27-03-2019, 12:39 PM
पम्मी थोड़ी देर के बाद आई और फिर ये सब देख कर सोच में पड़ गई.
मंटू की नुन्नि, असल में एक लंड के आकर की हो गई थी.
महिमा को भी पता था पर वो मंटू को बच्चा ही समझ रही थी.
पम्मी, मंटू के हाव भाव देख कर समझ गई की दाल में कुछ काला है.
स्नान होने के बाद, मंटू कमरे में कपड़े पहनने गया.
महिमा ने उसके सर पर चमेली का तेल लगाया.
मंटू बोला की थोडा तेल नुन्नि को भी लगाओ…
महिमा ने पूछा – क्यू… ??
तो मंटू बोला – ऐसा करने से, मैं जल्दी जवान हो जाऊंगा… ऐसा, मेरे दोस्तो ने कहा है…
महिमा बोली – चल हट, बदमाश… जा कर खुद लगा… मुझे बहुत काम है…
मंटू बोला – बाद मैं मालिश कराऊंगा… मुझे नहीं आता…
महिमा, रूम से बाहर चली गई.
मंटू ने फिर खुद ही तेल लगा लिया.
खाना खाते हुए, मंटू बोला की दर्द हो रहा है.
महिमा बोली – नहीं अभी चाची है… उनको अच्छा नहीं लगेगा…
मंटू, कुछ नहीं बोला.
महिमा बोली की बाद में, तुझे मालिश करवाती हूँ…
खाना खाने के बाद, सब सो गये पर मंटू तो मालिश करवाने के लिए उत्तेजित था.
पम्मी, रूम में सोई थी.
मंटू महिमा को लेकर रसोई में गया और कपड़े उतार कर, अंडरवियर में लेट गया.
महिमा तेल की शीशी लेकर, उसकी मालिश करने लगी.
फिर हाथ पैर की मालिश कर दी..
उतने में मंटू का लंड, टाइट हो गया था.
मंटू ने कहा – जिसके लिए आया था… वो तो छोड़ दिया…
महिमा ने पूछा – क्या… ??
तो मंटू ने झट से जवाब दिया – मेरी नुन्नि…
महिमा ने मुस्कुराते हुए हथेली में काफ़ी तेल लिया और दोनों हाथ से लंड पकड़ कर हिलाने लगी.
10 मिनिट के बाद मंटू बोला – रूको मत, ज़ोर ज़ोर से करो…
महिमा बोली – तेरा रस निकल जाएगा… ऐसा मत कर…
मंटू बोला – रस निकलने के बाद ही चैन मिलता है… आप जल्दी करो…
महिमा फिर हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद, गरम वीर्य लंड से निकल आया.
महिमा ने फिर अपने पल्लू से लंड और हाथ सॉफ किया.
महिमा, ने मंटू को कपड़े पहनकर सोने के लिए कहा और खुद भी सो गई.
शाम को नवरंग आया, हंसी मज़ाक का माहोल बना हुआ था.
चाची अपने गाँव के किस्से सुना रही थी और नवरंग भी घर की गाँव की बात करता.
रात में खाना खाते वक़्त, महिमा मंटू से बोली की चाची, तुम्हारे साथ सोएगी…
मंटू ने ज़िद की, की अकेले सोना है.
पम्मी ने कहा की तुम्हारे साथ ही सोउंगी…
महिमा ने कुछ कहा नहीं पर सोच में पड़ गई.
खाना खाने के बाद, महिमा ने पम्मी से कहा की रात में आप, जाग जाओगी…
पम्मी समझ गई और हंस कर बोली – चिंता मत कर… मैं एक बार सो गई तो आसानी से नहीं उठती… तुम दोनों चाहे, जितना आवाज़ करो… मुझे पता नहीं चलेगा और पता भी चला तो क्या हुआ… ?? मैं तो घर की ही, हूँ ना…
महिमा मुस्कुर कर बोली – क्या आप भी… कुछ भी कहती हो…
रात में, सब सो गये.
पम्मी, महिमा के बगल में थी और दूसरी साइड में नवरंग.
मंटू, दूसरे कोने में सोता था.
नवरंग को चुदाई बिना, नींद नहीं आती थी.
पम्मी और मंटू को सोता हुआ देख, नवरंग महिमा के कपड़े उतारने लगा.
महिमा को शरम आ रही थी, मना भी किया पर नवरंग के सिर पर सेक्स चढ़ा हुआ था.
महिमा को नंगा कर खुद भी नंगा हो गया और आधी रात तक सेक्स होता रहा.
नवरंग, महिमा पर रोज़ भारी पड़ता था.
महिमा, नवरंग के लंड को कुछ देर बर्दाश्त करने के बाद टूट जाती थी और किसी तरहा फिर से ताक़त जुटा कर, दूसरी बार झड़ जाती.
उस रात भी, कुछ ऐसा ही हुआ.
महिमा ने कोशिश की, की आवाज़ ना निकले पर चीख तो निकल ही जाती थी.
सुबह उठने के बाद, सब अपने अपने काम पर लग गये.
पम्मी ने महिमा की तरफ़ देखा.
महिमा नॉर्मल बिहेव कर रही थी, जैसे कल आधी रात तक रात सेक्स किया ही ना हो.
संडास करने, दोनों साथ में गये.
संडास करते करते, पम्मी ने महिमा से कहा – क्या बात है… ?? रात में इतनी देर जागने के बाद भी तुम काफ़ी फ्रेश लग रही हो…
महिमा बोली – आप को कैसे पता… ?? आप तो सोई थी… ??
पम्मी बोली – रात में तुम्हे बहुत दर्द हो रहा था… अंजाने में, तुमने मेरा हाथ पकड़ लिया था… मैंने आँखें खोली तो देखा की नवरंग तुम्हारी जम कर चुदाई कर रहा है…
चुदाई नाम सुन कर, महिमा शर्माकर बोली – क्या आप भी… मुझे शरम आ रही है… आप किसी को मत कहना, प्लीज़…
पम्मी बोली – बोली भी दिया तो क्या… सब को पता है की तुम्हारी चुदाई तो रोज़ होती होगी…
दोनों हँसते हुए, गांड धो कर घर आ गई.
महिमा और पम्मी, दोनों एक दूसरे के सामने थोड़ा खुल गई थी.
मंटू उठने के बाद, हॅगने गया और वापस आ कर नहाने कुए के पास आया.
रोज़ की तरह महिमा से स्नान करवाया और लंड मालिश भी करवाई.
दोपहर में तेल मालिश करवाने रसोई में दोनों गये और हमेशा की तरहा, लंड मालिश हो रही थी की अचानक पम्मी आ गई और उसने देख लिया.
पम्मी को देख कर, दोनों डर गये.
पम्मी का खून खौलने लगा पर वो कुछ ना बोली.
शाम को नवरंग को, पम्मी ने सब कुछ बता दिया.
नवरंग को याद था की उसके बेटे ने शर्त रखी थी की नयी माँ के साथ, वो किसी भी तरहा रह सकता है.
नवरंग ने लंबी साँस ली और पम्मी को सब कुछ बता दिया.
महिमा, दरवाजे के बाहर खड़ी सब सुन रही थी और मंटू बाहर खेलने गया था.
पम्मी, फिर बोली की ये सब ग़लत है.
नवरंग बोला – जाने दो… घर की ही बात है, आपस में देख लेंगे…
पम्मी का दिमाग़ घूम गया था और बहुत कुछ बोल देती पर चुप रही.
रात में खाना खाने के बाद, सब सो गये पर असल में सिर्फ़ मंटू सोया था बाकी सब सोने का नाटक आर रहे थे.
कुछ देर बाद, नवरंग मूतने के लिए बाहर गया और रूम के अंदर आते ही, कपड़े निकाल कर नंगा हो गया.
नवरंग को देख, महिमा ने भी खुद के कपड़े नीकाल लिए.
नवरंग, महिमा की टाँग फैला कर उसके ऊपर आ गया और चूमने लगा.
“सेक्स का प्रोग्राम” स्टार्ट हो गया.
पम्मी, इसका आनंद लेने के लिए आँखें खोल कर देख रही थी.
नवरंग का ध्यान, सिर्फ़ महिमा पर था.
1 घंटे के बाद, दोनों सो गये.
पम्मी का मन, बहुत करता सेक्स करने के लिए पर, कुछ नहीं कर पा रही थी.
अगले दिन, पम्मी और महिमा दोनों संडास करते करते बाते कर रही थी..
पम्मी ने कहा – तुम बहुत नसीब वाली हो… जो इतना प्यार करने वाला पति और बेटा मिला है…
ये कह कर पम्मी की आँखें नम हो गई थी..
महिमा ने देखा और पूछा – क्या बात है… आप को कोई दुख है क्या… ??
पम्मी बोली – कुछ नहीं, चलो…
एक दो बार पूछने पर भी, पम्मी कुछ नहीं बोली.
रात में जब नवरंग चोद रहा था तो महिमा ने देखा की पम्मी, उन दोनों को देख रही है और बदन को सिकोड कर सोई है.
महिमा को पहले ही शक हो गया था और अब यकीन हो गया की पम्मी की चुत में “आग” लगी है.
अगले दिन, महिमा ने नवरंग को सब बता दिया..
नवरंग गुस्से में बोला – बहन चोद को एक करेला दे, कुछ दिन के लिए… अगर, सिर पर चढ़ गई तो मुसीबत होगी…
महिमा बोली – आप की बात सही है पर एक बार तो उसको वो सुख दे ही सकते है ना…
नवरंग, कुछ ना बोल कर निकल गया.
महिमा फिर दोपहर में खाते समय पम्मी से पूछा – आपको कैसे लगते है… ??
पम्मी ने पूछा – क्या… ??
महिमा बोली – मंटू के बापू… ??
पम्मी, खाना खाते खाते बोली – अच्छा तो है… काम भी बहुत करता है… कमाता भी अच्छा है और क्या चाहिए…
महिमा बोली – रात में, कैसे लगते है…
पम्मी बोली – मैं समझी नहीं… ??
महिमा बोली – मैंने देखा है आपको, रात में आँखें खुली थी..
पम्मी, कुछ नहीं बोली.
महिमा बोली – शरमाती क्यू हो… ?? आपने ही तो कहा था की चुदाई सब करते है… आज रात मे, मैं नहीं करूंगी… मेरा व्रत है ना… पर नवरंग को नहीं पता… एक मुसीबत है…
पम्मी पूछती है – क्या… ??
महिमा बोली – नवरंग, रात में सुनते ही नहीं… सीधा, हल जोतना चालू कर देते है… एक काम करते है आप मेरी जगह पर सो जाना और मैं आपकी… नवरंग, मुझे दूसरी तरफ़ देख कर कुछ नहीं करेंगे क्यूंकी उस तरफ दीवार है…
पम्मी कुछ ना बोली और सोचने लगी.
पम्मी को अजीब लगा पर उसे कोई दिक्कत भी नहीं थी.
महिमा बोली – चलो, सो जाते है…
पम्मी और महिमा, दोनों सो गये.
रात में सोने से पहले, नवरंग को महिमा ने समझा दिया की वो आज रात में चुदाई नहीं करेगी, आप चाहो तो पम्मी को चोद लेना, वो कुछ नहीं बोलेगी.. उसकी चुत में भयंकर आग लगी है..
नवरंग बोला – कैसी बाते कर रही हो… ?? मैं तुम्हारे साथ ही सोऊंगा… ??
पर महिमा, मान ही नहीं रही थी.
रात में महिमा, पम्मी की दूसरी तरफ सोई थी और उस तरफ थोड़ी दूर नवरंग सोया था.
रात में, सब सो गये.
नवरंग ने चुदाई किए बगैर ही, रात निकाल ली.
अगले दिन भी ऐसा ही होना था.
महिमा ने पम्मी से कहा की रात में ध्यान से सोना, नवरंग रात को नींद मैं भी चुदाई कर सकता है, कोई भरोसा नहीं.
पम्मी मन ही मन सोचने लगी की चुदाई के लिए, अगर लंड आ रहा है तो वो रोकेगी नहीं.
अगली रात, सब सो गये.
रात में, महिमा ने पम्मी की साड़ी को ऊपर उठा दिया.
कुछ देर बाद, नवरंग को होश आया.
सामने चूत का द्वार देख उससे रहा नहीं गया और वो पम्मी के करीब जाकर, पैर सहलाने लगा.
पम्मी, आधी नींद में थी.
दोनों घुटने ऊपर करके, वो पीठ के बल आ गया.
नवरंग ने पम्मी की साड़ी उतार दी और चिपक कर सो गया.
पम्मी तुरंत जाग गई और देखा की नवरंग का एक हाथ चड्डी के अंदर था और एक से पीठ पकड़ी थी.
पम्मी की गर्मी कम नहीं हुई थी और फिर “हवस की ज्वाला” भड़क उठी.
आधी रात तक, दोनों “प्रेम लीला” में मग्न थे.
मंटू भी आवाज़ सुन कर जाग उठा पर दोनों एक दूसरे में इतने खो गये थे की उनका ध्यान ही नहीं गया.
सुबह, दोनों लेट उठे.
दोनों के चेहरे पर गिल्टी की फीलिंग सॉफ दिख रही थी और साथ ही साथ, एक दूसरे को प्यार करने की चाहत भी.
उस दिन भी रात में नवरंग से, रहा नहीं गया.
पम्मी भी सोई नहीं थी.
नवरंग पम्मी के पास गया और बिना कुछ कहे, पम्मी से लिपट गया.
आप सोच रहे होंगे की “महिमा और मंटू” का क्यू हुआ.
अब तक महिमा ने अपने पति और पम्मी को एंगेज करा लिया था तो अब वो फ्री हो गई थी, मंटू को आज़माने के लिए.
मंटू की नुन्नि, असल में एक लंड के आकर की हो गई थी.
महिमा को भी पता था पर वो मंटू को बच्चा ही समझ रही थी.
पम्मी, मंटू के हाव भाव देख कर समझ गई की दाल में कुछ काला है.
स्नान होने के बाद, मंटू कमरे में कपड़े पहनने गया.
महिमा ने उसके सर पर चमेली का तेल लगाया.
मंटू बोला की थोडा तेल नुन्नि को भी लगाओ…
महिमा ने पूछा – क्यू… ??
तो मंटू बोला – ऐसा करने से, मैं जल्दी जवान हो जाऊंगा… ऐसा, मेरे दोस्तो ने कहा है…
महिमा बोली – चल हट, बदमाश… जा कर खुद लगा… मुझे बहुत काम है…
मंटू बोला – बाद मैं मालिश कराऊंगा… मुझे नहीं आता…
महिमा, रूम से बाहर चली गई.
मंटू ने फिर खुद ही तेल लगा लिया.
खाना खाते हुए, मंटू बोला की दर्द हो रहा है.
महिमा बोली – नहीं अभी चाची है… उनको अच्छा नहीं लगेगा…
मंटू, कुछ नहीं बोला.
महिमा बोली की बाद में, तुझे मालिश करवाती हूँ…
खाना खाने के बाद, सब सो गये पर मंटू तो मालिश करवाने के लिए उत्तेजित था.
पम्मी, रूम में सोई थी.
मंटू महिमा को लेकर रसोई में गया और कपड़े उतार कर, अंडरवियर में लेट गया.
महिमा तेल की शीशी लेकर, उसकी मालिश करने लगी.
फिर हाथ पैर की मालिश कर दी..
उतने में मंटू का लंड, टाइट हो गया था.
मंटू ने कहा – जिसके लिए आया था… वो तो छोड़ दिया…
महिमा ने पूछा – क्या… ??
तो मंटू ने झट से जवाब दिया – मेरी नुन्नि…
महिमा ने मुस्कुराते हुए हथेली में काफ़ी तेल लिया और दोनों हाथ से लंड पकड़ कर हिलाने लगी.
10 मिनिट के बाद मंटू बोला – रूको मत, ज़ोर ज़ोर से करो…
महिमा बोली – तेरा रस निकल जाएगा… ऐसा मत कर…
मंटू बोला – रस निकलने के बाद ही चैन मिलता है… आप जल्दी करो…
महिमा फिर हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद, गरम वीर्य लंड से निकल आया.
महिमा ने फिर अपने पल्लू से लंड और हाथ सॉफ किया.
महिमा, ने मंटू को कपड़े पहनकर सोने के लिए कहा और खुद भी सो गई.
शाम को नवरंग आया, हंसी मज़ाक का माहोल बना हुआ था.
चाची अपने गाँव के किस्से सुना रही थी और नवरंग भी घर की गाँव की बात करता.
रात में खाना खाते वक़्त, महिमा मंटू से बोली की चाची, तुम्हारे साथ सोएगी…
मंटू ने ज़िद की, की अकेले सोना है.
पम्मी ने कहा की तुम्हारे साथ ही सोउंगी…
महिमा ने कुछ कहा नहीं पर सोच में पड़ गई.
खाना खाने के बाद, महिमा ने पम्मी से कहा की रात में आप, जाग जाओगी…
पम्मी समझ गई और हंस कर बोली – चिंता मत कर… मैं एक बार सो गई तो आसानी से नहीं उठती… तुम दोनों चाहे, जितना आवाज़ करो… मुझे पता नहीं चलेगा और पता भी चला तो क्या हुआ… ?? मैं तो घर की ही, हूँ ना…
महिमा मुस्कुर कर बोली – क्या आप भी… कुछ भी कहती हो…
रात में, सब सो गये.
पम्मी, महिमा के बगल में थी और दूसरी साइड में नवरंग.
मंटू, दूसरे कोने में सोता था.
नवरंग को चुदाई बिना, नींद नहीं आती थी.
पम्मी और मंटू को सोता हुआ देख, नवरंग महिमा के कपड़े उतारने लगा.
महिमा को शरम आ रही थी, मना भी किया पर नवरंग के सिर पर सेक्स चढ़ा हुआ था.
महिमा को नंगा कर खुद भी नंगा हो गया और आधी रात तक सेक्स होता रहा.
नवरंग, महिमा पर रोज़ भारी पड़ता था.
महिमा, नवरंग के लंड को कुछ देर बर्दाश्त करने के बाद टूट जाती थी और किसी तरहा फिर से ताक़त जुटा कर, दूसरी बार झड़ जाती.
उस रात भी, कुछ ऐसा ही हुआ.
महिमा ने कोशिश की, की आवाज़ ना निकले पर चीख तो निकल ही जाती थी.
सुबह उठने के बाद, सब अपने अपने काम पर लग गये.
पम्मी ने महिमा की तरफ़ देखा.
महिमा नॉर्मल बिहेव कर रही थी, जैसे कल आधी रात तक रात सेक्स किया ही ना हो.
संडास करने, दोनों साथ में गये.
संडास करते करते, पम्मी ने महिमा से कहा – क्या बात है… ?? रात में इतनी देर जागने के बाद भी तुम काफ़ी फ्रेश लग रही हो…
महिमा बोली – आप को कैसे पता… ?? आप तो सोई थी… ??
पम्मी बोली – रात में तुम्हे बहुत दर्द हो रहा था… अंजाने में, तुमने मेरा हाथ पकड़ लिया था… मैंने आँखें खोली तो देखा की नवरंग तुम्हारी जम कर चुदाई कर रहा है…
चुदाई नाम सुन कर, महिमा शर्माकर बोली – क्या आप भी… मुझे शरम आ रही है… आप किसी को मत कहना, प्लीज़…
पम्मी बोली – बोली भी दिया तो क्या… सब को पता है की तुम्हारी चुदाई तो रोज़ होती होगी…
दोनों हँसते हुए, गांड धो कर घर आ गई.
महिमा और पम्मी, दोनों एक दूसरे के सामने थोड़ा खुल गई थी.
मंटू उठने के बाद, हॅगने गया और वापस आ कर नहाने कुए के पास आया.
रोज़ की तरह महिमा से स्नान करवाया और लंड मालिश भी करवाई.
दोपहर में तेल मालिश करवाने रसोई में दोनों गये और हमेशा की तरहा, लंड मालिश हो रही थी की अचानक पम्मी आ गई और उसने देख लिया.
पम्मी को देख कर, दोनों डर गये.
पम्मी का खून खौलने लगा पर वो कुछ ना बोली.
शाम को नवरंग को, पम्मी ने सब कुछ बता दिया.
नवरंग को याद था की उसके बेटे ने शर्त रखी थी की नयी माँ के साथ, वो किसी भी तरहा रह सकता है.
नवरंग ने लंबी साँस ली और पम्मी को सब कुछ बता दिया.
महिमा, दरवाजे के बाहर खड़ी सब सुन रही थी और मंटू बाहर खेलने गया था.
पम्मी, फिर बोली की ये सब ग़लत है.
नवरंग बोला – जाने दो… घर की ही बात है, आपस में देख लेंगे…
पम्मी का दिमाग़ घूम गया था और बहुत कुछ बोल देती पर चुप रही.
रात में खाना खाने के बाद, सब सो गये पर असल में सिर्फ़ मंटू सोया था बाकी सब सोने का नाटक आर रहे थे.
कुछ देर बाद, नवरंग मूतने के लिए बाहर गया और रूम के अंदर आते ही, कपड़े निकाल कर नंगा हो गया.
नवरंग को देख, महिमा ने भी खुद के कपड़े नीकाल लिए.
नवरंग, महिमा की टाँग फैला कर उसके ऊपर आ गया और चूमने लगा.
“सेक्स का प्रोग्राम” स्टार्ट हो गया.
पम्मी, इसका आनंद लेने के लिए आँखें खोल कर देख रही थी.
नवरंग का ध्यान, सिर्फ़ महिमा पर था.
1 घंटे के बाद, दोनों सो गये.
पम्मी का मन, बहुत करता सेक्स करने के लिए पर, कुछ नहीं कर पा रही थी.
अगले दिन, पम्मी और महिमा दोनों संडास करते करते बाते कर रही थी..
पम्मी ने कहा – तुम बहुत नसीब वाली हो… जो इतना प्यार करने वाला पति और बेटा मिला है…
ये कह कर पम्मी की आँखें नम हो गई थी..
महिमा ने देखा और पूछा – क्या बात है… आप को कोई दुख है क्या… ??
पम्मी बोली – कुछ नहीं, चलो…
एक दो बार पूछने पर भी, पम्मी कुछ नहीं बोली.
रात में जब नवरंग चोद रहा था तो महिमा ने देखा की पम्मी, उन दोनों को देख रही है और बदन को सिकोड कर सोई है.
महिमा को पहले ही शक हो गया था और अब यकीन हो गया की पम्मी की चुत में “आग” लगी है.
अगले दिन, महिमा ने नवरंग को सब बता दिया..
नवरंग गुस्से में बोला – बहन चोद को एक करेला दे, कुछ दिन के लिए… अगर, सिर पर चढ़ गई तो मुसीबत होगी…
महिमा बोली – आप की बात सही है पर एक बार तो उसको वो सुख दे ही सकते है ना…
नवरंग, कुछ ना बोल कर निकल गया.
महिमा फिर दोपहर में खाते समय पम्मी से पूछा – आपको कैसे लगते है… ??
पम्मी ने पूछा – क्या… ??
महिमा बोली – मंटू के बापू… ??
पम्मी, खाना खाते खाते बोली – अच्छा तो है… काम भी बहुत करता है… कमाता भी अच्छा है और क्या चाहिए…
महिमा बोली – रात में, कैसे लगते है…
पम्मी बोली – मैं समझी नहीं… ??
महिमा बोली – मैंने देखा है आपको, रात में आँखें खुली थी..
पम्मी, कुछ नहीं बोली.
महिमा बोली – शरमाती क्यू हो… ?? आपने ही तो कहा था की चुदाई सब करते है… आज रात मे, मैं नहीं करूंगी… मेरा व्रत है ना… पर नवरंग को नहीं पता… एक मुसीबत है…
पम्मी पूछती है – क्या… ??
महिमा बोली – नवरंग, रात में सुनते ही नहीं… सीधा, हल जोतना चालू कर देते है… एक काम करते है आप मेरी जगह पर सो जाना और मैं आपकी… नवरंग, मुझे दूसरी तरफ़ देख कर कुछ नहीं करेंगे क्यूंकी उस तरफ दीवार है…
पम्मी कुछ ना बोली और सोचने लगी.
पम्मी को अजीब लगा पर उसे कोई दिक्कत भी नहीं थी.
महिमा बोली – चलो, सो जाते है…
पम्मी और महिमा, दोनों सो गये.
रात में सोने से पहले, नवरंग को महिमा ने समझा दिया की वो आज रात में चुदाई नहीं करेगी, आप चाहो तो पम्मी को चोद लेना, वो कुछ नहीं बोलेगी.. उसकी चुत में भयंकर आग लगी है..
नवरंग बोला – कैसी बाते कर रही हो… ?? मैं तुम्हारे साथ ही सोऊंगा… ??
पर महिमा, मान ही नहीं रही थी.
रात में महिमा, पम्मी की दूसरी तरफ सोई थी और उस तरफ थोड़ी दूर नवरंग सोया था.
रात में, सब सो गये.
नवरंग ने चुदाई किए बगैर ही, रात निकाल ली.
अगले दिन भी ऐसा ही होना था.
महिमा ने पम्मी से कहा की रात में ध्यान से सोना, नवरंग रात को नींद मैं भी चुदाई कर सकता है, कोई भरोसा नहीं.
पम्मी मन ही मन सोचने लगी की चुदाई के लिए, अगर लंड आ रहा है तो वो रोकेगी नहीं.
अगली रात, सब सो गये.
रात में, महिमा ने पम्मी की साड़ी को ऊपर उठा दिया.
कुछ देर बाद, नवरंग को होश आया.
सामने चूत का द्वार देख उससे रहा नहीं गया और वो पम्मी के करीब जाकर, पैर सहलाने लगा.
पम्मी, आधी नींद में थी.
दोनों घुटने ऊपर करके, वो पीठ के बल आ गया.
नवरंग ने पम्मी की साड़ी उतार दी और चिपक कर सो गया.
पम्मी तुरंत जाग गई और देखा की नवरंग का एक हाथ चड्डी के अंदर था और एक से पीठ पकड़ी थी.
पम्मी की गर्मी कम नहीं हुई थी और फिर “हवस की ज्वाला” भड़क उठी.
आधी रात तक, दोनों “प्रेम लीला” में मग्न थे.
मंटू भी आवाज़ सुन कर जाग उठा पर दोनों एक दूसरे में इतने खो गये थे की उनका ध्यान ही नहीं गया.
सुबह, दोनों लेट उठे.
दोनों के चेहरे पर गिल्टी की फीलिंग सॉफ दिख रही थी और साथ ही साथ, एक दूसरे को प्यार करने की चाहत भी.
उस दिन भी रात में नवरंग से, रहा नहीं गया.
पम्मी भी सोई नहीं थी.
नवरंग पम्मी के पास गया और बिना कुछ कहे, पम्मी से लिपट गया.
आप सोच रहे होंगे की “महिमा और मंटू” का क्यू हुआ.
अब तक महिमा ने अपने पति और पम्मी को एंगेज करा लिया था तो अब वो फ्री हो गई थी, मंटू को आज़माने के लिए.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!