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Adultery My best HOT Story's
#12
मामीजी को खेत में चोदा-


मामा के घर में एक दिन मैंने नहाती हुई मामी को अधनंगी देख लिया. यह देख मेरे तन बदन में आग लग गई। मेरा लन्ड मामी की चूत चुदाई के लिए बेकरार हो गया।

सभी चूत की महारानियों और लंड के महाराजाओं को मेरा प्रणाम। मेरा नाम रोहित है। मैं 22 साल का हूं। मेरा लन्ड 7 इंच का है जो किसी भी भाभी, आंटी, चाची, मामी, कुंवारी लड़की की चूत की बखिया उधेड़ सकता है। अगर कोई भी चूत एक बार मेरे लन्ड से चुद जाए तो फिर वो चूत मेरा लंड खाए बिना नहीं रह सकती है।

अब मैं आप सभी चूत और लंड को ज्यादा बोर नहीं करते हुए सीधा अपनी फैमिली सेक्स कहानी पर आता हूं।

यह कहानी दो साल पहले की है। उस समय मैं कॉलेज में था। मेरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई करने पर ही ज्यादा रहता था इसलिए मैंने किसी भी चूत की और ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

उन दिनों सर्दियों का मौसम चल रहा था। मैं घर पर बोर हो रहा था मैंने मामाजी के यहां जाने का प्लान बनाया। मेरे मामाजी गांव में रहते हैं । मैं दो दिन बाद मेरे मामाजी के यहां पहुंच गया।

घर पहुंचते ही मामा और मामी जी ने मेरा हालचाल पूछा और फिर हमने साथ में खाना खाया।

मेरे चार मामा हैं। उस दिन मैं मेरे दूसरे मामाजी के घर पर रुका। मामा जी के घर में मामा, मामी और उनके दो बच्चे हैं। बाकी मामाजी गांव में दूसरी और रहते हैं। मेरी मामी जी लगभग 36 साल की हैं। मामी कोई ज्यादा सुन्दर नहीं है पर मामी एकदम अमरूद की तरह गदरायी हुई है। मामी की साइज 34, 30, 36 की है। मामी के बोबे बड़े बड़े हैं। मामी की गांड भी बहुत ज्यादा मोटी है।
मैंने मामी पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया था। मेरा इरादा मामी की चूत चोदने का नहीं था। मैं मामाजी के यहां अच्छे से रह रहा था।

लेकिन कहते हैं ना अगर कोई चीज मिलनी ही है तो वो चीज मिल ही जाती है।

एक दिन की बात है, दोनों बच्चे कॉलेज गए हुए थे और मामाजी खेत पर गए हुए थे। मामाजी के यहां बाथरूम बना हुआ नहीं है। घर के बाहर आस पास तिरपाल लगाकर बाथरूम बना रखा है।
मामीजी बाहर बने हुए बाथरूम में नहा रही थी। मामी नहाने का साबुन भूल गई थी इसलिए मामी ने मुझे नहाने का साबुन लाने के लिए कहा।
मैं नहाने का साबुन लेकर मामी के पास गया।

जब मैंने मामी को देखा तो मैं तो एकदम से चौंक गया। मामी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी। मामी के दोनों बोबे लटक रहे थे। मामी के दोनों बोबे बड़े बड़े थे। मामी बदन को पानी से भिगो चुकी थी। मामी का पूरा बदन गीला था। इसलिए मामी का पेटीकोट भी पूरा गीला हो चुका था।

यह नजारा देख कर मेरे तन बदन में आग लग गई। मेरा लंड एकदम से तन गया। थोड़ी देर तो मैं मामी को ऐसे ही देखता रहा।
फिर मामी बोली- क्या हुआ?
तब मैं होश में आया, मैंने कहा- कुछ नहीं!
और मैंने मामी को साबुन दिया।

थोड़ी देर में मेरे लन्ड से पानी निकल गया।

अब मेरा लन्ड मामी की चूत चोदने के लिए बेकरार होने लग गया। लेकिन मेरे मन में मामीजी के लिए बहुत सम्मान था। मैंने पहले कभी भी मामीजी को चोदने के बारे में नहीं सोचा था। इसलिए मैंने मामीजी को चोदने का इरादा छोड़ दिया।

अगले दिन मामीजी ने कहा रोहित- आज तेरे मामाजी खेत पर नहीं है इसलिए अगर तू फ्री हो तो मेरे साथ खेत पर चल। भैंस को भी साथ में लेकर चलेंगे। आज भैंस को हरी कराना है।
मैंने मामी से पूछा- मामी ये हरी कराना क्या होता है?
मामी ने कहा- बुद्दू, तू इतना भी नहीं जानता है क्या?
मैंने कहा- नहीं मामी, मैं तो नहीं जानता।
तो मामी ने कहा- खेत पर चलकर देख लेना।
मैंने कहा- ठीक है।

और मैं मामी के साथ खेत पर चलने के लिए तैयार हो गया।

हम भैंस को लेकर खेत पर चले गए। मामाजी के खेत में गेहूं और सब्जियां थी। वहाँ पर एक पाड़ा पहले से ही बंधा हुआ था। हमने पाड़े के पास ही भैंस को बांध दिया और पाड़े को खुला छोड़ दिया।

अब मामी और मैं पास ही ही बैठ गए।

मामी ने कहा- अब देखना हरी केसे करते हैं।
मैंने कहा- ठीक है मामी, देखते हैं।

अब पाड़ा पीछे से भैंस को सूंघने लगा और धीरे धीरे पाड़ा का लन्ड बाहर निकलने लग गया। अब पाड़ा भैंस पर चढ़ गया और ताबड़तोड़ भैंस को चोदने लगा।
मामी और मैं बैठे बैठे यह सब देख रहे थे। यह सब देखकर मेरा लन्ड तो तूफान मचाने लग गया। मेरे लन्ड को सामने दूसरी भैंस दिखाई दे रही थी। मैंने लंड को बहुत समझाने की कोशिश की कि ये भैंस चूत नहीं देगी पर लंड नहीं माना।

अब मैं मामी से चूत मांगने को विवश हो गया।

इस बीच अचानक भैंस रस्सी को तोड़कर भाग गई। तब मामी और मैं भैंस को पकड़ने के लिए भागे। मामी आगे आगे और मैं पीछे पीछे!
तभी अचानक से मामी खेत की मेड़ पर फिसल गई और अचानक से मैं भी फिसल कर मामी के ऊपर ही गिर पड़ा।

मैं तो पहले से ही मामी को चोदने के लिए बेकरार था। थोड़ी देर तो हम ऐसे ही पड़े रहे। तभी मेरे होंठ सीधे मामी के होंठों से जा चिपके और मैं मामी को किस करने लग गया।
थोड़ी देर के लिए तो मामी भी मदहोश हो गई थी। फिर थोड़ी देर बाद मामी होश में आई और मुझे हटाते हुए उठ गई।

मामी ने मुझे बहुत डांटा और मैंने मामी से माफी मांगी। पर मेरा लन्ड अभी भी फन फैलाए खड़ा था और चूत सामने खड़ी थी।

तभी मामी ने कहा- चलो भैंस को पकड़कर लाते हैं।
फिर हम भैंस को पकड़कर लाए और उसे फिर से खूँटे से बांध दिया। अब पाड़ा फिर से भैंस को सूंघने लग गया पर भैंस उसे कोई भाव नहीं दे रही थी। उधर मैं भी मामी को मनाने में लगा हुआ था पर मामी मान ही नहीं रही थीं।

तभी पाड़े ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लन्ड भैंस की चूत में पेल दिया। अब भैंस चुपचाप चुदवा रही थी।

अब मुझे सब्र नहीं हो रहा था, मैं ललचाती निगाहों से मामी को देख रहा था। शायद मामी भी मेरी भावना को जान गई थी। मामी चुपचाप खड़े खड़े भैंस और पाड़े की चुदाई देख रही थी। और मैं मामी को देख रहा था।

अब मैंने सोच लिया था अगर मामी जी से चूत लेनी है तो यही सही मौका है। लौहा गरम है हथौड़ा मार देते हैं।

मैंने हिम्मत करके मामी जी को पीछे से पकड़ लिया और मामी की गांड में मेरा लन्ड सटा दिया. मामी जी के दोनों बोबों को पकड़कर ज़ोर से मसल दिया।
मामी जी ना नुकर करने लगी और मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी- मैं तेरी मामी हूं और हम दोनों के बीच ऎसा नहीं हो सकता है।
मैंने मामी जी कहा- मामी जी, आप सबसे पहले एक चूत हो और मैं एक लंड। इसलिए यहां पर सबसे पहले हम दोनों में चूत लंड का रिश्ता है।

मामी जी मेरा इरादा साफ साफ जान चुकी थी। मामी कहने लगी- किसी को पता चल जाएगा तो मेरी बदनामी होगी।
मैंने कहा- मामी जी, किसी को कोई पता नहीं चलेगा। यहां पर सिर्फ मैं और आप ही हो। जो कुछ भी होगा वो सिर्फ आप को पता होगा और मुझे।

अब मामी धीरे धीरे शांत हो रही थी। मामी जी ने कहा- ठीक है, जो करना है वो कर ले लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए।
मैंने कहा- मामी, ठीक है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
दोस्तो मुझे तो जैसे जन्नत ही मिलने वाली थी। मुझे बहुत ज्यादा खुशी हो रही थी।

तभी मामी ने कहा- अभी थोड़ी देर रुक जा, भैंस को हरी हो जाने दे।
थोड़ी देर बाद पाड़ा भैंस को चोद चुका था।
मामी जी ने कहा – अब तो देख लिया ना भैंस हरी कैसे होती है।
मैंने कहा- हां मामी जी, देख लिया बस अब तो आपको देखना बाकी है।

अब मैंने मामी जी कहा- मामी जी, अब सब्र नहीं हो रहा है। जल्दी करो आप।

तभी मैंने मामीजी को पकड़कर मामी जी के पेटीकोट में हाथ डाल दिया। और मेरा हाथ सीधे मामी जी की चूत पर जा पहुंचा।
मामीजी एकदम से चौंक गई और मामीजी ने मेरा हाथ हटा दिया।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मेरा लन्ड मेरे पजामे के अन्दर तूफान मचा रहा था।
तभी मामी जी ने कहा- यहां आसपास कोई देख लेगा इसलिए यहां कुछ नहीं कर सकते!
तो मैंने कहा- तो फिर आप ही बताओ कहाँ करें?
मामी जी ने कहा- सरसों के खेत में चलते हैं। वहाँ किसी को हम दोनों दिखाई भी नहीं देंगे।
मैंने कहा ठीक है मामी जी।

अब मामी जी आगे आगे गांड मटकाती हुई चल रही थी और मैं उनके पीछे पीछे।
उस दिन मामी जी ने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी। हरे रंग की साड़ी में मामी जी कमाल की लग रही थी।

अब हम सरसों के खेत में घुस गए। वहाँ आप पास कोई नहीं था। उस समय सरसों के फूल आ चुके थे।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मैंने तुरंत मामी जी को पकड़ लिया, उन्हें खेत में गिरा दिया और मामी जी को ताबड़तोड़ किस करने लग गया।

मामी जी कुछ कहने वाली थी पर मैंने मैंने मामी जी के होंठों को बुरी तरह से भींच लिया था इसलिए मामी जी सिर्फ आ यू आ उ ही कर रही थी।

मामी जी के होंठ पंखुड़ियों के जैसे रसीले होंठ थे। मैं लगातार मामी जी के रसीले होंठों को चूस रहा था। बहुत देर तक हम दोनों होंठों को चूस रहे थे।
फिर मामी जी ने कहा- जो भी करना है, जल्दी कर लेना ज्यादा टाइम मत लगाना।
मैंने कहा- अब चुदना ही है तो मामी जी अच्छे से चुदो ना।
मामी जी ने कहा- कोई आ जाएगा तो?
मैंने कहा- यहां कोई नहीं आएगा।

अब मैं मामी जी के गले पर किस करने लगा। मुझे गले पर किस करने में बहुत मज़ा आ रहा था। मामी जी चेहरे को इधर उधर करने लगी।

थोड़ी देर बाद मैं मामी जी के बोबों पर टूट पड़ा। अब मैं मामी जी के रसदार सुडौल बोबों पर किस करने लगा। मामी जी के बोबे ब्लाउज में से इधर उधर हिल रहे थे। अब मेरे दोनों हाथ मामी जी के बोबों पर पहुंच गए। मैंने मामी जी के बोबों को पकड़कर ज़ोर से मसल दिया। मामी जी की एकदम से चीख निकल गई। मामी जी मेरे हाथों को बोबों पर से हटाने लगी पर मैं लगातार मामी जी के बोबे को मसल रहा था।

मामी जी के बोबे एकदम मस्त थे। उनमें बहुत सारा रस भरा हुआ था। मैं मेरी मदमस्त मामी जी की जवानी का मज़ा ले रहा था। मैं मामी जी के बोबों को लगातार मसल रहा था। मैंने दोनो बोबों को बहुत अच्छी तरह से मसल दिया।

अब मैं थोड़ा नीचे सरका और मामी जी के सेक्सी मलाईदार पेट को चूमने लगा। मेरी मामी जी का पेट एकदम गोरा चिकना था। मुझे मामी जी के पेट को चूमने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मामी जी अब तेज तेज सांसें भर रही थी, वे अब उह आह आह उह ओ कर रही थी।

पेट को चूमने के बाद अब मैं वापस मामी जी के ऊपर चढ़ गया और बूबों को किस करते हुए सीधे मामी जी के रसीले होंठों को चूसने लग गया। मामी जी अब मदहोश हो रही थी। अब मामी जी ने प्यार से मुझे बांहों में भर लिया।

पेट को चूमने के बाद अब मैं वापस मामी जी के ऊपर चढ़ गया और बूबों को किस करते हुए सीधे मामी जी के रसीले होंठों को चूसने लग गया। मामी जी अब मदहोश हो रही थी। अब मामी जी ने प्यार से मुझे बांहों में भर लिया।

मैं लगातार मामी जी के होंठों को चूस रहा था। जैसे मेरी तो लॉटरी ही लग गई थी। आज मैं एक शानदार, जानदार, मदमस्त चूत का मज़ा ले रहा था।

अब मेरे पैर हरकत करने लगे। अब मैंने मामी जी की टांगों को मेरी टांगों में फंसा लिया। मैं मामी जी की टांगों को रगड़ रहा था। मेरा लन्ड बहुत ज्यादा टाइट हो चुका था और मामी जी की चूत के ठीक ऊपर था।
मेरा लन्ड मामी जी की रसीली चूत में घुसने की कोशिश करने लगा पर मेरे लन्ड को कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं लगातार मामी जी के रसीले होंठों को चूस रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने मामी जी को पलट दिया। अब मामी जी का मुंह और चूत ज़मीन पर थे और गांड ऊपर हो गई थी। आस पास सरसों के बहुत सारे पत्ते और पौधे ज़मीन से चिपककर बिस्तर बन गए थे। कुछ पत्ते मामी जी के बदन और गांड में भी चिपक गए थे।

अब मैं सीधा मामी जी की गांड पर आ गया और साड़ी के ऊपर से ही गांड को मसलने लगा। मामी जी की गांड बहुत ज्यादा बड़ी थी इसलिए मुझे गांड को मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामी जी की साड़ी गांड के बीच की दरार में फंस रही थी।

मैं मामी जी गांड को साड़ी के ऊपर से ही चाटने लगा। मुझे मामी जी की गांड को चाटने और मसलने में बहुत मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर बाद मैं पूरी तरह से मामी जी के ऊपर चढ़ गया अब मेरा लन्ड मामी जी की गांड में दबाव बनाने लगा।

अब मैं मामी जी की गर्दन पर किस कर रहा था। मुझे मामी जी की पीठ और गर्दन पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने जी भर कर मामी जी को चूमा और चाटा।

मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा था। मेरा लन्ड बहुत ज्यादा तन चुका था। मेरा लंड मामी जी की चूत में जाने के लिए बेकरार हो रहा था। मैंने तुरन्त मेरे पूरे कपड़े खोल दिए। अब मैं मामी जी के सामने सिर्फ अंडरवियर में ही था। अंडरवियर में मेरा लन्ड तनकर तूफान बन चुका था।

मैंने मामी जी को पलटकर सीधा कर दिया। मामी की नजर मेरे लंड पर टिक गई। मैंने मामी जी के पेटीकोट में उलझे हुए साड़ी का पल्लू खोल दिया। साड़ी का पल्लू खोलते ही पूरी साड़ी ढीली हो गई। अब मैंने मामी जी की साड़ी खोलना शुरू कर दी लेकिन अभी भी साड़ी मामी जी की गांड में अटकी हुई थी।

अब मैंने मामी जी की गांड को थोड़ा सा ऊपर उठाया और पूरी साड़ी को खोल दिया। मेरी प्यारी मामी जी अब मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थी। अब मैंने मामी जी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट को खोलकर रख दिया।

मामी जी अब नीचे केवल एक छोटी सी पैंटी ही पहनी हुई थी। मामी जी की पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। अब मैं मामी जी के ब्लाउज पर टूट पड़ा। मैंने तुरंत ब्लाउज के हुक खोल दिए और जैसे ही मैंने ब्लाउज खोला तो मामी जी के बड़े बड़े रसीले बोबे बाहर आ गए। मामी जी के बोबे बहुत गोरे गोरे और मुलायम थे।
ब्लाउज को खोलकर एक तरफ रख दिया। अब मामी जी शरमाने लगी।

गजब का का नज़ारा था! जिस मामी जी की मैं इतनी इज्जत करता था, आज उन्हीं प्यारी मामी जी की चूत चोदने वाला हूं। जिन बोबों का दूध कभी बचपन में मामी जी ने मुझे पिलाया था, आज उन्हीं बोबों का दूध पिऊँगा। मैं मामी जी की चूत के ऊपर बैठा था। हमारे आस पास हम दोनों के सारे कपड़े तितर बितर पड़े थे। अब मामी जी का नंगा जिस्म सरसों के पत्तों पर था।

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैं नीचे आया, मैंने मामी की एक टांग को ऊपर उठाया और टांग को चूमने लगा। मामी की टांगें संगमरमर जैसी चमक रही थी। टांग को चूमते चूमते मैं मामी जी की चूत तक पहुंच गया।

मैं अब पैंटी के ऊपर से ही मामी जी की चूत को चाटने लगा। पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मैं पैंटी के ऊपर से ही चूत पर मुंह मारने लगा।

मामी जी की चूत पानी छोड़ रही थी। वो अब सिसकारियां भरने लगी। अब मैंने मामी जी की दूसरी टांग को ऊपर उठाया और टांग को चूमता हुआ मामी जी की चूत तक पहुंच गया। मामी जी की चूत की महक अब मुझे पागल कर रही थी।

अब मैंने तुरंत ही मेरी अंडरवियर खोल दी। मेरा मूसल जैसा लंड मामी जी के सामने आ चुका था। मामी जी मेरे लन्ड को निहार रही थी।

मैंने तुरंत ही मामी जी की पैंटी को खिसकाया और उतार कर फेंक दी। अब मेरी प्यारी मामी जी की चूत मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मामी जी की चूत को देखकर में तो पागल हो गया। आज मैंने पहली बार मेरी प्यारी मामी जी की चूत देखी थी। मामी जी की चूत की फांकें बड़ी बड़ी थी। चूत के आस पास झांटों का छोटा सा जंगल भी था। मामी जी की चूत बहुत ज्यादा गीली थी।

मैंने मेरी उंगली मामी जी की चूत में घुसा दी। मामी जी की एकदम से आह निकल गई। मामी जी छटपटाने लगी। अब मैं उंगली को चूत में अन्दर बाहर करने लगा। मुझे मामी जी की चूत में उंगली अंदर बाहर करने में बहुत मज़ा आ रहा था। मामी जी की चूत अंदर से भट्टी की तरह गरम हो रही थी।

मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने तुरंत मेरा मुंह मामी जी की चूत पर रख दिया। मैं मामी जी की चूत को चाटने लगा।
दोस्तो, क्या बताऊं आपको … मैं तो खुशी से पागल हो रहा था। मुझे मामी जी की चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था।

मामी जी धीरे धीरे सिसकारियां भर रही थी। वे मेरे बालों में हाथ फेरने लगी। मैं लगातार मामी जी की चूत का रस पी रहा था।

चूत को चाटने के बाद अब मैं फिर से मेरी उंगली मामी जी की चूत में घुसाने लगा। जैसे ही मेरी उंगली चूत में घुसी मामी जी फिर से एकदम से चौंक गई। मामी जी करहाने लगी। अब मैं मामी जी की चूत में उंगली को अंदर बाहर करने लगा। मुझे मामी जी की चूत में उंगली करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

मामी जी पागल सी हो रही थी, वे आह, उह, ओह, ओ करने लगी। अब मैं मामी जी के ऊपर चढ़ गया। शायद अब मामी जी को सरसों के पत्ते चुभने लगे थे। मेरा लन्ड तनकर मूसल बन चुका था।

मैं एक बार फिर मामी जी के बोबों पर टूट पड़ा और दोनों हाथों से बोबों को मसलने लगा। मामी जी एकदम से चीख पड़ी लेकिन मैंने मामी जी की और कोई ध्यान नहीं दिया और ज़ोर ज़ोर से बोबों को मसलता रहा।

मैंने बोबों के निप्पल को मुंह में ले लिया और चूसने लगा। मामी जी के बोबे रस से भरे हुए थे। मुझे बोबों को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने बहुत देर तक बोबों को चूसा। आज तो मामी जी के बोबे लाल हो चुके थे।

अब मैंने मामी जी के होंठों पर फिर से एक बार जोरदार वार किया और मामी जी के रसीले होठों को चूस गया।

मेरा लन्ड मामी जी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो रहा था। मैं मामी जी की टांगों पर आ गया। मैंने मामी जी की दोनो टांगों को उठाकर मेरे कंधे पर रख लिया। मामी जी की चूत अब मेरे लन्ड के सामने थी। मामी जी की चूत एकदम गीली थी। मैंने चूत पर लंड सेट कर दिया। चूत में लन्ड डालने से पहले मैंने एक बार चूत को मेरी उंगलियों से फैलाया। चूत अंदर से गीली और गुलाबी रंग की थी।

मैंने मेरा लंड चूत पर लगा दिया और एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड मामी जी की चूत में समा गया। मामी जी दर्द से करहाने लगी। मामी जी हाथों और टांगों को इधर उधर पटकने लगी।
मामी जी मुझसे लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी।

पर मैंने मामी जी की कोई बात नहीं सुनी। अब मैंने एक जोर से धक्का और मारा। अब मेरा पूरा लौड़ा मामी जी की चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ तक जा पहुंचा था। मामी जी दर्द से चीख रही थी शायद मामी जी की चूत बड़े दिनों बाद आज चुदी थी।

मैंने मामी जी के होंठों को मेरे होंठों से बंद कर दिया। अब मैं मामी जी की चूत में लंड पेलने लगा। मैं लगातार लंड को चूत में अंदर बाहर कर रहा था।

लगातार चूत पर प्रहार से मामी जी अब शांत हो रही थी। मामी जी को भी अब चूत चुदवाने में मज़ा आ रहा था। अब मामी जी ने दोनों टांगों को बीच मुझे फंसा लिया था। मैं लगातार मामी जी की चूत में लंड पेल रहा था।

अजब नज़ारा था … सरसों के खेत के बीचोबीच आज मैं मेरी प्यारी मामी जी को चोद रहा था। चारों ओर शांति थी। सिर्फ चूत में लंड अंदर बाहर जाने की आवाज़ आ रही थी।

मामीजी की चूत ने पानी छोड़ दिया। मेरा लन्ड मामी जी की चूत को चोदने में मशगूल था। चूत गीली होने की वजह से अब दच दच फच फच की की आवाज़ गूंज रही थी। मैं लगातार मामी जी को चोद रहा था। मामी जी भी चूत चुदवाने में पूरा साथ दे रही थी।

मेरा लन्ड पानी छोड़ने वाला था तो मैंने मामी जी से पूछा-
मामी जी, मेरा निकलने वाला है. बताओ वीर्य कहाँ डालूं?
मामी जी ने कहा- अंदर ही डाल दे।
मैंने कहा मामी जी आपका वाच्चा ठहर गया तो ?
मामी कहा डर मत मेरा अपारेशन हो गया है वाच्चा नही होगा ।

कुछ देर बाद मेरे लंड ने गरम वीर्य चुत के अन्दर हि छोड़ दिया। थोड़ी ही देर में मामी जी की चूत मेरे लन्ड के रस से पूरी भर गई।

मैं निढाल हो गया। मामी जी की चूत आज चुदकर भोसड़ा बन चुकी थी। मामी की चूत में से पानी बाहर निकल रहा था। अब शाम का समय भी हो चुका था। मैंने एक बार फिर मामी जी के रसीले बोबों को अच्छी तरह से चूसा और बोबों का रस पिया। अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने।

आज मैं मेरी प्यारी मामी जी की चूत चोदकर बहुत खुश था। मामी जी भी आज बहुत खुश लग रही थी। बहुत दिनों के बाद आज मामी जी की चूत ने लंड का स्वाद चखा था। अब मामी जी आगे आगे गांड मटकाती हुई चल रही थी और मैं मामी जी की गांड को निहार रहा था।
बहुत सेक्सी गांड थी मामी जी की।

अब हम भैंस को लेकर घर पहुंच गए।
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Messages In This Thread
My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:23 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:42 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:57 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 09:55 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:11 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:23 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:37 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:56 PM
RE: My best HOT Story's - by Eswar P - 13-02-2021, 11:01 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 06:57 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:10 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:22 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:34 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 09:12 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 09:42 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 10:12 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 10:19 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 09:47 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 09:57 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 10:09 AM
RE: My best HOT Story's - by vat69addict - 15-02-2021, 01:15 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-10-2024, 10:12 AM
RE: My best HOT Story's - by sri7869 - 16-10-2024, 06:31 AM
RE: My best HOT Story's - by Dgparmar - 26-10-2024, 03:44 AM



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