14-02-2021, 05:15 PM
और फिर स्वीटी अपने घर पहुच जाती है और इधर डिंपल अवी के पास जाकर
डिंपल-क्या बात है अवी और पढ़ाई, देख कर यकीन नही होता
अवी- मुस्कुराता हुआ किताब बंद करके, क्या दीदी तुम भी उस पकाऊ स्वीटी को लेकर आ गई दो घंटे से बोर कर दिया उसने
डिंपल- मुस्कुरा कर क्यो वह तुझे अच्छी नही लगती क्या, पर मेरी तो सबसे खास सहेली है तुझे पता है मुझ पर जान
देती है, मुझसे बहुत प्यार करती है
अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर, मुझसे भी ज़्यादा
डिंपल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, अब मुझे क्या पता तू अपनी दीदी से कितना प्यार करता है
अवी- तो फिर तुम्हे यह कैसे पता कि स्वीटी तुमसे बहुत प्यार करती है
डिंपल- इसलिए कि वह मेरी हर बात मनती है और मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है
अवी- पर दीदी तुमने अपने भाई को अभी तक आजमाया ही कहाँ है
डिंपल- अच्छा, तो तू क्या कर सकता है मेरे लिए
अवी- एक बार कह कर तो देखो अपनी जान भी दे सकता हू
डिंपल- उसको देखती हुई, बहुत बड़ी-बड़ी बाते करने लगा है, चल किताब खोल कर पढ़ाई कर
अवी- अच्छा दीदी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो
डिंपल- कुछ सोच कर अपनी नज़रे इधर उधर मतकाती हुई, पता नही, शायद बहुत
अवी- मुस्कुराते हुए अपने मन मे पर दीदी शायद तुम नही जानती कि मैं तुम्हे कितना चाहने लगा हू, तुम मुझे
बहुत-बहुत अच्छी लगती हो दिल करता है तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर इतना चुमू, इतना चुमू कि तुम मेरे प्यार मे
पागल हो जाओ, फिर अपने मन मे गुस्सा करते हुए, पर पता नही तुम कुछ समझती क्यो नही
डिंपल- अब क्या सोच रहा है अवी चल किताब खोल कर पढ़ाई कर और डिंपल वही बेड पर लेट जाती है और अवी उसको उपर से
नीचे तक देखता है और उसे स्वीटी की बात याद आ जाती है
अवी- दीदी तुम ये रोज-रोज सलवार कमीज़ क्यो पहन लेती हो
डिंपल- उसको देखते हुए, तो और क्या पहनु
अवी- कुछ डिफ़्फरेंट ड्रेस पहना करो ना
डिंपल-क्या बात है अवी और पढ़ाई, देख कर यकीन नही होता
अवी- मुस्कुराता हुआ किताब बंद करके, क्या दीदी तुम भी उस पकाऊ स्वीटी को लेकर आ गई दो घंटे से बोर कर दिया उसने
डिंपल- मुस्कुरा कर क्यो वह तुझे अच्छी नही लगती क्या, पर मेरी तो सबसे खास सहेली है तुझे पता है मुझ पर जान
देती है, मुझसे बहुत प्यार करती है
अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर, मुझसे भी ज़्यादा
डिंपल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, अब मुझे क्या पता तू अपनी दीदी से कितना प्यार करता है
अवी- तो फिर तुम्हे यह कैसे पता कि स्वीटी तुमसे बहुत प्यार करती है
डिंपल- इसलिए कि वह मेरी हर बात मनती है और मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है
अवी- पर दीदी तुमने अपने भाई को अभी तक आजमाया ही कहाँ है
डिंपल- अच्छा, तो तू क्या कर सकता है मेरे लिए
अवी- एक बार कह कर तो देखो अपनी जान भी दे सकता हू
डिंपल- उसको देखती हुई, बहुत बड़ी-बड़ी बाते करने लगा है, चल किताब खोल कर पढ़ाई कर
अवी- अच्छा दीदी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो
डिंपल- कुछ सोच कर अपनी नज़रे इधर उधर मतकाती हुई, पता नही, शायद बहुत
अवी- मुस्कुराते हुए अपने मन मे पर दीदी शायद तुम नही जानती कि मैं तुम्हे कितना चाहने लगा हू, तुम मुझे
बहुत-बहुत अच्छी लगती हो दिल करता है तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर इतना चुमू, इतना चुमू कि तुम मेरे प्यार मे
पागल हो जाओ, फिर अपने मन मे गुस्सा करते हुए, पर पता नही तुम कुछ समझती क्यो नही
डिंपल- अब क्या सोच रहा है अवी चल किताब खोल कर पढ़ाई कर और डिंपल वही बेड पर लेट जाती है और अवी उसको उपर से
नीचे तक देखता है और उसे स्वीटी की बात याद आ जाती है
अवी- दीदी तुम ये रोज-रोज सलवार कमीज़ क्यो पहन लेती हो
डिंपल- उसको देखते हुए, तो और क्या पहनु
अवी- कुछ डिफ़्फरेंट ड्रेस पहना करो ना
BaBa Main BaBa cHoDu BaBa....
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......