12-02-2021, 08:42 PM
ट्रेन के सफर में मेरे शौहर की कारस्तानी
मेरे शौहर कुछ विचित्र प्रकार की प्रवृति के मालिक हैं. वे बिस्तर पर मुझसे गंदी गंदी बातें करते थे और ऐसा लगता था कि किसी और से सम्बन्ध रखने को उकसाते थे.
मेरा नाम डेजी परवीन है. मेरी शादी कुछ ही महीने पहले हुई है. मेरा रंग सांवला है, बदन भरा हुआ, तीखे नाक नक्श, सुन्दर चेहरा और आकर्षक बदन की मालकिन हूं.
शादी के कुछ ही दिन के बाद मुझे अहसास हो गया कि मेरे शौहर कुछ विचित्र प्रकार की प्रवृति के मालिक हैं. वे बिस्तर पर मुझसे गंदी गंदी बातें करते थे और ऐसा लगता था कि किसी और से सम्बन्ध रखने को उकसाते थे.
पहले तो मैंने कुछ खास प्रतिरोध नहीं किया पर जब एक बार उन्होंने मुझसे सीधे सीधे ये बात कही कि मैं उनके एक दोस्त के साथ एक रात गुजार लूं और वो छुप कर देखेंगे तो मेरा गुस्सा फट पडा़. मैंने चिल्लाकर कहा- आपने मुझे समझ क्या रखा है, मैं मरते मर जाऊंगी पर किसी और को खुद को हाथ लगाने नहीं दूंगी.
उन्होंने मुझे गुस्से से देखा और धीरे से कहा- देखते हैं.
उसके बाद दो महीने तक उन्होंने फिर वो बात दुबारा नहीं की.
हमें एक शादी में जाना था, 18 घण्टे का सफर था. जाना जरूरी था तो मेरे शौहर ने रिजर्वेशन करवा लिया.
मैंने मैरून कलर की साडी़ पहनी और डीप गले का ब्लाऊज, पहली बार अपने शौहर के साथ बाहर जा रही थी तो खूब मेकअप किया. 21 साल की मेरे जवान बदन बहुत फब रहा था. मेरी सास ने मेरी नजर उतारी और मैं अपने शौहर के साथ निकल पडी़.
उन्होंने बताया कि रिजर्वेशन एक साथ एक जगह नहीं मिला है, कुछ कम्पार्मेंट के बाद मेरी सीट है. उन्होंने बताया कि ट्रेन में सीट चेंज करवा लेंगे.
स्टेशन पहुंच कर उन्होंने कहा कि सारे पैसे मैं उन्हें दे दूं, ट्रेन में चोरी हो सकती है.
मैंने भी सोचा कि ठीक ही बोल रहे हैं और सारे पैसे उन्हें दे दिये.
हम ट्रेन में चढ़ गये. वो अपनी सीट पर बैठ गये और मुझे एक सीट पर बैठा गये. कहने लगे- जब टी टी आयेगा तो सीट चेंज करवा लेंगे.
ट्रेन चल पडी़ पर लगभग 6 घन्टे तक टी टी नहीं आया.
6 घन्टे बाद टी टी आया और मुझसे टिकट मांगने लगा. मैंने सीट नम्बर बताया और कहा कि वहां मेरे शौहर बैठे है और टिकट उनके पास है.
वो बिना कुछ बोले बाकियों का टिकट देख कर चल दिया.
लगभग 20 मिनट टी टी बाद वापस आया और मुझे बाहर की तरफ बुलाया. वो गेट के पास जाकर खडा़ हो गया और मैं भी वहीं जाकर खडी़ हो गई.
उसने मेरा नाम पूछा और लिस्ट चेक की. फिर मुझसे कहा- मैडम, आपका नाम लिस्ट में नहीं है और मुझे आपके शौहर कहीं नहीं मिले.
उनका नाम बताया मैंने तो उसने फिर लिस्ट देखा और कहा- इस नाम से भी कोई आदमी नहीं है.
मैंने सीट नम्बर बताया तो उसने एक रेलवे के हवलदार को बुला कर उस आदमी को बुलाने भेजा. मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था. जब उस हवलदार के साथ मेरे शौहर को आते देखी तो जान में जान आई.
उनके आते ही टी टी ने पूछा- ऐ मिस्टर, इनका टिकेट कहां है?
उन्होंने मुझे देखा और कहा- मुझे क्या पता? मैं इनको नहीं जानता.
मुझे तो काटो तो खून नहीं … मैंने हड़बडा़ कर कहा- ये क्या बोल रहे हैं?
टी टी ने बीच में टोका और उनसे पूछा- क्या नाम है आपका?
उन्होंने कहा- विश्वजीत सिंह.
उसने मुझसे कहा- विश्वजीत सिंह और डेजी परवीन, इन्टरकास्ट मैरीज है क्या?
मैंने कहा- ये झूठ बोल रहे हैं.
टी टी ने मुझसे पूछा- आपने कहाँ जाना है?
मैंने शहर का नाम बता दिया. फिर उनसे पूछा तो कोई और नाम बताया.
टी टी ने फिर उनसे पूछा- कोई सबूत है आपके पास?
उन्होंने एक कार्ड निकाल कर टी टी को दिया. टी टी ने पहले खुद देखा और फिर मुझे दिखाया.
सच में तो वोटर आई डी कार्ड था और उनके फोटो के साथ उनका नाम विश्वजीत सिंह लिखा था.
टी टी ने फिर पूछा- मैडम आपके पास कोई सबूत है?
मैंने थोडी़ देर सोचा, पसीने से माथा गीला हो गया था. मैंने धीरे से कहा- मेरा समान इनके बैग में है, मैं बता सकती हूं कि क्या क्या है उसमें.
टी टी ने फिर हवलदार को भेजा और बैग मंगवा लिया.
मैंने अपनी चीजें बताई तो वो अंदर देखने लगा. थोडी़ देर में मैंने कहा कि अब तो यकीन हो गया आपको.
उसने पूरा बैग मेरे सामने पलट दिया.
मेरे तो छक्के छुट गये.
बैग में सिर्फ मर्दाना सामान था और कुछ नहीं.
टी टी ने मुझसे कहा- मैडम आपको फाईन के साथ टिकेट लेना पडे़गा.
मैंने पूछा, कितना. उसने बताया कि 2250.
मैंने अपना पर्स खोला तो याद आया कि पैसे तो पहले ही ले चुके है. मैंने धीरे से झिझकते हुए कहा- पैसे नहीं है मेरे पास.
टी टी ने कहा- ठीक है, फिर अगले स्टेशन पर उतर जाना.
बिना पैसों के एक अनजाने शहर में उतरना भी ठीक नहीं था. ये तो और बुरी स्थिति होती.
मैंने धीरे से कहा- मुझे उतरना नहीं है.
टी टी ने आवाज लगा कर दो और हवलदार को बुला लिया और मुझसे कहा- मैडम आपको उतरना तो पडे़गा ही.
अचानक मेरे शौहर ने टी टी से कहा- एक मिनट साईड आना.
टी टी उनके साथ अलग हो गया.
हवलदार दूर खडे़ थे पर मैं पास थी तो मुझे सुनाई पड़ रहा था उनकी बातें.
वो टी टी से बोले- जहां जाने की बात कर रही है उसमें अभी 12 घण्टे हैं.
टी टी ने कहा- तो?
वो बोले- तो अंधे हैं क्या, दिखता नहीं है?
टी टी बोला- क्या?
वो बोले- ज़वानी नहीं दिखती क्या, क्या रसीली जवानी है, पैसे नहीं है, जाना भी है, उतरना भी नहीं है.
थोड़ी देर तक टी टी देखता रहा तो वो आगे बोले- तो ट्रेन में कोई जगह हो तो ले चलते हैं और 12 घण्टे मजा करते हैं.
टी टी ने मेरे पलट कर गौर से देखा और बोला- ठीक बोल रहे हो, पैसे और फाईन तो आते जाते रहते हैं, ऐसा माल मुश्किल से ही मिलता है. चलो बात कर के देखता हूं.
इतने देर में मुझे ये तो समझ आ गया कि वो मुझसे बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं. पर इस स्थिति से निकलने की कोई आस नहीं दिख रही थी.
टी टी वापस आया मुझ तक और कहा- ठीक है मैडम, मैं कुछ एडजेस्मेन्ट करता हूं. आप आइये मेरे साथ.
अब टी टी आगे आगे था और मैं पीछे पीछे चल दी.
दो बोगी के बाद एक डिब्बा आया जिसमे सिर्फ एक कम्पाटमेंट था और बाकी पूरा सामान भरा था.
उसने मुझे वहां रोका और तब तक बाकी लोग भी आ गये.
टी टी ने मुझसे कहा- मैडम, आप यहां रूक सकती हैं. ये हमेशा फ्री रहता है. और चार्ज भी कम है.
मैंने पूछा- कितना चार्ज लगेगा?
टी टी ने मेरे दोनों तरफ से हाथ ला कर मेरे गांड की गोलाइयों को सहलाते हुए कहा- अब आप से पैसे थोडे़ न लेंगे, आप कुछ और दे देना.
मैंने उसका हाथ झटक दिया और कहा- मैं ये नहीं कर सकती.
उसने एक भद्दी सी गाली दी और कहा कि वो अगले स्टेशन पर नीचे फेंक देगा मुझे.
मुझे और कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था तो मैंने धीरे से कहा- नहीं ट्रेन से मत उतारये, आप जो बोलिएगा मैं करूंगी.
टी टी ने मेरी गांड को फिर से पकड़ लिया और कहा- पूरे सफर में तेरी तिक्का बोटी करूंगा और मेरे तीन आदमी भी मेरे साथ रहेंगे और जैसा चाहूंगा वैसा करूंगा.
मैंने सर झुका लिया.
अचानक वो बोल पडे़- और साहब मैं?
टी टी ने उन्हें देखा और पूछा- तुम्हें क्यों?
उन्होंने कहा- क्या साहब, मैंने सुझाव दिया और मुझे ही बाहर कर रहे हैं. अच्छा इसके फाईन का पैसा मैं दे दूँगा आपको.
टी टी ने थोडी़ देर सोचा फिर बोला- अच्छा तू भी आ जा.
उसने मुझे अंदर जाने को कहा तो मैं अंदर चली गई.
वो लोग भी अंदर आ गये और टी टी ने कम्पाटमेंट का गेट बंद कर दिया.
टी टी और एक हवलदार एक सीट पर, मेरे शौहर और एक हवलदार दूसरे सीट पर बैठ गये. मैं दोनों सीट के बीच में खडी़ थी और एक हवलदार मेरे सामने खडा़ था. उसने मेरा पल्लू खींचा और नीचे गिरा दिया. एक बार को मेरा हाथ उठा कि मैं अपने ब्लाऊज को ढक लूं पर फिर मैंने ऐसा नहीं किया.
उस हवलदार ने मेरे ब्लाऊज के उपर से ही मेरे दोनों स्तनों को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और मसलने लगा.
मैंने अपने शौहर के तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रहे थे.
मेरे चेहरे पर दर्द की लकीरें उभरी तो मेरे शौहर बोल पडे़- आराम से भई, इतने उतावले क्यो हो रहे हो?
हवलदार ने गति कम कर दी.
टी टी ने कहा- अबे साले, अकेले ही खेलेगा कि हमें भी माल दिखाएगा!
हवलदार को बात समझ आ गई और उसने जल्दी जल्दी बटन खोलना शुरू किया. जल्दबाजी में मेरे ब्लाऊज के दो बटन टूट गये.
मेरे शौहर फिर बोल पडे़- इसको पहनाने के लिए कुछ नहीं है हमारे पास, कम से कम कपडे़ तो मत फाड़.
हवलदार ने धीरे धीरे ब्लाऊज उतार दिया और मेरे ब्रा के हुक खोल कर मेरी ब्रा भी मेरे बदन से उतार ली.
मेरे स्तन नग्न हो गये पर मैंने उन्हें भी छुपाने की कोशिश नहीं की.
टी टी ने हवलदार को इशारा किया और मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया. टी टी मेरे स्तनों से खेलने लगा और मेरे स्तनों को जोर जोर से मसलने लगा.
मेरे शौहर फिर बोले- आराम से साहब, लौंडिया को हमारे लायक रहने दीजिए.
टी टी ने धीरे धीरे मसलना शुरू किया.
मेरा दिल में तो मेरे शौहर के लिए बहुत गुस्सा आ रहा था, उनको सबक सिखाने का मन तो हो ही रहा था.
मैंने धीरे से टी टी के कान में कहा- आप तो कह रहे थे कि आप अपनी मन की करेंगे. पर यहां हुकुम तो कोई और दे रहा है.
टी टी थोडे़ देर सोचता रहा और उसने मेरे निप्पल को मुंह में ले लिया. थोडे़ देर निप्पल चूसने के बाद उसने धीरे से मेरे स्तनों के उपर काट लिया.
मेरे शौहर फिर बोल पडे़- आराम से साहब, क्या कर रहे हैं?
अचानक टी टी बिफर पडा़- तू सिखाएगा कि क्या करूं और क्या न करूं, बहुत देर से देख रहा हूं कि टांय टांय कर रहा है.
टी टी ने मुझे गोद से उतारा और बगल में बिठा दिया और बोला- तेरे को साथ लेकर गलती की, साले मादरचोद पूरा मजा खराब करेगा उंगली कर करके.
एक हवलदार ने कहा- गलती सुधार देते हैं. रफा दफा करो इसको यहां से.
मेरे शौहर तो बोल ही नहीं पा रहे थे और हवलदार उन्हें धक्के लगा कर बाहर करने लगे.
टी टी भी उनके पीछे चल दिया. उन लोगों ने मेरे शौहर को अगले बोगी में धकेल कर दोनों बोगियों के बीच का दरवाजा बंद कर लिया. बाकी दरवाजे तो पहले से बंद थे.
इतना करके वो लोग कम्पाटमेन्ट की तरफ वापस आ गये और अंदर घुस कर दरवाजा बंद कर दिये.
मैं खडी़ हो गई, मेरा पल्लू निचे पडा़ था, कमर से ऊपर एक भी कपड़ा नहीं था.
टी टी ने कहा- अब हम आराम से तेरी जवानी का मजा लेंगे.
इतना कह कर टी टी ने मेरे कमर के पास मेरी पेटीकोट के अंदर दोनों तरफ से उंगली डाल दी और पेन्टी के अंदर उंगली फंसा कर जोर से नीचे की ओर खींच दिया.
मैंने पेटीकोट को थोडा़ ढीला ही बांधा था तो मेरी साडी़, पेटीकोट और पेन्टी एक इलास्टिक वाले पेन्ट की तरह मेरी कमर से नीचे सरकती चली गई.
मैं हफ्ते में दो बार नीचे के बालो की सफाई करती हूं और आज तो सुबह ही की थी.
अचानक मुझे ख्याल आया जो इतनी अफरा तफरी में ध्यान से उतर गया था. ये लोग चार हैं. और क्या मैं चार लोगों को एक साथ बर्दाशत कर पाऊंगी.
इतना ख्याल आते ही मेरे पसीने छुट गये पर अब क्या हो सकता था, बर्दाशत तो करना ही पडे़गा.
टी टी ने मुझे गद्दे पर लिटा दिया. मेरे लेटते ही सबने अपने अंडरवीयर उतार दिये. उनका लण्ड देख कर मेरी जान ही सूख गई. मेरे शौहर के मुकाबले काफी बडा़ और लम्बा था सबका.
मेरी साफ योनि देख कर वो आहें भरने लगे, कहने लगे- वाह … कितना मजा आने वाला है.
टी टी ने हवलदार से कुछ कहा और वो बाहर चला गया.
टी टी ने मुझे कहा- देखो, हमारे पास कंडोम तो नहीं हैं. और बाहर गिराना हमारी आदत नहीं. तो ये तुम्हें खुद ही देखना पडे़गा.
मैं वैसे भी गर्भनिरोधक गोली खाती थी तो गर्भ ठहरने का कोई दिक्कत तो था नहीं.
फिर भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
इतने देर में हवलदार वापस आ गया और साथ में एक गद्दा ले आया. उसने दोनों सीटों के बीच गद्दा बिछाया और टी टी ने मुझे खींच कर गद्दे पर पीठ के बल लिटा दिया.
सारे लोग अपने अपने कपडे़ उतारने लगे.
मैं समझ गई कि अब ये लोग मेरा कीमा बनाने वाले हैं.
टी टी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे गद्दे पर पीठ के बल लिटा दिया. वो लोग अभी भी अपने अंडरवीयर पहने हुए थे. मेरे लेटते ही उन लोगों ने अपने अपने अंडरवीयर उतार दिये.
उनका लण्ड देख कर मेरी जान ही सूख गई. मेरे शौहर के मुकाबले काफी बडा़ और लम्बा था सब का.
आम तौर पर सीटों के बीच जितनी जगह होती है, उससे ज्यादा जगह थी यहां.
दो हवलदार मेरे अगल बगल में लेट गये. एक हवलदार मेरे दोनों टांगों के बीच बैठ गया. दोनों हवलदार, जो मेरे आजू बाजू में लेटे थे, ने अपनी एक एक टांग मेरी टांगों पर चढा़ दी और अपने एक एक हाथ मेरे दोनों स्तनों पर रख दिया.
टी टी सीट पर बैठ गया और उसने एक बैग खींच लिया. उस बैग से उसने एक शराब की बोतल निकाली और एक ट्रे में चार गिलास डाल कर उसमें ढालने लगा.
मेरे घर में और ससुराल में शराब तो चलती नहीं है तो मुझे बेचैनी सी होने लगी पर मैं किसी भी प्रकार की बहस करने के स्थिति में नहीं थी.
टी टी ने अपना ग्लास उठाया और पीते हुए बोला- साले देख क्या रहे हो, गर्म करो लौंडिया को.
हवलदारों को शायद इशारे की देर थी, दोनों हवलदारों ने मेरे स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया, दोनों ने मेरे गले, और गाल को चूमना भी चालू कर दिया.
अचानक जो हवलदार मेरे टांगों के बीच बैठा था उसने मेरे कमर को पकडा़ और मेरे योनि कर अपने होंठ सटा दिये. मुझे तो जैसे 440 वोल्ट का करण्ट लगा हो. वो मेरे योनि की दरार को चाटने लगा. एक कोने से दूसरे कोने तक लगातार चाटने लगा.
कुछ ही पल में मेरी योनि पानी छोड़ने लगी और मेरे बदन में ऐंठन होने लगी. मैं बदन ऐंठने की कोशिश करके लगी पर इतने में दोनों बगल के हवलदारों ने मेरे टांगों पर दबाव बढा़ दिया. दोनों हवलदारों ने मेरे स्तनों को मसलने के बजाय मेरे निप्पल को चूसना शुरू कर दिया.
यूं तो ये सब मेरी मर्जी से नहीं हो रहा था पर मेरे तन में आग लग रही थी. मैंने पता नहीं किस सुध में दोनों हवलदारों के सर पर हाथ रख कर उनके बालों को सहलाने लगी. दोनों हवलदारों में से एक ने मेरे निप्पल को छोडा़ और टी टी से बोला- साहब लौंडिया गर्म हो गई.
टी टी ने अपना ग्लास एक झटके में खत्म किया और बोला- अब तुम लोग हटो, मैं सम्भालता हूं इसको.
सब मुझे छोड़ कर सीट कर चले गये.
टी टी मेरी टांगों के बीच आ गया. मेरे तन में तो आग लगी हुई थी मैंने खुद ही अपनी टांगें दूर तक फैला दी और फुसफुसाते हुए बोल पडी़- साहब, प्लीज जल्दी कीजिए.
वह मुस्कुराया और मेरे योनि के दरार पर अपना लण्ड रख कर एक झटके से अंदर डाल दिया.
मैंने भी अपनी टांगें उसकी कमर के आस पास लपेट ली. टी टी ने मेरे पीठ के इर्द गिर्द से मुझे बांहों में भर लिया और हल्के हल्के झटके लगाने लगा.
थोडे़ देर में वो रुका और उनके अपने होंठ मेरे होंठों से सटा दिये. शराब का भभका मेरे नथुनो में समा गया और शराब का स्वाद मेरे मुंह में भी आने लगा. मैंने चोर नज़रों से हवलदारों की तरफ देखा जो धडा़धड़ ग्लास भर भर कर शराब पी रहे थे और बातें कर रहे थे.
टी टी ने मेरे होंठों को छोड़ा और फिर झटके लगाने लगा. धीरे धीरे झटकों में गति आने लगी और कुछ ही मिनट के बाद वो फिर रूका और मेरे होंठों को चूमने लगा.
मैंने चोर नज़रों से फिर हवलदारों के तरफ देखा पर इस बार मेरे रौंगटे खडे़ हो गये.
सारे हवलदारों में से एक मोबाईल कैमरा से हमारी विडियो ले रहा था.
जैसे ही टी टी ने मेरे होंठों को छोडा़ और झटके लगाने को तैयार हुआ मैंने टी टी से गिड़गिडा़ते हुए कहा- साहब, आप जो चाहते हैं, मैं कर रही हूं, फिर मेरी विडियो क्यो बनवा रहे हैं?
टी टी 90 डिग्री के कोण में उठा और उसका लण्ड अभी भी मेरे योनि में फंसा था और मेरी टांगें उसके कमर के इर्द गिर्द लिपटी थी.
उसने मुझे देखा और खींच कर एक थप्पड़ मारा और बोला- साली रंडी, मुझे मत सिखा कि मुझे क्या करना है. तेरी जैसी रंडी रोज रोज नहीं मिलती, कमाल का बदन है तेरा एकदम तराशा हुआ रसदार. एक तो ये विडियो देख कर कभी कभी मजा लूंगा और बाकियों को विश्वास दिलाने के लिए कि एक जबरदस्त रंडी को हम सब ने भोगा.
उसके बाद मैंने वीडियो के लिए कुछ नहीं कहा और टी टी वापस मेरे ऊपर लेट कर मुझे झटके देने लगा. इस बार उसके झटके ज्यादा लम्बे समय के लिए नहीं चले और वो मेरी योनि को अपने वीर्य से भर दिया.
थोड़ी देर वैसे ही पडा़ रहा और फिर खडा़ हो गया.
उसने बाकी हवलदारों से कहा- अब तुम लोग भी निपट लो.
हवलदारों में से एक हवलदार उठा और मेरी टांगों के बीच आ गया. उनके आव देखा ना ताव … एक झटके से अपना लण्ड मेरी योनि में घुसाने की कोशिश करने लगा.
पर अव्वल तो उसका लण्ड बहुत लम्बा था और बहुत मोटा भी था.
उसने मेरी कमर कस कर थामी और एक जोरदार झटका दिया और उसका लण्ड मेरी योनि को चीरते हुए अंदर समा गया. मेरे मुंह से चीख निकल गई.
हवलदार मुस्कुराया और धीरे धीरे झटके लगाने लगा.
वो भी थोडे़ देर झटके लगाता रहा और रूक कर उसने मेरे होंठों को रस चूसने लगा.
शराब का स्वाद मेरे मुंह में आने लगा. थोडा़ रूक कर उसने फिर झटके लगाना शुरू किया. इस बार जरा भी रूके बगैर उसने अपना वीर्य मेरी योनि में छोड़ कर ही सांस ली और एक झटके से खडा़ हो गया.
मेरी योनि से सारा वीर्य बह कर बाहर आ रहा था.
उसके जाते ही एक और हवलदार ने जगह ले ली और झटके लगाना शुरू किया.
लगातार टांगें फैला कर रखने की वजह से मेरी जांघे दर्द करने लगी थी.
हवलदार ने लगातार झटके लगा कर मेरी योनि में बाढ़ ला दी और उठ गया.
उसके उठते ही अगला हवलदार मेरी टांगों के बीच आ गया.
मैंने हाथ जोड़ कर उससे कहा- लगातार नहीं … थोड़ी देर तो आराम करने दो.
उसने मेरे दोनों हाथों को खोल कर अलग किया और मेरे योनि में अपना लण्ड घुसाता चला गया. मेरे योनि के दिवार जल रहे थे. मेरे मुंह से कराह फूट रही थी, हर झटके से मेरे मुंह से कराह निकल जाती थी.
वो भी लगातार झटके लगाने के बाद अपना वीर्य छोड़ कर खड़ा हो गया.
रिकार्डिंग अभी भी चल रही थी.
टी टी ने कहा- थोडी़ देर आराम कर ले फिर दूसरा राऊंड शुरू करते हैं.
मैंने समय देखा तो पता चला कि इनके साथ मुझे साढे़ चार घण्टे हो चुके हैं और अभी भी सफर का साढे़ सात घण्टे बाकी हैं.
मैं इतना थक चुकी थी कि मैं उसी गद्दे पर सो गई.
जब मेरी दोबारा आंख खुली दो मैंने देखा कि दो हवलदार मेरे स्तनों से खेल रहे है. मैंने समय देखा दो पता चला कि लगभग साढे़ चार घण्टे मैं सो चुकी भी और मेरी मंजिल पहुंचने में और तीन घण्टे बाकी थे.
मेरे उठते ही दोनों हवलदारों ने मुझे छोड़ दिया और टी टी ने मुझे उठा कर सीट पर बैठा दिया.
वो खुद मेरे सामने बैठ गया और मेरे दोनों जाँघों के बीच अपने पैर के तलवे रख दिये और मेरे जाँघों के अंदर की तरफ और योनि को तलवों से सहलाने लगा.
उसने मुझसे पूछा- तेरी चूत तो बहुत जल रही होगी?
मैंने हां कह दिया.
उसने फिर कहा- हमारा लण्ड फिर से खडा़ हो गया है. कभी गांड मरवाई है?
मेरा दिल जोर से धड़कने लगा, मैंने न में सर हिलाया.
उसने एक गिलास शराब डाली और मुझे दिया और कहा- चल जल्दी से इसे गटक जा.
मैंने कहा- मैंने आज तक इसे नहीं पी. और चढ़ गई तो तीन घण्टे में नहीं उतरेगी.
टी टी ने कहा- ट्रेन 6 घण्टे लेट है. उतर जायेगी तब तक. नहीं पियेगी तो बर्दाशत नहीं कर पायेगी.
मैंने ग्लास लिया और एक झटके से पूरा ग्लास पी गई. झम से असर हुआ और पूरा गला जलने लगा. मैं यों ही कुछ देर बैठी रही और नशा चढ़ने लगा. मेरे हाथ पैर कांपने लगे तो टी टी ने मुझे उठा कर वापस गद्दे पर बिठाया और मुझे घोड़ी की तरह दोनों हाथों और घुटनों पर खडा़ कर दिया.
टी टी ने मेरा पर्स खोला और एक क्रीम निकाल कर अपने उंगली में लगाई और मेरी गांड के अंदर लगाने लगा.
जब काफी क्रीम लगा चुका तो उसने कुछ क्रीम अपने लण्ड पर लगाई. दो हवलदार दोनों तरफ से मेरे स्तनों के नीचे लेट गये पीठ के बल और मेरी निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगे.
टी टी ने अपना लण्ड मेरी गांड के छेद पर रखा और अंदर धकेलने लगा. मेरी गांड का छेद काफी टाईट था पर क्योंकि क्रीम लगी थी तो लण्ड अन्दर जाने लगा.
जैसे जैसे लण्ड अंदर जा रहा था दर्द बढ़ता जा रहा था. आखिरकार पूरा लण्ड मेरी गांड के अंदर चला गया और टी टी धक्के लगाने लगा.
शायद यह शराब का असर था कि दर्द अपेक्षा से कम महसूस हो रहा था.
वो झटके लगाता रहा और मैं सहती रही.
मैंने पलट कर देखा तो पता चला कि एक हवलदार विडियो बना रहा था.
खैर टी टी ज्यादा देर नहीं टिका और उसने वीर्य बहा दिया.
वो अलग हुआ तो जो हवलदार मेरे निप्पल चूस रहा था वो मेरी गांड का मजा लेने चला गया और जो हवलदार मेरी विडियो बना रहा था वो कैमरा टी टी को पकडा़ कर मेरे निप्पल चूसने के लिए लेट गया.
हवलदार ने अपना लण्ड मेरी गांड में डाल दिया और धक्के लगाने लगा. हवलदार झुक कर मेरी दोनों बगलों से मेरे स्तनों के पकड़ लिया और मसलने लगा.
लगातार धक्कों के बाद वो वीर्य छोड़ कर अलग हुआ और मेरे स्तनों के नीचे लेट गया और निप्पल चूसने लगा. बाकि दोनों हवलदारों ने भी बिना किसी बदलाव के मेरी गांड का मजा लिया.
वो लुंगी पहने हुए था, जैसे ही वो मुझपर लेटने को हुआ मैंने अपने नाईटी के सारे बटन खोल कर दोनों तरफ कर दिया. मेरा पूरा बदन नग्न हो गया और वो मुझ पर लेट गया.
उन सब के अलग होते ही मुझे महसूस हुआ कि गांड का छेद बहुत जल रहा था और चूस चूस कर इन लोगों ने मेरे निप्पलों को सुजा दिया था.
थकान और नशे की वजह से मैं गद्दे पर लेट गई और सो गई.
जब उठी तो भी सारे हरामी वहीं थे. मेरे कपड़े गायब थे.
मेरे कुछ पूछने से पहले वे खुद बोले- कपड़े इस्तरी को गये हैं, आ जाएँगे.
समय देखा तो पता चला कि अभी एक घण्टा बाकी है.
समय देखते टी टी ने देख लिया और कहने लगा- जानेमन अभी एक घण्टा और बाकी है.
वो अपना लण्ड सहला रहा था, मैंने उसके लण्ड की तरफ देखा और फिर उसके चेहरे की तरफ.
उसने कहा- क्या ख्याल है, एक बार फिर हो जाये?
मैंने हाथ जोड़ कर कहा- मेरे दोनों छेद जल रहे हैं.
उसने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे अपनी टांगों के बीच में खींचा और मेरे सर को अपने लण्ड की तरफ दबाया.
वो कहने लगा- ठीक है, कोई बात नहीं, चूस तो सकती है.
मैंने जिन्दगी में कभी किसी का लण्ड नहीं चूसा था.
पर मरती क्या न करती, उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी. वो कभी मेरे स्तनों को मसलता, कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराता कभी निप्पल उमेठता. लगातार बीस मिनट के बाद वो मेरे मुंह में पिचकारी छोड़ने लगा. कुछ माल मेरे गले के नीचे चला गया, बाकी मैंने उगल दिया.
वो हटा तो तीनों हवलदार सामने आ कर बैठ गये.
मैंने फुसफुसाते हुए कहा- 40 मिनट है स्टेशन के लिए, तीनों का नहीं निकाल सकती.
टी टी ने बीच में पड़ कर कहा- एक का चूस कर निकाल ले, बाकी दोनों का मुठ मार दे, मतलब हाथ से सहला कर निकाल दे.
मैंने सर हिलाया और बीच वाले का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और अगल बगल वालों का लण्ड हाथ में लेकर सहलाने लगी. तीनों मेरे चूतड़ों से और मेरे स्तनों से खेल रहे थे और टी टी मेरी विडियो बना रहा था.
लगभग 20 मिनट में तीनों ने लगभग एक साथ पिचकारी छोडी़ और उठ कर कपडे़ पहनने लगे.
टी टी ने मोबाईल बंद कर दिया और मुझे बताया कि एक बाथरूम है बोगी में … वहां जा कर नहा ले, तब तक कपड़े मंगवा दूँगा.
मैंने पर्स से कुछ मेकअप का सामान निकाला और अपना नोकिया एन ९७ का मोबाईल निकाला.
मैंने टी टी से गुजारिश भरे अंदाज से कहा- साहब, जो रिकार्डींग करी है, मुझे भी दे दीजिए.
टी टी ने कहा- क्यों, तू क्या करेगी इसका?
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- मैंने आप जैसा मर्द नहीं देखा है, मुझे भी याद रहेगा.
टी टी ने मेरा मोबाईल ले लिया और रिकार्डिंग कापी करने लगा.
मैं बाथरूम में जा कर नहाने लगी. नहा कर मैंने मेकअप किया और बाल ठीक किया और बिना कपड़ों के वापस आ गई.
जब मैं कम्पार्टमेन्ट में पहुंची तो मेरे कपड़े आ चुके थे और सारे हवलदार जा चुके थे. सिर्फ टी टी बैठा था. मैंने उसके सामने ही कपडे़ पहने और उसने मुझे मोबाईल वापस दिया.
अपना बैग सम्भाला मैंने तो पाया कि उसमें ५००० रूपये पडे़ है.
मैंने टी टी को देखा तो वो मुस्कुराया और बोला- मेरी तरफ से तुच्छ भेंट, रख ले.
मैंने कुछ नहीं कहा और एक बार मोबाईल चेक की. सारे विडियो आ गये थे.
टी टी ने एक थर्मस से कॉफी निकाली और मुझे दो कप लगातार दी.
मेरी सारी थकान कुछ कम हुई. जैसे ही स्टेशन आया टी टी ने दरवाजा खोल कर मुझे उतार दिया और हाथ हिला कर मुझसे विदा ली.
स्टेशन के गेट पर मेरे शौहर खड़े थे टैक्सी के साथ.
जैसे ही मैं बगल से निकली वो बोले- डेजी, टैक्सी में बैठो.
मैंने गुस्से में कहा- याद आ गया हमारा रिश्ता, उस समय तो याद नहीं आ रहा था.
मेरे शौहर ने टैक्सी ड्राईवर की तरफ देखा तो मैं चुपचाप टैक्सी में बैठ गई.
रास्ते में एक रेश्टोरेन्ट में रूके नाश्ता करने को और नाश्ता कैबिन में मंगवा लिया. नाश्ता आने के बाद मेरे शौहर ने मुझसे पूछा- कुछ किये तो नहीं तुम्हारे साथ वो लोग?
मुझे गुस्सा तो था ही बोल पडी़- नही! बडे़ प्यार से मुझे बैठा कर मुझसे कहा कि बहन बहुत दिन बाद मिली है, मुझसे राखी बंधवाई और मेरी आरती उतारने लगे. फिर मुझे मिठाई खिलायी.
मेरे शौहर ने सर झुका कर मुझसे मांफी मांगी और कहा- सोचा कुछ और था हो कुछ और गया.
मैंने मोबाईल निकाल कर उनको दिया और कहा- देख लीजिए कैसी खातिरदारी की है मेरे भाईयों ने मेरी.
वो मोबाईल लेकर विडियो देखने लगे.
मैंने नाश्ता पूरा किया और हम लोग शादी के फंक्शन के लिए चल दिये. फंक्शन तीन दिन का था और फिर ट्रेन से वापसी.
मेरे शौहर को जरा भी अफसोस नहीं था अपने कारस्तानियों पर!
जैसे तैसे कार्यक्रम निपटा और हमने वापसी का प्रोग्राम बनाया.
मैंने दिल ही दिल में सोच लिया था कि वापसी में अपने शौहर को ऐसा मजा चखाऊंगी कि याद रखेंगे.
नियत तारीख को हम ट्रेन में चढ़ गये. क्योंकि ये साधारण ट्रेन थी इसलिए समय ज्यादा लगने वाला था.
एक कम्पार्टमेन्ट में 6 सीट थी. नीचे की दोनों सीट एक वृद्ध कपल का था जिनकी उम्र 70 के आसपास थी. बीच के दोनों सीट हमारी थी और ऊपर के दोनों सीट में से एक आदमी की थी जिसकी उम्र 32-35 के आसपास थी और एक कालेज के लड़के की थी.
जब ट्रेन स्टेशन से निकली तब शाम के सात बज रहे थे. कम्पार्टमेन्ट के दोनों खिड़की पर वृद्धा और वो कालेज का लड़का बैठा था. मैं उसके बगल में बैठ गई और मेरे शौहर मेरे बगल में.
अभी वो आदमी पहुंचा नहीं था.
लगभग आठ बजे स्टेशन पर ट्रेन रूकी और फिर चल पडी़. मेरे शौहर उठे और बाथरूम चले गये. तभी वो आदमी आया और अपना सामान जमा कर मेरे बांए बगल में बैठ गया. आम तौर पर मैं उसे सामने बैठने को कहती पर मैंने कुछ नहीं कहा.
मेरे शौहर वापस आये तो थोडा़ झिझके पर फिर सामने बैठ गये.
धीरे धीरे सब में आपस में बात होने लगी. मैंने बैग खोला और एक नाईटी लेकर बाथरूम में चली गई. मैंने साडी़ ब्लाऊज और पेटीकोट उतार कर नाईटी पहनने लगी, फिर थोडा़ ठिठकी और मैंने अपनी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी. मैंने सिर्फ नाईटी पहना और वापस कम्पार्टमेन्ट में आ गई.
थोडी़ देर यों ही बातें होती रही. तब उस आदमी ने जिसका नाम रवि महंत था, ने ताश खेलने का प्रस्ताब रखा.
हालाँकि हमारे घर में ताश नहीं खेलते. पर खेलना दोनों को आता था. तो हम दोनों भी तैयार हो गये और नीरज नाम का वो लड़का भी तैयार हो गया.
अंकल आंटी को हमने खिड़की दे दी. मैं आंटी के बगल में और वो लड़का मेरे सामने बैठ गया. मेरे बगल में रवि और उनके सामने मेरे शौहर बैठ गये.
रवि ने एक कम्बल निकाला और हमने उसे फैला कर कमर तक रख लिया और बीच में पत्ते फेंकने लगे. क्योंकि कम्बल ज्यादा बडा़ नहीं था इसलिए हम सब काफी पास पास बैठे थे. मेरे घुटने रवि के घुटनों से टकरा जा रहे थे.
जैसे जैसे रात गहराने लगी ठंड बढ़ने लगी. रवि पत्ते फेंकने के बाद अपना दांया हाथ कम्बल में घुसा देता था.
ऐसे ही अचानक मुझे महसूस हुआ कि रवि का एक हाथ मेरी जाँघों पर है. मैंने चोर नज़रों से उसे देखा तो वो ऐसे बैठा था कि कुछ पता ही न हो.
मैंने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं कि और उसका हाथ वही रहने दिया.
एक दो चाल के बाद उसका हाथ फिर मेरी जाँघों पर था पर इस बार वो हल्का हल्का मेरी जाँघों को सहला रहा था. मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
जब उसकी चाल आई तो उसने हाथ निकाल लिया और चाल चलने लगा.
मैंने अपना हाथ अंदर डाला और नाईटी को कमर तक चढा़ लिया. मैंने इतने सावधानी से किया था कि किसी को पता न चले.
अगली बार रवि का हाथ जैसे ही जाँघों पर आया तो उसके हाथ मेरी नग्न जाँघों पर पडे़. वो चौंका और चोर नज़रों से मुझे देखा. मैं हल्के से मुस्कुरा दी.
वो मेरी नंगी जाँघों से खेलता रहा और एक दो बार हाथ मेरी योनि तक भी ले गया.
तभी अंकल ने कहा- अगर खेल पूरा हो गया हो तो अब सो लें थोडा़.
मैंने समय देखा, 12 बज रहे थे.
रवि ने अपना हाथ बाहर निकाल दिया और मैंने अपनी नाईटी ठीक कर ली.
हमने खेल बंद किया और सारे सीट खोल कर बैड बना दिये. सब अपने अपने बैड पर चले गये. मेरे शौहर भी अपने सीट कर करवट लेकर लेट गये.
अंकल और आंटी जल्दी ही सो गये.
पर रवि की आँखों में नीन्द नहीं थी, वो बार बार बाथरूम जाता था और जाते और आते समय मेरे स्तनों को सहला देता था.
चौथी बार जब गया तो एक बज रहा था.
जैसे ही वापस आकर मेरे स्तनों को सहलाने को हुआ मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे पास खीच कर फुसफुसाई- नीन्द नहीं आ रही तो मेरे सीट पर आ जाओ.
उसने इधर उधर देखा और धीरे से मेरे सीट पर चढ़ गया.
वो लुंगी पहने हुए था, जैसे ही वो मुझपर लेटने को हुआ मैंने अपने नाईटी के सारे बटन खोल कर दोनों तरफ कर दिया. मेरा पूरा बदन नग्न हो गया और वो मुझ पर लेट गया. वो मेरे स्तनों को अपने दोनों हाथ में लेकर मसलने लगा और मेरे निप्पल को चूसने लगा.
5 मिनट तक यही करता रहा तो मैंने अपने शौहर की तरफ देखा. अब उनका चेहरा हमारी तरफ था. उन्होंने कब करवट ली पता ही नहीं चला, जिससे मेरा शक यकीन में बदल गया कि वो जगे हुए हैं.
और वैसे भी मुझे उन्हें ये सब दिखाना ही था.
मैं रवि के कान में फुसफुसायी- अपने या हॉटल के रूम में नहीं हो जो इतने इत्मिनान से कर रहे हो, कोई उठ गया तो मुसीबत हो जाएगी.
वो बात समझ गया और उसने एक झटके से अपनी लुंगी ऊपर खींच ली. मैंने अपनी टांगें फैला दी और उसने अपना लण्ड मेरी चूत में फंसा दिया.
उसने कहा- मेरे पास कॉन्डम नहीं है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं …वीर्य अंदर भी डाल दोगे तो चलेगा.
यह सुनते ही उसने अपना लण्ड एक झटके से अंदर डाल दिया और धीरे धीरे झटके लगाने लगा. वो कोशिश कर रहा था कि कोई आवाज न हो.
जैसे तैसे धक्के लगा लगा कर उसने बीस मिनट में मेरी चूत में पानी छोड़ दिया. थोडी़ देर यों ही मेरे बदन पर पडा़ रहा फिर मेरे होंठों को अच्छे से चूम कर अपने सीट पर चला गया.
मैंने अपनी नाईटी सही की और करवट लेकर सो गई.
मेरे शौहर कुछ विचित्र प्रकार की प्रवृति के मालिक हैं. वे बिस्तर पर मुझसे गंदी गंदी बातें करते थे और ऐसा लगता था कि किसी और से सम्बन्ध रखने को उकसाते थे.
मेरा नाम डेजी परवीन है. मेरी शादी कुछ ही महीने पहले हुई है. मेरा रंग सांवला है, बदन भरा हुआ, तीखे नाक नक्श, सुन्दर चेहरा और आकर्षक बदन की मालकिन हूं.
शादी के कुछ ही दिन के बाद मुझे अहसास हो गया कि मेरे शौहर कुछ विचित्र प्रकार की प्रवृति के मालिक हैं. वे बिस्तर पर मुझसे गंदी गंदी बातें करते थे और ऐसा लगता था कि किसी और से सम्बन्ध रखने को उकसाते थे.
पहले तो मैंने कुछ खास प्रतिरोध नहीं किया पर जब एक बार उन्होंने मुझसे सीधे सीधे ये बात कही कि मैं उनके एक दोस्त के साथ एक रात गुजार लूं और वो छुप कर देखेंगे तो मेरा गुस्सा फट पडा़. मैंने चिल्लाकर कहा- आपने मुझे समझ क्या रखा है, मैं मरते मर जाऊंगी पर किसी और को खुद को हाथ लगाने नहीं दूंगी.
उन्होंने मुझे गुस्से से देखा और धीरे से कहा- देखते हैं.
उसके बाद दो महीने तक उन्होंने फिर वो बात दुबारा नहीं की.
हमें एक शादी में जाना था, 18 घण्टे का सफर था. जाना जरूरी था तो मेरे शौहर ने रिजर्वेशन करवा लिया.
मैंने मैरून कलर की साडी़ पहनी और डीप गले का ब्लाऊज, पहली बार अपने शौहर के साथ बाहर जा रही थी तो खूब मेकअप किया. 21 साल की मेरे जवान बदन बहुत फब रहा था. मेरी सास ने मेरी नजर उतारी और मैं अपने शौहर के साथ निकल पडी़.
उन्होंने बताया कि रिजर्वेशन एक साथ एक जगह नहीं मिला है, कुछ कम्पार्मेंट के बाद मेरी सीट है. उन्होंने बताया कि ट्रेन में सीट चेंज करवा लेंगे.
स्टेशन पहुंच कर उन्होंने कहा कि सारे पैसे मैं उन्हें दे दूं, ट्रेन में चोरी हो सकती है.
मैंने भी सोचा कि ठीक ही बोल रहे हैं और सारे पैसे उन्हें दे दिये.
हम ट्रेन में चढ़ गये. वो अपनी सीट पर बैठ गये और मुझे एक सीट पर बैठा गये. कहने लगे- जब टी टी आयेगा तो सीट चेंज करवा लेंगे.
ट्रेन चल पडी़ पर लगभग 6 घन्टे तक टी टी नहीं आया.
6 घन्टे बाद टी टी आया और मुझसे टिकट मांगने लगा. मैंने सीट नम्बर बताया और कहा कि वहां मेरे शौहर बैठे है और टिकट उनके पास है.
वो बिना कुछ बोले बाकियों का टिकट देख कर चल दिया.
लगभग 20 मिनट टी टी बाद वापस आया और मुझे बाहर की तरफ बुलाया. वो गेट के पास जाकर खडा़ हो गया और मैं भी वहीं जाकर खडी़ हो गई.
उसने मेरा नाम पूछा और लिस्ट चेक की. फिर मुझसे कहा- मैडम, आपका नाम लिस्ट में नहीं है और मुझे आपके शौहर कहीं नहीं मिले.
उनका नाम बताया मैंने तो उसने फिर लिस्ट देखा और कहा- इस नाम से भी कोई आदमी नहीं है.
मैंने सीट नम्बर बताया तो उसने एक रेलवे के हवलदार को बुला कर उस आदमी को बुलाने भेजा. मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था. जब उस हवलदार के साथ मेरे शौहर को आते देखी तो जान में जान आई.
उनके आते ही टी टी ने पूछा- ऐ मिस्टर, इनका टिकेट कहां है?
उन्होंने मुझे देखा और कहा- मुझे क्या पता? मैं इनको नहीं जानता.
मुझे तो काटो तो खून नहीं … मैंने हड़बडा़ कर कहा- ये क्या बोल रहे हैं?
टी टी ने बीच में टोका और उनसे पूछा- क्या नाम है आपका?
उन्होंने कहा- विश्वजीत सिंह.
उसने मुझसे कहा- विश्वजीत सिंह और डेजी परवीन, इन्टरकास्ट मैरीज है क्या?
मैंने कहा- ये झूठ बोल रहे हैं.
टी टी ने मुझसे पूछा- आपने कहाँ जाना है?
मैंने शहर का नाम बता दिया. फिर उनसे पूछा तो कोई और नाम बताया.
टी टी ने फिर उनसे पूछा- कोई सबूत है आपके पास?
उन्होंने एक कार्ड निकाल कर टी टी को दिया. टी टी ने पहले खुद देखा और फिर मुझे दिखाया.
सच में तो वोटर आई डी कार्ड था और उनके फोटो के साथ उनका नाम विश्वजीत सिंह लिखा था.
टी टी ने फिर पूछा- मैडम आपके पास कोई सबूत है?
मैंने थोडी़ देर सोचा, पसीने से माथा गीला हो गया था. मैंने धीरे से कहा- मेरा समान इनके बैग में है, मैं बता सकती हूं कि क्या क्या है उसमें.
टी टी ने फिर हवलदार को भेजा और बैग मंगवा लिया.
मैंने अपनी चीजें बताई तो वो अंदर देखने लगा. थोडी़ देर में मैंने कहा कि अब तो यकीन हो गया आपको.
उसने पूरा बैग मेरे सामने पलट दिया.
मेरे तो छक्के छुट गये.
बैग में सिर्फ मर्दाना सामान था और कुछ नहीं.
टी टी ने मुझसे कहा- मैडम आपको फाईन के साथ टिकेट लेना पडे़गा.
मैंने पूछा, कितना. उसने बताया कि 2250.
मैंने अपना पर्स खोला तो याद आया कि पैसे तो पहले ही ले चुके है. मैंने धीरे से झिझकते हुए कहा- पैसे नहीं है मेरे पास.
टी टी ने कहा- ठीक है, फिर अगले स्टेशन पर उतर जाना.
बिना पैसों के एक अनजाने शहर में उतरना भी ठीक नहीं था. ये तो और बुरी स्थिति होती.
मैंने धीरे से कहा- मुझे उतरना नहीं है.
टी टी ने आवाज लगा कर दो और हवलदार को बुला लिया और मुझसे कहा- मैडम आपको उतरना तो पडे़गा ही.
अचानक मेरे शौहर ने टी टी से कहा- एक मिनट साईड आना.
टी टी उनके साथ अलग हो गया.
हवलदार दूर खडे़ थे पर मैं पास थी तो मुझे सुनाई पड़ रहा था उनकी बातें.
वो टी टी से बोले- जहां जाने की बात कर रही है उसमें अभी 12 घण्टे हैं.
टी टी ने कहा- तो?
वो बोले- तो अंधे हैं क्या, दिखता नहीं है?
टी टी बोला- क्या?
वो बोले- ज़वानी नहीं दिखती क्या, क्या रसीली जवानी है, पैसे नहीं है, जाना भी है, उतरना भी नहीं है.
थोड़ी देर तक टी टी देखता रहा तो वो आगे बोले- तो ट्रेन में कोई जगह हो तो ले चलते हैं और 12 घण्टे मजा करते हैं.
टी टी ने मेरे पलट कर गौर से देखा और बोला- ठीक बोल रहे हो, पैसे और फाईन तो आते जाते रहते हैं, ऐसा माल मुश्किल से ही मिलता है. चलो बात कर के देखता हूं.
इतने देर में मुझे ये तो समझ आ गया कि वो मुझसे बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं. पर इस स्थिति से निकलने की कोई आस नहीं दिख रही थी.
टी टी वापस आया मुझ तक और कहा- ठीक है मैडम, मैं कुछ एडजेस्मेन्ट करता हूं. आप आइये मेरे साथ.
अब टी टी आगे आगे था और मैं पीछे पीछे चल दी.
दो बोगी के बाद एक डिब्बा आया जिसमे सिर्फ एक कम्पाटमेंट था और बाकी पूरा सामान भरा था.
उसने मुझे वहां रोका और तब तक बाकी लोग भी आ गये.
टी टी ने मुझसे कहा- मैडम, आप यहां रूक सकती हैं. ये हमेशा फ्री रहता है. और चार्ज भी कम है.
मैंने पूछा- कितना चार्ज लगेगा?
टी टी ने मेरे दोनों तरफ से हाथ ला कर मेरे गांड की गोलाइयों को सहलाते हुए कहा- अब आप से पैसे थोडे़ न लेंगे, आप कुछ और दे देना.
मैंने उसका हाथ झटक दिया और कहा- मैं ये नहीं कर सकती.
उसने एक भद्दी सी गाली दी और कहा कि वो अगले स्टेशन पर नीचे फेंक देगा मुझे.
मुझे और कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था तो मैंने धीरे से कहा- नहीं ट्रेन से मत उतारये, आप जो बोलिएगा मैं करूंगी.
टी टी ने मेरी गांड को फिर से पकड़ लिया और कहा- पूरे सफर में तेरी तिक्का बोटी करूंगा और मेरे तीन आदमी भी मेरे साथ रहेंगे और जैसा चाहूंगा वैसा करूंगा.
मैंने सर झुका लिया.
अचानक वो बोल पडे़- और साहब मैं?
टी टी ने उन्हें देखा और पूछा- तुम्हें क्यों?
उन्होंने कहा- क्या साहब, मैंने सुझाव दिया और मुझे ही बाहर कर रहे हैं. अच्छा इसके फाईन का पैसा मैं दे दूँगा आपको.
टी टी ने थोडी़ देर सोचा फिर बोला- अच्छा तू भी आ जा.
उसने मुझे अंदर जाने को कहा तो मैं अंदर चली गई.
वो लोग भी अंदर आ गये और टी टी ने कम्पाटमेंट का गेट बंद कर दिया.
टी टी और एक हवलदार एक सीट पर, मेरे शौहर और एक हवलदार दूसरे सीट पर बैठ गये. मैं दोनों सीट के बीच में खडी़ थी और एक हवलदार मेरे सामने खडा़ था. उसने मेरा पल्लू खींचा और नीचे गिरा दिया. एक बार को मेरा हाथ उठा कि मैं अपने ब्लाऊज को ढक लूं पर फिर मैंने ऐसा नहीं किया.
उस हवलदार ने मेरे ब्लाऊज के उपर से ही मेरे दोनों स्तनों को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और मसलने लगा.
मैंने अपने शौहर के तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रहे थे.
मेरे चेहरे पर दर्द की लकीरें उभरी तो मेरे शौहर बोल पडे़- आराम से भई, इतने उतावले क्यो हो रहे हो?
हवलदार ने गति कम कर दी.
टी टी ने कहा- अबे साले, अकेले ही खेलेगा कि हमें भी माल दिखाएगा!
हवलदार को बात समझ आ गई और उसने जल्दी जल्दी बटन खोलना शुरू किया. जल्दबाजी में मेरे ब्लाऊज के दो बटन टूट गये.
मेरे शौहर फिर बोल पडे़- इसको पहनाने के लिए कुछ नहीं है हमारे पास, कम से कम कपडे़ तो मत फाड़.
हवलदार ने धीरे धीरे ब्लाऊज उतार दिया और मेरे ब्रा के हुक खोल कर मेरी ब्रा भी मेरे बदन से उतार ली.
मेरे स्तन नग्न हो गये पर मैंने उन्हें भी छुपाने की कोशिश नहीं की.
टी टी ने हवलदार को इशारा किया और मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया. टी टी मेरे स्तनों से खेलने लगा और मेरे स्तनों को जोर जोर से मसलने लगा.
मेरे शौहर फिर बोले- आराम से साहब, लौंडिया को हमारे लायक रहने दीजिए.
टी टी ने धीरे धीरे मसलना शुरू किया.
मेरा दिल में तो मेरे शौहर के लिए बहुत गुस्सा आ रहा था, उनको सबक सिखाने का मन तो हो ही रहा था.
मैंने धीरे से टी टी के कान में कहा- आप तो कह रहे थे कि आप अपनी मन की करेंगे. पर यहां हुकुम तो कोई और दे रहा है.
टी टी थोडे़ देर सोचता रहा और उसने मेरे निप्पल को मुंह में ले लिया. थोडे़ देर निप्पल चूसने के बाद उसने धीरे से मेरे स्तनों के उपर काट लिया.
मेरे शौहर फिर बोल पडे़- आराम से साहब, क्या कर रहे हैं?
अचानक टी टी बिफर पडा़- तू सिखाएगा कि क्या करूं और क्या न करूं, बहुत देर से देख रहा हूं कि टांय टांय कर रहा है.
टी टी ने मुझे गोद से उतारा और बगल में बिठा दिया और बोला- तेरे को साथ लेकर गलती की, साले मादरचोद पूरा मजा खराब करेगा उंगली कर करके.
एक हवलदार ने कहा- गलती सुधार देते हैं. रफा दफा करो इसको यहां से.
मेरे शौहर तो बोल ही नहीं पा रहे थे और हवलदार उन्हें धक्के लगा कर बाहर करने लगे.
टी टी भी उनके पीछे चल दिया. उन लोगों ने मेरे शौहर को अगले बोगी में धकेल कर दोनों बोगियों के बीच का दरवाजा बंद कर लिया. बाकी दरवाजे तो पहले से बंद थे.
इतना करके वो लोग कम्पाटमेन्ट की तरफ वापस आ गये और अंदर घुस कर दरवाजा बंद कर दिये.
मैं खडी़ हो गई, मेरा पल्लू निचे पडा़ था, कमर से ऊपर एक भी कपड़ा नहीं था.
टी टी ने कहा- अब हम आराम से तेरी जवानी का मजा लेंगे.
इतना कह कर टी टी ने मेरे कमर के पास मेरी पेटीकोट के अंदर दोनों तरफ से उंगली डाल दी और पेन्टी के अंदर उंगली फंसा कर जोर से नीचे की ओर खींच दिया.
मैंने पेटीकोट को थोडा़ ढीला ही बांधा था तो मेरी साडी़, पेटीकोट और पेन्टी एक इलास्टिक वाले पेन्ट की तरह मेरी कमर से नीचे सरकती चली गई.
मैं हफ्ते में दो बार नीचे के बालो की सफाई करती हूं और आज तो सुबह ही की थी.
अचानक मुझे ख्याल आया जो इतनी अफरा तफरी में ध्यान से उतर गया था. ये लोग चार हैं. और क्या मैं चार लोगों को एक साथ बर्दाशत कर पाऊंगी.
इतना ख्याल आते ही मेरे पसीने छुट गये पर अब क्या हो सकता था, बर्दाशत तो करना ही पडे़गा.
टी टी ने मुझे गद्दे पर लिटा दिया. मेरे लेटते ही सबने अपने अंडरवीयर उतार दिये. उनका लण्ड देख कर मेरी जान ही सूख गई. मेरे शौहर के मुकाबले काफी बडा़ और लम्बा था सबका.
मेरी साफ योनि देख कर वो आहें भरने लगे, कहने लगे- वाह … कितना मजा आने वाला है.
टी टी ने हवलदार से कुछ कहा और वो बाहर चला गया.
टी टी ने मुझे कहा- देखो, हमारे पास कंडोम तो नहीं हैं. और बाहर गिराना हमारी आदत नहीं. तो ये तुम्हें खुद ही देखना पडे़गा.
मैं वैसे भी गर्भनिरोधक गोली खाती थी तो गर्भ ठहरने का कोई दिक्कत तो था नहीं.
फिर भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
इतने देर में हवलदार वापस आ गया और साथ में एक गद्दा ले आया. उसने दोनों सीटों के बीच गद्दा बिछाया और टी टी ने मुझे खींच कर गद्दे पर पीठ के बल लिटा दिया.
सारे लोग अपने अपने कपडे़ उतारने लगे.
मैं समझ गई कि अब ये लोग मेरा कीमा बनाने वाले हैं.
टी टी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे गद्दे पर पीठ के बल लिटा दिया. वो लोग अभी भी अपने अंडरवीयर पहने हुए थे. मेरे लेटते ही उन लोगों ने अपने अपने अंडरवीयर उतार दिये.
उनका लण्ड देख कर मेरी जान ही सूख गई. मेरे शौहर के मुकाबले काफी बडा़ और लम्बा था सब का.
आम तौर पर सीटों के बीच जितनी जगह होती है, उससे ज्यादा जगह थी यहां.
दो हवलदार मेरे अगल बगल में लेट गये. एक हवलदार मेरे दोनों टांगों के बीच बैठ गया. दोनों हवलदार, जो मेरे आजू बाजू में लेटे थे, ने अपनी एक एक टांग मेरी टांगों पर चढा़ दी और अपने एक एक हाथ मेरे दोनों स्तनों पर रख दिया.
टी टी सीट पर बैठ गया और उसने एक बैग खींच लिया. उस बैग से उसने एक शराब की बोतल निकाली और एक ट्रे में चार गिलास डाल कर उसमें ढालने लगा.
मेरे घर में और ससुराल में शराब तो चलती नहीं है तो मुझे बेचैनी सी होने लगी पर मैं किसी भी प्रकार की बहस करने के स्थिति में नहीं थी.
टी टी ने अपना ग्लास उठाया और पीते हुए बोला- साले देख क्या रहे हो, गर्म करो लौंडिया को.
हवलदारों को शायद इशारे की देर थी, दोनों हवलदारों ने मेरे स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया, दोनों ने मेरे गले, और गाल को चूमना भी चालू कर दिया.
अचानक जो हवलदार मेरे टांगों के बीच बैठा था उसने मेरे कमर को पकडा़ और मेरे योनि कर अपने होंठ सटा दिये. मुझे तो जैसे 440 वोल्ट का करण्ट लगा हो. वो मेरे योनि की दरार को चाटने लगा. एक कोने से दूसरे कोने तक लगातार चाटने लगा.
कुछ ही पल में मेरी योनि पानी छोड़ने लगी और मेरे बदन में ऐंठन होने लगी. मैं बदन ऐंठने की कोशिश करके लगी पर इतने में दोनों बगल के हवलदारों ने मेरे टांगों पर दबाव बढा़ दिया. दोनों हवलदारों ने मेरे स्तनों को मसलने के बजाय मेरे निप्पल को चूसना शुरू कर दिया.
यूं तो ये सब मेरी मर्जी से नहीं हो रहा था पर मेरे तन में आग लग रही थी. मैंने पता नहीं किस सुध में दोनों हवलदारों के सर पर हाथ रख कर उनके बालों को सहलाने लगी. दोनों हवलदारों में से एक ने मेरे निप्पल को छोडा़ और टी टी से बोला- साहब लौंडिया गर्म हो गई.
टी टी ने अपना ग्लास एक झटके में खत्म किया और बोला- अब तुम लोग हटो, मैं सम्भालता हूं इसको.
सब मुझे छोड़ कर सीट कर चले गये.
टी टी मेरी टांगों के बीच आ गया. मेरे तन में तो आग लगी हुई थी मैंने खुद ही अपनी टांगें दूर तक फैला दी और फुसफुसाते हुए बोल पडी़- साहब, प्लीज जल्दी कीजिए.
वह मुस्कुराया और मेरे योनि के दरार पर अपना लण्ड रख कर एक झटके से अंदर डाल दिया.
मैंने भी अपनी टांगें उसकी कमर के आस पास लपेट ली. टी टी ने मेरे पीठ के इर्द गिर्द से मुझे बांहों में भर लिया और हल्के हल्के झटके लगाने लगा.
थोडे़ देर में वो रुका और उनके अपने होंठ मेरे होंठों से सटा दिये. शराब का भभका मेरे नथुनो में समा गया और शराब का स्वाद मेरे मुंह में भी आने लगा. मैंने चोर नज़रों से हवलदारों की तरफ देखा जो धडा़धड़ ग्लास भर भर कर शराब पी रहे थे और बातें कर रहे थे.
टी टी ने मेरे होंठों को छोड़ा और फिर झटके लगाने लगा. धीरे धीरे झटकों में गति आने लगी और कुछ ही मिनट के बाद वो फिर रूका और मेरे होंठों को चूमने लगा.
मैंने चोर नज़रों से फिर हवलदारों के तरफ देखा पर इस बार मेरे रौंगटे खडे़ हो गये.
सारे हवलदारों में से एक मोबाईल कैमरा से हमारी विडियो ले रहा था.
जैसे ही टी टी ने मेरे होंठों को छोडा़ और झटके लगाने को तैयार हुआ मैंने टी टी से गिड़गिडा़ते हुए कहा- साहब, आप जो चाहते हैं, मैं कर रही हूं, फिर मेरी विडियो क्यो बनवा रहे हैं?
टी टी 90 डिग्री के कोण में उठा और उसका लण्ड अभी भी मेरे योनि में फंसा था और मेरी टांगें उसके कमर के इर्द गिर्द लिपटी थी.
उसने मुझे देखा और खींच कर एक थप्पड़ मारा और बोला- साली रंडी, मुझे मत सिखा कि मुझे क्या करना है. तेरी जैसी रंडी रोज रोज नहीं मिलती, कमाल का बदन है तेरा एकदम तराशा हुआ रसदार. एक तो ये विडियो देख कर कभी कभी मजा लूंगा और बाकियों को विश्वास दिलाने के लिए कि एक जबरदस्त रंडी को हम सब ने भोगा.
उसके बाद मैंने वीडियो के लिए कुछ नहीं कहा और टी टी वापस मेरे ऊपर लेट कर मुझे झटके देने लगा. इस बार उसके झटके ज्यादा लम्बे समय के लिए नहीं चले और वो मेरी योनि को अपने वीर्य से भर दिया.
थोड़ी देर वैसे ही पडा़ रहा और फिर खडा़ हो गया.
उसने बाकी हवलदारों से कहा- अब तुम लोग भी निपट लो.
हवलदारों में से एक हवलदार उठा और मेरी टांगों के बीच आ गया. उनके आव देखा ना ताव … एक झटके से अपना लण्ड मेरी योनि में घुसाने की कोशिश करने लगा.
पर अव्वल तो उसका लण्ड बहुत लम्बा था और बहुत मोटा भी था.
उसने मेरी कमर कस कर थामी और एक जोरदार झटका दिया और उसका लण्ड मेरी योनि को चीरते हुए अंदर समा गया. मेरे मुंह से चीख निकल गई.
हवलदार मुस्कुराया और धीरे धीरे झटके लगाने लगा.
वो भी थोडे़ देर झटके लगाता रहा और रूक कर उसने मेरे होंठों को रस चूसने लगा.
शराब का स्वाद मेरे मुंह में आने लगा. थोडा़ रूक कर उसने फिर झटके लगाना शुरू किया. इस बार जरा भी रूके बगैर उसने अपना वीर्य मेरी योनि में छोड़ कर ही सांस ली और एक झटके से खडा़ हो गया.
मेरी योनि से सारा वीर्य बह कर बाहर आ रहा था.
उसके जाते ही एक और हवलदार ने जगह ले ली और झटके लगाना शुरू किया.
लगातार टांगें फैला कर रखने की वजह से मेरी जांघे दर्द करने लगी थी.
हवलदार ने लगातार झटके लगा कर मेरी योनि में बाढ़ ला दी और उठ गया.
उसके उठते ही अगला हवलदार मेरी टांगों के बीच आ गया.
मैंने हाथ जोड़ कर उससे कहा- लगातार नहीं … थोड़ी देर तो आराम करने दो.
उसने मेरे दोनों हाथों को खोल कर अलग किया और मेरे योनि में अपना लण्ड घुसाता चला गया. मेरे योनि के दिवार जल रहे थे. मेरे मुंह से कराह फूट रही थी, हर झटके से मेरे मुंह से कराह निकल जाती थी.
वो भी लगातार झटके लगाने के बाद अपना वीर्य छोड़ कर खड़ा हो गया.
रिकार्डिंग अभी भी चल रही थी.
टी टी ने कहा- थोडी़ देर आराम कर ले फिर दूसरा राऊंड शुरू करते हैं.
मैंने समय देखा तो पता चला कि इनके साथ मुझे साढे़ चार घण्टे हो चुके हैं और अभी भी सफर का साढे़ सात घण्टे बाकी हैं.
मैं इतना थक चुकी थी कि मैं उसी गद्दे पर सो गई.
जब मेरी दोबारा आंख खुली दो मैंने देखा कि दो हवलदार मेरे स्तनों से खेल रहे है. मैंने समय देखा दो पता चला कि लगभग साढे़ चार घण्टे मैं सो चुकी भी और मेरी मंजिल पहुंचने में और तीन घण्टे बाकी थे.
मेरे उठते ही दोनों हवलदारों ने मुझे छोड़ दिया और टी टी ने मुझे उठा कर सीट पर बैठा दिया.
वो खुद मेरे सामने बैठ गया और मेरे दोनों जाँघों के बीच अपने पैर के तलवे रख दिये और मेरे जाँघों के अंदर की तरफ और योनि को तलवों से सहलाने लगा.
उसने मुझसे पूछा- तेरी चूत तो बहुत जल रही होगी?
मैंने हां कह दिया.
उसने फिर कहा- हमारा लण्ड फिर से खडा़ हो गया है. कभी गांड मरवाई है?
मेरा दिल जोर से धड़कने लगा, मैंने न में सर हिलाया.
उसने एक गिलास शराब डाली और मुझे दिया और कहा- चल जल्दी से इसे गटक जा.
मैंने कहा- मैंने आज तक इसे नहीं पी. और चढ़ गई तो तीन घण्टे में नहीं उतरेगी.
टी टी ने कहा- ट्रेन 6 घण्टे लेट है. उतर जायेगी तब तक. नहीं पियेगी तो बर्दाशत नहीं कर पायेगी.
मैंने ग्लास लिया और एक झटके से पूरा ग्लास पी गई. झम से असर हुआ और पूरा गला जलने लगा. मैं यों ही कुछ देर बैठी रही और नशा चढ़ने लगा. मेरे हाथ पैर कांपने लगे तो टी टी ने मुझे उठा कर वापस गद्दे पर बिठाया और मुझे घोड़ी की तरह दोनों हाथों और घुटनों पर खडा़ कर दिया.
टी टी ने मेरा पर्स खोला और एक क्रीम निकाल कर अपने उंगली में लगाई और मेरी गांड के अंदर लगाने लगा.
जब काफी क्रीम लगा चुका तो उसने कुछ क्रीम अपने लण्ड पर लगाई. दो हवलदार दोनों तरफ से मेरे स्तनों के नीचे लेट गये पीठ के बल और मेरी निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगे.
टी टी ने अपना लण्ड मेरी गांड के छेद पर रखा और अंदर धकेलने लगा. मेरी गांड का छेद काफी टाईट था पर क्योंकि क्रीम लगी थी तो लण्ड अन्दर जाने लगा.
जैसे जैसे लण्ड अंदर जा रहा था दर्द बढ़ता जा रहा था. आखिरकार पूरा लण्ड मेरी गांड के अंदर चला गया और टी टी धक्के लगाने लगा.
शायद यह शराब का असर था कि दर्द अपेक्षा से कम महसूस हो रहा था.
वो झटके लगाता रहा और मैं सहती रही.
मैंने पलट कर देखा तो पता चला कि एक हवलदार विडियो बना रहा था.
खैर टी टी ज्यादा देर नहीं टिका और उसने वीर्य बहा दिया.
वो अलग हुआ तो जो हवलदार मेरे निप्पल चूस रहा था वो मेरी गांड का मजा लेने चला गया और जो हवलदार मेरी विडियो बना रहा था वो कैमरा टी टी को पकडा़ कर मेरे निप्पल चूसने के लिए लेट गया.
हवलदार ने अपना लण्ड मेरी गांड में डाल दिया और धक्के लगाने लगा. हवलदार झुक कर मेरी दोनों बगलों से मेरे स्तनों के पकड़ लिया और मसलने लगा.
लगातार धक्कों के बाद वो वीर्य छोड़ कर अलग हुआ और मेरे स्तनों के नीचे लेट गया और निप्पल चूसने लगा. बाकि दोनों हवलदारों ने भी बिना किसी बदलाव के मेरी गांड का मजा लिया.
वो लुंगी पहने हुए था, जैसे ही वो मुझपर लेटने को हुआ मैंने अपने नाईटी के सारे बटन खोल कर दोनों तरफ कर दिया. मेरा पूरा बदन नग्न हो गया और वो मुझ पर लेट गया.
उन सब के अलग होते ही मुझे महसूस हुआ कि गांड का छेद बहुत जल रहा था और चूस चूस कर इन लोगों ने मेरे निप्पलों को सुजा दिया था.
थकान और नशे की वजह से मैं गद्दे पर लेट गई और सो गई.
जब उठी तो भी सारे हरामी वहीं थे. मेरे कपड़े गायब थे.
मेरे कुछ पूछने से पहले वे खुद बोले- कपड़े इस्तरी को गये हैं, आ जाएँगे.
समय देखा तो पता चला कि अभी एक घण्टा बाकी है.
समय देखते टी टी ने देख लिया और कहने लगा- जानेमन अभी एक घण्टा और बाकी है.
वो अपना लण्ड सहला रहा था, मैंने उसके लण्ड की तरफ देखा और फिर उसके चेहरे की तरफ.
उसने कहा- क्या ख्याल है, एक बार फिर हो जाये?
मैंने हाथ जोड़ कर कहा- मेरे दोनों छेद जल रहे हैं.
उसने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे अपनी टांगों के बीच में खींचा और मेरे सर को अपने लण्ड की तरफ दबाया.
वो कहने लगा- ठीक है, कोई बात नहीं, चूस तो सकती है.
मैंने जिन्दगी में कभी किसी का लण्ड नहीं चूसा था.
पर मरती क्या न करती, उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी. वो कभी मेरे स्तनों को मसलता, कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराता कभी निप्पल उमेठता. लगातार बीस मिनट के बाद वो मेरे मुंह में पिचकारी छोड़ने लगा. कुछ माल मेरे गले के नीचे चला गया, बाकी मैंने उगल दिया.
वो हटा तो तीनों हवलदार सामने आ कर बैठ गये.
मैंने फुसफुसाते हुए कहा- 40 मिनट है स्टेशन के लिए, तीनों का नहीं निकाल सकती.
टी टी ने बीच में पड़ कर कहा- एक का चूस कर निकाल ले, बाकी दोनों का मुठ मार दे, मतलब हाथ से सहला कर निकाल दे.
मैंने सर हिलाया और बीच वाले का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और अगल बगल वालों का लण्ड हाथ में लेकर सहलाने लगी. तीनों मेरे चूतड़ों से और मेरे स्तनों से खेल रहे थे और टी टी मेरी विडियो बना रहा था.
लगभग 20 मिनट में तीनों ने लगभग एक साथ पिचकारी छोडी़ और उठ कर कपडे़ पहनने लगे.
टी टी ने मोबाईल बंद कर दिया और मुझे बताया कि एक बाथरूम है बोगी में … वहां जा कर नहा ले, तब तक कपड़े मंगवा दूँगा.
मैंने पर्स से कुछ मेकअप का सामान निकाला और अपना नोकिया एन ९७ का मोबाईल निकाला.
मैंने टी टी से गुजारिश भरे अंदाज से कहा- साहब, जो रिकार्डींग करी है, मुझे भी दे दीजिए.
टी टी ने कहा- क्यों, तू क्या करेगी इसका?
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- मैंने आप जैसा मर्द नहीं देखा है, मुझे भी याद रहेगा.
टी टी ने मेरा मोबाईल ले लिया और रिकार्डिंग कापी करने लगा.
मैं बाथरूम में जा कर नहाने लगी. नहा कर मैंने मेकअप किया और बाल ठीक किया और बिना कपड़ों के वापस आ गई.
जब मैं कम्पार्टमेन्ट में पहुंची तो मेरे कपड़े आ चुके थे और सारे हवलदार जा चुके थे. सिर्फ टी टी बैठा था. मैंने उसके सामने ही कपडे़ पहने और उसने मुझे मोबाईल वापस दिया.
अपना बैग सम्भाला मैंने तो पाया कि उसमें ५००० रूपये पडे़ है.
मैंने टी टी को देखा तो वो मुस्कुराया और बोला- मेरी तरफ से तुच्छ भेंट, रख ले.
मैंने कुछ नहीं कहा और एक बार मोबाईल चेक की. सारे विडियो आ गये थे.
टी टी ने एक थर्मस से कॉफी निकाली और मुझे दो कप लगातार दी.
मेरी सारी थकान कुछ कम हुई. जैसे ही स्टेशन आया टी टी ने दरवाजा खोल कर मुझे उतार दिया और हाथ हिला कर मुझसे विदा ली.
स्टेशन के गेट पर मेरे शौहर खड़े थे टैक्सी के साथ.
जैसे ही मैं बगल से निकली वो बोले- डेजी, टैक्सी में बैठो.
मैंने गुस्से में कहा- याद आ गया हमारा रिश्ता, उस समय तो याद नहीं आ रहा था.
मेरे शौहर ने टैक्सी ड्राईवर की तरफ देखा तो मैं चुपचाप टैक्सी में बैठ गई.
रास्ते में एक रेश्टोरेन्ट में रूके नाश्ता करने को और नाश्ता कैबिन में मंगवा लिया. नाश्ता आने के बाद मेरे शौहर ने मुझसे पूछा- कुछ किये तो नहीं तुम्हारे साथ वो लोग?
मुझे गुस्सा तो था ही बोल पडी़- नही! बडे़ प्यार से मुझे बैठा कर मुझसे कहा कि बहन बहुत दिन बाद मिली है, मुझसे राखी बंधवाई और मेरी आरती उतारने लगे. फिर मुझे मिठाई खिलायी.
मेरे शौहर ने सर झुका कर मुझसे मांफी मांगी और कहा- सोचा कुछ और था हो कुछ और गया.
मैंने मोबाईल निकाल कर उनको दिया और कहा- देख लीजिए कैसी खातिरदारी की है मेरे भाईयों ने मेरी.
वो मोबाईल लेकर विडियो देखने लगे.
मैंने नाश्ता पूरा किया और हम लोग शादी के फंक्शन के लिए चल दिये. फंक्शन तीन दिन का था और फिर ट्रेन से वापसी.
मेरे शौहर को जरा भी अफसोस नहीं था अपने कारस्तानियों पर!
जैसे तैसे कार्यक्रम निपटा और हमने वापसी का प्रोग्राम बनाया.
मैंने दिल ही दिल में सोच लिया था कि वापसी में अपने शौहर को ऐसा मजा चखाऊंगी कि याद रखेंगे.
नियत तारीख को हम ट्रेन में चढ़ गये. क्योंकि ये साधारण ट्रेन थी इसलिए समय ज्यादा लगने वाला था.
एक कम्पार्टमेन्ट में 6 सीट थी. नीचे की दोनों सीट एक वृद्ध कपल का था जिनकी उम्र 70 के आसपास थी. बीच के दोनों सीट हमारी थी और ऊपर के दोनों सीट में से एक आदमी की थी जिसकी उम्र 32-35 के आसपास थी और एक कालेज के लड़के की थी.
जब ट्रेन स्टेशन से निकली तब शाम के सात बज रहे थे. कम्पार्टमेन्ट के दोनों खिड़की पर वृद्धा और वो कालेज का लड़का बैठा था. मैं उसके बगल में बैठ गई और मेरे शौहर मेरे बगल में.
अभी वो आदमी पहुंचा नहीं था.
लगभग आठ बजे स्टेशन पर ट्रेन रूकी और फिर चल पडी़. मेरे शौहर उठे और बाथरूम चले गये. तभी वो आदमी आया और अपना सामान जमा कर मेरे बांए बगल में बैठ गया. आम तौर पर मैं उसे सामने बैठने को कहती पर मैंने कुछ नहीं कहा.
मेरे शौहर वापस आये तो थोडा़ झिझके पर फिर सामने बैठ गये.
धीरे धीरे सब में आपस में बात होने लगी. मैंने बैग खोला और एक नाईटी लेकर बाथरूम में चली गई. मैंने साडी़ ब्लाऊज और पेटीकोट उतार कर नाईटी पहनने लगी, फिर थोडा़ ठिठकी और मैंने अपनी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी. मैंने सिर्फ नाईटी पहना और वापस कम्पार्टमेन्ट में आ गई.
थोडी़ देर यों ही बातें होती रही. तब उस आदमी ने जिसका नाम रवि महंत था, ने ताश खेलने का प्रस्ताब रखा.
हालाँकि हमारे घर में ताश नहीं खेलते. पर खेलना दोनों को आता था. तो हम दोनों भी तैयार हो गये और नीरज नाम का वो लड़का भी तैयार हो गया.
अंकल आंटी को हमने खिड़की दे दी. मैं आंटी के बगल में और वो लड़का मेरे सामने बैठ गया. मेरे बगल में रवि और उनके सामने मेरे शौहर बैठ गये.
रवि ने एक कम्बल निकाला और हमने उसे फैला कर कमर तक रख लिया और बीच में पत्ते फेंकने लगे. क्योंकि कम्बल ज्यादा बडा़ नहीं था इसलिए हम सब काफी पास पास बैठे थे. मेरे घुटने रवि के घुटनों से टकरा जा रहे थे.
जैसे जैसे रात गहराने लगी ठंड बढ़ने लगी. रवि पत्ते फेंकने के बाद अपना दांया हाथ कम्बल में घुसा देता था.
ऐसे ही अचानक मुझे महसूस हुआ कि रवि का एक हाथ मेरी जाँघों पर है. मैंने चोर नज़रों से उसे देखा तो वो ऐसे बैठा था कि कुछ पता ही न हो.
मैंने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं कि और उसका हाथ वही रहने दिया.
एक दो चाल के बाद उसका हाथ फिर मेरी जाँघों पर था पर इस बार वो हल्का हल्का मेरी जाँघों को सहला रहा था. मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
जब उसकी चाल आई तो उसने हाथ निकाल लिया और चाल चलने लगा.
मैंने अपना हाथ अंदर डाला और नाईटी को कमर तक चढा़ लिया. मैंने इतने सावधानी से किया था कि किसी को पता न चले.
अगली बार रवि का हाथ जैसे ही जाँघों पर आया तो उसके हाथ मेरी नग्न जाँघों पर पडे़. वो चौंका और चोर नज़रों से मुझे देखा. मैं हल्के से मुस्कुरा दी.
वो मेरी नंगी जाँघों से खेलता रहा और एक दो बार हाथ मेरी योनि तक भी ले गया.
तभी अंकल ने कहा- अगर खेल पूरा हो गया हो तो अब सो लें थोडा़.
मैंने समय देखा, 12 बज रहे थे.
रवि ने अपना हाथ बाहर निकाल दिया और मैंने अपनी नाईटी ठीक कर ली.
हमने खेल बंद किया और सारे सीट खोल कर बैड बना दिये. सब अपने अपने बैड पर चले गये. मेरे शौहर भी अपने सीट कर करवट लेकर लेट गये.
अंकल और आंटी जल्दी ही सो गये.
पर रवि की आँखों में नीन्द नहीं थी, वो बार बार बाथरूम जाता था और जाते और आते समय मेरे स्तनों को सहला देता था.
चौथी बार जब गया तो एक बज रहा था.
जैसे ही वापस आकर मेरे स्तनों को सहलाने को हुआ मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे पास खीच कर फुसफुसाई- नीन्द नहीं आ रही तो मेरे सीट पर आ जाओ.
उसने इधर उधर देखा और धीरे से मेरे सीट पर चढ़ गया.
वो लुंगी पहने हुए था, जैसे ही वो मुझपर लेटने को हुआ मैंने अपने नाईटी के सारे बटन खोल कर दोनों तरफ कर दिया. मेरा पूरा बदन नग्न हो गया और वो मुझ पर लेट गया. वो मेरे स्तनों को अपने दोनों हाथ में लेकर मसलने लगा और मेरे निप्पल को चूसने लगा.
5 मिनट तक यही करता रहा तो मैंने अपने शौहर की तरफ देखा. अब उनका चेहरा हमारी तरफ था. उन्होंने कब करवट ली पता ही नहीं चला, जिससे मेरा शक यकीन में बदल गया कि वो जगे हुए हैं.
और वैसे भी मुझे उन्हें ये सब दिखाना ही था.
मैं रवि के कान में फुसफुसायी- अपने या हॉटल के रूम में नहीं हो जो इतने इत्मिनान से कर रहे हो, कोई उठ गया तो मुसीबत हो जाएगी.
वो बात समझ गया और उसने एक झटके से अपनी लुंगी ऊपर खींच ली. मैंने अपनी टांगें फैला दी और उसने अपना लण्ड मेरी चूत में फंसा दिया.
उसने कहा- मेरे पास कॉन्डम नहीं है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं …वीर्य अंदर भी डाल दोगे तो चलेगा.
यह सुनते ही उसने अपना लण्ड एक झटके से अंदर डाल दिया और धीरे धीरे झटके लगाने लगा. वो कोशिश कर रहा था कि कोई आवाज न हो.
जैसे तैसे धक्के लगा लगा कर उसने बीस मिनट में मेरी चूत में पानी छोड़ दिया. थोडी़ देर यों ही मेरे बदन पर पडा़ रहा फिर मेरे होंठों को अच्छे से चूम कर अपने सीट पर चला गया.
मैंने अपनी नाईटी सही की और करवट लेकर सो गई.