14-02-2021, 05:19 PM
गुस्सा तो ऐसा आ रहा है की जाकर एक थप्पड़ कस कर गाल पर जमा दू, बेशरम कही का,
अवी- बैठा-बैठा सोचता है, लगता है दीदी मुझ से नाराज़ हो गई है पर मैं भी क्या करू कहा तक मैं छुपाऊ की मैं उसे
कितना चाहता हू वह तो ऐसे समझने को तैयार ही नही है, अब कुछ भी हो जाए मैं दीदी को अपनी बाँहो मे लेकर रहूँगा
मैं उसके बिना नही रह सकता, वह चाहे बुरा माने या अच्छा मैं उससे अपने प्यार का एहसास करा कर रहूँगा, मैं उससे
अभी जाकर साफ कह देता हू कि मैं उससे बहुत प्यार करता हू और मैं उसे अपनी बाँहो मे भर कर बहुत-बहुत प्यार करना
चाहता हू, उसने मुझे पागल कर दिया है, वह दिन रात मेरे दिल को तड़पाती रहती है, उसे क्या पता कि मैं उसको अपनी बाँहो
मे भर कर उसे उपर से नीचे तक चूमने के लिए कितना तड़प रहा हू, फिर वह अपने मन मे सोचता है, नही-नही
मुझे इतनी जल्दिबाजी नही करना चाहिए कही वह मुझसे ज़्यादा नाराज़ हो गई तो मैं उसके बिना कैसे रह पाउन्गा, मैं उसे
नाराज़ नही करना चाहता,
कुछ देर तक अवी वही बैठा रहता है जब उससे नही रहा जाता तो वह उठ कर डिंपल के पास रूम मे आ जाता है और
डिंपल छत की ओर आँखे खोले देखती रहती है और अवी को देख कर अपने मूह को दूसरी ओर घुमा कर करवट ले लेती है
अवी- तोड़ा घबराते हुए, दीदी क्या हुआ तुम ऐसे अचानक क्यो चली आई
डिंपल- उसकी बातो का कोई जवाब नही देती है
अवी- दीदी कुछ बोलती क्यो नही
डिंपल- पलट कर उसकी आँखो मे देख कर क्या है, क्या काम है तुझे मुझसे
अवी- काम तो कुछ भी नही है, पर क्या मैं भी तुम्हारे पास लेट जाउ
डिंपल- उसकी बात सुन कर दूसरी ओर सरक जाती है और अवी मुस्कुराता हुआ उसके पास लेट जाता है और अपना मूह डिंपल की ओर
करके करवट ले लेता है, डिंपल फॅन की ओर देखती हुई सीधी लेटी रहती है
अवी- दीदी इतनी चुप-चुप क्यो हो
डिंपल- उपर देखते हुए, ऐसे ही
अवी- डिंपल का हाथ पकड़ कर इधर देख कर बात करो ना
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए उसकी और गुस्से से देखती हुई बिना छुए बात नही कर सकता क्या
अवी- बैठा-बैठा सोचता है, लगता है दीदी मुझ से नाराज़ हो गई है पर मैं भी क्या करू कहा तक मैं छुपाऊ की मैं उसे
कितना चाहता हू वह तो ऐसे समझने को तैयार ही नही है, अब कुछ भी हो जाए मैं दीदी को अपनी बाँहो मे लेकर रहूँगा
मैं उसके बिना नही रह सकता, वह चाहे बुरा माने या अच्छा मैं उससे अपने प्यार का एहसास करा कर रहूँगा, मैं उससे
अभी जाकर साफ कह देता हू कि मैं उससे बहुत प्यार करता हू और मैं उसे अपनी बाँहो मे भर कर बहुत-बहुत प्यार करना
चाहता हू, उसने मुझे पागल कर दिया है, वह दिन रात मेरे दिल को तड़पाती रहती है, उसे क्या पता कि मैं उसको अपनी बाँहो
मे भर कर उसे उपर से नीचे तक चूमने के लिए कितना तड़प रहा हू, फिर वह अपने मन मे सोचता है, नही-नही
मुझे इतनी जल्दिबाजी नही करना चाहिए कही वह मुझसे ज़्यादा नाराज़ हो गई तो मैं उसके बिना कैसे रह पाउन्गा, मैं उसे
नाराज़ नही करना चाहता,
कुछ देर तक अवी वही बैठा रहता है जब उससे नही रहा जाता तो वह उठ कर डिंपल के पास रूम मे आ जाता है और
डिंपल छत की ओर आँखे खोले देखती रहती है और अवी को देख कर अपने मूह को दूसरी ओर घुमा कर करवट ले लेती है
अवी- तोड़ा घबराते हुए, दीदी क्या हुआ तुम ऐसे अचानक क्यो चली आई
डिंपल- उसकी बातो का कोई जवाब नही देती है
अवी- दीदी कुछ बोलती क्यो नही
डिंपल- पलट कर उसकी आँखो मे देख कर क्या है, क्या काम है तुझे मुझसे
अवी- काम तो कुछ भी नही है, पर क्या मैं भी तुम्हारे पास लेट जाउ
डिंपल- उसकी बात सुन कर दूसरी ओर सरक जाती है और अवी मुस्कुराता हुआ उसके पास लेट जाता है और अपना मूह डिंपल की ओर
करके करवट ले लेता है, डिंपल फॅन की ओर देखती हुई सीधी लेटी रहती है
अवी- दीदी इतनी चुप-चुप क्यो हो
डिंपल- उपर देखते हुए, ऐसे ही
अवी- डिंपल का हाथ पकड़ कर इधर देख कर बात करो ना
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए उसकी और गुस्से से देखती हुई बिना छुए बात नही कर सकता क्या
BaBa Main BaBa cHoDu BaBa....
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......