11-02-2021, 11:04 PM
डिंपल- ऑफ हो पापा अब वह पोलीस मे नही जाना चाहता तो ना सही कुछ और कर लेगा
अनिल- क्या खाक कर लेगा 10 मैं थर्ड डिविषन पास हुआ है और 12 पास होने के कोई ठिकाने नही है, आज कल 80-80 पर्सेंट वालो को नौकरी नही मिलती इस 40 पेसेंट वाले को कोई चपरासी भी नही बनाएगा,
डिंपल- आपकी चाइ ठंडी हो रही है जल्दी पी लो
अनिल चाइ पीते हुए अपने पेर को जूते मे डाल कर, अच्छा डिंपल मैं चलता हू दो दिन बाद इनस्पेक्षन है थाने मे जाकर देखता हू डूटी कहाँ लगी है तू अवी से कह कर मेरे बाकी के कपड़े प्रेस करवा देना, अच्छा मैं जा रहा हू और फिर अनिल घर से निकल जाता है और डिंपल गाना गुनगुनाते हुए घर के कम मे लग जाती है,
वह अपना काम ख़तम करके अपने कॉलेज जाने के लिए दरवाजे तक पहुचती है तभी मनोज नाम का लड़का भागता हुआ उसके दरवाजे के पास आकर
मनोज- हॅयन्फ्ट हुए डिंपल दीदी, डिंपल दीदी,
डिंपल-घबरा कर क्या मनोज इतना घबराया हुआ क्यो है,
मनोज- दीदी वो अवी किसी लड़के को साइकल की चैन ही चैन से बुरी तरह मार रहा है
डिंपल- घबरा कर कहाँ
मनोज- वो सामने वाले चौराहे पर
डिंपल मनोज को साथ लेकर तू चल मेरे साथ और फिर डिंपल दौड़ लगा कर वहाँ पहुचती है तब तक वहाँ कोई नही होता है,
डिंपल- कहाँ है
मनोज- दीदी अभी इसी जगह अवी मार रहा था औ एक दूसरे लड़के से पूछते हुए क्यो अभी एक लड़का यहाँ किसी को मार रहा था ना,
लड़का- हाँ मार रहा था लेकिन पोलीस की गाड़ी को देख कर भाग गया और जो मार खा रहा था वह भी उठ कर भाग गया
उसकी बात सुन कर डिंपल अपना माथा पकड़ते हुए हे भगवान क्या करू इस लड़के का, कही पापा को पता लगा तो आज अवी की खेर नही है,
डिंपल वापस घर आकर अपने आप से बाते करती हुई, कितनी देर हो रही है अभी तक खाना भी नही बन पाया और फिर आज 11:30 पर कॉलेज मे प्रॅक्टिकल भी है और उपर से इस अवी का कोई ठिकाना नही कॉलेज कह कर जाता है और फिर कही ना कही लड़ाई झगड़ा करता हुआ नज़र आता है, अगर यह इस साल 12 मे फैल हुआ तो पापा तो ज़रूर इसे घर से निकाल कर ही मानेगे, अभी कुछ देर मे ही स्वीटी भी आती ही होगी, चलो आज दाल चावल बना कर ही अवी के लिए रख देती हू पापा का तो कोई ठिकाना ही नही है वह कब आएगे और फिर डिंपल जल्दी से सब काम निपटा कर जैसे ही अपने कपड़े चेंज करने के लिए घर का गेट लगाने जाती है उसे सामने से अपनी स्कूटी मे स्वीटी आते हुए दिखाई देती है,
स्वीटी- गाड़ी खड़ी करती हुई ओ मेडम अभी तक तुम्हारा मेकप ही हो रहा था क्या आज कॉलेज जाने का इरादा नही है या फिर आज एमसी मे हो, रोज के रोज लेट आख़िर कब तक तेरे चक्कर मे मुझे भी लेट होना पड़ेगा,
अनिल- क्या खाक कर लेगा 10 मैं थर्ड डिविषन पास हुआ है और 12 पास होने के कोई ठिकाने नही है, आज कल 80-80 पर्सेंट वालो को नौकरी नही मिलती इस 40 पेसेंट वाले को कोई चपरासी भी नही बनाएगा,
डिंपल- आपकी चाइ ठंडी हो रही है जल्दी पी लो
अनिल चाइ पीते हुए अपने पेर को जूते मे डाल कर, अच्छा डिंपल मैं चलता हू दो दिन बाद इनस्पेक्षन है थाने मे जाकर देखता हू डूटी कहाँ लगी है तू अवी से कह कर मेरे बाकी के कपड़े प्रेस करवा देना, अच्छा मैं जा रहा हू और फिर अनिल घर से निकल जाता है और डिंपल गाना गुनगुनाते हुए घर के कम मे लग जाती है,
वह अपना काम ख़तम करके अपने कॉलेज जाने के लिए दरवाजे तक पहुचती है तभी मनोज नाम का लड़का भागता हुआ उसके दरवाजे के पास आकर
मनोज- हॅयन्फ्ट हुए डिंपल दीदी, डिंपल दीदी,
डिंपल-घबरा कर क्या मनोज इतना घबराया हुआ क्यो है,
मनोज- दीदी वो अवी किसी लड़के को साइकल की चैन ही चैन से बुरी तरह मार रहा है
डिंपल- घबरा कर कहाँ
मनोज- वो सामने वाले चौराहे पर
डिंपल मनोज को साथ लेकर तू चल मेरे साथ और फिर डिंपल दौड़ लगा कर वहाँ पहुचती है तब तक वहाँ कोई नही होता है,
डिंपल- कहाँ है
मनोज- दीदी अभी इसी जगह अवी मार रहा था औ एक दूसरे लड़के से पूछते हुए क्यो अभी एक लड़का यहाँ किसी को मार रहा था ना,
लड़का- हाँ मार रहा था लेकिन पोलीस की गाड़ी को देख कर भाग गया और जो मार खा रहा था वह भी उठ कर भाग गया
उसकी बात सुन कर डिंपल अपना माथा पकड़ते हुए हे भगवान क्या करू इस लड़के का, कही पापा को पता लगा तो आज अवी की खेर नही है,
डिंपल वापस घर आकर अपने आप से बाते करती हुई, कितनी देर हो रही है अभी तक खाना भी नही बन पाया और फिर आज 11:30 पर कॉलेज मे प्रॅक्टिकल भी है और उपर से इस अवी का कोई ठिकाना नही कॉलेज कह कर जाता है और फिर कही ना कही लड़ाई झगड़ा करता हुआ नज़र आता है, अगर यह इस साल 12 मे फैल हुआ तो पापा तो ज़रूर इसे घर से निकाल कर ही मानेगे, अभी कुछ देर मे ही स्वीटी भी आती ही होगी, चलो आज दाल चावल बना कर ही अवी के लिए रख देती हू पापा का तो कोई ठिकाना ही नही है वह कब आएगे और फिर डिंपल जल्दी से सब काम निपटा कर जैसे ही अपने कपड़े चेंज करने के लिए घर का गेट लगाने जाती है उसे सामने से अपनी स्कूटी मे स्वीटी आते हुए दिखाई देती है,
स्वीटी- गाड़ी खड़ी करती हुई ओ मेडम अभी तक तुम्हारा मेकप ही हो रहा था क्या आज कॉलेज जाने का इरादा नही है या फिर आज एमसी मे हो, रोज के रोज लेट आख़िर कब तक तेरे चक्कर मे मुझे भी लेट होना पड़ेगा,
BaBa Main BaBa cHoDu BaBa....
.... Aa gya h. Waapis bhot pelenga ......
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