14-02-2021, 02:44 PM
(This post was last modified: 10-10-2021, 12:15 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी चली हमारे संग
" पहने तो हो यही पहन के जाओ न ," मैंने चिढ़ाया।
" भाभी ,... " खीज के वो बोली।
मैं उसे लेके कपडे देने चली तो गुड्डी ने धीरे से बोला ,
" भाभी ,भइया को समझाइये न ,ज़रा घर पे मेरे प्रेस कर के समझायेंगे न तो लोग मान जाएंगे ,मुझे आप लोगों के साथ भेजने के लिए ,कोचिंग के लिए। "
" एकदम ,मेरी प्यारी ननद रानी , और अगर वो नहीं कन्विंस कर पाए न तो मैं निहुरा के उनकी गांड मार लूंगी ,पक्का "
उसके चिकने गाल पे हाथ फिराती मैं बोली
और खिलखिलाती वो दिवाली की फुलझड़ी की तरह हंस पड़ी।
मैंने मुड़ के देखा तो पीछे उसके भैय्या ,हम लोगों की बात सुनते ,मुस्कराते।
" सुन तो तूने लिया ही न , अब समझ लो , अगर गुड्डी कोचिंग नहीं ज्वाइन कर पायी ,हम लोगों के साथ नहीं चली , तो ये तो नहीं ही मिलेगी , मेरी ओर से भी पूरी हड़ताल , जैसे शादी से पहले अपनी बहनों का नाम लेके ६१ -६२ करते थे बस वैसे ही करते रहना। "
गुड्डी को वो जिस शलवार कुर्ते में आयी थी वो मैंने दे तो दिए , लेकिन ब्रा पैंटी उसे दिखा के जब्त कर ली ,आज की निशानी।
आग लग रही थी आग , जब मेरी मस्त ननदिया बाहर निकल के आयी।
बिना ब्रा के वो छोटे छोटे कबूतर तो साफ़ साफ़ दिख रहे ही थे उनकी लाल लाल छोटी छोटी चोंचें भी ,कड़ी कड़ी।
मैंने बस पास में जा के उसके दुपट्टे को एकदम उसकी लम्बी हिरनी की तरह गर्दन से एकदम चिपका दिया।
" अरे इत्ते मस्त जोबन और छिपा के , सख्त नाइंसाफी है " मैं बोली।
तबतक वो भी तैयार हो के आ गए एकदम हाट ,टाइट जींस , टी शर्ट।
हे तुम भाई बहन ने मिल के तो आम सब ख़तम कर दिए , तो २ किलो दसहरी ,और गुड्डी तेरे भैय्या को तो आम वाम की कुछ पहचान है नहीं तो तू ही इन्हे खरदीवा देना , और तेरी गली के आसपास कोई सी डी वाला है क्या ,
मेरी बात ख़तम होने के पहले वो चिड़िया चहक के बोली ,
" एकदम भाभी आप की बात एकदम सही है इन्हे आम की कुछ भी समझ नहीं है ,दिलवा दूंगी इन्हे आम भी और सीडी भी। चुन्नू है न उसी की दूकान एकदम मेरी गली के मोड़ पे , मुझे तो कंसेशन भी देता है कोई भी नयी पाइटेरेटड आये ,दूकान पे बुला के मुझे। "
" और अच्छी वाली लाना , चेक कर के दो कम से कम अब तो गुड्डी गाइड है न तेरे पास। "
" ठीक है ठीक जल्दी चल न गुड्डी " और उस का हाथ पकड़ के ,
मेरी निगाह जेठानी जी पे पड़ी, वो एकदम कुलबुला रही थीं और मैंने एक तीर और चला दिया।
वो लोग निकल गए थे , लेकिन मैंने जोर से चिल्ला के कहा ,
" हे तेरी सिगी का पैकेट ख़तम हो गया है , याद कर के ले लेना वरना ,.... "
उनकी आवाज तो नहीं आयी पर उनकी बहना की हंसती खिलखिलाती आवाज आयी ,
" भाभी याद रखूंगी ,ये भूल जायेंगे तो मैं याद दिला दूंगी। "
वो और सिग्गी , जेठानी एकदम झुलस रही थीं।
………………………………………………..
मुझे बहुत काम करने थे , जो फोटुएं अपनी छुटकी ननदिया की खींची थी उन सबको जोड़ के , फिर फेसबुक व्हाट्सप्प ,मम्मी से गप्प और अब तो उनके माल के
फेसबुक पे भी मेरा कब्जा था और उसकी सारी व्हाट्सएप्प ग्रुप में मैं घुस चुकी थी। लेकिन , जेठानी जी का मुंह जैसे लटका था मैंने सोचा थोड़ी देर,...
और उनके पास जा के मैं बैठ गयी और फिर वही जो उनकी पुरानी आदत थी , ज्ञान गंगा बहने लगी।
" तुम कुछ करने के पहले सोचा करो न , ये गुड्डी को क्या बोल रही थी , तू उसे अपने साथ ले जाओगी और वहां अपने साथ रखोगी। "
"दीदी अब तो गुड्डी के घर वालों पर डिपेंड करेगा , फिर उसका ऐडमिशन हो जाए तब ,... " मैं धीमे से बहुत आदरपूर्वक बोली।
" लेकिन ये नहीं सोचा की कहीं तेरे वो , और गुड्डी का उनसे तो पहले ही ,... " वो मुझे कोंचती बोली ,लेकिन मैं चुप रही।
मन तो कह रहा था साफ़ साफ़ बता दूँ की उसे चुदवाने ले जा रही हूँ और उसकी सील तो उसके भैय्या से ही तुड़वानी है पर ,
" ये नहीं सोचा की भूस और आग एक साथ रहें तो क्या होगा , मरद की जात और तेरी ननद को जोबन भी जबरदस्त आया है , मुश्किल हो जायेगा तुझे उन्हें रोकना , मैं बता देती हूँ। " उन्होंने फिर ज्ञान दिया और बोला कोशिश करो की ये प्रोग्राम कैंसिल हो जाये। "
मुझसे नहीं रहा गया , मैं बोल ही उठी ,
"दीदी आपने देखा ही न ,वो बेचारी कित्ता कोचिंग के लिए बेताब थी और सच में एक बार उसका मेडिकल में हो जाय तो ,.... "
" पहने तो हो यही पहन के जाओ न ," मैंने चिढ़ाया।
" भाभी ,... " खीज के वो बोली।
मैं उसे लेके कपडे देने चली तो गुड्डी ने धीरे से बोला ,
" भाभी ,भइया को समझाइये न ,ज़रा घर पे मेरे प्रेस कर के समझायेंगे न तो लोग मान जाएंगे ,मुझे आप लोगों के साथ भेजने के लिए ,कोचिंग के लिए। "
" एकदम ,मेरी प्यारी ननद रानी , और अगर वो नहीं कन्विंस कर पाए न तो मैं निहुरा के उनकी गांड मार लूंगी ,पक्का "
उसके चिकने गाल पे हाथ फिराती मैं बोली
और खिलखिलाती वो दिवाली की फुलझड़ी की तरह हंस पड़ी।
मैंने मुड़ के देखा तो पीछे उसके भैय्या ,हम लोगों की बात सुनते ,मुस्कराते।
" सुन तो तूने लिया ही न , अब समझ लो , अगर गुड्डी कोचिंग नहीं ज्वाइन कर पायी ,हम लोगों के साथ नहीं चली , तो ये तो नहीं ही मिलेगी , मेरी ओर से भी पूरी हड़ताल , जैसे शादी से पहले अपनी बहनों का नाम लेके ६१ -६२ करते थे बस वैसे ही करते रहना। "
गुड्डी को वो जिस शलवार कुर्ते में आयी थी वो मैंने दे तो दिए , लेकिन ब्रा पैंटी उसे दिखा के जब्त कर ली ,आज की निशानी।
आग लग रही थी आग , जब मेरी मस्त ननदिया बाहर निकल के आयी।
बिना ब्रा के वो छोटे छोटे कबूतर तो साफ़ साफ़ दिख रहे ही थे उनकी लाल लाल छोटी छोटी चोंचें भी ,कड़ी कड़ी।
मैंने बस पास में जा के उसके दुपट्टे को एकदम उसकी लम्बी हिरनी की तरह गर्दन से एकदम चिपका दिया।
" अरे इत्ते मस्त जोबन और छिपा के , सख्त नाइंसाफी है " मैं बोली।
तबतक वो भी तैयार हो के आ गए एकदम हाट ,टाइट जींस , टी शर्ट।
हे तुम भाई बहन ने मिल के तो आम सब ख़तम कर दिए , तो २ किलो दसहरी ,और गुड्डी तेरे भैय्या को तो आम वाम की कुछ पहचान है नहीं तो तू ही इन्हे खरदीवा देना , और तेरी गली के आसपास कोई सी डी वाला है क्या ,
मेरी बात ख़तम होने के पहले वो चिड़िया चहक के बोली ,
" एकदम भाभी आप की बात एकदम सही है इन्हे आम की कुछ भी समझ नहीं है ,दिलवा दूंगी इन्हे आम भी और सीडी भी। चुन्नू है न उसी की दूकान एकदम मेरी गली के मोड़ पे , मुझे तो कंसेशन भी देता है कोई भी नयी पाइटेरेटड आये ,दूकान पे बुला के मुझे। "
" और अच्छी वाली लाना , चेक कर के दो कम से कम अब तो गुड्डी गाइड है न तेरे पास। "
" ठीक है ठीक जल्दी चल न गुड्डी " और उस का हाथ पकड़ के ,
मेरी निगाह जेठानी जी पे पड़ी, वो एकदम कुलबुला रही थीं और मैंने एक तीर और चला दिया।
वो लोग निकल गए थे , लेकिन मैंने जोर से चिल्ला के कहा ,
" हे तेरी सिगी का पैकेट ख़तम हो गया है , याद कर के ले लेना वरना ,.... "
उनकी आवाज तो नहीं आयी पर उनकी बहना की हंसती खिलखिलाती आवाज आयी ,
" भाभी याद रखूंगी ,ये भूल जायेंगे तो मैं याद दिला दूंगी। "
वो और सिग्गी , जेठानी एकदम झुलस रही थीं।
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मुझे बहुत काम करने थे , जो फोटुएं अपनी छुटकी ननदिया की खींची थी उन सबको जोड़ के , फिर फेसबुक व्हाट्सप्प ,मम्मी से गप्प और अब तो उनके माल के
फेसबुक पे भी मेरा कब्जा था और उसकी सारी व्हाट्सएप्प ग्रुप में मैं घुस चुकी थी। लेकिन , जेठानी जी का मुंह जैसे लटका था मैंने सोचा थोड़ी देर,...
और उनके पास जा के मैं बैठ गयी और फिर वही जो उनकी पुरानी आदत थी , ज्ञान गंगा बहने लगी।
" तुम कुछ करने के पहले सोचा करो न , ये गुड्डी को क्या बोल रही थी , तू उसे अपने साथ ले जाओगी और वहां अपने साथ रखोगी। "
"दीदी अब तो गुड्डी के घर वालों पर डिपेंड करेगा , फिर उसका ऐडमिशन हो जाए तब ,... " मैं धीमे से बहुत आदरपूर्वक बोली।
" लेकिन ये नहीं सोचा की कहीं तेरे वो , और गुड्डी का उनसे तो पहले ही ,... " वो मुझे कोंचती बोली ,लेकिन मैं चुप रही।
मन तो कह रहा था साफ़ साफ़ बता दूँ की उसे चुदवाने ले जा रही हूँ और उसकी सील तो उसके भैय्या से ही तुड़वानी है पर ,
" ये नहीं सोचा की भूस और आग एक साथ रहें तो क्या होगा , मरद की जात और तेरी ननद को जोबन भी जबरदस्त आया है , मुश्किल हो जायेगा तुझे उन्हें रोकना , मैं बता देती हूँ। " उन्होंने फिर ज्ञान दिया और बोला कोशिश करो की ये प्रोग्राम कैंसिल हो जाये। "
मुझसे नहीं रहा गया , मैं बोल ही उठी ,
"दीदी आपने देखा ही न ,वो बेचारी कित्ता कोचिंग के लिए बेताब थी और सच में एक बार उसका मेडिकल में हो जाय तो ,.... "