12-02-2021, 05:06 PM
अवी जब देखता है कि डिंपल ने दूसरी और मूह कर लिया है तो अवी किताब बंद करते हुए
अवी- दीदी मेरा तो मन नही लग रहा है और तुम मज़े से सोने लगी हो
डिंपल-मुस्कुराते हुए उसकी और मूह करके अवी आख़िर तू चाहता क्या है
अवी- डिंपल को देख कर अपने मन मे, दीदी मैं तो बस तुम्हे ही देखते रहना चाहता हू
डिंपल- बोलता क्यो नही
अवी- वो दीदी, अच्छा मे पढ़ता हू पर तुम भी जागती रहो ना, तुम सोने लगती हो तो मुझे भी नींद आने लगती है
डिंपल- अच्छा रोज तो 1-1 बजे तक टीवी मे घुसा रहता था और आज जब पढ़ने को कहा तो तुझे नींद आने लगी है
अवी- दीदी तुम भी कुछ पढ़ो ना, फिर मेरा भी मन लगा रहेगा
डिंपल- अच्छा तू पढ़ मे ज़रा बाथरूम से आती हू
अवी- पर तुम क्यो जा रही हो
डिंपल- अपनी आँखे निकाल कर उसे दिखाती हुई, लोग बाथरूम क्यो जाते है
अवी- मुस्कुराता हुआ अच्छा-अच्छा ठीक है और डिंपल पलट कर जाने लगती है और अवी उसकी गदराई गंद को देखने लगता
है तभी डिंपल एक बार घूम कर उसे देखती है और उसे अपने मोटे-मोटे चूतड़ देखते हुए पाती है तो एक दम से रुक
जाती है और अवी जल्दी से अपनी नज़रे अपनी किताब मे गढ़ा देता है और डिंपल उसे घुरती हुई बाथरूम मे घुस जाती है
थोड़ी देर बाद डिंपल जब वापस आती है तो अवी लेट कर अपनी किताब पढ़ रहा था, डिंपल भी अपनी बुक उठा कर अवी के बगल
मे लेट जाती है और अवी की और मूह करके पढ़ने लगती है, डिंपल किताब पढ़ती रहती है और अवी उसके सुंदर चेहरे को
देख-देख कर उसके हुस्न की मन ही मन तारीफ करता रहता है, डिंपल जब भी नज़र उठा कर देखती है अवी को अपनी और
देखता हुआ पाती है, करीब आधे घंटे बाद जब डिंपल अवी को अपनी ओर घूरते हुए देखती है तो
डिंपल- तू मुझे घूर-घूर कर क्यो देख रहा है, आधे घंटे से बस एक ही पेज खोल कर पढ़ रहा है, क्या मेरे मूह
मे लड्डू रखे है
अवी- वो दीदी
डिंपल - क्या वो-वो कर रहा है, सच-सच बता क्यो देख रहा है मुझे
अवी- डिंपल की बात सुन कर अपनी नज़रे नीची कर लेता है
डिंपल- नीचे क्या देख रहा है बोलता क्यो नही, क्यो घूर रहा है मुझे आज दिन भर से
अवी- उसकी आँखो मे देख कर, इसलिए कि तुम मुझे अच्छी लगती हो
डिंपल- अवी की बात सुन कर एक पल उसे देखती रह जाती है और फिर रोज तो तू मुझे कभी नही देखता था फिर आज ऐसा क्या
देख लिया तूने जो दिन भर से मुझे इस तरह घूर रहा है
अवी- मैं नही जानता पर आज तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो
डिंपल अवी की बात सुन कर अपना मूह फाडे उसको देखती रह जाती है और अवी अपनी नज़रे झुका लेता है
डिंपल- अपने चेहरे पर गुस्सा लाती हुई ठीक है तो तू बैठ कर मुझे देखता रह मैं अब सो रही हू और डिंपल अपनी आँखे
बंद करके लेट जाती है,
अवी कुछ देर नज़रे नीचे किए रहता है उसके बाद धीरे से डिंपल के साइड मे लेट जाता है और उसके हुस्न को अपनी नज़रो से
देखते हुए मन ही मन उसे चूमने की कल्पना करने लगता है, करीब 10 मिनिट बाद डिंपल अपनी आँखे खोल कर जैसे
ही अवी को देखती है उसकी नज़रे अवी से मिल जाती है,
डिंपल- उसके सर पर हाथ रख कर अवी तेरी तबीयत तो ठीक है ना, ऐसे पागलो की तरह आँखे फाडे मुझे क्यो देख रहा
है, चल अब अपनी आँखे बंद कर और सोने की कोशिश कर
अवी- अपनी आँखे बंद कर लेता है और डिंपल उसको देखती हुई कुछ सोचने लगती है, थोड़ी देर आँखे बंद रखने के
बाद अवी फिर से अपनी आँखे खोल कर डिंपल को देखता है और डिंपल उसको देख कर मुस्कुराते हुए
डिंपल- तूने फिर से अपनी आँखे खोल ली चल अब आँखे बंद करके सो जा
अवी- दीदी मैं अपनी आँखे भी बंद कर लेता हू तब भी मुझे तुम्हारा चेहरा ही दिखाई देने लगता है
डिंपल- अवी की बात सुन कर सोच मे पड़ जाती है और अच्छा मेरी बात सुन, तेरा क्या यह मन कर रहा है कि तू मुझे ही
देखता रहे
अवी- हाँ दीदी
डिंपल- और तुझे आँखे बंद करने पर भी मेरा ही चेहरा दिखाई देता है
अवी- हाँ दीदी
डिंपल- तो ठीक है ना तू अपनी आँखे बंद करके ही मुझे देखता रह इससे तुझे नींद भी आ जाएगी
अवी- ठीक है दीदी
डिंपल- चल अब सो जा ओके अब मैं उधर मूह कर लू
अवी- उसकी बात का कोई जवाब ना देकर खुद उसकी ओर अपनी पीठ करके दूसरी और मूह घुमा लेता है और डिंपल उसको देखती
रह जाती है और फिर डिंपल अपनी आँखे खोल कर सोचने लगती है, यह अवी को आज हो क्या गया है, यह कैसी बहकी-बहकी
बाते कर रहा है, पता नही इस लड़के का क्या होगा और फिर डिंपल अवी की ओर करवट लेकर सोने की कोशिश करने लगती है
अवी- लेटा हुआ अपने मन मे दीदी तुम समझती क्यो नही कि मैं तुम्हे कितना चाहता हू, काश मैं तुम्हे अपने सीने से
चिपका कर सुला सकता, तुम्हे छूने का मेरा बहुत दिल करता है पर तुम कुछ समझती ही नही, तुम नही जानती मैं
तुम्हारे बिना नही रह सकता हू, और बस यही सोचते-सोचते कि कैसे अपनी दीदी को अपने सीने से लगा कर जी भर कर प्यार
करू उसकी नींद लग जाती है,
सुबह अवी 6 बजे ही सो कर उठ जाता है और उठते ही अपनी दीदी का चेहरा देखता है और धीरे से बहुत डरते-डरते डिंपल
के गालो को बहुत हल्के से चूम लेता है और जब वह डिंपल को चूम लेता है तो अपने मन ही मन मे बहुत खुस हो जाता
है जैसे उसने कोई बड़ी भारी चीज़ पा ली हो उसके बाद अवी नहा धोकर कंप्लीट हो जाता है, 7 बजे जब डिंपल उठ कर अवी
को सोफे पर नहा धोकर बैठे हुए टीवी पर न्यूज़ देखते हुए पाती है तो उसको बहुत हैरानी होती है और वह अवी के पास
जाकर
डिंपल- अरे अवी आज यह सूरज पश्चिम से कैसे निकल आया, क्या बात है
अवी- डिंपल का खूबसूरत चेहरा देखते हुए, दीदी यह सब तुम्हारा ही कमाल है
डिंपल- उसे आश्चर्या से देखते हुए मैने क्या किया है
अवी- अपने मन मे मुस्कुराता हुआ, दीदी तुमने मेरा दिल चुरा लिया है अब मैं मेरा ना होकर तुम्हारा हो गया हू
डिंपल- बोल ना मैने ऐसा क्या कर दिया कि तू पूरा बदल गया
अवी- पता नही दीदी, मुझे जल्दी से चाइ पिला दो मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए क्यो नही साहेब अब तो आप जो कहो डिंपल करने को तैयार है
अवी- अपने मन मे तो क्या मेरी बाँहो मे आ सकती हो
डिंपल जल्दी से किचन मे जाकर दो कप चाइ लेकर आती है और अवी के पास बैठ कर उसे चाइ देते हुए खुद भी पीने लगती
है, अवी बिना किसी डर के डिंपल को देखता हुआ चाइ पीने लगता है और डिंपल बीच-बीच मे अवी को देख कर मुस्कुरा
देती है, अवी का दिल बस अपनी दीदी के खूबसूरत चेहरे को देख-देख कर एक अलग ही खुशी का अनुभव कर रहा था और फिर
अवी अपनी चाइ ख़तम करके
अवी- दीदी तुम कॉलेज से कितनी बजे घर आ जाओगी
डिंपल- कुछ सोच कर 4 बजे तक
क्रमशः........
अवी- दीदी मेरा तो मन नही लग रहा है और तुम मज़े से सोने लगी हो
डिंपल-मुस्कुराते हुए उसकी और मूह करके अवी आख़िर तू चाहता क्या है
अवी- डिंपल को देख कर अपने मन मे, दीदी मैं तो बस तुम्हे ही देखते रहना चाहता हू
डिंपल- बोलता क्यो नही
अवी- वो दीदी, अच्छा मे पढ़ता हू पर तुम भी जागती रहो ना, तुम सोने लगती हो तो मुझे भी नींद आने लगती है
डिंपल- अच्छा रोज तो 1-1 बजे तक टीवी मे घुसा रहता था और आज जब पढ़ने को कहा तो तुझे नींद आने लगी है
अवी- दीदी तुम भी कुछ पढ़ो ना, फिर मेरा भी मन लगा रहेगा
डिंपल- अच्छा तू पढ़ मे ज़रा बाथरूम से आती हू
अवी- पर तुम क्यो जा रही हो
डिंपल- अपनी आँखे निकाल कर उसे दिखाती हुई, लोग बाथरूम क्यो जाते है
अवी- मुस्कुराता हुआ अच्छा-अच्छा ठीक है और डिंपल पलट कर जाने लगती है और अवी उसकी गदराई गंद को देखने लगता
है तभी डिंपल एक बार घूम कर उसे देखती है और उसे अपने मोटे-मोटे चूतड़ देखते हुए पाती है तो एक दम से रुक
जाती है और अवी जल्दी से अपनी नज़रे अपनी किताब मे गढ़ा देता है और डिंपल उसे घुरती हुई बाथरूम मे घुस जाती है
थोड़ी देर बाद डिंपल जब वापस आती है तो अवी लेट कर अपनी किताब पढ़ रहा था, डिंपल भी अपनी बुक उठा कर अवी के बगल
मे लेट जाती है और अवी की और मूह करके पढ़ने लगती है, डिंपल किताब पढ़ती रहती है और अवी उसके सुंदर चेहरे को
देख-देख कर उसके हुस्न की मन ही मन तारीफ करता रहता है, डिंपल जब भी नज़र उठा कर देखती है अवी को अपनी और
देखता हुआ पाती है, करीब आधे घंटे बाद जब डिंपल अवी को अपनी ओर घूरते हुए देखती है तो
डिंपल- तू मुझे घूर-घूर कर क्यो देख रहा है, आधे घंटे से बस एक ही पेज खोल कर पढ़ रहा है, क्या मेरे मूह
मे लड्डू रखे है
अवी- वो दीदी
डिंपल - क्या वो-वो कर रहा है, सच-सच बता क्यो देख रहा है मुझे
अवी- डिंपल की बात सुन कर अपनी नज़रे नीची कर लेता है
डिंपल- नीचे क्या देख रहा है बोलता क्यो नही, क्यो घूर रहा है मुझे आज दिन भर से
अवी- उसकी आँखो मे देख कर, इसलिए कि तुम मुझे अच्छी लगती हो
डिंपल- अवी की बात सुन कर एक पल उसे देखती रह जाती है और फिर रोज तो तू मुझे कभी नही देखता था फिर आज ऐसा क्या
देख लिया तूने जो दिन भर से मुझे इस तरह घूर रहा है
अवी- मैं नही जानता पर आज तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो
डिंपल अवी की बात सुन कर अपना मूह फाडे उसको देखती रह जाती है और अवी अपनी नज़रे झुका लेता है
डिंपल- अपने चेहरे पर गुस्सा लाती हुई ठीक है तो तू बैठ कर मुझे देखता रह मैं अब सो रही हू और डिंपल अपनी आँखे
बंद करके लेट जाती है,
अवी कुछ देर नज़रे नीचे किए रहता है उसके बाद धीरे से डिंपल के साइड मे लेट जाता है और उसके हुस्न को अपनी नज़रो से
देखते हुए मन ही मन उसे चूमने की कल्पना करने लगता है, करीब 10 मिनिट बाद डिंपल अपनी आँखे खोल कर जैसे
ही अवी को देखती है उसकी नज़रे अवी से मिल जाती है,
डिंपल- उसके सर पर हाथ रख कर अवी तेरी तबीयत तो ठीक है ना, ऐसे पागलो की तरह आँखे फाडे मुझे क्यो देख रहा
है, चल अब अपनी आँखे बंद कर और सोने की कोशिश कर
अवी- अपनी आँखे बंद कर लेता है और डिंपल उसको देखती हुई कुछ सोचने लगती है, थोड़ी देर आँखे बंद रखने के
बाद अवी फिर से अपनी आँखे खोल कर डिंपल को देखता है और डिंपल उसको देख कर मुस्कुराते हुए
डिंपल- तूने फिर से अपनी आँखे खोल ली चल अब आँखे बंद करके सो जा
अवी- दीदी मैं अपनी आँखे भी बंद कर लेता हू तब भी मुझे तुम्हारा चेहरा ही दिखाई देने लगता है
डिंपल- अवी की बात सुन कर सोच मे पड़ जाती है और अच्छा मेरी बात सुन, तेरा क्या यह मन कर रहा है कि तू मुझे ही
देखता रहे
अवी- हाँ दीदी
डिंपल- और तुझे आँखे बंद करने पर भी मेरा ही चेहरा दिखाई देता है
अवी- हाँ दीदी
डिंपल- तो ठीक है ना तू अपनी आँखे बंद करके ही मुझे देखता रह इससे तुझे नींद भी आ जाएगी
अवी- ठीक है दीदी
डिंपल- चल अब सो जा ओके अब मैं उधर मूह कर लू
अवी- उसकी बात का कोई जवाब ना देकर खुद उसकी ओर अपनी पीठ करके दूसरी और मूह घुमा लेता है और डिंपल उसको देखती
रह जाती है और फिर डिंपल अपनी आँखे खोल कर सोचने लगती है, यह अवी को आज हो क्या गया है, यह कैसी बहकी-बहकी
बाते कर रहा है, पता नही इस लड़के का क्या होगा और फिर डिंपल अवी की ओर करवट लेकर सोने की कोशिश करने लगती है
अवी- लेटा हुआ अपने मन मे दीदी तुम समझती क्यो नही कि मैं तुम्हे कितना चाहता हू, काश मैं तुम्हे अपने सीने से
चिपका कर सुला सकता, तुम्हे छूने का मेरा बहुत दिल करता है पर तुम कुछ समझती ही नही, तुम नही जानती मैं
तुम्हारे बिना नही रह सकता हू, और बस यही सोचते-सोचते कि कैसे अपनी दीदी को अपने सीने से लगा कर जी भर कर प्यार
करू उसकी नींद लग जाती है,
सुबह अवी 6 बजे ही सो कर उठ जाता है और उठते ही अपनी दीदी का चेहरा देखता है और धीरे से बहुत डरते-डरते डिंपल
के गालो को बहुत हल्के से चूम लेता है और जब वह डिंपल को चूम लेता है तो अपने मन ही मन मे बहुत खुस हो जाता
है जैसे उसने कोई बड़ी भारी चीज़ पा ली हो उसके बाद अवी नहा धोकर कंप्लीट हो जाता है, 7 बजे जब डिंपल उठ कर अवी
को सोफे पर नहा धोकर बैठे हुए टीवी पर न्यूज़ देखते हुए पाती है तो उसको बहुत हैरानी होती है और वह अवी के पास
जाकर
डिंपल- अरे अवी आज यह सूरज पश्चिम से कैसे निकल आया, क्या बात है
अवी- डिंपल का खूबसूरत चेहरा देखते हुए, दीदी यह सब तुम्हारा ही कमाल है
डिंपल- उसे आश्चर्या से देखते हुए मैने क्या किया है
अवी- अपने मन मे मुस्कुराता हुआ, दीदी तुमने मेरा दिल चुरा लिया है अब मैं मेरा ना होकर तुम्हारा हो गया हू
डिंपल- बोल ना मैने ऐसा क्या कर दिया कि तू पूरा बदल गया
अवी- पता नही दीदी, मुझे जल्दी से चाइ पिला दो मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए क्यो नही साहेब अब तो आप जो कहो डिंपल करने को तैयार है
अवी- अपने मन मे तो क्या मेरी बाँहो मे आ सकती हो
डिंपल जल्दी से किचन मे जाकर दो कप चाइ लेकर आती है और अवी के पास बैठ कर उसे चाइ देते हुए खुद भी पीने लगती
है, अवी बिना किसी डर के डिंपल को देखता हुआ चाइ पीने लगता है और डिंपल बीच-बीच मे अवी को देख कर मुस्कुरा
देती है, अवी का दिल बस अपनी दीदी के खूबसूरत चेहरे को देख-देख कर एक अलग ही खुशी का अनुभव कर रहा था और फिर
अवी अपनी चाइ ख़तम करके
अवी- दीदी तुम कॉलेज से कितनी बजे घर आ जाओगी
डिंपल- कुछ सोच कर 4 बजे तक
क्रमशः........
BaBa Main BaBa cHoDu BaBa....
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......