17-02-2021, 06:12 PM
(This post was last modified: 11-10-2021, 09:13 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जेठानी
जेठानी जी का मुंह जैसे लटका था मैंने सोचा थोड़ी देर,...
और उनके पास जा के मैं बैठ गयी और फिर वही जो उनकी पुरानी आदत थी , ज्ञान गंगा बहने लगी।
" तुम कुछ करने के पहले सोचा करो न , ये गुड्डी को क्या बोल रही थी , तू उसे अपने साथ ले जाओगी और वहां अपने साथ रखोगी। "
"दीदी अब तो गुड्डी के घर वालों पर डिपेंड करेगा , फिर उसका ऐडमिशन हो जाए तब ,... " मैं धीमे से बहुत आदरपूर्वक बोली।
" लेकिन ये नहीं सोचा की कहीं तेरे वो , और गुड्डी का उनसे तो पहले ही ,... " वो मुझे कोंचती बोली ,लेकिन मैं चुप रही।
मन तो कह रहा था साफ़ साफ़ बता दूँ की उसे चुदवाने ले जा रही हूँ और उसकी सील तो उसके भैय्या से ही तुड़वानी है पर ,
" ये नहीं सोचा की भूस और आग एक साथ रहें तो क्या होगा , मरद की जात और तेरी ननद को जोबन भी जबरदस्त आया है , मुश्किल हो जायेगा तुझे उन्हें रोकना , मैं बता देती हूँ। " उन्होंने फिर ज्ञान दिया और बोला कोशिश करो की ये प्रोग्राम कैंसिल हो जाये। "
मुझसे नहीं रहा गया , मैं बोल ही उठी ,
"दीदी आपने देखा ही न ,वो बेचारी कित्ता कोचिंग के लिए बेताब थी और सच में एक बार उसका मेडिकल में हो जाय तो ,.... "
"चाहने से सब मिलता है क्या , फिर इस शहर में लड़कियां नहीं है क्या , जो आगे नहीं पढ़ती क्या वो लड़कियां लड़कियां नहीं होता। अरे दो चार साल शादी हो जायेगी ,बच्चे पैदा करेगी ,... तुम तो खुद ही पढ़ी लिखी हो समझ जाओ। जेठानी जी की शिक्षा चालू थी।
मैंने मन मारके बोला ,दीदी आपकी बात सही है अभी तो कुछ पक्का भी नहीं है। आपकी बात की तो मैं हरदम रिस्पेक्ट करती हूँ।
इत्ता उपदेश देने से कुछ उनका मन ठीक हुआ ,बोलीं मैं जानती नहीं क्या तुझे , इस घर के जित्ते संस्कार है उसे तुम अच्छी तरह से माना है। "
" अच्छा दी चलती हूँ ऊपर ज़रा कुछ काम है बस थोड़ी देर में आती हूँ ,तब तक आपके देवर भी आ जाएंगे। "
लेकिन ऊपर चलने के पहले एक बात कहना मैं नहीं भूली ,
" दी ,आपके देवर पे मझे पूरा भरोसा है और शादी के दिन से ही ,जैसे कहते हैं हाथी घूमे गाँव गाँव , जिसका हाथ उसका नाम। तो बस वही हालत मर्दों की होती है , जितना लगाम लगाओ न उत्ते ज्यादा उछलते हैं खूंटा तुड़ाने की कोशिश करते हैं ,लेकिन अगर थोड़ा बहुत इधर उधर मुंह मार भी लेते हैं न तो उससे कुछ नहीं होता , वो मेरे हैं , मेरे ही रहेंगे। "
और ऊपर पहुंचते ही एक जबरस्त मेसेज आया , लिखा कुछ नहीं थी बस स्माइलीज ,लेकिन बात सारी उसने कह दी।
हग्स ,किसेज और लव एक नहीं ढेर सारे।
भेजने वाली और कौन मेरी प्यारी छिनार ननद गुड्डी।
मैंने भी ढेर सारे हग्स और किसेज भेज दिए। मतलब तीर निशाने पर लगा ,गुड्डी हमारे साथ चलेगी ,
जेठानी जी का मुंह जैसे लटका था मैंने सोचा थोड़ी देर,...
और उनके पास जा के मैं बैठ गयी और फिर वही जो उनकी पुरानी आदत थी , ज्ञान गंगा बहने लगी।
" तुम कुछ करने के पहले सोचा करो न , ये गुड्डी को क्या बोल रही थी , तू उसे अपने साथ ले जाओगी और वहां अपने साथ रखोगी। "
"दीदी अब तो गुड्डी के घर वालों पर डिपेंड करेगा , फिर उसका ऐडमिशन हो जाए तब ,... " मैं धीमे से बहुत आदरपूर्वक बोली।
" लेकिन ये नहीं सोचा की कहीं तेरे वो , और गुड्डी का उनसे तो पहले ही ,... " वो मुझे कोंचती बोली ,लेकिन मैं चुप रही।
मन तो कह रहा था साफ़ साफ़ बता दूँ की उसे चुदवाने ले जा रही हूँ और उसकी सील तो उसके भैय्या से ही तुड़वानी है पर ,
" ये नहीं सोचा की भूस और आग एक साथ रहें तो क्या होगा , मरद की जात और तेरी ननद को जोबन भी जबरदस्त आया है , मुश्किल हो जायेगा तुझे उन्हें रोकना , मैं बता देती हूँ। " उन्होंने फिर ज्ञान दिया और बोला कोशिश करो की ये प्रोग्राम कैंसिल हो जाये। "
मुझसे नहीं रहा गया , मैं बोल ही उठी ,
"दीदी आपने देखा ही न ,वो बेचारी कित्ता कोचिंग के लिए बेताब थी और सच में एक बार उसका मेडिकल में हो जाय तो ,.... "
"चाहने से सब मिलता है क्या , फिर इस शहर में लड़कियां नहीं है क्या , जो आगे नहीं पढ़ती क्या वो लड़कियां लड़कियां नहीं होता। अरे दो चार साल शादी हो जायेगी ,बच्चे पैदा करेगी ,... तुम तो खुद ही पढ़ी लिखी हो समझ जाओ। जेठानी जी की शिक्षा चालू थी।
मैंने मन मारके बोला ,दीदी आपकी बात सही है अभी तो कुछ पक्का भी नहीं है। आपकी बात की तो मैं हरदम रिस्पेक्ट करती हूँ।
इत्ता उपदेश देने से कुछ उनका मन ठीक हुआ ,बोलीं मैं जानती नहीं क्या तुझे , इस घर के जित्ते संस्कार है उसे तुम अच्छी तरह से माना है। "
" अच्छा दी चलती हूँ ऊपर ज़रा कुछ काम है बस थोड़ी देर में आती हूँ ,तब तक आपके देवर भी आ जाएंगे। "
लेकिन ऊपर चलने के पहले एक बात कहना मैं नहीं भूली ,
" दी ,आपके देवर पे मझे पूरा भरोसा है और शादी के दिन से ही ,जैसे कहते हैं हाथी घूमे गाँव गाँव , जिसका हाथ उसका नाम। तो बस वही हालत मर्दों की होती है , जितना लगाम लगाओ न उत्ते ज्यादा उछलते हैं खूंटा तुड़ाने की कोशिश करते हैं ,लेकिन अगर थोड़ा बहुत इधर उधर मुंह मार भी लेते हैं न तो उससे कुछ नहीं होता , वो मेरे हैं , मेरे ही रहेंगे। "
और ऊपर पहुंचते ही एक जबरस्त मेसेज आया , लिखा कुछ नहीं थी बस स्माइलीज ,लेकिन बात सारी उसने कह दी।
हग्स ,किसेज और लव एक नहीं ढेर सारे।
भेजने वाली और कौन मेरी प्यारी छिनार ननद गुड्डी।
मैंने भी ढेर सारे हग्स और किसेज भेज दिए। मतलब तीर निशाने पर लगा ,गुड्डी हमारे साथ चलेगी ,