10-02-2021, 03:01 PM
देवर भाभी होली
![[Image: h02-53181213.jpg]](https://i.ibb.co/d5rzzyQ/h02-53181213.jpg)
और अब वही देवर ,
![[Image: choli-ke-andar.jpg]](https://i.ibb.co/wzDcs5j/choli-ke-andar.jpg)
मेरे जोबन का रस खुल कर ले रहा था , मैं दे रही थी ,
दो मिनट , चार मिनट ,... मैं सिहर रही थी , गीली हो रही थी , चोली मेरी नीचे आँगन में गिरी , ब्रा मैंने पहनी नहीं थी , और साडी भी बस मुड़ी तुड़ी , कमर में लिपटी ,
लेकिन फिर किसी तरह मैं उबरी , तन मन तो बस में होने वाला नहीं था , एक जवान किशोर को देख कर , हाँ दिमाग ने साथ दिया , ... मुझे जेठानी ने बतया था और अब मैं भी अच्छी तरह समझ गयी थी , इतनी बार इसके साथ होली खेल कर ,
![[Image: holi-00898.jpg]](https://i.ibb.co/JFfwTLz/holi-00898.jpg)
मेरे देवर की चाभी ,.... गुदगुदी ,... मेरे देवर के दोनों हाथ तो मेरे दोनों उभारों पर थे , पर मेरे दोनों हाथ तो खाली थे कांख , पेट , जाँघों पर ,
ही ही ही ही ही , बुरा हाल था उसका , और मौके का फायदा उठाकर पहले तो मैंने उसे टॉपलेस किया , उसकी बनायिन नुमा टी शर्ट खींच कर फाड़ दी , फिर अपनी साड़ी सम्हाली , चोली दुबारा पहनने का न मौका था न टाइम , बस उसी साड़ी से दुबारा खूब टाइट अपने उभारों को बाँध कर साड़ी पेटीकोट में खोंस ली ,
वो बेचारा अभी भी ललचा रहा था , झीनी गीली साडी में जोबन तो खुल कर दिख ही रहे थे , निप्स भी बरछी , कटार की नोक की तरह साफ़ साफ़ ,
मैं शादी से पहले ही अपनी भाभियों की गाँव में होली देख देख कर समझ गयी थी की देवर ननद से होली देह की होती है , रंग तो बहाना है ,
बस , अब मेरा नंबर था , रगड़ने का और उसका गिनगिनाने का ,
मैंने कस के धृतराष्ट्र की तरह पाश में उसे बाँध लिया और बास झीनी सी साड़ी की ओट में छुपे मेरे उभार अब उसके सीने पर मैं रगड़ रही थी , और इरादा बता रही थी आज तेरी रगड़ाई होगी अच्छी तरह से ,
मेरी उँगलियाँ उसकी पीठ पर टहल रही थीं , जैसे सैकड़ों सांप , बिच्छू रेंग रहे हों , उनके काम दंश उसके देह पर चुभ रहे हों ,
मैंने जीभ से उसके कान में सुरसुरी करनी शुरू कर दी , हलके से उसके ईयर लोब्स को काट लिया ,
![[Image: kiss-ear-3-download.jpg]](https://i.ibb.co/MgV9hyz/kiss-ear-3-download.jpg)
मारे मस्ती के अब उसके सिसकने की बारी थी उसने अपने दोनों हाथों से मुझे दबोच लिया , अपनी देह से एकदम चिपका लिया ,
जो मेरी दो बरछी कटारियां उसके सीने में चुभ रही थीं
![[Image: holi-photos-1489486893140.jpg]](https://i.ibb.co/RC7CgC0/holi-photos-1489486893140.jpg)
उसका जवाब उसकी जाँघों के बीच का भाला , अब एकदम तन्नाया मेरी जाँघों के बीच में घुसने की कोशिश करने की कर रहा था ,
होली में कौन भौजी होगी जो अपने जवान होते देवर को मना करेगी ,
जवाब में मैंने भी अपनी काम गुफा उसके खड़े गुस्साए भाले पर रगड़नी शुरू कर दी , और उसके कान में फुसफुसाया ,
" स्साले , आज निचोड़ के रख दूंगी , ये पिचकारी , "
उसका एक हाथ अब पेटीकोट के अंदर मेरे बड़े बड़े नितम्बो पर , ... वो मुझे अपनी ओर खींच रहा था मेरे दोनों चूतड़ पकड़ के , मैं क्यों छोड़ती उसे , मेरा भी एक हाथ पैंट के अंदर पिछवाड़े , उसके किशोर नितम्बो पर , सीधे दरार पर मैंने ऊँगली लगाई ,
लेकिन मेरा दूसरा हाथ अब पेट से सरक कर आगे , लेकिन बस मैंने अपनी ऊँगली के टिप से उसके बेस पर , बस छू भर दिया ,
![[Image: guddi-holding-cock-slow.gif]](https://i.ibb.co/4Nx6bjc/guddi-holding-cock-slow.gif)
अनुज बाबू आज साफ़ सूफ कर के आये थे , इरादा देवर का पूरा था तो भाभियों का कौन कच्चा था ,
खूंटा कब से खड़ा था ,
![[Image: h02-53181213.jpg]](https://i.ibb.co/d5rzzyQ/h02-53181213.jpg)
और अब वही देवर ,
![[Image: choli-ke-andar.jpg]](https://i.ibb.co/wzDcs5j/choli-ke-andar.jpg)
मेरे जोबन का रस खुल कर ले रहा था , मैं दे रही थी ,
दो मिनट , चार मिनट ,... मैं सिहर रही थी , गीली हो रही थी , चोली मेरी नीचे आँगन में गिरी , ब्रा मैंने पहनी नहीं थी , और साडी भी बस मुड़ी तुड़ी , कमर में लिपटी ,
लेकिन फिर किसी तरह मैं उबरी , तन मन तो बस में होने वाला नहीं था , एक जवान किशोर को देख कर , हाँ दिमाग ने साथ दिया , ... मुझे जेठानी ने बतया था और अब मैं भी अच्छी तरह समझ गयी थी , इतनी बार इसके साथ होली खेल कर ,
![[Image: holi-00898.jpg]](https://i.ibb.co/JFfwTLz/holi-00898.jpg)
मेरे देवर की चाभी ,.... गुदगुदी ,... मेरे देवर के दोनों हाथ तो मेरे दोनों उभारों पर थे , पर मेरे दोनों हाथ तो खाली थे कांख , पेट , जाँघों पर ,
ही ही ही ही ही , बुरा हाल था उसका , और मौके का फायदा उठाकर पहले तो मैंने उसे टॉपलेस किया , उसकी बनायिन नुमा टी शर्ट खींच कर फाड़ दी , फिर अपनी साड़ी सम्हाली , चोली दुबारा पहनने का न मौका था न टाइम , बस उसी साड़ी से दुबारा खूब टाइट अपने उभारों को बाँध कर साड़ी पेटीकोट में खोंस ली ,
वो बेचारा अभी भी ललचा रहा था , झीनी गीली साडी में जोबन तो खुल कर दिख ही रहे थे , निप्स भी बरछी , कटार की नोक की तरह साफ़ साफ़ ,
मैं शादी से पहले ही अपनी भाभियों की गाँव में होली देख देख कर समझ गयी थी की देवर ननद से होली देह की होती है , रंग तो बहाना है ,
बस , अब मेरा नंबर था , रगड़ने का और उसका गिनगिनाने का ,
मैंने कस के धृतराष्ट्र की तरह पाश में उसे बाँध लिया और बास झीनी सी साड़ी की ओट में छुपे मेरे उभार अब उसके सीने पर मैं रगड़ रही थी , और इरादा बता रही थी आज तेरी रगड़ाई होगी अच्छी तरह से ,
मेरी उँगलियाँ उसकी पीठ पर टहल रही थीं , जैसे सैकड़ों सांप , बिच्छू रेंग रहे हों , उनके काम दंश उसके देह पर चुभ रहे हों ,
मैंने जीभ से उसके कान में सुरसुरी करनी शुरू कर दी , हलके से उसके ईयर लोब्स को काट लिया ,
![[Image: kiss-ear-3-download.jpg]](https://i.ibb.co/MgV9hyz/kiss-ear-3-download.jpg)
मारे मस्ती के अब उसके सिसकने की बारी थी उसने अपने दोनों हाथों से मुझे दबोच लिया , अपनी देह से एकदम चिपका लिया ,
जो मेरी दो बरछी कटारियां उसके सीने में चुभ रही थीं
![[Image: holi-photos-1489486893140.jpg]](https://i.ibb.co/RC7CgC0/holi-photos-1489486893140.jpg)
उसका जवाब उसकी जाँघों के बीच का भाला , अब एकदम तन्नाया मेरी जाँघों के बीच में घुसने की कोशिश करने की कर रहा था ,
होली में कौन भौजी होगी जो अपने जवान होते देवर को मना करेगी ,
जवाब में मैंने भी अपनी काम गुफा उसके खड़े गुस्साए भाले पर रगड़नी शुरू कर दी , और उसके कान में फुसफुसाया ,
" स्साले , आज निचोड़ के रख दूंगी , ये पिचकारी , "
उसका एक हाथ अब पेटीकोट के अंदर मेरे बड़े बड़े नितम्बो पर , ... वो मुझे अपनी ओर खींच रहा था मेरे दोनों चूतड़ पकड़ के , मैं क्यों छोड़ती उसे , मेरा भी एक हाथ पैंट के अंदर पिछवाड़े , उसके किशोर नितम्बो पर , सीधे दरार पर मैंने ऊँगली लगाई ,
लेकिन मेरा दूसरा हाथ अब पेट से सरक कर आगे , लेकिन बस मैंने अपनी ऊँगली के टिप से उसके बेस पर , बस छू भर दिया ,
![[Image: guddi-holding-cock-slow.gif]](https://i.ibb.co/4Nx6bjc/guddi-holding-cock-slow.gif)
अनुज बाबू आज साफ़ सूफ कर के आये थे , इरादा देवर का पूरा था तो भाभियों का कौन कच्चा था ,
खूंटा कब से खड़ा था ,