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Adultery My best HOT Story's
#11
फूफा जी ने मेरी माँ चोद दी-

मेरा नाम मोनू है। मैं 26 साल का लड़का हूँ। मैं सीकर का रहने वाला हूँ। मैं आज आपको मेरी मम्मी और मेरे फूफा जी के बारे में बताता हूँ। बात शायद 15-16 साल पुरानी है, मेरी मम्मी बड़ी ही सुंदर और गोरी हैं, देखने में बहुत ही मस्त लगती हैं। मुझे यह कहने में ही शर्म आ रही है, मगर क्या करूँ, मेरी मम्मी ने काम ही कुछ ऐसा किया था।

मेरी मम्मी बहुत ही लड़ाकू किस्म की महिला हैं। वो मेरे पापा और दादा-दादी से लड़ती रहती थीं। ऐसे ही एक बार मेरी मम्मी सब से लड़ कर मेरे नाना-नानी के घर पर आ गई थीं। हम लोग नाना-नानी के घर पर एक महीने से ज़्यादा समय से रह रहे थे।

एक दिन मेरे फूफा जी जो कि जयपुर में रहते हैं, हमारे घर आए। वो वहाँ पर किसी काम से आए थे और उन्हें 3-4 दिन वहीं पर ही रुकना था। उन्होंने खुद के लिए एक होटल में कमरा किराए पर ले रखा था। एक दिन वो हमारे घर आए। मेरे फूफा जी हमें बहुत अच्छे लगते हैं क्योंकि वो हमेशा हमारे लिए बहुत सा सामान लाते थे। मेरे फूफा जी 6 फुट लंबे गोरे और स्मार्ट हैं। उस समय उनकी उम्र 28 साल के लगभग रही होगी।

किस्मत से जिस दिन वो आए थे, उसी दिन मेरे नाना-नानी को बाहर काम से जाना था। जब फूफा जी हमारे घर आए तो वो हमारे लिए काफ़ी सामान लाए थे। आने के बाद वो नाना-नानी के साथ हॉल में बैठ कर बातें कर रहे थे। सारी बातों का केंद्र मेरे पापा और दादा-दादी थे। फूफा जी मेरे मम्मी को वापस चलने के लिए मना रहे थे।।

शाम को नाना-नानी फूफा जी को घर पर तीन दिन रुकने के लिए कह कर काम से चले गए थे। मैं, मेरी बहन और मेरी मम्मी फूफा जी के साथ हॉल में बैठे थे और बातें कर रहे थे। किसी बात पर मम्मी रोने जैसी हो गई थी और फूफा जी उन्हें समझा रहे थे।

तभी फूफा जी ने हमें यह कह कर बाहर खेलने भेज दिया कि बच्चों को ऐसी बातें नहीं बतानी चाहिए, इससे उनके मन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, पर मेरा मन तो मम्मी पर ही था। मैं वहाँ पर रुकना चाहता था और उनकी बातें सुनना चाहता था, पर मम्मी ने मुझे बाहर भेज दिया।

मैं और मेरी बहन घर के सामने पार्क में खेलने चले आए। पर मुझे उनकी बातें सुननी थीं तो मैं वापस घर आ गया और अंदर ना जाकर बाहर गेट के पास खड़ा हो कर उनकी बातें सुनने लगा।

मेरे फूफा जी कह रहे थे कि यह सब तो घर में चलता रहता है। इस पर घर छोड़ कर नहीं आते।

मम्मी- पर वो लोग मुझे पसंद नहीं करते हैं, मुझे परेशान करते हैं।
फूफा जी- भैया तो पसंद करते हैं ना ! आपको तो उनके साथ रहना है।

मम्मी- उनको मेरे साथ रहना होता तो मुझे लेने नहीं आते क्या?
फूफा जी- उन्होंने ही मुझे भेजा है।
ुमम्मी- नहीं, मुझे वहाँ नहीं जाना है। मैं वहाँ नहीं रह सकती!

और यह कह कर मम्मी रोने लगीं, फूफा जी उनको चुप कराने लगे, कभी उनके आँसू पोंछते कभी कुछ।

तभी मम्मी उनके गले से लग कर रोने लगीं। फूफा जी उनके सर पर हाथ फेर रहे थे। थोड़ी देर बाद मम्मी का रोना बंद हो गया पर मम्मी फूफा जी से चिपक कर ही खड़ी रहीं।

मम्मी और फूफा जी के हाथ दोनों की कमर पर फिर रहे थे। थोड़ी देर बाद फूफा जी मम्मी के होंठों को चूमने लगे। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है। उस उम्र में मुझे सेक्स के बारे मे कुछ भी पता नहीं था।

फूफा जी ने मम्मी को सोफे पर पटक दिया और उनका ब्लाउज खोल कर उनके स्तनों को चूसने लगे। उसके बाद उन्होंने अपने पैंट और अंडरवियर भी नीचे सरका दी। मम्मी का घाघरा ऊपर करके उनकी पैंटी उतार दी। उन्होंने मम्मी को ऊपर-नीचे किया और अपना लंड मम्मी की चूत में डाल दिया।

मम्मी तो सोफे पर बस अपनी आँखे बंद कर के लेटी हुई थीं। मम्मी के हाथ फूफा जी की कमर पर थे। थोड़ी देर बाद ही मम्मी ने अपनी दोनों टाँगें फूफा जी की कमर से जकड़ दीं। अब फूफा जी मम्मी को हचक कर चोद रहे थे। मम्मी भी पूरी तरह से उनका साथ दे रही थीं।

करीब 10 मिनट के बाद फूफा जी ने मम्मी को औंधा करके कुतिया जैसा बना दिया और अब मम्मी के स्तन सोफे की तरफ झूल रहे थे और मम्मी की चूत फूफा जी की तरफ थी। फूफा जी ने मम्मी की चूत में लौड़ा डाल दिया। अब मम्मी घोड़ी बन कर चुदा रही थीं।

कुछ देर बाद फूफा जी ने मम्मी को फिर सीधा किया और उन पर चढ़ गए और तेज धक्के मारने चालू कर दिए।

मम्मी की मुँह से लगातार चीखें निकल रही थीं। थोड़ी देर बाद फूफा जी मम्मी की चूत में अपना लौड़ा घुसेड़ कर एकदम से अकड़ गए और फिर निढाल हो कर लेट गए।

मम्मी उठीं और अपनी पैंटी पहन कर कपड़े ठीक करके बोलीं- आज जाने कितने दिनों बाद चुदाई की है। मैं तो लाख कोशिश करने के बाद भी रुक नहीं पाई।

फूफा जी- मैं तो कबसे तुम्हें चोदने की सोच रहा था, पर आज मौका मिला है। रात को और मज़े से करेंगे।
रात को खाना खाने के बाद हम लोग टीवी देख रहे थे। मम्मी और फूफा जी पास-पास ही बैठे थे। फूफा जी के हाथ मम्मी की कमर पर थे और मम्मी बार बार हटा रही थीं और धीरे से कह रही थीं- बच्चे देख लेंगे।

मम्मी ने हमे सोने के लिए कहा, पर हम लोग टीवी देखने के लिए कह रहे थे। शायद दोनों से इंतजार नहीं हो पा रहा था।

तो मम्मी ने फूफा जी की तरफ देखते हुए हंस कर कहा- मैं रसोई में जाकर बर्तन साफ कर लेती हूँ। तुम टीवी देख कर सोने चले जाना।

और मम्मी रसोई मे चली गई। थोड़ी देर बाद फूफा जी भी उठे और कहा- मोनू, मैं तो सोने जा रहा हूँ।

फूफा जी को कमरा रसोई के पास वाला ही मिला था। थोड़ी देर बाद जब मैं चुपचाप रसोई की तरफ गया तो कुछ आवाजें आ रही थीं। मैंने देखने की सोची और मैं रसोई की खिड़की में से देखने लगा। मैंने देखा कि मम्मी किचन की स्लैब पर हाथ टिका कर खड़ी हैं और पीछे से फूफा जी उनका गाउन ऊपर कर के उनकी चूत में लंड डालने की कोशिश कर रहे थे।

कुछ देर बाद मम्मी ने कहा- हम लोग कमरे में चलते हैं।

फूफा जी ने कहा- अगर वो दोनों आ गए तो !

मम्मी- वो दोनों तो टीवी में बिज़ी हैं, नहीं आयेंगे, अब छोड़ो यार, एक राउंड तो कर लेते हैं, ऐसे छुप-छुप कर ही तो मज़ा आता है।

फूफा जी ने कहा- चलो !

और दोनों कमरे में चले गए। अंदर जाते ही दोनों ने दरवाजे की कुण्डी लगा दी कि कहीं हम ना आ जाएँ।

मैंने की-होल के छेद में से देखा तो फूफा जी मम्मी को अपना लंड चुसवा रहे थे और मम्मी चूस रही थीं। यह देख कर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर बाद मम्मी पलंग पर अपनी टाँगें फैला कर लेट गईं और बोलीं- जल्दी से चोद लो मेरे राजा।

फिर फूफा जी ने लंड तुरंत मम्मी की चूत में डाल कर चुदाई चालू कर दी। फूफा जी जबरदस्त झटके मार रहे थे। मम्मी के मुँह से सीत्कारें निकल रही थीं। कमरे में से उन दोनों की धकापेल चुदाई की मादक ‘आहें’ और ‘फूउक्छ फॅक’ की आवाजें भी आ रही थीं।

मम्मी फूफा जी को धीरे करने के लिए कह रही थी कि कहीं हम ना सुन लें। मगर फूफा जी पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था। वो तो बस अपनी छिनाल सलहज को चोदने में लगे रहे और बाद में मम्मी भी उनका साथ देने लगीं।

करीब आधे घंटे के बाद फूफा जी मम्मी के ऊपर ढेर हो गए और ज़ोर से झटके मार कर झड़ने लगे। उसके बाद मम्मी उठी और गाउन ठीक करती हुई बोलीं- उन दोनों को सुला कर रात को आऊँगी।

मम्मी को बाहर आता देख मैं भी जल्दी से टीवी के पास जाकर बैठ गया। किस्मत से मेरी बहन टीवी देखते-देखते ही सो गई थी।

बाद में मम्मी ने मुझे और मेरी बहन को कमरे में ले जाकर सुला दिया और खुद फूफा जी के कमरे में चुदवाने चली गईं।

उसके बाद तो फूफा जी और मम्मी को जब भी मौका मिला उनने खूब चुदाई की। उन्होंने तो बाथरूम, किचन, हॉल, स्टोर, छत, हर जगह धकापेल चुदन-चुदाई की और हमारे घर पर लाते समय कार में भी मम्मी को लंड चुसवाते और चोदते हुए लाए।

जयपुर आने के कई दिनों बाद तक फूफा जी हमारे घर नहीं आए थे।

मुझे नहीं पता कि किस कारण से नहीं आए थे, पर एक बार जब मेरे पापा, दादा, दादी को गाँव जाना था, वहाँ मेरे दादा जी की बहन बीमार थी और उनसे मिलने जाना था।

मैंने मम्मी को फ़ोन पर किसी से बात करते सुना कि वो सब तो गाँव चले जायेंगे, तुम आ जाना.. फिर हम अपना काम करेंगे… काफी दिन हो गए हैं।

मैं सोच में पड़ गया कि मम्मी किस से बात कर रही हैं, पर दोपहर को मेरा ये शक भी दूर हो गया।

पापा और दादा, दादी के जाने से कुछ वक्त पहले ही फूफा जी और बुआ अपने बेटे के साथ हमारे घर मिलने आ गए।
बुआ कह रही थीं- आप लोगों से मिले हुए काफी वक्त हो गया था, सो मिलने चली आई हूँ और इनको भी ले आई हूँ।

बुआ को देख कर हम सब लोग खुश हुए और उन्हें बताया कि हम सब बुआ जी से मिलने गाँव जा रहे हैं।

बुआ- पापा फिर तो आपके साथ हम लोग भी चलेंगे।

दादा- हाँ क्यों नहीं.. मैं भी सोच रहा था पर लगा कि तुम लोग व्यस्त होगे.. इस लिए नहीं कहा।

बुआ- कार में तो जगह है या हम हमारी कर ले कर चलें?

पापा- अरे नहीं हम तो तीन लोग ही जा रहे हैं.. तेरी भाभी नहीं जा रही और बच्चे हैं, तुम लोग भी बैठ जाओ।

बुआ ने फूफा जी से कहा- चलो.. हम भी चलते हैं।

तब फूफा जी ने कहा- मैं बहुत थक गया हूँ.. पिछले हफ्ते मैं बहुत व्यस्त रहा हूँ, तो मैं तो घर जाकर सोना चाहता हूँ और अगर तुम जाना चाहो तो चली जाओ..

तब बुआ बोली- चलो मैं चली जाती हूँ, आप घर जाकर सो जाना।

इस पर पापा दादा और दादी बोलीं- यह क्या घर नहीं है.. यहीं पर ही सो जाना.. इससे सीमा (मेरी मम्मी) को भी डर नहीं लगेगा और हम लोग भी चिंता नहीं करेंगे।

तब तक मैं समझ चुका था कि यह मम्मी और फूफा जी का प्लान है और इसमें सबसे ज्यादा चिंता है फूफा जी और मम्मी हमारे जाने के बाद कुछ तो करेंगे और मैं ये सब देखना चाहता था इसलिए मैंने भी जाने से मना कर दिया, यह कह कर कि मैं भी फूफा जी के पास ही रुकूँगा।

सबने इसे मेरा फूफा जी से लगाव माना और राजी हो गए।

इससे मम्मी और फूफा जी थोड़े अपसेट हो गए, पर कुछ नहीं बोले।

मेरे मना करते ही बुआ बोलीं- मेरी बहन और उनके बेटे को भी छोड़ जाते हैं, क्योंकि धूप भी है और गाँव में ये लोग बीमार हो जायेंगे।

यहाँ तो ये सब खेल ही लेंगे और और फूफा जी और मम्मी हमारा ध्यान भी रख लेंगे।

इस पर सब लोग राजी हो गए और पापा बुआ और दादा जी चले गए।

घर पर हम बच्चे और फूफाजी और मम्मी रह गए।

मेरा मन उदास था कि अब ये दोनों कुछ नहीं कर पायेंगे और मेरा रुकना बेकार ही गया।

फूफा जी और मम्मी भी अपसेट लग रहे थे, पर जाहिर नहीं कर रहे थे।

हम सब हॉल में बैठे टीवी पर कार्टून देख थे और फूफा जी अपना हाथ बार-बार खुद के लंड पर फेर रहे थे और मम्मी मुस्कुरा रही थीं।

तभी मम्मी फूफा जी के पास आकर बैठ गईं और और दोनों धीरे-धीरे बात करने लगे..

मैं उनकी बात तो सुन नहीं पाया, मगर ये जरूर समझ गया कि दोनों कुछ प्लानिंग कर रहे थे।

तभी फूफा जी ने कहा- चलो, हम कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं।

हम लोग हमारी कंप्यूटर की लैब में आ गए।

मेरे पापा का कंप्यूटर इंस्टिट्यूट है और वो नीचे है।

फूफा जी ने तीन कंप्यूटर चालू कर दिए और उन पर गेम चला दिए।

हम तीनों खुश हो गए, इतने में मम्मी भी वहाँ पर आ गईं और पीछे से देखने लगीं।

हम कंप्यूटर पर गेम खेल रहे थे और फूफा जी मेरी मम्मी के कूल्हों और कमर पर हाथ फेर कर अपना गेम खेल रहे थे।

थोड़ी देर बाद मम्मी चली गईं और फूफा जी भी सोने की कह कर चले गए।

जाते-जाते कहा- बाहर मत निकलना.. बस गेम खेलना और कंप्यूटर बंद करके बाद में ऊपर आना।

फूफा जी के जाते ही मैं टॉयलेट का बहाना करके ऊपर आ गया और हमारे कमरे की ओर जाने लगा, तो हॉल में से आवाजें सुनाई दीं।

खिड़की से देखने पर मैंने देखा कि फूफा जी मम्मी को पीछे से पकड़े हुए हैं और उनके दोनों हाथ मम्मी के मम्मों पर हैं।

वो मम्मी की गर्दन पर चूम रहे थे और मम्मी आँखें बंद करके मजे ले रही थीं।

उसके बाद फूफा जी ने एक हाथ मम्मी के पेटीकोट में डाल दिया।

इससे मम्मी को झटका लगा और वो पीछे की ओर हटीं, तो उनकी गाण्ड फूफा जी के लंड से टकरा गई..

मम्मी- कहीं बच्चे आ गए तो?

फूफा जी- नहीं आयेंगे.. वो तो गेम में व्यस्त हैं… एक घंटे से पहले नहीं उठने वाले..

मम्मी- अगर आ गए तो… फिर हम फंस जायेंगे।

फूफा जी- नहीं आयेंगे.. मैं कह रहा हूँ न.. तुम मूड ख़राब मत करो जान.. इतने दिनों बाद तो मौका लगा है… आज तो जम कर मजे लूँगा..

मम्मी- तो लो न.. किसने मना किया है।

इस पर फूफा जी ने मम्मी की साड़ी हटा दी।

तो मम्मी बोलीं- कपड़े मत उतारो.. कोई आ गया तो मुश्किल हो जाएगी।


फूफा जी- अरे कोई नहीं आएगा.. मैं दरवाजे पर मैं ताला लगा कर आया हूँ… कोई नहीं आएगा.. और बिना कपड़ों के तुम कैसी दिखती हो.. ये भी तो देखें… और जब बिना कपड़ों के ही अंग से अंग मिलेंगे तब इससे दुगना मजा आएगा…

इतना कहते-कहते मम्मी के जिस्म से ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार फेंके।

अब मम्मी सिर्फ पैन्टी और ब्रा में ही थीं।

फूफा जी ने अपने भी सारे कपड़े खुद ही उतार दिए और मम्मी को हॉल के तख्त पर ले जाकर लिटा दिया।

फूफा जी मम्मी के होंठों को चूस रहे थे और अपने हाथ लगातार मम्मी के बोबे, पैंटी और जिस्म पर फ़िर रहे थे।

इसके बाद फूफा जी ने मम्मी की ब्रा हटा कर उनके बोबे चूसने चालू कर दिए।

इससे मम्मी और मस्त हो गईं।

कुछ देर बाद फूफा जी ने उनकी पैन्टी भी उतार फेंकी।

अब मम्मी पूरी नंगी थीं और फूफा जी उनकी चूत में बार-बार ऊँगली कर रहे थे इससे मम्मी और मस्त हो गईं और अपने पाँव इधर-उधर करने लगीं।

मम्मी फूफा जी के लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मसल रही थीं तो फूफा जी ने अंपने लंड को बाहर निकाल लिया।

फूफा जी ने अपना लंड मम्मी के मुँह पर लगाया तो मम्मी ने मुँह फेर लिया।

तब फूफा जी ने कहा- बड़ा मजा आएगा मुँह में.. लो तो सही…

मम्मी ने कहा- मैंने कभी नहीं लिया.. मुझे अच्छा नहीं लगता।

तब फूफा जी ने कहा- मानो तो मेरी बात.. तुम्हें बहुत मजा आएगा।

यह कह कर उन्होंने जबरदस्ती मम्मी के मुँह में लंड डाल दिया।

इस पर मम्मी थोड़ा झिझकीं.. मगर थोड़ी देर में पूरा लंड मुँह में ले कर मजे से चाटने लगीं।

फूफा जी मम्मी की चूत में ऊँगली कर रहे थे।

थोड़ी देर में मम्मी फूफा जी से बोलीं- अब बस चूत की गर्मी शांत करो.. मुझसे रुका नहीं जा रहा…

यह सुन कर फूफा जी लेट गए और मम्मी को ऊपर आकर लंड पर बैठने को कहा।

तब मम्मी फूफा जी के लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डाल कर सीधी फूफा जी के ऊपर बैठ गईं और आगे-पीछे होने लगीं।

मम्मी आँखें बन्द करके तेजी से आगे-पीछे हो रही थीं।

उनके और फूफा जी के मुँह से लगातार सिसकारियाँ और आवाजें निकल रही थीं।

दो मिनट के बाद मम्मी फूफा जी के ऊपर पसर कर लेट गईं जैसे उनमें जान ही नहीं बची हो।

तब फूफा जी ने मम्मी को नीचे किया और उनकी टाँगें अपने कन्धों पर रखीं और मम्मी को झटके मारने चालू कर दिए।

उनके हर झटके पर मम्मी बिस्तर पर ही आगे-पीछे हो रही थीं, उनके बोबे जबरदस्त तरीके से हिल रहे थे.. बड़ा ही ‘चुदासी भरा मंजर’ था।

मम्मी बुरी तरह से सिसकारियाँ ले रही थीं।
फूफा जी की गति लगातार ही बढ़ रही थी।

करीब बीस मिनट तक ऐसे चोदते-चोदते फूफा जी और मम्मी पसीने से लथपथ हो गए थे।

तब फूफा जी बोले- मेरा निकलने वाला है क्या करूँ कहा निकालु ?

मम्मी ने कहा- अन्दर ही गिरा दो ..वाच्चा नहीं होगा।

इतने में ही फूफा जी मम्मी के ऊपर पूरा फ़ैल गए और मम्मी को कस कर पकड़ लिया।

फूफा जी लम्बे-लम्बे झटके मारने लगे और ऐसा लगा जैसे चूत के रास्ते लंड को ज्यादा अन्दर डाल रहे हों।

फूफा जी अपना सारा माल मम्मी की चूत में डाल कर मम्मी के ऊपर निढाल पड़ गए।

दोनों की साँसें बड़ी तेज चल रही थीं।

थोड़ी देर बाद फूफा जी मम्मी से अलग हुए और लेटे रहे।

मम्मी ने कहा- आज तो मजा आ गया.. कई दिनों बाद नीचे की खुजली शांत हुई है। अब कपड़े पहन लेते हैं बच्चे कभी भी ऊपर आ सकते हैं और मुश्किल हो जाएगी।

मम्मी उठीं और अपनी ब्रा का हुक लगाने लगीं।

तो फूफा जी ने हाथ पकड़ लिया और कहा- अभी तो और करेंगे।

पर मम्मी मान नहीं रही थीं।

इतने में मैंने देखा कि फूफा जी का लंड दुबारा खड़ा हो गया है।

मम्मी डर के मारे मान ही नहीं रही थीं और खड़ी हो गईं।

इस पर फूफा जी ने उन्हें पीछे से पकड़ कर जबरदस्ती नीचे झुका कर घोड़ी बना कर उनकी चूत में लंड डाल कर चुदाई चालू कर दी।
अब मम्मी कुछ नहीं बोलीं और आराम से लौड़ा डलवा कर चुदाई के मजे लेने लगीं।

फूफा जी मम्मी के बोबे मसल रहे थे।

मम्मी दर्द और चुदाई के मिले-जुले अहसास से सिसक रही थीं।

कुछ देर बाद फूफा जी ने अपना लंड निकाल कर मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगा दिया और आगे की तरफ किया।

इससे मम्मी झटके के साथ आगे हुईं और फूफा जी को गाण्ड में डालने से मना करने लगीं, पर फूफा जी कहाँ मानने वाले थे।

उन्होंने आखिरकार जबरदस्ती गाण्ड में लंड डाल ही दिया।

मम्मी की तो जोरदार चीख ही निकल गई.. वो तो उन्होंने अपने मुँह तकिये में दबा लिया।
मम्मी की आँखों में से तो आंसू ही निकल आए।

पहले फूफा जी धीरे-धीरे कर रहे थे.. बाद में तो उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी।

शायद अब मम्मी का दर्द कम हो गया था, अब वो भी मजे से गाण्ड मरवा रही थीं।

थोड़ी देर बाद फूफा जी ने मम्मी को बिस्तर पर पूरा लिटा दिया और वो खुद उनके ऊपर लेट गए।

फूफा जी ने मम्मी के बोबे पीछे से पकड़ कर दबाना चालू कर दिए और मम्मी की गर्दन और पीठ की चूमा-चाटी चालू कर दी।

इससे मम्मी को और मजा आने लगा।

थोड़ी देर बाद फिर फूफा जी लंबे लम्बे झटके मारने लगे और मम्मी की गाण्ड को वीर्य से भर कर बिस्तर पसर गए।

करीब पांच मिनट बाद मम्मी उठीं और सबसे पहले कपड़े पहने..

इस बार मम्मी ने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी और फूफा जी से कहने लगीं- आज तो बड़ा मजा आया.. और मौका मिला तो आज एक बार फिर करेंगे।

इसके बाद तो मैं फटाफट नीचे आ गया।

थोड़ी देर में मम्मी भी नीचे आ गईं उनके चेहरे से चुदाई से हुआ संतोष और थकान साफ दिख रही थी।

End
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My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:23 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:42 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 08:57 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 09:55 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:11 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:23 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:37 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 12-02-2021, 10:56 PM
RE: My best HOT Story's - by Eswar P - 13-02-2021, 11:01 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 06:57 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:10 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:22 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 07:34 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 09:12 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 09:42 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 10:12 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 14-02-2021, 10:19 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 09:47 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 09:57 AM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-02-2021, 10:09 AM
RE: My best HOT Story's - by vat69addict - 15-02-2021, 01:15 PM
RE: My best HOT Story's - by Pagol premi - 15-10-2024, 10:12 AM
RE: My best HOT Story's - by sri7869 - 16-10-2024, 06:31 AM
RE: My best HOT Story's - by Dgparmar - 26-10-2024, 03:44 AM



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