12-02-2021, 08:57 PM
वो मेरे स्तनों को मसलने लगा और बीच बीच में मेरे निप्पल को चूस लेता. वो मेरे होंठों गले गाल को भी चूम रहा था. मैंने चोर नज़र से देखा तो मेरे शौहर पास में छुप कर खडे़ थे.
सुबह ठीक 5 बजे मेरी नींद खुल गई और मैं उठ कर बाथरूम को चल पडी़. बाथरूम में घुसते ही मुझे पता चला कि ये तो वेस्टर्न स्टाईल का है. मुझे पेशाब करना था और इस प्रकार का बाथरूम मैंने पहले कभी यूज नहीं किया था. थोडे़ देर सोचने के बाद मैंने अपनी नाईटी उतार दी और पेशाब कर लिया.
जब वापस नाईटी पहनने को हुई तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया.
मैंने धीरे से पूछा कि कौन है.
बाहर से एक लड़के की आवाज आई और मुझे पता चल गया कि वो नीरज है.
मैंने धीरे से पूछा कि क्या काम है.
तो उसने भी धीरे से कहा- आपने रवि अंकल के साथ जो किया तो उन्हें तो नींद आ गई पर मुझे नींद नहीं आ रही.
मैं मुस्कुराई और दिल ही दिल में बोली- आज कल के बच्चे.
मैंने धीरे से दरवाजा खोला और वो जल्दी से अंदर आ गया. मैंने दरवाजा बंद कर दिया. मुझे देख कर उसकी आँखें फटी रह गई और उसने एक झटके से मेरे दोनों स्तनों को थाम कर सहलाना और मसलना शुरू किया. जब मन भर गया तो एक एक कर के दोनों निप्पल को चूसने लगा.
दो चार मिनट में मैंने उसे अलग किया और कपडे़ उतारने को कहा. वो जल्दी जल्दी कपडे़ उतारने लगा. उसके नग्न होने के बाद मैंने टाईलेट के कमोड को ढक कर उसे उस पर बैठा दिया और अपनी चूत उसके लण्ड में घुसा कर उसके गोद में बैठ गई.
वो वैसे ही बैठा रहा और मैं उछल उछल कर उसका लण्ड अन्दर बाहर करने लगी. उसकी आँखें बंद हो गई जिससे पता चला कि उसे कितना मजा आ रहा था.
अभी दो मिनट भी नहीं हुए थे कि किसी ने दरवाजा खटखटाया.
नीरज हड़बडा़ गया.
बाहर से मेरे शौहर की आवाज आई- डेजी अंदर हो क्या?
मैं दरवाजा खोलने को हुई तो नीरज ने हाथ पकड़ लिया और इशारा करने लगा कि दरवाजा न खोलूं.
मैंने उसे इशारे से कहा कि कुछ नहीं होगा.
तब उसने मेरा हाथ छोडा़.
मैंने अपने शौहर से कहा- मैं अंदर हूं.
उन्होंने पूछा- कितनी देर से अंदर हो; क्या कर रही हो?
मैंने दरवाजा खोल दिया और पल्ले को फैला दिया.
मैं अभी भी नग्न अवस्था में नीरज के गोद में बैठी थी और उसका लण्ड अभी भी मेरी चूत में था.
मैंने झल्लाते हुए कहा- थोडा़ व्यस्त हूं, आप जाकर सो जाईये, मैं थोड़े देर में आती हूं.
मैं बिना दरवाजा बंद किये फिर से उसके लण्ड पर उछलने लगी.
मेरे शौहर ने दरवाजा बंद किया और चले गये.
तभी पता चला कि नीरज झड़ गया है, शायद डर से.
मैं उठी तो वो जल्दी से कपडे़ पहन कर निकल गया.
मैंने खुद को साफ किया और नाईटी पहन कर बाहर आ गई. मैं अपने सीट कर जा कर लेट गई. मेरे शौहर दूसरी तरफ मुंह करके सो रहे थे.
मैं भी सो गई.
सुबह उठ कर मैंने टूथ ब्रश लेकर वासबेसिन की तरफ चली गई. अभी भी मैं नाईटी में थी. वहां मैंने ब्रश किया और जैसे ही मुंह धो रही थी, दो हाथ आ कर मेरे चूतड़ों को सहलाने लगे.
मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की और तौलिये से मुंह पौंछ कर पलटी.
और जैसे ही मैं घूमी, जो मेरे चूतड़ों को सहला रहा था, वो मेरे पीछे चला गया और मेरे चूतड़ों को सहलाता रहा.
एक और लड़का मेरे सामने खडा़ था. उसने कहा- क्या बात है भाभी, रात में बहुत मजे किये?
मैंने मुस्कुरा कर कहा- मेरी तो आदत है.
वो मेरे दोनों स्तनों को नाईटी के ऊपर से पकड़ कर मसलने लगा और मेरे होंठों को चूमने लगा. मैंने कोई विरोध नहीं किया.
अचानक मेरी नजर कोने में गई तो मुझे पता चला कि मेरे शौहर कोने से झांक रहे हैं. मैंने ऐसे व्यक्त करना शुरू किया कि मुझे बहुत मजा आ रहा हो.
तभी मेरे शौहर ने गला खंखारा और दोनों लड़के मुझे छोड़ कर झट से निकल गये.
मेरे शौहर वासबेसिन की तरफ चले गये और मैं अपनी सीट पर चली गई.
मेरे शौहर ने एक शब्द भी नहीं कहा. मैं चाहती थी कि वो कमीना कुछ बोले तो उनकी मिट्टी पलीत करूं. पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
वैसे मैंने हार नहीं मानी थी अभी.
रवि, वो दोनों अंकल आंटी और नीरज अपने अपने स्टेशन पर उतर चुके थे. मैं और मेरे शौहर ही कम्पार्टमेंट में बैठे थे.
मैंने अभी भी नाईटी चेन्ज नहीं की थी.
तभी बगल वाले कम्पार्टमेंट से दो लड़के आकर बैठ गये और मेरे शौहर से बात करने लगे. थोडी़ देर बाद दोनों ने ताश खेलने का प्रस्ताव रखा तो हम तैयार हो गये. कम्बल बिछा कर हम खेलने लगे, मेरे शौहर और एक लड़का मेरे सामने बैठे थे और एक लड़का मेरी बगल में.
मैं और मेरे शौहर खिड़की की तरफ बैठे थे. तभी एक लड़का और आ गया और वो मेरे बगल वाले लड़के के बगल में बैठ गया. उसने कहा कि वो खेलेगा और पत्ते उसके हाथ से ले लिया.
मेरे बगल में जो लड़का बैठ था वो बीच में ही बैठा रहा, भले ही खेल नहीं रहा था पर उस लड़के के पत्ते देख रहा था. उसने अपने दोनों हाथ कम्बल में डाल लिये. मुझे अंदाजा हो गया था कि कुछ न कुछ जरूर करेगा इसलिए मैंने अपनी नाईटी ऊपर तक उठा ली.
जैसा मैंने सोचा था, कुछ ही देर में वो लड़का मेरे घुटनों को सहलाने लगा. मैंने कोई विरोध नहीं किया तो उसने मेरी जाँघों को सहलाना शुरू किया, मैंने कोई विरोध नहीं किया तो उसका हाथ बढ़ते बढ़ते मेरी चूत तक पहुंच गया.
वो मेरी चूत और जाँघों के अंदरूनी हिस्सों से खेलता रहा.
जैसे ही मेरे शौहर मुझे देखते, मैं आँखें बंद कर लेती. एक दो बार के बाद उनको शक हुआ. उन्होंने अपने हाथ से मेरे टांगों को टटोलना शुरू किया तो मैं भी थोडा़ नीचे सरक कर बैठ गई. टटोलते टटोलते हाथ जाँघों तक पहुंचा और फिर मेरी चूत तक.
जैसे ही चूत पर हाथ पहुंचा तो मेरे बगल वाले लड़के और मेरे शौहर दोनों के हाथ आपस में टकरा गये. दोनों को ऐसा गया कि करन्ट लगा हो और दोनों ने अपने अपने हाथ बाहर खींच लिये. मेरे शौहर मुझे घूरने लगे तो मैंने उनकी तरफ देखना बंद कर दिया.
एक दो गेम के बाद उन्होंने लड़कों से कहा कि गेम बंद करें.
और सब अपने सामान लेकर वापस चले गये.
मैंने सोचा अब कुछ बोलेंगे पर कुछ नहीं बोले.
उनके जाने के बाद मैं बाथरूम गई. बाथरूम से जब वापस आ रही थी तभी एक आर पी एफ जवान गेट पर खडा़ दिखा.
मैं उसके बगल से निकल रही थी तभी उसने कमेंट किया- क्या रसदार माल है, कसम से एक बार मिल जाये तो मजा आ जाये.
मैंने उसे पलट कर देखा तो वो हंसने लगा.
मैं उसके पास तक गई और उससे बोली- क्या बोले तुम?
उसने कहा- तुमने सुन तो लिया है.
मैंने कहा- हम ट्रेन में है और मेरे शौहर साथ में है, अगर मेरे शौहर से निपट लेगा तो मुझसे मजा ले लेना और मैं किसी को कम्पलेन भी नहीं करूंगी.
वो मुझे आश्चर्य से देखता रहा तो मैंने उसके पैन्ट के ऊपर से उसके लण्ड को सहला दिया और कहा- अब यकीन है?
उसने कहा कि उसे यकीन है.
तो मैंने कहा कि मेरी एक शर्त है कि मेरे सामने मेरे शौहर की मिट्टी पलीत करना होगा.
वो मुस्कुरा कर बोला- हो जायेगा.
मैं इतना बोल कर वापस आ गई और खिड़की के बगल में बैठ गई.
थोडे़ देर बाद वो आर पी एफ जवान हमारे कम्पार्टमेन्ट में आया और कम्पार्टमेन्ट का दरवाजा बंद कर दिया.
मेरे शौहर उसको देख कर खडे़ हो गये.
उसने पहले ये पूछा कि हम कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं.
मेरे शौहर ने बता दिया.
उसने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व के ट्रेन में होने कि सम्भावना है.
फिर उसने हमारा नाम पूछा और जैसे ही हमने नाम बताया उसकी त्यौरियाँ चढ़ गई. उसने कहा कि तलाशी लेगा और हमारे सामान खोल के देखने लगा.
उसके बाद उसने मेरे शौहर को पास बुलाया और उनकी तलाशी लेने लगा. उसके बाद उसने मुझे खडे़ होने को कहा और मेरी तरफ बढ़ा़. मेरे शौहर बोल पडे़- कोई लेडीज कांस्टेबल नहीं है क्या?
उसने एक थप्पड़ मेरे शौहर को मारा और कहा- लवडे़ के बाल, अब लेडिज कांस्टेबल ढूंढने जाऊं और तब तक तुम दोनों फरार.
मेरे शौहर गाल सहलाते हुए बोले- हम कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं.
उसने कहा- साले तुम तो होते ही हो पैदाईशी ***. अब मुझे डिस्टर्ब मत कर. वरना अभी थप्पड़ मारा है, फिर सीधे गोली मारूंगा.
मेरे शौहर दुबक कर खड़े हो गये.
उस जवान ने पहले तो मेरे नाईटी के ऊपर ही से मेरे बदन के हर हिस्से पर हाथ फिराया और फिर मेरे नाईटी के लगे से अपना एक हाथ अंदर डाल कर मेरे स्तनों को मसलने लगा.
दो मिनट के बाद उसने मेरे नाईटी को ऊपर सरका के मेरे कमर तक ले गया और मुझे पकड़ने को कहा. मैंने कमर पर नाईटी को पकड़ लिया और वो मेरी जाँघों को सहलाने लगा और मेरी चूत को मसलने लगा. उसके बाद मेरे चूतड़ों को मसलने लगा.
मेरे शौहर ने पूछा- ये किस प्रकार की तलाशी है?
उसने मुझे छोडा़ और घूम कर मेरे शौहर को थप्पड़ और मरा और कहा- बहनचोद मुझे सिखायेगा. कसम से तू ठीक से तलाशी भी नहीं लेने देगा. तू यहीं रूक, मैं इसकी पूरी तलाशी लेकर आता हूं.
उसने मेरे नाईटी को नीचे करवा दिया और मुझे खींचते हुए दो बोगियों के बीच बने टाईलेट के गलियारे में ले गया. वहां उसने मेरे नाईटी के ऊपर के बटन खोले और मेरे स्तनों को नग्न कर लिया. वो मेरे स्तनों को सहलाने मसलने लगा और बीच बीच में मेरे निप्पल को चूस लेता. वो मेरे होंठों गले गाल को भी चूम रहा था.
मैंने चोर नज़रों से देखा तो मेरे शौहर पास में छुप कर खडे़ थे. आखिर उसका मन भर गया तो उसने मेरी नाईटी के सारे बटन खोल दिये और मेरी टांगें फैला दी.
जैसे ही उसने अपना लण्ड निकाल कर मेरी चूत पर रखा मेरे शौहर सामने आ कर बोले- ये किस टाईप की तलाशी ले रहे हो?
उसने गुर्राते हुए कहा- मादरचोर मुझे मत सिखा, मैं ऐसे ही तलाशी लेता हूं, ज्यादा टांय टांय करेगा तो अभी चेन खींच कर सब को बोलूंगा कि टूने मुझ पर हमला किया. उसके बाद तो जेल जा कर तेरी खूब तबीयत से कुटाई होगी और तेरी बीवी की मस्त तलाशी होगी वहां.
मेरे शौहर चुप हो गये और उसने मेरी कमर पकड़ कर एक झटके से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया. मेरे दोनों स्तनों को पकड़ कर वो धक्के लगाने लगा. मेरे शौहर वहीं कोने में खडे़ होकर तमाशा देख रहे थे.
वो मेरी चूत में धक्के लगा रहा था और साथ ही मेरे स्तनों को खूब मसल भी रहा था. आखिरकार एक चरम पर पहुंच कर उसने मेरी चूत में रस भर दिया और मुझसे अलग हो गया. उसने अपना लण्ड अंदर किया और मुझे कपडे़ ठीक करने को कहा.
मैं जैसे ही कपडे़ ठीक करने लगी मेरे शौहर वापस कम्पार्टमेन्ट में चले गये.
मुझे अपने शौहर को और नीचा दिखाने का मौका बना गया था. उस स्थिति में अगर पूरी ट्रेन के मर्द मेरी चूत से अपनी प्यास बुझा लेते तो भी मुझे अफसोस नहीं होता ।
थोड़ी देर बाद हम दोनों भी कम्पार्टमेन्ट में पहुंचे. जवान ने मेरे शौहर से कहा- हां! अब तसल्ली हो गई, तुम लोग बिल्कुल क्लीन हो. बस एक बार मैं अपने सीनियर से भी कन्फर्म कर लेता हूं.
मेरे शौहर को इशारा करके उसने टिकट मांगा.
मेरे शौहर ने निकाल कर उसे टिकट दे दिया.
उसने कहा कि वो पांच मिनट में टिकट कन्फर्म करके आ रहा है.
मेरे शौहर कुछ नहीं बोले और वो चला गया.
लेकिन जब वो 15 मिनट तक वापस नहीं आया तो मेरे शौहर के चेहरे की रंगत उड़ने लगी.
मुझे तो समझ आ गया था कि वो कोई न कोई चाल चल के गया है. और सच पूछा जाये तो मुझे अपने शौहर को और नीचा दिखाने का मौका बना गया था. उस स्थिति में अगर पूरी ट्रेन के मर्द मेरी चूत से अपनी प्यास बुझा लेते तो भी मुझे अफसोस नहीं होता. बस वो मुझसे अपनी कारस्तानियों की माफी मांगे.
जैसा कि उम्मीद थी, थोड़ी देर में टी टी एक नये आर पी एफ के जवान के साथ आ धमका और मेरे शौहर से टिकट मांगा.
मेरे शौहर ने उन्हें बताया कि टिकट आर पी एफ का एक जवान चेक करवाने गया है.
टी टी ने कहा- इस ट्रेन पर आर पी एफ का कोई भी जवान मौजूद नहीं है.
साफ पता चल रहा था कि टी टी झूठ बोल रहा था.
मेरे शौहर न लाख समझाना चाहा पर वो समझने के लिए तैयार ही नहीं था. आखिर उन्होंने पर्स निकाल कर फाईन के साथ टिकट बनाने को कहा.
टी टी ने कहा कि वो टिकट नहीं बनाएगा और मेरे शौहर को अगले स्टेशन पर अरेस्ट करवायेगा.
मेरे शौहर ने नर्मी से कहा- अरेस्ट मत करवाओ, थोडे़ ज्यादा फाईन ले लेना, खर्चा पानी.
अचानक टी टी के तेवर बदल गये और वो ज्यादा गुस्से में दिखने लगा. वो बोला- तेरे को पता है मैं पैसे नहीं लेता खर्चा पानी अगल टाईप से लेता हूं.
उसने आगे कहा- मैं खर्चा पानी लेकर आता हूं जब तक तू ये तय कर लेना कि फाईन देकर टिकट बनवाना है या जेल जाना है.
टी टी ने मुझे देखा और कहा- चल हमारे साथ.
मैं कुछ बोलूं, उससे पहले मेरे शौहर ने पूछा- कहां?
टी टी ने कहा- खर्चा पानी लेकर आते हैं हम लोग, हम इसी टाईप का खर्चा पानी लेते हैं. वैसे तेरी जोरू का बदन काफी कसा हुआ है, शायद नई नई शादी हुई है तेरी. आज तो बहुत मजा आयेगा. मेरे शौहर बोले- ये तो ज्यादती है.
टी टी ने कहा- एक सरकारी अफसर को घूंस देना का जुर्म भी बनता है तेरे पे.
मेरे शौहर ने फिर कहा- ठीक है फिर मुझे जेल भिजवा दीजिये.
आर पी एफ के जवान ने कहा- इतनी जल्दी नहीं है, तू आराम से सोच ले, जब तब हम आते हैं.
मेरे शौहर ने कहा- मुझे कुछ नहीं सोचना.
तभी आर पी एफ के जवान ने एक थप्पड़ मेरे शौहर को मारा और कहा- अब तू जेल जा या फाईन पटा, खर्चा पानी को हम लेंगे ही. ज्यादा चूं चपड़ करेगा तो खर्चा पानी लेने के बाद दोनों को चलती ट्रेन से फेंक देंगे.
मेरे शौहर कुछ बोलने को हुए तो टी टी ने एक थप्पड़ मारा और कहा- मुंह खोला तो मार मार के मुंह लाल कर देंगे, एकदम मुंह बंद करके बैठ.
अब मेरे शौहर शांत हो गये और टी टी ने मुझसे कहा- अरे छमकछल्लो, न्यौता दें तेरे को … चल जल्दी से कपडे़ उतार.
मैंने अपने शौहर के तरफ देखा जो सर झुका कर बैठे थे.
मैंने एक एक करके नाईटी के बटन खोल दिये और जैसे ही मेरे स्तन दिखे टी टी ने कहा- क्या तने हुए स्तन है. मसलने में मजा आयेगा.
नाईटी के बटन नीचे तक खोल कर मैंने निकाल कर अगल रख दिया. मेरी चूत देखते ही फिर बोला- क्या टाईट चूत है, आज सच में मजा आने वाला है.
आर पी एफ के जवान ने टी टी के कान में कुछ कहा और टी टी मुझसे कहा- चल टाईलेट के गलियारे में चल.
मैंने आश्चर्य से पूछा- ऐसे ही, बिना कपड़ों के?
एक थप्पड़ मुझे पडा़ और टी टी बोला- है तो तू रंडी ही, वैसे इधर अभी कोई है तो नहीं और होता भी तो तुझे दो चार ग्राहक मिल जाते. अब चुप चाप चल.
मैं बाहर निकली और तेज कदमों से गलियारे तक पहुंच गई.
जैसे ही वो दोनों पहुंचे मैंने अपनी पीठ गेट से लगा दी. टी टी मेरे पास आया और मुझे बीच में खींच कर बोला- ऐसे नहीं, अगल टाईप से.
दोनों ने अपनी पेन्ट और अण्डरवियर उतारा और अपना लण्ड निकाल लिया.
टी टी मेरे सामने आ गया और उसने मेरी चूतड़ पकड कर अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया. उसके लण्ड के घुसते ही दूसरे ने मेरी गांड के छेद में अपना लण्ड घुसाने लगा. वैसे भी मेरी गांड का छेद खुल चुका था तो लण्ड थोडी़ परेशानी के बाद घुस गया.
एक पल रुकने के बाद टी टी ने मेरे जाँघों के नीचे से अपने हाथों का सहारा दिया और दूसरे ने अपने दोनों हाथ मेरे दोनों स्तनों पर रख लिया और एक धक्के लगाने लगे. दोनों एक समय पर अपना लण्ड अंदर डालते थे और एक समय कर निकालते थे. बीच बीच में पीछे वाला कस के मेरे स्तनों को मसल देता था और मैं झटके से सर पीछे फेंकती थी.
बस इसी पल टी टी मेरी ठुड्डी को चूम लेता था.
मैंने बीच में चोर नज़रों से देखा तो पता चल गया कि मेरे शौहर हमें छुप कर देख रहे हैं. लगातार धक्के लगाने के बाद उन्होंने मेरी चूत और गांड में पानी छोड़ दिया.
टी टी, जो थोडी़ उमर का था, ने तो अपनी पैंट चढा़ ली पर दूसरे ने अपना लण्ड फिर खडा़ कर लिया था.
उसने मुझे घुटनों के बल बैठाया और अपना लण्ड मेरे मुंह में डाल दिया.
कोई रास्ता तो था नहीं … इसलिए जल्दी जल्दी मैं उसका लण्ड चूसने लगी. ज्यादा टाईम नहीं लगा और उसने अपना लण्ड मेरे मुंह से निकाल कर मेरे स्तनों को अपने पानी से भिगा दिया. मैं पौंछने को हुई तो उसने मना कर दिया और अपनी पैन्ट चढ़ा कर मुझे मेरे कम्पार्टमेन्ट तक छोड़ने आये.
मैं बिना कपड़ों के खिड़की के पास बैठ गई और एक रूमाल से खुद को साफ करके नाईटी पहन कर लेट गई.
मेरे शौहर ने कहा- अब तो टिकट बना दो.
टी टी ने जेब से टिकट निकाल कर उनको दे दिया.
वो हमारा ही टिकट था.
मेरे शौहर ने गुस्से से देखा तो टी टी ने कहा- मेरी तरफ से भेंट.
और दोनों हंसते हुए निकल गये.
टी टी के जाने के बाद मैं आँखें बंद करके लेटी रही. मेरे शौहर ने भी कुछ नहीं कहा और वो भी लेट गये.
गभग एक घंटे बाद वो उठे और टायलेट को चल दिये. उनके जाने के दो मिनट बाद ही वो तीनों लड़के आ गये. वो तीनों मेरे बदन पर हाथ फिराने लगे. मैंने झट आँखें खोल कर कहा- तुम लोग यहां, क्या कर रहे हो, छोडो़ मेरे शौहर आ जाऐंगे.
उनमें से एक ने कहा- भाभी, इतने लोगों को खुश किया है आपने, हम तीनों भी ज्यादा टाईम नहीं लेंगे आपका.
वो लगातार मेरे बदन से खेल रहे थे.
मैंने फुसफुसाते हुए कहा- मगर मेरे शौहर?
उसने फिर कहा- टायलेट का गेट बाहर से बंद करके आये हैं.
मुस्कुराते हुए मैंने कहा- मतलब पूरी तैयारी से आए हो, जब इतनी मेहनत किये हो तो तुम्हें मना कैसे कर सकती हूं. पर जरा जल्दी निपटना. और मेरा एक काम और करना है तुम लोगों को.
मैंने उनके कान में कुछ कुछ समझा दिया और वो मान गये.
तीनों ने जल्दी जल्दी मेरे नाईटी के बटन खोले और मेरे बदन को नग्न कर दिया. तीनों ने अपनी पैन्ट और अंडरवियर उतार दिये. मैं थोडा़ नीचे सरक कर लेट गई और एक मेरे सर को गोद में लेकर बैठ गया और मेरे होंठों को गले गाल को चूमने लगा. कभी चूमता, कभी चूसता, कभी चाटता तो कभी कभी काट भी लेता.
दूसरा अटैची लगा कर मेरी कमर के पास बैठ गया और मेरे दोनों स्तनों को अपने हाथों में ले लिया. वो मेरे स्तनों को मसल रहा था और बीच बीच में मेरे निप्पल को चूसने लगता.
तीसरे ने मेरी टांगें फैलाई और अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया. वो मेरी जाँघों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा. वो इस प्रकार से धक्के लगा रहा था कि बाकियों को दिक्कत न हो.
आखिर कालेज का छोकरा था, ज्यादा देर नहीं रोक पाया और चूत भिगा कर बगल वाले सीट पर जाकर बैठ गया.
मेरे सर पर बैठा लड़का आ गया मेरी टांगों के बीच. जैसे थी उसने मेरी चूत में अपना लण्ड घुसाया, मेरी नजर गेट की तरफ गई. वहां मेरे शौहर छुप कर खडे़ थे.
शायद किसी ने टायलेट का दरवाजा खोल दिया होगा.
उस लड़के ने जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाया और धक्के लगाने लगा.
ये भी नौसिखिया था, पांच मिनट भी रोक कर नहीं रख पाया और झड़ गया.
उसके उठते ही अगले ने जगह ले ली. उसने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाया और धक्के लगाने लगा. दो चार धक्के में ही मुझे अहसास हो गया कि ये पहुंचा हुआ खिलाडी़ है.
और वो धक्के लगाता रहा. उसके धक्कों के वेग से मैं ऊपर की तरफ खिसकती जा रही थी. मेरे स्तन पानी भरे गुब्बारों की तरह हिल रहे थे.
जब मुझे लगा कि धक्के मजा कम और सजा ज्यादा दे रहे हैं तो मैंने उसकी कमर के इर्द गिर्द अपनी टांगें लपेट ली. पर उसके धक्कों का वेग कम नहीं हुआ.
उसे देख कर दोनों अपने लण्ड को सहला रहे थे.
मुझे लगा कि अगर इन्होंने दूसरा राऊंड शुरू किया तो मैं तो गई. इसलिए मैंने उसे लण्ड निकालने को कहा. वो लण्ड निकाल कर सीट कर दोनों के बीच बैठ गया. मैं घुटनों के बल बैठ कर उसके लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी और दोनों अगल बगल वालों के लण्ड का मुठ मारने लगी.
जिसका लण्ड मुंह में था, उसने मेरी दोनों स्तन पकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा. और दोनों लड़के मेरे एक एक चूतड़ पकड़ कर दबाने लगे.
लगभग एक ही समय पर तीनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया. वो अपनी अपनी पैन्ट पहन कर बैठ गये. मैंने उनके सामने ही खुद को साफ किया और नाईटी पहन ली.
उसके बाद वो निकल गये और मैं खिड़की के पास बैठ गई. मेरे शौहर आये और वो भी सीट पर बैठ गये पर बोले कुछ नहीं.
जब हमारा स्टेशन आने को आधा घण्टा बचा तो मैंने कम्पार्टमेन्ट का गेट बंद किया और साडी़ पहनने लगी. साडी़ पहन कर मैंने हल्का मेकअप किया और फिर बाथरूम की तरफ चल दी.
मुझे मूतना वूतना तो था नहीं तो मैं दो मिनट रूक कर वापस आ गई.
अपने कम्पार्टमेन्ट के गेट से पहले मैंने ब्लाऊज के सारे बटन खोले और ब्रा ऊपर सरका दी. मेरे स्तन नग्न हो गये.
मैंने सामने बैठे लड़कों को इशारा किया और उनमें से दो लड़के मेरे कम्पार्टमेन्ट के गेट के सामने आ गये. वो दो मिनट वहां खडे़ रहे जिससे मेरे शौहर का ध्यान उनकी तरफ हो जाए.
फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कम्पार्टमेन्ट के गेट के सामने खडा़ कर दिया और मुझसे बोले- क्या गजब के चूचे हैं आपके भाभी. अगर आपको एतराज न हो तो कुछ देर इनसे मजा ले लेते हैं.
मेरे कुछ बोले बगैर ही वो लोग मेरे एक एक स्तन से खेलने लगे और एक एक निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगे. लगभग दस मिनट तक वो दोनों मेरे स्तनों से खेलते रहे और मुझे छोड़कर वापस चले गये.
उनके जाने के बाद मैं कम्पार्टमेन्ट में घुसी और मेरे शौहर के सामने बैठ कर अपने ब्रा ठीक करके ब्लाऊज के बटन लगाने लगी.
फिर मैं चुपचाप बैठ गई.
स्टेशन आया और हम दोनों उतर के बाहर आ गये.
ड्राईवर गाडी़ लेकर आया था पर मेरे शौहर ने उसे पैसे देकर टैक्सी से आने को कहा. हम गाडी़ में बैठ गये और वो कार चलाने लगे.
अचानक बोले- डेजी! अभी कई बार तुम्हारे साथ गलत हुआ. पर कई बार मुझे लगा तुम्हारी भी मर्जी शामिल थी, ठीक बोल रहा हूं न मैं?
मैंने कहा- हां. आप ही तो मुझे किसी पराये मर्द के बांहों में देख कर सुकून पाते हैं. तभी तो जाते समय आपने मुझे चार लोगों के आगोश में झोंक दिया था कि वो लोग मुझे रंडी की तरह इस्तेमाल कर सकें. वहां मैंने सोचा कि जब पूरी जिन्दगी आपके साथ बितानी है तो आपके अनुसार ढल जाऊं. इसलिए तो आते समय आपके मजे का पूरा ख्याल रखा मैंने. आखिर आप यही तो चाहते थे.
उन्होंने धीरे से कहा- मुझे नहीं आया मजा.
मैंने टोन्ट मारने के अंदाज से कहा- शायद आपको विडियो देख कर मजा आता है. आज तो बहुत हो गया, दो दिन आराम कर लेती हूँ फिर निकलूँगी बाहर. थोडे़ से लटके झटके दिखाऊंगी मर्दों को तो चार पांच तो फिसल ही जाएंगे मेरे ऊपर. पांचों के साथ किसी होटल के एक कमरे में जाकर खूब अपना बदन नुचवाऊंगी और सब विडियो ला कर आपको दे दूँगी. आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए.
उन्होंने गुस्से में कहा- मुझसे बहुत बडी़ गलती हो गई! मुझे माफ कर दो, अब कभी ऐसी गलती नहीं होगी. मैं वादा करता हूं.
मैंने कुछ नहीं कहा, बस चुप हो गई.
ऐसा नहीं है कि फिर उसके बाद मैंने कभी और किसी का लण्ड नहीं चखा. चखा … बहुतों का चखा.
अगर इन दोनों आपबीती से आपका लण्ड में कोई हलचल नहीं हुई तो मेरा दावा कि मेरे और आपबीती सुन कर आपका निश्चित ही लण्ड बिना हिलाए झड़ जायेगा.
पर वो फिर कभी.
वैसे भी एक ज्यादा लण्ड एक साथ लेने का मजा कम और नशा ज्यादा होता है.
और मुझे भी आते और जाते समय इसकी आदत पड़ गई थी.
End
सुबह ठीक 5 बजे मेरी नींद खुल गई और मैं उठ कर बाथरूम को चल पडी़. बाथरूम में घुसते ही मुझे पता चला कि ये तो वेस्टर्न स्टाईल का है. मुझे पेशाब करना था और इस प्रकार का बाथरूम मैंने पहले कभी यूज नहीं किया था. थोडे़ देर सोचने के बाद मैंने अपनी नाईटी उतार दी और पेशाब कर लिया.
जब वापस नाईटी पहनने को हुई तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया.
मैंने धीरे से पूछा कि कौन है.
बाहर से एक लड़के की आवाज आई और मुझे पता चल गया कि वो नीरज है.
मैंने धीरे से पूछा कि क्या काम है.
तो उसने भी धीरे से कहा- आपने रवि अंकल के साथ जो किया तो उन्हें तो नींद आ गई पर मुझे नींद नहीं आ रही.
मैं मुस्कुराई और दिल ही दिल में बोली- आज कल के बच्चे.
मैंने धीरे से दरवाजा खोला और वो जल्दी से अंदर आ गया. मैंने दरवाजा बंद कर दिया. मुझे देख कर उसकी आँखें फटी रह गई और उसने एक झटके से मेरे दोनों स्तनों को थाम कर सहलाना और मसलना शुरू किया. जब मन भर गया तो एक एक कर के दोनों निप्पल को चूसने लगा.
दो चार मिनट में मैंने उसे अलग किया और कपडे़ उतारने को कहा. वो जल्दी जल्दी कपडे़ उतारने लगा. उसके नग्न होने के बाद मैंने टाईलेट के कमोड को ढक कर उसे उस पर बैठा दिया और अपनी चूत उसके लण्ड में घुसा कर उसके गोद में बैठ गई.
वो वैसे ही बैठा रहा और मैं उछल उछल कर उसका लण्ड अन्दर बाहर करने लगी. उसकी आँखें बंद हो गई जिससे पता चला कि उसे कितना मजा आ रहा था.
अभी दो मिनट भी नहीं हुए थे कि किसी ने दरवाजा खटखटाया.
नीरज हड़बडा़ गया.
बाहर से मेरे शौहर की आवाज आई- डेजी अंदर हो क्या?
मैं दरवाजा खोलने को हुई तो नीरज ने हाथ पकड़ लिया और इशारा करने लगा कि दरवाजा न खोलूं.
मैंने उसे इशारे से कहा कि कुछ नहीं होगा.
तब उसने मेरा हाथ छोडा़.
मैंने अपने शौहर से कहा- मैं अंदर हूं.
उन्होंने पूछा- कितनी देर से अंदर हो; क्या कर रही हो?
मैंने दरवाजा खोल दिया और पल्ले को फैला दिया.
मैं अभी भी नग्न अवस्था में नीरज के गोद में बैठी थी और उसका लण्ड अभी भी मेरी चूत में था.
मैंने झल्लाते हुए कहा- थोडा़ व्यस्त हूं, आप जाकर सो जाईये, मैं थोड़े देर में आती हूं.
मैं बिना दरवाजा बंद किये फिर से उसके लण्ड पर उछलने लगी.
मेरे शौहर ने दरवाजा बंद किया और चले गये.
तभी पता चला कि नीरज झड़ गया है, शायद डर से.
मैं उठी तो वो जल्दी से कपडे़ पहन कर निकल गया.
मैंने खुद को साफ किया और नाईटी पहन कर बाहर आ गई. मैं अपने सीट कर जा कर लेट गई. मेरे शौहर दूसरी तरफ मुंह करके सो रहे थे.
मैं भी सो गई.
सुबह उठ कर मैंने टूथ ब्रश लेकर वासबेसिन की तरफ चली गई. अभी भी मैं नाईटी में थी. वहां मैंने ब्रश किया और जैसे ही मुंह धो रही थी, दो हाथ आ कर मेरे चूतड़ों को सहलाने लगे.
मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की और तौलिये से मुंह पौंछ कर पलटी.
और जैसे ही मैं घूमी, जो मेरे चूतड़ों को सहला रहा था, वो मेरे पीछे चला गया और मेरे चूतड़ों को सहलाता रहा.
एक और लड़का मेरे सामने खडा़ था. उसने कहा- क्या बात है भाभी, रात में बहुत मजे किये?
मैंने मुस्कुरा कर कहा- मेरी तो आदत है.
वो मेरे दोनों स्तनों को नाईटी के ऊपर से पकड़ कर मसलने लगा और मेरे होंठों को चूमने लगा. मैंने कोई विरोध नहीं किया.
अचानक मेरी नजर कोने में गई तो मुझे पता चला कि मेरे शौहर कोने से झांक रहे हैं. मैंने ऐसे व्यक्त करना शुरू किया कि मुझे बहुत मजा आ रहा हो.
तभी मेरे शौहर ने गला खंखारा और दोनों लड़के मुझे छोड़ कर झट से निकल गये.
मेरे शौहर वासबेसिन की तरफ चले गये और मैं अपनी सीट पर चली गई.
मेरे शौहर ने एक शब्द भी नहीं कहा. मैं चाहती थी कि वो कमीना कुछ बोले तो उनकी मिट्टी पलीत करूं. पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
वैसे मैंने हार नहीं मानी थी अभी.
रवि, वो दोनों अंकल आंटी और नीरज अपने अपने स्टेशन पर उतर चुके थे. मैं और मेरे शौहर ही कम्पार्टमेंट में बैठे थे.
मैंने अभी भी नाईटी चेन्ज नहीं की थी.
तभी बगल वाले कम्पार्टमेंट से दो लड़के आकर बैठ गये और मेरे शौहर से बात करने लगे. थोडी़ देर बाद दोनों ने ताश खेलने का प्रस्ताव रखा तो हम तैयार हो गये. कम्बल बिछा कर हम खेलने लगे, मेरे शौहर और एक लड़का मेरे सामने बैठे थे और एक लड़का मेरी बगल में.
मैं और मेरे शौहर खिड़की की तरफ बैठे थे. तभी एक लड़का और आ गया और वो मेरे बगल वाले लड़के के बगल में बैठ गया. उसने कहा कि वो खेलेगा और पत्ते उसके हाथ से ले लिया.
मेरे बगल में जो लड़का बैठ था वो बीच में ही बैठा रहा, भले ही खेल नहीं रहा था पर उस लड़के के पत्ते देख रहा था. उसने अपने दोनों हाथ कम्बल में डाल लिये. मुझे अंदाजा हो गया था कि कुछ न कुछ जरूर करेगा इसलिए मैंने अपनी नाईटी ऊपर तक उठा ली.
जैसा मैंने सोचा था, कुछ ही देर में वो लड़का मेरे घुटनों को सहलाने लगा. मैंने कोई विरोध नहीं किया तो उसने मेरी जाँघों को सहलाना शुरू किया, मैंने कोई विरोध नहीं किया तो उसका हाथ बढ़ते बढ़ते मेरी चूत तक पहुंच गया.
वो मेरी चूत और जाँघों के अंदरूनी हिस्सों से खेलता रहा.
जैसे ही मेरे शौहर मुझे देखते, मैं आँखें बंद कर लेती. एक दो बार के बाद उनको शक हुआ. उन्होंने अपने हाथ से मेरे टांगों को टटोलना शुरू किया तो मैं भी थोडा़ नीचे सरक कर बैठ गई. टटोलते टटोलते हाथ जाँघों तक पहुंचा और फिर मेरी चूत तक.
जैसे ही चूत पर हाथ पहुंचा तो मेरे बगल वाले लड़के और मेरे शौहर दोनों के हाथ आपस में टकरा गये. दोनों को ऐसा गया कि करन्ट लगा हो और दोनों ने अपने अपने हाथ बाहर खींच लिये. मेरे शौहर मुझे घूरने लगे तो मैंने उनकी तरफ देखना बंद कर दिया.
एक दो गेम के बाद उन्होंने लड़कों से कहा कि गेम बंद करें.
और सब अपने सामान लेकर वापस चले गये.
मैंने सोचा अब कुछ बोलेंगे पर कुछ नहीं बोले.
उनके जाने के बाद मैं बाथरूम गई. बाथरूम से जब वापस आ रही थी तभी एक आर पी एफ जवान गेट पर खडा़ दिखा.
मैं उसके बगल से निकल रही थी तभी उसने कमेंट किया- क्या रसदार माल है, कसम से एक बार मिल जाये तो मजा आ जाये.
मैंने उसे पलट कर देखा तो वो हंसने लगा.
मैं उसके पास तक गई और उससे बोली- क्या बोले तुम?
उसने कहा- तुमने सुन तो लिया है.
मैंने कहा- हम ट्रेन में है और मेरे शौहर साथ में है, अगर मेरे शौहर से निपट लेगा तो मुझसे मजा ले लेना और मैं किसी को कम्पलेन भी नहीं करूंगी.
वो मुझे आश्चर्य से देखता रहा तो मैंने उसके पैन्ट के ऊपर से उसके लण्ड को सहला दिया और कहा- अब यकीन है?
उसने कहा कि उसे यकीन है.
तो मैंने कहा कि मेरी एक शर्त है कि मेरे सामने मेरे शौहर की मिट्टी पलीत करना होगा.
वो मुस्कुरा कर बोला- हो जायेगा.
मैं इतना बोल कर वापस आ गई और खिड़की के बगल में बैठ गई.
थोडे़ देर बाद वो आर पी एफ जवान हमारे कम्पार्टमेन्ट में आया और कम्पार्टमेन्ट का दरवाजा बंद कर दिया.
मेरे शौहर उसको देख कर खडे़ हो गये.
उसने पहले ये पूछा कि हम कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं.
मेरे शौहर ने बता दिया.
उसने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व के ट्रेन में होने कि सम्भावना है.
फिर उसने हमारा नाम पूछा और जैसे ही हमने नाम बताया उसकी त्यौरियाँ चढ़ गई. उसने कहा कि तलाशी लेगा और हमारे सामान खोल के देखने लगा.
उसके बाद उसने मेरे शौहर को पास बुलाया और उनकी तलाशी लेने लगा. उसके बाद उसने मुझे खडे़ होने को कहा और मेरी तरफ बढ़ा़. मेरे शौहर बोल पडे़- कोई लेडीज कांस्टेबल नहीं है क्या?
उसने एक थप्पड़ मेरे शौहर को मारा और कहा- लवडे़ के बाल, अब लेडिज कांस्टेबल ढूंढने जाऊं और तब तक तुम दोनों फरार.
मेरे शौहर गाल सहलाते हुए बोले- हम कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं.
उसने कहा- साले तुम तो होते ही हो पैदाईशी ***. अब मुझे डिस्टर्ब मत कर. वरना अभी थप्पड़ मारा है, फिर सीधे गोली मारूंगा.
मेरे शौहर दुबक कर खड़े हो गये.
उस जवान ने पहले तो मेरे नाईटी के ऊपर ही से मेरे बदन के हर हिस्से पर हाथ फिराया और फिर मेरे नाईटी के लगे से अपना एक हाथ अंदर डाल कर मेरे स्तनों को मसलने लगा.
दो मिनट के बाद उसने मेरे नाईटी को ऊपर सरका के मेरे कमर तक ले गया और मुझे पकड़ने को कहा. मैंने कमर पर नाईटी को पकड़ लिया और वो मेरी जाँघों को सहलाने लगा और मेरी चूत को मसलने लगा. उसके बाद मेरे चूतड़ों को मसलने लगा.
मेरे शौहर ने पूछा- ये किस प्रकार की तलाशी है?
उसने मुझे छोडा़ और घूम कर मेरे शौहर को थप्पड़ और मरा और कहा- बहनचोद मुझे सिखायेगा. कसम से तू ठीक से तलाशी भी नहीं लेने देगा. तू यहीं रूक, मैं इसकी पूरी तलाशी लेकर आता हूं.
उसने मेरे नाईटी को नीचे करवा दिया और मुझे खींचते हुए दो बोगियों के बीच बने टाईलेट के गलियारे में ले गया. वहां उसने मेरे नाईटी के ऊपर के बटन खोले और मेरे स्तनों को नग्न कर लिया. वो मेरे स्तनों को सहलाने मसलने लगा और बीच बीच में मेरे निप्पल को चूस लेता. वो मेरे होंठों गले गाल को भी चूम रहा था.
मैंने चोर नज़रों से देखा तो मेरे शौहर पास में छुप कर खडे़ थे. आखिर उसका मन भर गया तो उसने मेरी नाईटी के सारे बटन खोल दिये और मेरी टांगें फैला दी.
जैसे ही उसने अपना लण्ड निकाल कर मेरी चूत पर रखा मेरे शौहर सामने आ कर बोले- ये किस टाईप की तलाशी ले रहे हो?
उसने गुर्राते हुए कहा- मादरचोर मुझे मत सिखा, मैं ऐसे ही तलाशी लेता हूं, ज्यादा टांय टांय करेगा तो अभी चेन खींच कर सब को बोलूंगा कि टूने मुझ पर हमला किया. उसके बाद तो जेल जा कर तेरी खूब तबीयत से कुटाई होगी और तेरी बीवी की मस्त तलाशी होगी वहां.
मेरे शौहर चुप हो गये और उसने मेरी कमर पकड़ कर एक झटके से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया. मेरे दोनों स्तनों को पकड़ कर वो धक्के लगाने लगा. मेरे शौहर वहीं कोने में खडे़ होकर तमाशा देख रहे थे.
वो मेरी चूत में धक्के लगा रहा था और साथ ही मेरे स्तनों को खूब मसल भी रहा था. आखिरकार एक चरम पर पहुंच कर उसने मेरी चूत में रस भर दिया और मुझसे अलग हो गया. उसने अपना लण्ड अंदर किया और मुझे कपडे़ ठीक करने को कहा.
मैं जैसे ही कपडे़ ठीक करने लगी मेरे शौहर वापस कम्पार्टमेन्ट में चले गये.
मुझे अपने शौहर को और नीचा दिखाने का मौका बना गया था. उस स्थिति में अगर पूरी ट्रेन के मर्द मेरी चूत से अपनी प्यास बुझा लेते तो भी मुझे अफसोस नहीं होता ।
थोड़ी देर बाद हम दोनों भी कम्पार्टमेन्ट में पहुंचे. जवान ने मेरे शौहर से कहा- हां! अब तसल्ली हो गई, तुम लोग बिल्कुल क्लीन हो. बस एक बार मैं अपने सीनियर से भी कन्फर्म कर लेता हूं.
मेरे शौहर को इशारा करके उसने टिकट मांगा.
मेरे शौहर ने निकाल कर उसे टिकट दे दिया.
उसने कहा कि वो पांच मिनट में टिकट कन्फर्म करके आ रहा है.
मेरे शौहर कुछ नहीं बोले और वो चला गया.
लेकिन जब वो 15 मिनट तक वापस नहीं आया तो मेरे शौहर के चेहरे की रंगत उड़ने लगी.
मुझे तो समझ आ गया था कि वो कोई न कोई चाल चल के गया है. और सच पूछा जाये तो मुझे अपने शौहर को और नीचा दिखाने का मौका बना गया था. उस स्थिति में अगर पूरी ट्रेन के मर्द मेरी चूत से अपनी प्यास बुझा लेते तो भी मुझे अफसोस नहीं होता. बस वो मुझसे अपनी कारस्तानियों की माफी मांगे.
जैसा कि उम्मीद थी, थोड़ी देर में टी टी एक नये आर पी एफ के जवान के साथ आ धमका और मेरे शौहर से टिकट मांगा.
मेरे शौहर ने उन्हें बताया कि टिकट आर पी एफ का एक जवान चेक करवाने गया है.
टी टी ने कहा- इस ट्रेन पर आर पी एफ का कोई भी जवान मौजूद नहीं है.
साफ पता चल रहा था कि टी टी झूठ बोल रहा था.
मेरे शौहर न लाख समझाना चाहा पर वो समझने के लिए तैयार ही नहीं था. आखिर उन्होंने पर्स निकाल कर फाईन के साथ टिकट बनाने को कहा.
टी टी ने कहा कि वो टिकट नहीं बनाएगा और मेरे शौहर को अगले स्टेशन पर अरेस्ट करवायेगा.
मेरे शौहर ने नर्मी से कहा- अरेस्ट मत करवाओ, थोडे़ ज्यादा फाईन ले लेना, खर्चा पानी.
अचानक टी टी के तेवर बदल गये और वो ज्यादा गुस्से में दिखने लगा. वो बोला- तेरे को पता है मैं पैसे नहीं लेता खर्चा पानी अगल टाईप से लेता हूं.
उसने आगे कहा- मैं खर्चा पानी लेकर आता हूं जब तक तू ये तय कर लेना कि फाईन देकर टिकट बनवाना है या जेल जाना है.
टी टी ने मुझे देखा और कहा- चल हमारे साथ.
मैं कुछ बोलूं, उससे पहले मेरे शौहर ने पूछा- कहां?
टी टी ने कहा- खर्चा पानी लेकर आते हैं हम लोग, हम इसी टाईप का खर्चा पानी लेते हैं. वैसे तेरी जोरू का बदन काफी कसा हुआ है, शायद नई नई शादी हुई है तेरी. आज तो बहुत मजा आयेगा. मेरे शौहर बोले- ये तो ज्यादती है.
टी टी ने कहा- एक सरकारी अफसर को घूंस देना का जुर्म भी बनता है तेरे पे.
मेरे शौहर ने फिर कहा- ठीक है फिर मुझे जेल भिजवा दीजिये.
आर पी एफ के जवान ने कहा- इतनी जल्दी नहीं है, तू आराम से सोच ले, जब तब हम आते हैं.
मेरे शौहर ने कहा- मुझे कुछ नहीं सोचना.
तभी आर पी एफ के जवान ने एक थप्पड़ मेरे शौहर को मारा और कहा- अब तू जेल जा या फाईन पटा, खर्चा पानी को हम लेंगे ही. ज्यादा चूं चपड़ करेगा तो खर्चा पानी लेने के बाद दोनों को चलती ट्रेन से फेंक देंगे.
मेरे शौहर कुछ बोलने को हुए तो टी टी ने एक थप्पड़ मारा और कहा- मुंह खोला तो मार मार के मुंह लाल कर देंगे, एकदम मुंह बंद करके बैठ.
अब मेरे शौहर शांत हो गये और टी टी ने मुझसे कहा- अरे छमकछल्लो, न्यौता दें तेरे को … चल जल्दी से कपडे़ उतार.
मैंने अपने शौहर के तरफ देखा जो सर झुका कर बैठे थे.
मैंने एक एक करके नाईटी के बटन खोल दिये और जैसे ही मेरे स्तन दिखे टी टी ने कहा- क्या तने हुए स्तन है. मसलने में मजा आयेगा.
नाईटी के बटन नीचे तक खोल कर मैंने निकाल कर अगल रख दिया. मेरी चूत देखते ही फिर बोला- क्या टाईट चूत है, आज सच में मजा आने वाला है.
आर पी एफ के जवान ने टी टी के कान में कुछ कहा और टी टी मुझसे कहा- चल टाईलेट के गलियारे में चल.
मैंने आश्चर्य से पूछा- ऐसे ही, बिना कपड़ों के?
एक थप्पड़ मुझे पडा़ और टी टी बोला- है तो तू रंडी ही, वैसे इधर अभी कोई है तो नहीं और होता भी तो तुझे दो चार ग्राहक मिल जाते. अब चुप चाप चल.
मैं बाहर निकली और तेज कदमों से गलियारे तक पहुंच गई.
जैसे ही वो दोनों पहुंचे मैंने अपनी पीठ गेट से लगा दी. टी टी मेरे पास आया और मुझे बीच में खींच कर बोला- ऐसे नहीं, अगल टाईप से.
दोनों ने अपनी पेन्ट और अण्डरवियर उतारा और अपना लण्ड निकाल लिया.
टी टी मेरे सामने आ गया और उसने मेरी चूतड़ पकड कर अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया. उसके लण्ड के घुसते ही दूसरे ने मेरी गांड के छेद में अपना लण्ड घुसाने लगा. वैसे भी मेरी गांड का छेद खुल चुका था तो लण्ड थोडी़ परेशानी के बाद घुस गया.
एक पल रुकने के बाद टी टी ने मेरे जाँघों के नीचे से अपने हाथों का सहारा दिया और दूसरे ने अपने दोनों हाथ मेरे दोनों स्तनों पर रख लिया और एक धक्के लगाने लगे. दोनों एक समय पर अपना लण्ड अंदर डालते थे और एक समय कर निकालते थे. बीच बीच में पीछे वाला कस के मेरे स्तनों को मसल देता था और मैं झटके से सर पीछे फेंकती थी.
बस इसी पल टी टी मेरी ठुड्डी को चूम लेता था.
मैंने बीच में चोर नज़रों से देखा तो पता चल गया कि मेरे शौहर हमें छुप कर देख रहे हैं. लगातार धक्के लगाने के बाद उन्होंने मेरी चूत और गांड में पानी छोड़ दिया.
टी टी, जो थोडी़ उमर का था, ने तो अपनी पैंट चढा़ ली पर दूसरे ने अपना लण्ड फिर खडा़ कर लिया था.
उसने मुझे घुटनों के बल बैठाया और अपना लण्ड मेरे मुंह में डाल दिया.
कोई रास्ता तो था नहीं … इसलिए जल्दी जल्दी मैं उसका लण्ड चूसने लगी. ज्यादा टाईम नहीं लगा और उसने अपना लण्ड मेरे मुंह से निकाल कर मेरे स्तनों को अपने पानी से भिगा दिया. मैं पौंछने को हुई तो उसने मना कर दिया और अपनी पैन्ट चढ़ा कर मुझे मेरे कम्पार्टमेन्ट तक छोड़ने आये.
मैं बिना कपड़ों के खिड़की के पास बैठ गई और एक रूमाल से खुद को साफ करके नाईटी पहन कर लेट गई.
मेरे शौहर ने कहा- अब तो टिकट बना दो.
टी टी ने जेब से टिकट निकाल कर उनको दे दिया.
वो हमारा ही टिकट था.
मेरे शौहर ने गुस्से से देखा तो टी टी ने कहा- मेरी तरफ से भेंट.
और दोनों हंसते हुए निकल गये.
टी टी के जाने के बाद मैं आँखें बंद करके लेटी रही. मेरे शौहर ने भी कुछ नहीं कहा और वो भी लेट गये.
गभग एक घंटे बाद वो उठे और टायलेट को चल दिये. उनके जाने के दो मिनट बाद ही वो तीनों लड़के आ गये. वो तीनों मेरे बदन पर हाथ फिराने लगे. मैंने झट आँखें खोल कर कहा- तुम लोग यहां, क्या कर रहे हो, छोडो़ मेरे शौहर आ जाऐंगे.
उनमें से एक ने कहा- भाभी, इतने लोगों को खुश किया है आपने, हम तीनों भी ज्यादा टाईम नहीं लेंगे आपका.
वो लगातार मेरे बदन से खेल रहे थे.
मैंने फुसफुसाते हुए कहा- मगर मेरे शौहर?
उसने फिर कहा- टायलेट का गेट बाहर से बंद करके आये हैं.
मुस्कुराते हुए मैंने कहा- मतलब पूरी तैयारी से आए हो, जब इतनी मेहनत किये हो तो तुम्हें मना कैसे कर सकती हूं. पर जरा जल्दी निपटना. और मेरा एक काम और करना है तुम लोगों को.
मैंने उनके कान में कुछ कुछ समझा दिया और वो मान गये.
तीनों ने जल्दी जल्दी मेरे नाईटी के बटन खोले और मेरे बदन को नग्न कर दिया. तीनों ने अपनी पैन्ट और अंडरवियर उतार दिये. मैं थोडा़ नीचे सरक कर लेट गई और एक मेरे सर को गोद में लेकर बैठ गया और मेरे होंठों को गले गाल को चूमने लगा. कभी चूमता, कभी चूसता, कभी चाटता तो कभी कभी काट भी लेता.
दूसरा अटैची लगा कर मेरी कमर के पास बैठ गया और मेरे दोनों स्तनों को अपने हाथों में ले लिया. वो मेरे स्तनों को मसल रहा था और बीच बीच में मेरे निप्पल को चूसने लगता.
तीसरे ने मेरी टांगें फैलाई और अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया. वो मेरी जाँघों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा. वो इस प्रकार से धक्के लगा रहा था कि बाकियों को दिक्कत न हो.
आखिर कालेज का छोकरा था, ज्यादा देर नहीं रोक पाया और चूत भिगा कर बगल वाले सीट पर जाकर बैठ गया.
मेरे सर पर बैठा लड़का आ गया मेरी टांगों के बीच. जैसे थी उसने मेरी चूत में अपना लण्ड घुसाया, मेरी नजर गेट की तरफ गई. वहां मेरे शौहर छुप कर खडे़ थे.
शायद किसी ने टायलेट का दरवाजा खोल दिया होगा.
उस लड़के ने जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाया और धक्के लगाने लगा.
ये भी नौसिखिया था, पांच मिनट भी रोक कर नहीं रख पाया और झड़ गया.
उसके उठते ही अगले ने जगह ले ली. उसने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसाया और धक्के लगाने लगा. दो चार धक्के में ही मुझे अहसास हो गया कि ये पहुंचा हुआ खिलाडी़ है.
और वो धक्के लगाता रहा. उसके धक्कों के वेग से मैं ऊपर की तरफ खिसकती जा रही थी. मेरे स्तन पानी भरे गुब्बारों की तरह हिल रहे थे.
जब मुझे लगा कि धक्के मजा कम और सजा ज्यादा दे रहे हैं तो मैंने उसकी कमर के इर्द गिर्द अपनी टांगें लपेट ली. पर उसके धक्कों का वेग कम नहीं हुआ.
उसे देख कर दोनों अपने लण्ड को सहला रहे थे.
मुझे लगा कि अगर इन्होंने दूसरा राऊंड शुरू किया तो मैं तो गई. इसलिए मैंने उसे लण्ड निकालने को कहा. वो लण्ड निकाल कर सीट कर दोनों के बीच बैठ गया. मैं घुटनों के बल बैठ कर उसके लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी और दोनों अगल बगल वालों के लण्ड का मुठ मारने लगी.
जिसका लण्ड मुंह में था, उसने मेरी दोनों स्तन पकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा. और दोनों लड़के मेरे एक एक चूतड़ पकड़ कर दबाने लगे.
लगभग एक ही समय पर तीनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया. वो अपनी अपनी पैन्ट पहन कर बैठ गये. मैंने उनके सामने ही खुद को साफ किया और नाईटी पहन ली.
उसके बाद वो निकल गये और मैं खिड़की के पास बैठ गई. मेरे शौहर आये और वो भी सीट पर बैठ गये पर बोले कुछ नहीं.
जब हमारा स्टेशन आने को आधा घण्टा बचा तो मैंने कम्पार्टमेन्ट का गेट बंद किया और साडी़ पहनने लगी. साडी़ पहन कर मैंने हल्का मेकअप किया और फिर बाथरूम की तरफ चल दी.
मुझे मूतना वूतना तो था नहीं तो मैं दो मिनट रूक कर वापस आ गई.
अपने कम्पार्टमेन्ट के गेट से पहले मैंने ब्लाऊज के सारे बटन खोले और ब्रा ऊपर सरका दी. मेरे स्तन नग्न हो गये.
मैंने सामने बैठे लड़कों को इशारा किया और उनमें से दो लड़के मेरे कम्पार्टमेन्ट के गेट के सामने आ गये. वो दो मिनट वहां खडे़ रहे जिससे मेरे शौहर का ध्यान उनकी तरफ हो जाए.
फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कम्पार्टमेन्ट के गेट के सामने खडा़ कर दिया और मुझसे बोले- क्या गजब के चूचे हैं आपके भाभी. अगर आपको एतराज न हो तो कुछ देर इनसे मजा ले लेते हैं.
मेरे कुछ बोले बगैर ही वो लोग मेरे एक एक स्तन से खेलने लगे और एक एक निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगे. लगभग दस मिनट तक वो दोनों मेरे स्तनों से खेलते रहे और मुझे छोड़कर वापस चले गये.
उनके जाने के बाद मैं कम्पार्टमेन्ट में घुसी और मेरे शौहर के सामने बैठ कर अपने ब्रा ठीक करके ब्लाऊज के बटन लगाने लगी.
फिर मैं चुपचाप बैठ गई.
स्टेशन आया और हम दोनों उतर के बाहर आ गये.
ड्राईवर गाडी़ लेकर आया था पर मेरे शौहर ने उसे पैसे देकर टैक्सी से आने को कहा. हम गाडी़ में बैठ गये और वो कार चलाने लगे.
अचानक बोले- डेजी! अभी कई बार तुम्हारे साथ गलत हुआ. पर कई बार मुझे लगा तुम्हारी भी मर्जी शामिल थी, ठीक बोल रहा हूं न मैं?
मैंने कहा- हां. आप ही तो मुझे किसी पराये मर्द के बांहों में देख कर सुकून पाते हैं. तभी तो जाते समय आपने मुझे चार लोगों के आगोश में झोंक दिया था कि वो लोग मुझे रंडी की तरह इस्तेमाल कर सकें. वहां मैंने सोचा कि जब पूरी जिन्दगी आपके साथ बितानी है तो आपके अनुसार ढल जाऊं. इसलिए तो आते समय आपके मजे का पूरा ख्याल रखा मैंने. आखिर आप यही तो चाहते थे.
उन्होंने धीरे से कहा- मुझे नहीं आया मजा.
मैंने टोन्ट मारने के अंदाज से कहा- शायद आपको विडियो देख कर मजा आता है. आज तो बहुत हो गया, दो दिन आराम कर लेती हूँ फिर निकलूँगी बाहर. थोडे़ से लटके झटके दिखाऊंगी मर्दों को तो चार पांच तो फिसल ही जाएंगे मेरे ऊपर. पांचों के साथ किसी होटल के एक कमरे में जाकर खूब अपना बदन नुचवाऊंगी और सब विडियो ला कर आपको दे दूँगी. आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए.
उन्होंने गुस्से में कहा- मुझसे बहुत बडी़ गलती हो गई! मुझे माफ कर दो, अब कभी ऐसी गलती नहीं होगी. मैं वादा करता हूं.
मैंने कुछ नहीं कहा, बस चुप हो गई.
ऐसा नहीं है कि फिर उसके बाद मैंने कभी और किसी का लण्ड नहीं चखा. चखा … बहुतों का चखा.
अगर इन दोनों आपबीती से आपका लण्ड में कोई हलचल नहीं हुई तो मेरा दावा कि मेरे और आपबीती सुन कर आपका निश्चित ही लण्ड बिना हिलाए झड़ जायेगा.
पर वो फिर कभी.
वैसे भी एक ज्यादा लण्ड एक साथ लेने का मजा कम और नशा ज्यादा होता है.
और मुझे भी आते और जाते समय इसकी आदत पड़ गई थी.
End