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Adultery होली पे मनाई दिवाली // from : Xossip
#3
दिव्या- चुदाई, मुझे खुली हवा मैं इतना मजा आ रहा है की अभी तुम होते तो मैं तुम्हारा लंड खा जाती ... तभी नीचे से कुछ आवाज आई।

दिव्या - जान कोई आ रहा है मैं कल बात करती हु और फ़ोन काट दिया
मैं भी अब तक उनकी रास लीला सुन कर मुठ मार चूका था मेने झट से देखा मुझे दिव्या की ब्रा पेंटी में एक झलक दिखी और उसके प्यारे बूब मेरी आँखों में कैद हो गए।
मैं भी निचे आ कर सो गया।
अगले दिन सभी लोग मथुरा के लिए निकल गए बस अब गली में हम, शर्मा जी का परिवार और कनिका का परिवार बच गया था। अब आप सबको कनिका के बारे में बता दू
 
कनिका मोदी :- बेहद खुबसूरत पतली पर तराशा हुआ जिस्म और कातिल मुस्कान ये खूबी थी उसकी। उम्र :- 21 साल।
 
उनके परिवार के नहीं जाने की दो वजह थी 1 उसका भाई अस्पताल में था उसे मलेरिया हो गया था और उसकी हालत कुछ ज्यादा ख़राब थी 2 कनिका के पति की मौत हुए अभी 10 महीने ही हुए थे ( कनिका ने लव मेरिज कर ली थी पर एक हादसे में उसका पति मर गया था)
 
अब फिर से कहानी पे आते है
 
अब मैं रात का इंतजार करने लगा क्युकी मुझे लग रहा था की आज तो दिव्या नंगी मिल ही जाएगी आज तो उसको किसी के देखने का डर नहीं होगा तो मेने एक प्लान बनाया और पहले तो एक लकड़ी की सीडी को लगा दिया ताकि मैं बिना गेट खोले ही छत पर जा सकू फिर घर पर बोल दिया की मैं दोस्त के जा रहा हु लेट हो सकता हु . शाम को 7 बजे मैं निकल गया और ऐसे ही टाइम पास करने लगा और रात को करीबन 10 बजे गली में घुसा मेने देखा की गली सुनसान है पर शर्मा जी की छत भी तभी मुझे ध्यान आया की शर्मा जी और मोदी अंकल दोनों के बिच वाला घर जो जैन अंकल का था अगर मैं उसमे चला गया तो मजे आ जायेगे क्युकी उनका घर थोडा सा ऊँचा है इससे मैं आराम से दिव्या को देख सकुगा और वो नहीं।
 
यह सोच कर मैं उनके घर में घुस गया रात हो गयी थी और गली में ज्यादा लोग थे नहीं इसलिए मुझे कोई डर नहीं था। मैं पहले डोली से खिड़की पर गया फिर पाइप के सहारे छज्जे पर और फिर छत पर चला गया बड़े ही मजे से हो गया। मैं दिव्या का इंतजार कर रहा था पर कोई नहीं आ रहा था तभी मुझे मोदी अंकल की आवाज आई :- बीटा हम जा रहे है गेट अच्छे से बंद कर लो और हम फ़ोन नहीं करे तब तक खोलना नहीं आज गली सुनी है। मैं झट से उस तरफ गया तो देखा मोदी अंकल और आंटी कार से अस्पताल जा रहे थे और गेट पर कनिका थी जिसने एक पतला सा क्रीम कलर का टॉप पहना था और काली मिनी स्कर्ट पहनी थी।
 
उनके घर पर मेन गेट पर रोड लाइट थी इसलिए सब नजर आ रहा था उसका टॉप इतना पतला था की उसका ब्रा भी दिख रहा था। मेरा लंड खड़ा हो गया पर कनिका अंकल आंटी के जाते ही अन्दर चली गयी अब मैं बेचैन हो गया था मेने फिर से शर्मा जी के घर में देखा तो मुझे उनके घर पर शेखर की कार दिखी और मेने सर पीट लिया की इतनी गांड मरवाई और ये याद ही नहीं रहा की ये मादरचोद भी आ रहे है। मेरे खड़े लंड पे चोट हो गयी वो भी हथोरे से। मैं घर जाने के लिए निचे उतरने लगा मैं जैसे ही छज्जे पर उतरा मुझे कनिका की रोने की आवाज आई मेने देखा वो आवाज सामने के रोशनदान से आ रही है मेने उसमे से देखने की कोशिश की पर मुझे कनिका नहीं दिखी क्युकी मुझे सिर्फ कमरे का एक कोना ही दिख रहा था तो मेने ध्यान से सुनाने की कोशिश की।
 
कनिका :- अहह्ह्ह्ह्ह्ह (सिसकिया) तुम मुझे छोड़ कर क्यों चले गए देखो मैं कैसे घुट रही हु कल होली है तुम मुझे होली पर कैसे रगड़ देते थेअहह्ह्ह्ह्ह्ह (सिसकिया) मेरे सारे कपडे फाड़ कर पुरे बदन पर रंग लगते थे अहह्ह्ह्ह्ह्ह (सिसकिया)फिर मुझे छोड़ते थे और फिर खुद रगड़ रगड़ कर नहलाते थे फिर छोड़ते थेअहह्ह्ह्ह्ह्ह (सिसकिया) अब कल तुम्हारी याद आएगी तो मैं क्या करू ये केला भी मेरी प्यास नहीं भुझा पायेगा।
मैं यह सुन कर चौंक गया और ये समझ गया की कनिका क्या कर रही है मैं उधर ही लटके हुए उसे देखने की कोशिश करने लगा पर मेरी किस्मत ख़राब थी मुझे कुछ नहीं दिखा। मैं उतर गया और घर में जाने लगा तभी मुझे एक शरारत सूझी। मेने अपना मोबाइल निकालने के लिए जेब में हाथ दिया तो याद आया मोबाइल तो रात से ही छत पर है मैं भाग कर घर में गया और सीडी से छत पर गया मोबाइल उठाया वो बंद हो गया था मेने उसे जेब में रखा और जैसे ही मिचे उतरा मुझे शर्मा जी के गार्डन में दो लोग दिखे मैं छिप कर देखने लगा वो प्रियंका और शेखर थे।
 
शेखर प्रियंका के के होठ चूस रहा था और उसका टॉप उठाने की कोशिश कर रहा था
 
प्रियंका - क्या कर रहे हो कोई आ जायेगा
 
शेखर - पहले भी तो यही करता था तब तो मजे लेती थी अब पति ज्यादा प्यारा हो गया देखू तो सही जिन निम्बू को खरबूजा बने उनका क्या हाल है और उसने टॉप ऊँचा कर दिया और ब्रा में से एक बूब निकाल कर चाटना शुरू कर दिया प्रियंका शेखर के सर को सहलाने लगी और सिस्कारिया भरने लगी। शेखर ने जैसे ही दूसरा बूब बहार निकाला प्रियंका उसे धक्का दे कर भाग गयी। शेखर भी उसके पीछे गया पर वो अन्दर चली गयी मैं थोड़ी देर इंतजार करता रहा फिर घर में चला गया।
 
अन्दर जाते ही पापा ने मोबाइल के बारे में पूछा मेने कहा वो ख़राब हो गया है शायद चालू नहीं हो रहा।
मम्मी ने खाना दिया और दोनों सोने चले गए मेने घडी देखि तो पता चला पोने बारह बज गए थे मैं खाना खाते टाइम सोच रहा था ये सब क्या हुआ था आज मेरी नजरो के सामने .
 
अगले दिन होली थी। सुबह सुबह घर पे घंटी बजी मेने गेट खोल तो मोदी अंकल थे। मेने उन्हें बैठाया और पापा भी आ गए।
 
मोदी :- भाई साहब हम लोग हॉस्पिटल में है और कनिका अकेली घर में है कुछ बात हो तो देख लेना मेने शर्मा जी को कहना सही नहीं समझा क्युकी उनके मेहमान आये हुए है। आपको तकलीफ दे रहा हु।
 
पापा :- अरे कोई बात नहीं अपनी ही बच्ची है।
 
और चाय पी कर मोदी अंकल चले गए। मैं भी होली खेलने की तैयारी करने लगा अपने कलर वगेहरा संभाले और पुराने कपडे पहन लिए फिर निकल गया शर्मा जी के घर के लिए पर मम्मी ने वापिस बुला लिया और कहा नाश्ता कर के जाना। मेने कहा 10 बज गए है लेट हो रहा है पर वो नहीं मानी और मुझे रुकना पड़ा जब मैं निकला तब 11 बज गए थे। मैं चुपके से शर्मा जी के घर में पंहुचा और गेट की जगह दिवार कूद कर अन्दर गया अन्दर मुझे प्रियंका और शेखर होली खेलते दिखे और कोई नहीं दिखा। मैं वही छुप गया मुझे पता था की अब कल रात की तरह कुछ हो सकता है और मैं बिलकुल सही था।
 
शेखर ने इधर उधर देखा और गुलाल उठा कर उसके टॉप को उठा कर उसके पेट पर लगाने लगा। प्रियंका पीछे हटी तो उसने उसे पीछे घुमा कर पकड़ लिया। अब प्रियंका और शेखर का मुह मेरी तरफ था और वो दोनों एक दुसरे से चिपके हुए थे शेखर ने अपने हाथ फिर से टॉप उठा कर उसके पेट पर रख दिए और इस बार टॉप कंधे तक उठा दिया और उसके बूब्स को गुलाल मलने लगा। प्रियंका ने मस्ती में आँखे बंद कर रखी थी और शेखर ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स मसल रहा था फिर मेने देखा शेखर और प्रियंका हिल रहे है मेने ध्यान दिया तो पता चला शेखर अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ रहा था और वो भी अपनी गांड हिलाकर उसका साथ दे रही थी।
 
शेखर अचानक उसके ब्रा को झटके से ऊपर कर दिया और प्रियंका के मस्त गोरे गोरे बूब्स बहार आ गए उसके बदन पे लगा गुलाल और साफ़ सुथरे बूब्स क्या नजारा था .......... शेखर ने अपने हाथ रोके नहीं थे और प्रियंका भी अपने बूब्स पर उसको आराम से रंग लगाने दे रही थी तभी शेखर ने उसके निप्पल को जोर से पकड़ कर खीच दिया इससे प्रियंका की चीख निकल गयी और वो उसके हाथ से निकलने की कोशिश करने लगी। शेखर ने अपने दोनों हाथ उसके पेट पर लपेट दिए।
 
इससे प्रियंका हिल नहीं सकी और उसका ढीला टॉप निचे आ गया पर उसका ब्रा उसके बूब्स के ऊपर ही था। प्रियंका हर हालत में छूटना चाहती थी उसने पास में रखी टेबल पर से गुलाल उठा लिया अब शेखर ने बचने के लिए उसके हाथ पकडे प्रियंका और उसके बीच में छिना झपटी होने लगी इसके कारन गुलाल प्रियंका की आँख में चला गया और वो रूआसी हो गयी उसकी आँखे जल रही थी शेखर ने उसको बोला मैं पानी लेकर आता हु वो जैसे ही अन्दर गया मेने देखा प्रियंका नार्मल तरीके से खड़ी हो गयी पर उसकी आँखे बंद थी। मैं समझ गया उसने नाटक किया था।
 
मेने मौका सही समझा और पीछे से उसको पकड़ा और पहले जैसे वो और शेखर थे उसी तरह से अब मैं उसके साथ था वो बोली जीजू छोड़ दो ना कोई आ जायेगा। मेने कुछ नहीं कहा और उसका टॉप उठा कर उसके बूब्स को दबाने लगा .
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // होली पे मनाई दिवाली // from : Xossip - by suneeellpandit - 27-03-2019, 12:51 PM



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