27-03-2019, 02:21 PM
कनिका ने जैसे ही चीखने की कोशिश की दुसरे आदमी ने उसका मुह बंद कर दिया।
तीसरा आदमी : साली नहीं मान रही तेरी इच्छा।
अब मैं तो रंग से ही होली खेलुगा। उसने जेब से रंग निकल कर हाथ में लिया और पहले आदमी ने जग से थोडा सा पानी उसके हाथ में डाल दिया। जैसे ही वो कनिका को रंग लगाने लगा। पहला आदमी बोला अरे इसके पापा इसे मार डालेगे मुह पे मत लगाना ...... इसके बदन पे लगा ले और बहुत ही जोर से तीनो हसने लगे। तीसरे आदमी ने झट से उसके टॉप में निचे से हाथ डाल दिए और उसको रंगने लगा। कनिका किसी भी तरह उनसे छूटने की कोशिश करने लगी पर वो बस कसमसाने के अलावा कुछ नहीं कर पाई।
अब पहले आदमी ने भी अपने हाथ उसके टॉप में ऊपर से डाल दिए और उसके बूब्स को रंगने लगा। जिसने हाथ निचे से डाला था उसने अपने हाथ टॉप के अन्दर से ही उसके पीछे ले गया और उसकी पीठ रंगने लगा। जिस आदमी ने कनिका को पकड़ा हुआ था वो उसकी गर्दन को और कानो को चूम रहा था और जीभ उसकी गर्दन पे और कानो में चला रहा था। तभी जिस आदमी के हाथ पीछे थे उसने हाथ निकाले और बोला : यार इसके कपडे बिच में आ रहे है।
जिसने कनिका को पकड़ा था वो बोला : यार इसके कपडे फाड़ दे फिर ये चीख भी नहीं पायेगी और मेरे भी हाथ फ्री हो जायेगे।
उसका बोलना की कनिका का टॉप और ब्रा एक साथ फाड़ दिए। जिस आदमी का हाथ अभी भी कनिका पे था उसका हाथ दिखने लगा वो बुरी तरह से कनिका के बोबे मसल रहा था। तभी उसने अपना हाथ हटाया और एक कदम पीछे हो गया। अब दोनों कनिका की नंगी जवानी देखने लगे।
पहला आदमी : यार ये बस दिखावा कर रही है देख इसके बोबे कुछ और ही कह रहे है।
जिसने कनिका को पकड़ा था उसने अपना एक हाथ कनिका के बोबे पे रख दिया और दबाने लगा फिर बोला : हाँ रंडी के बोबे तन गए है और फिर उसने कनिका को एक हाथ से कमर से पकड़ लिया।
कनिका : प्लीज मुझे बक्श दो भगवन के लिए मुझे छोड़ दो प्लीजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज
दूसरा आदमी : अभी भी नाटक चल तेरी चूत से पूछते है और वो कनिका की डेनिम की केप्री खोलने लगा। कनिका जोर जोर से पैर मरने लगी ताकि वो उस आदमी को रोक सके इस पर तीसरे ने अपना पजामा निचे करके लैंड बाहर निकल का उसको रंगता हुआ बोला : अब तुझे अन्दर तक रंग लगायेगे।
मैं समझ गया वो अब होली के नाम पर कनिका की इज्जत लुटने वाले है तो मैं जोर से चीखा : मादरचोद छोड़ दो लड़की को।
आदमी : अबे पकड़ इस चूतिये को और दो आदमी मेरी तरफ आने लगे। मैं थोडा सा डर गया था तभी मुझे बाग़ में पाइप दिखा मेने झट से उसे उठा लिया और बहुत जोर से घुमाने लगा। पाइप जा कर एक आदमी के मुह पे लगा और उसके मुह और नाक से खून बहने लगा। दोनों वही रुक गए मैं पाइप घुमाते हुए उनकी तरफ बड़ा तो वो तीनो भाग गए। कनिका भाग कर मेरे गले लग गयी और रोने लगी। मेरे हाथ कनिका की नंगी पीठ पर घूम रहे थे। मेरा लंड जो अभी शांत भी नहीं हुआ था फिर से जोर मरने लगा पर मेने अपने आपको संभाला।
मैं : कनिका कुछ नहीं हुआ चलो चुप हो जाओ।
कनिका : नहीं वो फिर आ जायेगे।
मैं नहीं आयेगे मैं यही पे ही हु जब तक मोदी अंकल नहीं आते तुम मत डरो मत ... मैं हु तुम्हारे पास। चलो अब कपडे पहन लो।
मेरी बात सुनकर कनिका को होश आया की वो नंगे बदन मुझसे लिपटी हुयी है। वो फ़ौरन घूम गई और अपने दोनों हाथ अपने बूब्स पे रख लिए।
मैं : कनिका चलो अन्दर जा कर कपडे पहन लो।
कनिका जैसे ही जाने लगी उसकी केप्री जिसका बटन छीना झपटी में टूट गया था निचे खिसक गई। वो लडखडा कर पीछे गिरने लगी मेने उसे पकड़ा। मेने देखा उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी। उसके हाथ उसके बूब्स पे थे और मेरी आँखे उसकी चूत पर।
वो फिर से रोने लगी जिससे मैं होश में आया मेने उसे सीधा किया और उसकी केप्री को उसके घुटने से उठा कर ऊपर किया। ऐसा करते वक़्त मेरे हाथ उसके गांड की फांक में से गुजरे। हम दोनों के बदन में जैसे कोई झटका लगा पर मैं इतना गिर नहीं सकता कि किसी लड़की का ऐसे फायदा उठालू। मेने उसकी केप्री के बटन को बंदकिया
कनिका जैसे ही जाने लगी उसकी केप्री जिसका बटन छीना झपटी में टूट गया था निचे खिसक गई। वो लडखडा कर पीछे गिरने लगी मेने उसे पकड़ा। मेने देखा उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी। उसके हाथ उसके बूब्स पे थे और मेरी आँखे उसकी चूत पर।
वो फिर से रोने लगी जिससे मैं होश में आया मेने उसे सीधा किया और उसकी केप्री को उसके घुटने से उठा कर ऊपर किया। ऐसा करते वक़्त मेरे हाथ उसके गांड की फांक में से गुजरे। हम दोनों के बदन में जैसे कोई झटका लगा पर मैं इतना गिर नहीं सकता कि किसी लड़की का ऐसे फायदा उठालू। मेने उसकी केप्री के बटन को बंद किया। .................... अब आगे
कनिका भी रो रही थी और चाह रहा था वो चुप हो जाये पर मेरा लंड उसको चोदना
मैं : कनिका तुम जल्दी से चेंज कर लो और पहले नहा लो अंकल के आने से पहले हम सब सही कर देगे किसी को पता भी नहीं चलेगा। तुम बाथरूम में जाओ मैं बहार से साफ़ करता हु
कनिका को मेरी बात सही लगी और वो बाथरूम में चली गयी मेने झट से वाईपर उठाया और बाहर साफ़ कर दिया। जब मैं अंदर आया तो देखा कनिका सिर्फ टॉवेल लपेटे हुए बाथरूम के बाहर खड़ी रो रही थी उसका इतना सेक्सी रूप देख कर मेरे लंड ने पेंट को तम्बू बना दिया।
मैं : (अपने आप को सँभालते हुए ) क्या हुआ क्यों रो रही हो
कनिका : उन्होंने मेरी पीठ से लेकर गर्दन सब जगह रंग लगा दिया है वो मैं कैसे साफ़ करुँगी
मैं : वो तो कपड़ो में छिप जायेगा
कनिका : नहीं मेरे कपडे डीप नैक के है
मैं : फिर क्या करे (मेने सोचा बेटा चांस मार ले ) मैं तुम्हारी पीठ को रगड़ देता हु
कनिका : तुम ????? मैं तुम्हारे सामने कैसे नहा सकती हु
मैं : अभी जो कुछ भी हुआ उसके बाद तुम्हारे पास मुझसे छुपाने को कुछ नहीं है और मैं सिर्फ तुम्हारी मदद करना चाहता हु ताकि अंकल तुम्हे गलत न समझे। बाकि तुम्हारी मर्जी।
मैं : अभी जो कुछ भी हुआ उसके बाद तुम्हारे पास मुझसे छुपाने को कुछ नहीं है और मैं सिर्फ तुम्हारी मदद करना चाहता हु ताकि अंकल तुम्हे गलत न समझे। बाकि तुम्हारी मर्जी।
मेने यह कह कर घूम कर वापिस बाहर कि और चल दिया और मन ही मन सोच रहा था डायलॉग तो मार दिया पर कही इतना शानदार मौका हाथ से न निकल जाये। अभी मैं दो कदम ही चला था कि...............
कनिका : रुको
मैं : बोलो
कनिका : तुम जो बोल रहे हो वो अपनी जगह सही है पर जो कुछ हुआ वो एक हादसा था पर अब
मैं (उसकी बात काटते हुए ) तुमको कुछ और समझ आ रहा हो तो बताओ
कनिका कुछ नहीं बोलती। मुझे और मेरे लंड दोनों को उम्मीद बन गयी।
तीसरा आदमी : साली नहीं मान रही तेरी इच्छा।
अब मैं तो रंग से ही होली खेलुगा। उसने जेब से रंग निकल कर हाथ में लिया और पहले आदमी ने जग से थोडा सा पानी उसके हाथ में डाल दिया। जैसे ही वो कनिका को रंग लगाने लगा। पहला आदमी बोला अरे इसके पापा इसे मार डालेगे मुह पे मत लगाना ...... इसके बदन पे लगा ले और बहुत ही जोर से तीनो हसने लगे। तीसरे आदमी ने झट से उसके टॉप में निचे से हाथ डाल दिए और उसको रंगने लगा। कनिका किसी भी तरह उनसे छूटने की कोशिश करने लगी पर वो बस कसमसाने के अलावा कुछ नहीं कर पाई।
अब पहले आदमी ने भी अपने हाथ उसके टॉप में ऊपर से डाल दिए और उसके बूब्स को रंगने लगा। जिसने हाथ निचे से डाला था उसने अपने हाथ टॉप के अन्दर से ही उसके पीछे ले गया और उसकी पीठ रंगने लगा। जिस आदमी ने कनिका को पकड़ा हुआ था वो उसकी गर्दन को और कानो को चूम रहा था और जीभ उसकी गर्दन पे और कानो में चला रहा था। तभी जिस आदमी के हाथ पीछे थे उसने हाथ निकाले और बोला : यार इसके कपडे बिच में आ रहे है।
जिसने कनिका को पकड़ा था वो बोला : यार इसके कपडे फाड़ दे फिर ये चीख भी नहीं पायेगी और मेरे भी हाथ फ्री हो जायेगे।
उसका बोलना की कनिका का टॉप और ब्रा एक साथ फाड़ दिए। जिस आदमी का हाथ अभी भी कनिका पे था उसका हाथ दिखने लगा वो बुरी तरह से कनिका के बोबे मसल रहा था। तभी उसने अपना हाथ हटाया और एक कदम पीछे हो गया। अब दोनों कनिका की नंगी जवानी देखने लगे।
पहला आदमी : यार ये बस दिखावा कर रही है देख इसके बोबे कुछ और ही कह रहे है।
जिसने कनिका को पकड़ा था उसने अपना एक हाथ कनिका के बोबे पे रख दिया और दबाने लगा फिर बोला : हाँ रंडी के बोबे तन गए है और फिर उसने कनिका को एक हाथ से कमर से पकड़ लिया।
कनिका : प्लीज मुझे बक्श दो भगवन के लिए मुझे छोड़ दो प्लीजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज
दूसरा आदमी : अभी भी नाटक चल तेरी चूत से पूछते है और वो कनिका की डेनिम की केप्री खोलने लगा। कनिका जोर जोर से पैर मरने लगी ताकि वो उस आदमी को रोक सके इस पर तीसरे ने अपना पजामा निचे करके लैंड बाहर निकल का उसको रंगता हुआ बोला : अब तुझे अन्दर तक रंग लगायेगे।
मैं समझ गया वो अब होली के नाम पर कनिका की इज्जत लुटने वाले है तो मैं जोर से चीखा : मादरचोद छोड़ दो लड़की को।
आदमी : अबे पकड़ इस चूतिये को और दो आदमी मेरी तरफ आने लगे। मैं थोडा सा डर गया था तभी मुझे बाग़ में पाइप दिखा मेने झट से उसे उठा लिया और बहुत जोर से घुमाने लगा। पाइप जा कर एक आदमी के मुह पे लगा और उसके मुह और नाक से खून बहने लगा। दोनों वही रुक गए मैं पाइप घुमाते हुए उनकी तरफ बड़ा तो वो तीनो भाग गए। कनिका भाग कर मेरे गले लग गयी और रोने लगी। मेरे हाथ कनिका की नंगी पीठ पर घूम रहे थे। मेरा लंड जो अभी शांत भी नहीं हुआ था फिर से जोर मरने लगा पर मेने अपने आपको संभाला।
मैं : कनिका कुछ नहीं हुआ चलो चुप हो जाओ।
कनिका : नहीं वो फिर आ जायेगे।
मैं नहीं आयेगे मैं यही पे ही हु जब तक मोदी अंकल नहीं आते तुम मत डरो मत ... मैं हु तुम्हारे पास। चलो अब कपडे पहन लो।
मेरी बात सुनकर कनिका को होश आया की वो नंगे बदन मुझसे लिपटी हुयी है। वो फ़ौरन घूम गई और अपने दोनों हाथ अपने बूब्स पे रख लिए।
मैं : कनिका चलो अन्दर जा कर कपडे पहन लो।
कनिका जैसे ही जाने लगी उसकी केप्री जिसका बटन छीना झपटी में टूट गया था निचे खिसक गई। वो लडखडा कर पीछे गिरने लगी मेने उसे पकड़ा। मेने देखा उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी। उसके हाथ उसके बूब्स पे थे और मेरी आँखे उसकी चूत पर।
वो फिर से रोने लगी जिससे मैं होश में आया मेने उसे सीधा किया और उसकी केप्री को उसके घुटने से उठा कर ऊपर किया। ऐसा करते वक़्त मेरे हाथ उसके गांड की फांक में से गुजरे। हम दोनों के बदन में जैसे कोई झटका लगा पर मैं इतना गिर नहीं सकता कि किसी लड़की का ऐसे फायदा उठालू। मेने उसकी केप्री के बटन को बंदकिया
कनिका जैसे ही जाने लगी उसकी केप्री जिसका बटन छीना झपटी में टूट गया था निचे खिसक गई। वो लडखडा कर पीछे गिरने लगी मेने उसे पकड़ा। मेने देखा उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी। उसके हाथ उसके बूब्स पे थे और मेरी आँखे उसकी चूत पर।
वो फिर से रोने लगी जिससे मैं होश में आया मेने उसे सीधा किया और उसकी केप्री को उसके घुटने से उठा कर ऊपर किया। ऐसा करते वक़्त मेरे हाथ उसके गांड की फांक में से गुजरे। हम दोनों के बदन में जैसे कोई झटका लगा पर मैं इतना गिर नहीं सकता कि किसी लड़की का ऐसे फायदा उठालू। मेने उसकी केप्री के बटन को बंद किया। .................... अब आगे
कनिका भी रो रही थी और चाह रहा था वो चुप हो जाये पर मेरा लंड उसको चोदना
मैं : कनिका तुम जल्दी से चेंज कर लो और पहले नहा लो अंकल के आने से पहले हम सब सही कर देगे किसी को पता भी नहीं चलेगा। तुम बाथरूम में जाओ मैं बहार से साफ़ करता हु
कनिका को मेरी बात सही लगी और वो बाथरूम में चली गयी मेने झट से वाईपर उठाया और बाहर साफ़ कर दिया। जब मैं अंदर आया तो देखा कनिका सिर्फ टॉवेल लपेटे हुए बाथरूम के बाहर खड़ी रो रही थी उसका इतना सेक्सी रूप देख कर मेरे लंड ने पेंट को तम्बू बना दिया।
मैं : (अपने आप को सँभालते हुए ) क्या हुआ क्यों रो रही हो
कनिका : उन्होंने मेरी पीठ से लेकर गर्दन सब जगह रंग लगा दिया है वो मैं कैसे साफ़ करुँगी
मैं : वो तो कपड़ो में छिप जायेगा
कनिका : नहीं मेरे कपडे डीप नैक के है
मैं : फिर क्या करे (मेने सोचा बेटा चांस मार ले ) मैं तुम्हारी पीठ को रगड़ देता हु
कनिका : तुम ????? मैं तुम्हारे सामने कैसे नहा सकती हु
मैं : अभी जो कुछ भी हुआ उसके बाद तुम्हारे पास मुझसे छुपाने को कुछ नहीं है और मैं सिर्फ तुम्हारी मदद करना चाहता हु ताकि अंकल तुम्हे गलत न समझे। बाकि तुम्हारी मर्जी।
मैं : अभी जो कुछ भी हुआ उसके बाद तुम्हारे पास मुझसे छुपाने को कुछ नहीं है और मैं सिर्फ तुम्हारी मदद करना चाहता हु ताकि अंकल तुम्हे गलत न समझे। बाकि तुम्हारी मर्जी।
मेने यह कह कर घूम कर वापिस बाहर कि और चल दिया और मन ही मन सोच रहा था डायलॉग तो मार दिया पर कही इतना शानदार मौका हाथ से न निकल जाये। अभी मैं दो कदम ही चला था कि...............
कनिका : रुको
मैं : बोलो
कनिका : तुम जो बोल रहे हो वो अपनी जगह सही है पर जो कुछ हुआ वो एक हादसा था पर अब
मैं (उसकी बात काटते हुए ) तुमको कुछ और समझ आ रहा हो तो बताओ
कनिका कुछ नहीं बोलती। मुझे और मेरे लंड दोनों को उम्मीद बन गयी।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!