Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 2.64 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery My best HOT Story's
#19
क्यूंकि मुझे सफर की थकान थी तो मैं भी फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चला गया और मॉम की चुदाई को सोच सोच कर मुठ मारी और जैसे ही बिस्तर पर गिरा, बेखबर होकर सो गया. मैं अभी सो ही रहा था कि अचानक मैंने मेरे सर पर किसी का हाथ महसूस किया. नींद के मारे मेरी आँखें खोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी. जैसे तैसे मैंने अपनी आँखें खोलीं, तो देखा कि मॉम मेरे बेड पे बैठी हैं और मुस्कुराते हुए मेरे सर पे अपना हाथ फेर रही हैं. मॉम को देखते ही सुबह की सारी घटना मेरी नजरों के सामने घूमने लगी. मॉम की वो बोल्डनेस.. वो होंठ भींच भींच कर चुदाई करवाना वगैरह वगैरह.. मेरे दिमाग में ये सब घूमने लगा.

मॉम- अरे सोनू उठ गया बेटा.. तू कब आया, तूने आने की कोई खबर भी नहीं दी.
मैं अभी भी सुबह की घटनाओं में ही डूबा हुआ था और मॉम मुझसे सवाल पूछ रही थीं.

तभी मॉम ने मुझे हिलाया- क्या हुआ सोनू कहाँ खोया है? मैं तुझसे ही बात कर रही हूँ.
मॉम मुस्कुरा कर मेरी तरफ देख रही थीं. मैंने घड़ी की तरफ देखा. दोपहर के 2.30 बज चुके थे. मैं उठ कर बैठ गया- अरे मॉम, आप आ गईं कॉलेज से.
यह कहकर मैंने मॉम को हग किया.
मॉम- हाँ मैं तो आ गई, पर तूने आने की कोई खबर क्यों नहीं दी?
मैं- मॉम मैं आप लोग को सरप्राइज देना चाहता था.
मॉम को क्या पता था कि मुझे कितना बड़ा सरप्राइज़ मिल गया. मैं कहकर बेड से उठ गया.

मॉम ने कहा- चल फ्रेश हो जा मैंने खाना लगवा दिया है. जल्दी से फ्रेश होकर नीचे आ जा.

अब मेरा मॉम को देखने का नजरिया ही बदल गया था. कभी उनका कराहता हुआ, चिल्लाता हुआ चेहरा मुझे याद आता. कभी उनकी ज़ुबान से निकले हुए ‘फ़क मी.. फ़क मी..’ की आवाज़ कान में गूंजती. कभी मैं मॉम के मम्मों को निहारता, तो कभी मॉम की गांड को देखता. मेरे लिए सब कुछ बदल गया था.

खैर.. ये सब उधेड़बुन मेरे दिमाग में चलती रही और मैं फ्रेश होकर नीचे खाने के लिए चला गया.

नीचे डाइनिंग टेबल पर मॉम और नवीन खाना लगा रहे थे. सब कुछ इतना सामान्य लग रहा था, जैसे कि सुबह इन दोनों के बीच कुछ हुआ ही न हो. नवीन एक आज्ञाकारी नौकर की तरह सर झुका सब काम कर रहा था. नवीन को देख कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि सुबह यही आदमी उसी के सामने खड़ी मेरी मॉम को कुतिया की तरह गलियां दे दे के चोद रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे आज ही मेरा जन्म हुआ हो और मैं इस घर की अन्दर की दुनिया को समझने की कोशिश कर रहा हूँ. बहरहाल मैं भी सामान्य बर्ताव करने लगा. मैंने और मॉम ने खाना खाया और बहुत सारी बातें की.

इसके बाद दिन सामान्य दिनों की तरह गुजरने लगे. मैं मॉम और नवीन पर कड़ी नज़र रखने लगा था. उसी बीच पापा भी वापस आ गए. पापा के आने के दो दिन बाद ही दीदी भी अपनी कॉलेज की ट्रेनिंग से वापस आ गईं. दीदी को देख कर तो मेरी आँख फटी की फटी रह गईं.

ओ माय गॉड.. बला का फिगर हो गया है दीदी का. जिस दिन दीदी आईं, उसने जीन्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी. दीदी के चूचे टी-शर्ट की वजह से और भी ज्यादा उभर कर दिख रहे थे. उनके चूचे पहले से भी बड़े लग रहे थे. पहले दीदी की ब्रा का साइज 40 डी था, मुझे लगता है, अब बढ़ गया होगा क्यूंकि दीदी पैडेड ब्रा पहनती हैं, इसलिए उनके चूचे और भी ज्यादा राउंड मेलॉन्स की तरह दिखते हैं. दीदी की गांड तो दीदी की बॉडी से बहुत बाहर निकली हुई थी, ऐसा लग रहा था, जैसे पीछे से अलग से एक्स्ट्रा चूतड़ लगवाए हों.

खैर अब सब लोग घर पर ही थे. दीदी की भी अभी कुछ दिन छुट्टियां थीं. अब नवीन और मॉम को मिलने का मौका भी नहीं मिलता था.

फिर एक दिन जब हम सब डिनर कर रहे थे. तभी नवीन किचन से आया और पापा के पास आकर बोला- मालिक हमारे घर से फोन आवा रहा. हमारी लुगाई की तबियत ठीक नहीं है, ऊ हमको बुलाये हैं.

ये सुनते ही मॉम तेज़ आवाज़ से बोल पड़ीं- क्या??
हम सब मॉम की तरफ देखने लगे. जैसे कि इतनी जोर से बोलने जैसा क्या हो गया. तभी मॉम ने लड़खडाते शब्दों में कहा- मम..मेरा मतलब है तुम अचानक चले जाओगे तो घर में कामकाज की दिक्कत हो जाएगी.
यह कहकर मॉम खामोश हो गईं और सब लोग सामान्य होकर अपना अपना खाना खाने खाने लगे.

थोड़ी देर कुछ सोचने के बाद पापा ने कहा- ठीक है दो दिन बाद चले जाना.

यह सुन कर नवीन ख़ुशी ख़ुशी वापस किचन में चला गया. मॉम के चेहरे का रंग फीका पड़ गया था.

मैं मन ही मन सोच रहा था कि मॉम नवीन के जाने की खबर सुन कर शॉक हो गई हैं. मैं ये भी सोच रहा था कि नवीन के जाने से पहले मॉम उससे ज़रूर मिलेंगी. अब मैं उन पर और कड़ी नज़र रखने लगा.

दिन में तो घर पर ही होता था तो सब पता रहता था. रात में जागना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था. तभी मेरे शैतानी दिमाग ने करवट बदली. मैं मार्किट गया और वहां से एक स्पाई कैमरा खरीद कर ले आया. जिसके साथ ऑडियो भी रिकॉर्ड हो जाता था. अब मेरी रात की प्रॉब्लम भी हल हो गई थी.

मैंने उसको किचन में ऐसी जगह छुपा कर फिट कर दिया, जहाँ से किचन का पूरा नज़ारा दिखाई दे सके. क्यूंकि नवीन किचन में ही सोता था.. तो मुझे यकीन था कि मॉम नवीन से किचन में ही मिलने आएंगी.. क्यूंकि घर में उनके मिलने की और दूसरी कोई जगह मुनासिब नहीं थी.

बहरहाल दो दिन बीत गए. आज नवीन के जाने का दिन था. आज उसकी कानपुर स्टेशन से दस बजे की गाड़ी थी. मैं भी आज जल्दी उठ गया था. दीदी के अलावा घर के और लोग भी जाग रहे थे जबकि दीदी सो रही थीं. पापा ऑफिस के लिए तैयार हो रहे थे और मॉम कॉलेज के लिए तैयार हो रही थीं.

पापा ने मुझसे कहा कि मैं नवीन को स्टेशन छोड़ दूँ और उसके टिकट की व्यवस्था कर दूँ.
मैंने पापा को हाँ बोल दिया.

पर मेरा पूरा ध्यान कैमरे की तरफ था. क्यूंकि मॉम डैड जग रहे थे तो मैं कैमरा नहीं निकाल सका. देखते ही देखते आठ बज गए. मॉम डैड अपने अपने काम पे निकल गए और मैं भी नवीन को लेकर स्टेशन निकल गया. मैं नवीन को स्टेशन छोड़ कर वापस आया इस सब में करीब दो घंटे लग गए.

घर आते ही मैं पहले सीधा किचन में गया.. कैमरा जहाँ लगाया हुआ था, वहीं लगा था.. किसी ने उसे नहीं देखा था. मैंने कैमरा निकाला और फोरन अपने रूम में आ गया. अपना लैपटॉप निकाल कर कैमरा अटैच किया और वीडियो सर्च करने लगा. सारी रिकॉर्डिंग फ़ास्ट फॉरवर्ड करके देखने लगा. आखिर मुझे वो मिल ही गया, जिसके लिए मैंने इतना सब जतन किया था. मेरी मेहनत रंग लाई.. वीडियो मिल गया. मैंने वीडियो प्ले किया.

रात के करीब डेढ़ बज रहे थे, नवीन किचन में ज़मीन पर लुंगी और कुर्ते में सो रहा था. पूरे कमरे में सन्नाटा था. आउटडोर लाइट्स जल रही थीं, जिससे किचन के अन्दर का सारा नज़ारा साफ साफ दिखाई दे रहा था. करीब दस मिनट बाद कमरे की ख़ामोशी को भंग करते हुए किचन के दरवाज़े की खुलने की आवाज़ आई. कैमरे के एंगल में डोर भी दिखाई दे रहा था.
वो मॉम ही थीं. मॉम ने सफ़ेद रंग का स्लीपिंग गाउन पहना हुआ था. होटों पर रेड लिस्टिक थी, जोकि मॉम हमेशा लगाए रहती हैं.. और बालों को पोनी टेल बनाया हुआ था.

मॉम ने आहिस्ते से किचन का दरवाज़ा वापस बंद कर दिया और अन्दर से कुण्डी लगा दी ताकि कोई अचानक से आ न जाए. मॉम दबे पांव चलते हुए नवीन की तरफ बढ़ने लगीं, नवीन बिलकुल बेखबर खर्राटे लेता हुआ सो रहा था.

मॉम चलते हुए नवीन के पैरों के पास पहुंच गईं. नवीन अभी भी बेखबर सो रहा था. मॉम नवीन को देख कर मुस्कुराने लगीं और अपने गाउन की डोरी को खोल कर उसे ढीला कर दिया. अब मॉम का गाउन बीच से खुल गया था और गाउन के अन्दर तक दिखाई देने लगा. जिसे देख कर मेरा लंड झटके से खड़ा हो गया.

ओ माय गॉड.. मॉम ने ब्लैक कलर की जाली दार ब्रा, ब्लैक पेंटी एंड उसके ऊपर सनी लियोनी जैसे पेंटीहोज पहनी हुई थी. मॉम के चुचे काली जालीदार ब्रा में एकम कसे हुए थे. उन जालियों से मॉम के गोरे गोरे चुचे झलक रहे थे.. और पैंटीहोज़ में तो मॉम क़यामत लग रही थीं. कॉलेज की एक सीधी साधी सी दिखने वाली प्रिंसिपल के पीछे इतनी सेक्सी औरत छुपी है, मुझे पता नहीं था.

मॉम ज़मीन पर बैठ अपने पैर के दोनों पजों के बल बैठ गईं, जिससे मॉम की चुत फ़ैल गईं जोकि पेंटी के ऊपर से भी साफ दिखाई दे रही थी. मॉम नवीन के पैर को हिला कर जगाने लगीं. नवीन खर्राटे लेकर सो रहा था. मॉम के दो तीन बार हिलाने पर भी नवीन नहीं उठा. तो मॉम अपने घुटनों को ज़मीन पर रखकर नवीन के ऊपर झुक गईं और अपने दोनों हाथों से नवीन की लुंगी.. जो कि बीच से सिली हुई नहीं थी, खोल दी.

अब नवीन के नीचे का बदन नंगा हो गया था. नवीन अब भी बेखबर सो रहा था. उसका मुरझाया हुआ लंड भी उसी की तरह सो रहा था. मॉम अपने दोनों हाथ ज़मीन पर रख कर नवीन के ऊपर घोड़ी की तरह झुक गईं, जिससे नवीन का लंड बिलकुल मॉम के मुँह के सामने आ गया था. मॉम अपना मुँह लंड के करीब ले गईं और उसी अवस्था में नवीन के मुरझाये हुए लंड को जीभ निकाल निकल कर चाटने लगीं.

नवीन अभी भी बेखबर सोया हुआ था. मॉम ने चाट चाट कर नवीन का लंड पूरा गीला कर दिया था. फिर मॉम ने अपना मुँह नवीन के लंड की नोक पर लगाया और एक सिप खींचा. नवीन का दो इंच का मुरझाया हूँ लंड सुप.. की आवाज़ के साथ मॉम के मुँह में घुस कर गायब हो गया.

मॉम उसके मुरझाये हुए लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. अब नवीन का लंड आहिस्ता आहिस्ता टाइट होने लगा था. नवीन भी नींद से जग गया था; उसने सर उठा के देखा तो मॉम उसका लंड चूस रही थीं.

मॉम भी आँख उठा कर नवीन की ओर देख कर मुस्कुराने लगीं. नवीन ने आह की आवाज़ के साथ दोबारा अपना सर तकिये पर रख दिया. लंड अब पूरी तरह से फूल कर तन चुका था और मॉम सप सप करके लंड को चूसे जा रही थीं; नवीन भी ‘आह आह..’ कर रहा था. फिर नवीन ने अपने हाथ से मॉम का सर पकड़ लिया और अपने लंड पे ऊपर नीचे करने लगा.

करीब सात आठ मिनट लंड चूसने के बाद मॉम लंड को मुँह से बाहर निकल कर घुटने के बल खड़ी हो गईं और उसी तरह से चल कर नवीन के लंड के ऊपर आ गईं. लंड के सामने आकर मॉम ने अपने दोनों घुटने भी हवा में उठा लिए और पैर के पंजों के बल बैठ गईं.

अब मॉम की चुत बिलकुल नवीन के लंड के सीध में थी और इस तरह बैठने से मॉम की चुत ने अपना मुँह भी खोल दिया था. मॉम ने झट से अपने एक हाथ से अपनी पैंटी चुत से एक साइड खिसका दी और एक हाथ से थोड़ा सा थूक अपने मुँह से निकाल कर अपनी चुत के अन्दर लगा दिया. फिर नवीन का लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर सैट कर दिया. मॉम ने जैसे ही नवीन के लंड पे थोड़ा सा दबाव दिया. लंड गप की आवाज़ के साथ सीधा मॉम की चुत में घुस गया. मॉम और नवीन दोनों की आह निकल गई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… दोनों ही कराहने लगे. मॉम ने अपने दोनों हाथों से अपने चुचे दबोच लिए.

थोड़ी देर में मॉम अपनी चुत को लंड पर आहिस्ता आहिस्ता ऊपर नीचे करने लगीं. मॉम जब ऊपर उठतीं तो नवीन का लंड पूरा दिखने लगता. मॉम जब बैठतीं तो नवीन का लंड चुत में समां कर गायब हो जाता. कुछ देर इसी तरह ऊपर नीचे करने के बाद.. मॉम ने अपनी गति को तेज़ कर दिया और तेज़ तेज़ नवीन के लंड पर उछलने लगीं.

इसी बीच नवीन ने अपने हाथ बढ़ा कर मॉम के चूचों को पकड़ने की कोशिश कर रहा था. तभी मॉम ने अपने हाथ से अपने मम्मों को ब्रा के बाहर निकाल दिए. नवीन बीच बीच मॉम के मम्मों को पकड़ लेता तो मम्मे मचलने बंद हो जाते और नवीन के हाथों में पिसने लगते. जब नवीन मॉम के मम्मों को नहीं पकड़ता तो मॉम के चुचे मॉम के साथ साथ उछलने लगते.

मॉम तेज़ तेज़ सीत्कारें लेते हुए अपने आप को खुद ही चोद रही थीं ‘आह आह आह.. उह उह.. ओ माय गॉड.. ओह्ह..’
मॉम अपनी कामुक आवाजों में नवीन को बड़बड़ाए जा रही थीं ‘घर क्यों जा रहा है कमीने.. आह.. आह. मेरी चुत में मज़ा नहीं आ रहा है, जो अपनी औरत को चोदने जा रहा है हरामी..’

नवीन कराहते हुए- आह… नहीं मालकिन. आपको चोदना तो किसी अप्सरा को चोदने से कम नहीं. मैं तो सपने में भी कभी आप जैसी औरत नहीं चोद सकता था. वो असल में हमारी लुगाई को बच्चा होने वाला है. इसी लिए जाना पड़ेगा.
मॉम- कमीने गाँव में अपनी बीवी को चोदता है. यहाँ मुझे चोदता है.. हरामी कहीं के.. ले चोद.. ले चोद.. आह आह.. मैं गई..

ऊई ओह.. कहकर मॉम नवीन के लंड पे एकदम से बैठ गईं और अपनी चुत को नवीन का लंड डाले हुए ही आगे पीछे होकर चूत को लंड पर घिसने लगीं.
नवीन भी कराहने लगा- आह.. हम भी गए मालकिन.. आह आह.. हमारा भी छूटने वाला है.. ओह ओह.. आह..
कहकर नवीन झटके लेने लगा.

मॉम ने भी नवीन की कमीज को मुठ्ठी से पकड़ लिया. दोनों एक साथ ही झड़ने लगे. करीब दो मिनट तक नवीन मॉम की चुत में अपना माल गिराता रहा. थोड़ी देर मॉम ऐसे ही नवीन के लंड पे बैठी रहीं.

फिर मॉम ने अपने घुटने हवा में उठा लिए और अपने पैर के पंजों के बल बैठ के अपनी चुत को देखने लगीं. नवीन भी मॉम की चुत की तरफ देखने लगा. मॉम आहिस्ता आहिस्ता ऊपर उठने लगीं. थोड़ा ऊपर उठते ही नवीन का लंड पुक करके चुत से बाहर निकल गया. साथ ही नवीन के लंड का पानी भी चुत से निकल कर नवीन के लंड पर गिर गया. मॉम वहीं साइड में ज़मीन पे लुढ़क कर लेट गईं और हांफने लगीं. नवीन और मॉम दोनों हांफ रहे थे.

किचन में ख़ामोशी फ़ैल गई. कुछ देर तक दोनों खामोश ज़मीन पर पड़े रहे. थोड़ी देर में मॉम नवीन की तरफ मुड़ीं.

मॉम- गांव जाने के लिए बहुत खुश है तू??
नवीन- नहीं ऐसी बात नहीं है मालकिन.. लेकिन हमारा वहां रहना ज़रूरी है.
मॉम धीमे स्वर में ‘हम्म..’ बोल कर चुप हो गईं

नवीन- मालकिन, आप इतना बिंदास वीर्य चुत के अन्दर करवाती हैं, कभी आप को बच्चा हो गया तो?
मॉम सुन कर हंसने लगीं और बोलीं- सुन अभी चार महीने पहले मैं तेरे लंड से प्रेग्नेंट हो गई थी. पर वक़्त से पहले ही मैंने सही करा लिया.
ये सुन कर नवीन की आंखें फटी की फटी रह गईं.

मॉम- मुझे अपनी चुत में अन्दर ही गरम वीर्य गिरवाना अच्छा लगता है.
नवीन कुछ नहीं बोला.

फिर अचानक से मॉम गुस्से के स्वर में बोलीं- वैसे तू आज कल बहुत बढ़ गया है.. उस दिन मुझे गालियां क्यों बक रहा था?
नवीन- हम आपको गालियां नहीं देना चाहते थे. वो बस अनजाने में निकल गईं. वो असल में मैं अपनी लुगाई को ऐसे ही गन्दी गन्दी गलियां दे दे के चोदता हूँ.. तो बस उसी मस्ती में आपके लिए भी गालियां निकल गईं.. हमें माफ़ कर दीजिये.

मॉम हंसने लगीं- अच्छा तो तू अपनी औरत को गालियां देकर चोदता है.. और क्या करता है?
नवीन- और कुछ नहीं मालकिन. वहां कुछ काम तो होता नहीं है, तो दिन भर बस जब टाइम मिलता है उसी को चोदते रहते हैं. पर उसकी बुर आपकी तरह सुन्दर नहीं है.
मॉम ने इतराते हुए कहा- बस कर बस कर..

इतना कहकर मॉम नवीन के पास सरक कर आ गईं. मॉम नवीन का लंड हाथ से पकड़ कर हिलाने लगीं और बोलीं- उस दिन तू मुझे गलियां दे रहा था, मुझे बहुत मज़ा आया. चल दिखा ज़रा तू अपनी जोरू को कैसे चोदता है.

ये कह कर मॉम नवीन को किस करने लगीं और दूसरी तरफ नवीन के लंड को हिला हिला कर खड़ा कर रही थीं. तभी नवीन ने अपने हाथ से मॉम के चुचे पकड़ लिए और मसलने लगा.
उसके चूचे मसलने से मॉम कराहने लगीं और बोलीं- आह धीरे धीरे नवीन.
तभी नवीन थोड़ा तेज़ स्वर में बोला- चुप साली.. मुँह बंद कर..

ये कह कर नवीन झट से मॉम के चुचों को मुँह में भर के दशहरी आम की तरह चूसने लगा.
मॉम ज़ोर ज़ोर से सीत्कारने लगीं- आह ओह.. उफ़ उफ़.. खा जाएगा क्या कमीने..

इसी तरह करीब दस मिनट चूची चुसाई का खेल चलता रहा. फिर नवीन ने मॉम की पोनी टेल को मुठ्ठी में पकड़ लिया और उठ कर खड़ा हो गया. वो बोला- चल रंडी कहीं की.. साली आज तुझे रंडी की तरह चोद कर दिखाते हैं.
यह कहकर नवीन ने मॉम को खड़ा कर दिया. उसने अगले ही पल मॉम की पैंटी खींच कर निकाल दी और मॉम को उठा कर किचन के काउंटर पे बिठा कर चुचों को दोबारा चूसने लगा.

अब नवीन अपना एक हाथ मॉम की चुत पर ले जाकर मॉम की चुत को मसलने लगा. थोड़ी देर आराम आराम से मॉम की चुत मसलने के बाद नवीन ने अपनी तीन उंगलियां एक साथ मॉम की चुत में घुसा दीं.. जिससे मॉम एकदम से थर्रा उठीं.. और एक ज़ोर की आह की आवाज़ उसके मुँह से निकली.

नवीन मॉम के चुचों को बहुत कस कस कर चूस रहा था. थोड़ी ही देर में मॉम की चुत भी पानी पानी हो गई थी. नवीन अपनी उंगलियों से मॉम को चोदे जा रहा था. जैसे जैसे नवीन उंगलियां चोद रहा था. वैसे वैसे मॉम को गालियां भी बक रहा था.

नवीन- साली छिनाल कहीं की.. रंडी.. बहुत खुजलाती है तेरी बुर.. मादरचोदी आज दिखाता हूँ तुझे.. साली बहन की लौड़ी.
यह कहते हुए नवीन तेज़ तेज़ अपनी उंगलिया मॉम की चुत में पेलने लगा. मॉम की चुत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि फच फच की आवाज़ आने लगी थी. वहां मॉम अपना मुँह खोले ‘आह आह..’ चिल्ला रही थीं.

तभी अचानक ही मॉम ने नवीन का सर पकड़ लिया और नवीन का सर ले जाकर अपनी चुत पर रख दिया और उम्म्ह… अहह… हय… याह… करके चिल्लाने लगीं.

मैंने देखा कि मॉम नवीन के मुँह में मूत रही थीं. मॉम की चुत से गोल्डन फव्वारा निकल कर नवीन के मुँह में जा रहा था. नवीन भी गट गट करके मॉम का मूत पिए जा रहा था.
मॉम नवीन के बालों को मुठ्ठी में पकड़ कर ‘आह आह.. किए जा रही थीं.

जब मॉम की मूत की धार थोड़ी कम हुई तो मॉम ने नवीन का सर अपनी चुत पर दबा लिया. जिससे मॉम का मूत सीधा नवीन के मुँह में जा रहा था. नवीन मॉम का पूरा मूत पी गया.

नवीन चटखारे लेता हुआ बोला- मज़ा आ गया मालकिन.. आपके मूत का स्वाद अद्भुत है.
मॉम- हम्म.. मैंने सोचा जाते जाते इनाम दे देती हूँ.
यह कह कर मॉम हंसने लगीं.

‘हाँ…’ में सर हिलाकर नवीन मॉम की चुत चाटने लगा.

मॉम के मुँह से ज़ोर का ‘ओह..’ निकला और मॉम ने अपने पैर हवा में फैलाकर अपनी आँखें बंद कर लीं और ‘ऊह आह..’ करके कामुक सिसकारियां लेने लगीं. मॉम के दोनों हाथ नवीन के सर पर थे. मॉम अपनी उंगलियों को नवीन के बालों में घुमा रही थीं. कभी कभी उसके बालों को मुठ्ठी में पकड़ कर अपनी चुत पे दबा देती थीं.

कुछ देर तक चुत चटवाने के बाद मॉम कराहते हुए बोलीं- आह.. छोड़ दे न.. अब चुत ही चाटता रहेगा या कुछ और भी करेगा.. ओह ओह..
यह सुन कर नवीन खड़ा हुआ और उसने अपनी लुंगी निकाल कर फेंक दी. नवीन का लंड एकदम से खड़ा था और मॉम की चुत भी पूरी गीली हुई पड़ी थी. तभी नवीन ने अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर मॉम की चुत पर टिकाया और एक ही झटके में पूरा लंड मॉम की चुत में घुसा दिया. मॉम एकदम से दबी आवाज में चिल्ला उठीं.
तभी नवीन ने अपना एक हाथ मॉम के मुँह पर रख कर मुँह बंद कर दिया- चुप छिनाल.. जगाएगी क्या कुतिया सबको..

दर्द से मॉम की आंखें बड़ी हो गई थीं. नवीन ने मुँह पे से हाथ हटाया और मॉम की गर्दन दोनों हाथों से पकड़ कर मॉम को चोदने लगा. मॉम उत्तेजना से चिल्लाये जा रही थीं- ओह ओह आह आह.. हाँ हाँ.. चोद चोद.. दिखा कितना दम है तेरे लंड में हरामी..

मॉम के उकसाने पर नवीन और तेज़ तेज़ चोदने लगा था और गालियां बके जा रहा था- चुप रंडी कहीं की.. भैन की लौड़ी.. चुदवा चुदवा कर भोसड़ा बना लिया है. अभी भी तेरी आग नहीं बुझ रही.. कितना और चुदवायेगी तू?
मॉम- हाँ कमीने.. जा तेरे बाप से पूछ.. दिखा तेरे अन्दर कितना दम है, अगर तू अपने बाप की औलाद है तो अपना दम दिखा.

यह सुन कर नवीन पे मानो शैतान सवार हो गया और एकदम से कस कस कर मॉम को चोदने लगा. मॉम ने भी एकदम से पैरों को हवा में ही मोड़ लिया, जिससे मॉम की चुत एकदम बाहर निकल आई.

मॉम मस्ती में कराह रही थीं- आह आह आह.. फ़क मी बास्टर्ड.. फ़क मी हार्ड.. ये कहकर मॉम अपने दोनों हाथ से नवीन की गांड पकड़ कर तेज़ तेज़ उसे अपनी तरफ धकेल रही थी- यस फ़ास्ट फ़ास्ट फ़ास्ट.. आह.. ओ माय गॉड.. आह..

क़रीब बीस मिनट घमासान चुदाई के बाद मॉम का बदन अकड़ने लगा.. और मॉम के कंठ से झड़ते वक्त जैसी आवाजें आने लगीं- आह.. मैं गई.. आई ओह ओह आह..
ये कहते हुए मॉम झड़ने लगीं.

नवीन अपनी चोदने की स्पीड और तेज़ करते हुए मॉम को चोदे जा रहा था. तभी नवीन का बदन भी अकड़ने लगा- ओह ओह.. मालकिन हम भी झड़ने वाले हैं.. ओह आह..
यह कहते हुए नवीन ने मॉम के चुचों को कस कर पकड़ लिया और तेज़ तेज़ झड़ने लगा.

मॉम ने नवीन की गांड पकड़ कर अपनी चुत पे कसके दबा लिया. जिससे नवीन का लंड मॉम की चुत में एकदम अन्दर तक पानी छोड़ रहा था.

मॉम कराह रही थीं और चिल्लाये जा रही थीं- हाँ हाँ और अन्दर डाल हाँ.. भर दे मेरी चुत को.. हाँ हाँ हाँ और अन्दर तक आह..

ये कहते हुए मॉम और नवीन तेज़ी के साथ झड़ने लगे. करीब दो मिनट तक झड़ने के बाद दोनों सुस्त पड़ गए और इसी अवस्था में दोनों स्थिर पड़े रहे. नवीन इसी तरह अपना लंड मॉम की चुत में घुसाए हुए मॉम के चुचों को चूसने लगा और मॉम आंखें मूंदे हुए उसके बालों में उंगलियां घुमाने लगीं.

थोड़ी देर इसी अवस्था में पड़े रहने के बाद नवीन ने अपना लंड मॉम की चुत से बाहर निकाला.. तो साथ ही में मॉम की चुत से नवीन के लंड का ढेर सारा पानी भी बहने लगा.

लंड बाहर निकाल कर नवीन टॉयलेट की ओर चला गया और मॉम वहीं किचन काउंटर पर ही लेट गईं. नवीन लौट कर आया तो मॉम नीचे उतर चुकी थीं और अपनी ब्रा ठीक करके अपना गाउन पहन रही थीं.

तभी नवीन की आवाज़ आई- मालकिन एक बात पूछें?
मॉम- क्या पूछो??
नवीन- आप पिताजी का नाम क्यों ले रही थीं?
मॉम लड़खड़ाते स्वर में बोलीं- क.क..कुछ नहीं.. बस ऐसे ही निकल गया होगा. तू ज्यादा दिमाग मत चलाया कर.
यह कहते हुए मॉम ने अपने गाउन की डोरी बांधी और दरवाज़े की तरफ जाने लगीं. तभी नवीन ने पीछे से आवाज़ दी

नवीन- मालकिन आपकी चड्डी रह गई.
मॉम- तू रख ले.. ले जाकर अपनी बीवी को दे देना.
नवीन- खाली चड्डी ले जाकर क्या करेंगे मालकिन.

यह सुन कर मॉम हंसने लगीं. मॉम ने अपना गाउन नीचे उठाया अपना हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोला और गाउन के अन्दर से अपनी ब्रा बाहर निकाल कर नवीन की ओर उछाल दिया.
मॉम- ले.. ये भी ले जाके दे देना साथ में…
मॉम हंसने लगीं और दरवाज़ा खोलकर बाहर चली गईं.

नवीन भी अपने कपड़े सही करके अपनी तैयारी में जुट गया.

अब तक मैं भी बेड पे बैठा बैठा मुठ मार चुका था. मैं भी लैपटॉप वगैरह बंद करने लगा और बाकी की ब्लेंक रिकॉर्डिंग फ़ास्ट फॉरवर्ड करने लगा. उसी ब्लेंक रिकॉर्डिंग के बीच कुछ और भी रिकॉर्ड हो गया था. जिसको देख कर मेरे होश उड़ गए और मैं दोबारा मुठ मारने पर मजबूर हो गया.

End
Like Reply


Messages In This Thread
My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:23 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:42 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:57 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 09:55 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:11 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:23 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:37 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:56 PM
RE: My best HOT Story's - by Eswar P - 13-02-2021, 11:01 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 06:57 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:10 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:22 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:34 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 09:12 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 09:42 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 10:12 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 10:19 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 09:47 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 09:57 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 10:09 AM
RE: My best HOT Story's - by vat69addict - 15-02-2021, 01:15 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-10-2024, 10:12 AM
RE: My best HOT Story's - by sri7869 - 16-10-2024, 06:31 AM
RE: My best HOT Story's - by Dgparmar - 26-10-2024, 03:44 AM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)