलो , लेकिन बस सुपाड़ा , और एक धक्के में नहीं रगड़ते , दरेरते , यहीं सब नर्व्स होती हैं , थोड़ा सा दरेरो , रगडोगे , ख़ास तौर से गुड्डो की मम्मी को न तो मजे से पागल हो जायेगी , नयी उम्र की लड़कियां तो थोड़ी घबड़ायी रहती हैं पर वो , उनका मरद तो दो तीन साल में आता है , खुदै छुंछियाई होंगी ,
हाँ अब इसके बाद होंठ , पहले पलक पर फिर गाल पर , होंठ पर और साथ साथ दोनों जोबन बस हलके हलके सहलाओ , कभी निप्स फ्लिक कर दो ,
और जब वो खुद चूतड़ उचकाने लगे , तो थोड़ा सा और ठेल दो , लेकिन उसी तरह से रगड़ते घिसटते , ... हाँ पूरा अभी नहीं ,... और अब होंठ से एक निप्स और दूसरा हाथ से , अब जोबन मसलना शुरू कर ,
हाँ ऐसे ही , और अब बाकी का ,... हाँ धीमे धीमे , ... "
कम्मो भौजी देवर को सिखा भी रही थीं , गाइड भी कर रही थीं और मजे भी ले रही थीं , नए जवान होते लौंडे का।
फिर दसो तरीके धक्के मारने के , शुरू में हलके से ठेलते , पेलते , दरेरते ,... और जब एक बार पूरा घुस जाए , तो थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ दो , बुर को उसकी लमबी मोटाई का अहसास होने दे , उसके बाद आधा निकाल के आठ दस धक्के , धीमे धीमे ,
साथ में जोबन की मसलाई , चुम्मा , चूँची चूसो , फिर सब काम रोक कर , आलमोस्ट पूरा निकाल के , कमर पकड़ के जोरदार धक्का सीधे बच्चेदानी पर सुपाड़े की थाप लगनी चाहिए , और ऐसे पांच सात धक्के , एक के बाद एक ,
फिर रुक के लंड के बेस से ही क्लिट की रगड़ाई कर , दो चार मिनट तक , फिर वही जोरदार धक्के शर्तिया झड़ जायेगी , फिर चाहो तो आसान बदल के या वैसे ही घीमे धक्के , पहली बार में ऊपर चढ़ के ही ठीक रहता है , बाकी सब तरीके बाद में , ...
अब अनुज कम्मो भौजी की बताये तरीके कम्मो भौजी पर ही अपना रहा था , चुदाई पूरी तेजी में चल रही थी , नीचे से कम्मो भाभी भी जोर जोर से चूतड़ के धक्के मारती , उसकी बहन गुड्डी का नाम ले के गरियाती ,
" चोद स्साले , चोद गुड्डी के भंडुए , तेरी बहन को खूब चुदवाउंगी , पक्की चुदवासी , चुदक्कड़ बन जायेगी जब तक तू बनारस से लौटेगा , चोद स्साले देखतीं हूँ कितनी ताकत है ,... "
गाली सुन के अनुज दूने जोश से , दस पन्दरह मिनट तक लगातार बिना रुके , और वो और कम्मो भाभी साथ साथ झड़े "
कटोरी भर सफ़ेद मलाई , गाढ़ी थक्केदार ,
और जब अनुज उठ के उन के बगल में बैठा , तो कम्मो ने अपनी जाँघों के बीच बह रहे सफ़ेद रंग को ऊँगली में लपेट कर , अनुज के होंठ पर ,
" चाट ले स्साले तेरा माल है , .... "
और बात उन्होंने आगे बात बढ़ाई , तो ये रहा दूसरा स्टेप ,
पहली चुदाई में ही लड़की हो या औरत , पागल बना दे , तेरी गुलाम हो जाए , और हां कभी एक बार चोद कर मत छोड़ना , चाहे लड़की हो या औरत , उसके मन में कई बार ये अहसास हो जाता है , की गलत हुआ , आगे से नहीं करवाउंगी , और अगर कुछ देर रुक के उसे दुबारा चोद देगा न तो बस वो अहसास कभी नहीं होगा , उसके मन में खाली मजे का अहसास बचेगा , और हाँ लड़की हो या औरत पहले उसे झड़ना चाहिए , खास तौर से गुड्डो की मम्मी को , एक दो बार कम से कम उसे झाड़ के झड़ोगे न तो एकदम दीवानी हो जायेगी , खुद तो देगी ही औरों की दिलवाएगी , लेकिन रुक यार , कुछ खाने को लाती हूँ , दो बार तेरी टंकी खाली हो गयी ,
कम्मो भौजी स्टोर से थाली भर कर गुझिया , नमकीन समोसे , और दो बड़े ग्लासों में ठंडाई भर के लायीं और उन की ज्ञान गंगा चालू हो गयी