27-03-2019, 12:37 PM
मंटू की माँ का देहांत हुए 1 महीना भी नहीं हुआ था की उसका बाप नवरंग, 19 साल की दुल्हन ढूढ़ने लगा.
एक दिन, मंटू घर में काफ़ी लोगों को देख अपने बाप से पूछता है की क्या बात है… इतने लोग…
उसका बाप, उसे समझाने की कोशिश करता है की दोनों को ज़रूरत है एक औरत की जो, घर संभाल सके.
मंटू की माँ के बाद, उसकी बुआ घर के काम देख रही थी पर वो हमेशा तो रुक नहीं सकती.
मंटू को समझाते समझाते, नवरंग थक गया.
1 घंटे बाद, बुआ आकर अपने तरीके से समझाने लगी.
मंटू की बात सही थी.
वो कैसे किसी और को, अपनी माँ एक्सेप्ट कर पाएगा.
मंटू सब समझ रहा था पर उसका दिल बिल्कुल भी नहीं मान रहा था
थोड़ी देर बाद, नवरंग फिर आया और बुआ को जाने के लिए कहा.
नवरंग, मंटू से बोला की शादी करना ज़रूरी है और वो और उसकी नयी माँ वही करेगी, जो तू कहेगा… कभी कोई प्राब्लम नहीं होगी…
मंटू फिर भी इनकार करने लगा.
आख़िरी में नवरंग ने मंटू से कहा मेरी मजबूरी है… और बर्दाश्त नहीं होता… चाहे जो भी माँग ले पर इनकार मत कर… मैं तेरे हाथ जोड़ता हूँ… और, वहाँ से चल दिया.
“चुड़क्कड़ बाप” तरस रहा था और पीछे नहीं हटने वाला था.
आख़िर, में शादी हो ही गई.
दुल्हन का नाम, महिमा था.. 19 साल की थी और शरीर भरा हुआ था..
देखा जाए तो मंटू, उससे 4 साल ही छोटा था और उसका पति उससे दुगुनी उमर का था.
2-3 दिनों तक, सब घर में ही थे तो “सुहाग रात” तो हुई ही नहीं.
सबके जाने के बाद, महिमा ने घर संभाला.
नवरंग, सुबह खेत पर जाता और 5-6 बजे वापस आ जाता.
मंटू, दोपहर 2 बजे कॉलेज जाता और 6 बजे तक वापस आ जाता.
मंटू के दिल में, नयी माँ के लिए कोई फीलिंग नहीं थी बल्कि गुस्सा था.
पहले दिन से ही, उसने नयी माँ को छोटे छोटे काम के लिए परेशान किया.
पर महिमा ने, उसकी हर ज़रूरत का ख़याल रखा.
मंटू ने नहलाने तक का काम, महिमा से कराया.
महिमा के घर में भी वो सब काम करती थी और उसे इन सबकी आदत थी.
गाँव की लड़कियों को, ये सब की आदत होती है.
महिमा को पहले ही उसके पति ने कह कर रहा था की मंटू को किसी चीज़ की तकलीफ़ नहीं होनी चाहिए… जो वो कहे, वैसा ही करना…
महिमा डरी हुई थी, पर साथ ही खुश भी थी.
नवरंग रोज़ सुबह, जल्दी खेत में काम करने जाता.
पहले दिन से ही, मंटू ने महिमा को परेशान करना शुरू किया.
मंटू नवरंग के जाने के बाद उठा और संडास जा के महिमा के पास गया और महिमा को कहा – मुझे नहाना है… पानी गरम कर के दो…
घर में ही एक कुआ था, महिमा कुए के पास गरम पानी रख कर खड़ी हो गई.
मंटू सामने, अंडरवियर में खड़ा हो गया.
मंटू ऐसे ही खड़ा रहा और महिमा को देख रहा था.
महिमा समझ गई की उसे स्नान भी करवा के देना होगा.
महिमा ने साड़ी ऊपर की और बैठ गई.
सामने मंटू को बिठाया और उस पर पानी डाल कर, साबुन लगाने लगी.
पूरे बदन पर साबुन लगा लिया पर अंडरवियर बाकी था.
मंटू के अंडरवियर में भी, उसे हाथ डालना पड़ा.
मंटू ये सब, “एंजाय” कर रहा था.
महिमा के मुलायम हाथों का स्पर्श, अपने “लंड और ग़ुल्लों” पर पा कर मन में ही उछल रहा था.
साबुन घोते समय, महिमा को महसूस हुआ की मंटू का लंड खड़ा हो गया था.
महिमा, कुछ नहीं बोली.
स्नान होने के बाद, मंटू को टॉवेल से पोंछ दिया.
मंटू का लंड तब भी खड़ा हुआ.
अंडरवियर निकाल कर टॉवेल लपेट कर, मंटू ने महिमा को कहा की उसे भूख लगी है और सीधा रसोई में चला गया..
महिमा की नज़र उसके लंड पर थी, जो टॉवेल में “टेंट” बन रहा था.
मंटू, रसोई में गया और बैठ गया.
महिमा आ कर, मंटू को खाना परोस कर सामने बैठ गई.
एक दो नीवाला मुंह में डालने के बाद, मंटू रुक गया.
महिमा ने पूछा – क्या बात है… खाना ठीक नहीं बना क्या… ??
मंटू कुछ नहीं बोला और खाना खाने लगा.
कुछ देर बाद, मंटू बोला की उसे नुन्नी में दर्द हो रहा है… उसका लंड, अब भी खड़ा था…
महिमा ने कहा के टॉवेल ढीला कर दे, बाद में तेल लगा दूँगी.
मंटू बोला – अभी, तेल ले आओ…
महिमा ने कहा की खाना ख़तम कर लो, उसके बाद…
पर मंटू ज़िद करने लगा.
महिमा ने कहा – ठीक है… और वो तेल की शीशी ले आई.
मंटू वैसे ही, बैठा रहा.
महिमा ने तेल थोड़ा हाथ में ले कर टॉवेल के अंदर हाथ डाल दिया और लंड को पकड़ कर रगड़ने लगी.
10 मिनिट के बाद, मंटू का खाना हो गया पर मालिश चल ही रही थी.
मंटू टॉवेल को हटा कर बोला की टॉवेल चुभ रहा है.
महिमा के सामने, मंटू पूरा “नंगा” बैठा था.
मंटू अब बस झड़ने वाला था.
महिमा हाथ में लंड लेकर खुद भी हैरान थी और सोच रही थी की ये सब क्या हो रहा है.
मंटू, मज़े ले रहा था.
खाना ख़तम होने के 2 मिनिट बाद, मंटू बोला – अभी, बस हो गया… आ आ आहा हा…
मंटू के लंड से पिचकारी, सीधे सामने निकली.
महिमा हैरान हो गई, ये सब देख कर..
पिचकारी, सीधे थाली में जा गिरी.
मंटू बोला – अब अच्छा लग रहा है…
महिमा की उंगली, मंटू के वीर्य से सनी हुए थी.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!