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Adultery पार्टी के बाद (Re-started) // by udola.champa (पूर्ण)
#8
जल्दी ही मुझे अपनी लाल चमचमाती हुई मारुति आल्टो कार दिख गई... मैं भाग कर जल्दी से गाड़ी के पास पहुंची और उसके दरवाज़े में चाबी लगाई... मैं जानती थी कि आसपास के लोग अवाक होकर मेरी तरफ देख रहे थे क्योंकि मेरे हॉल्टर पर अभी भी धूल मिट्टी लगी हुई थी| लेकिन मैंने उनकी परवाह नहीं की मैंने जल्दी-जल्दी से गाड़ी का दरवाजा खोला और उस में जा बैठी और गाड़ी स्टार्ट कर दी है लेकिन मैंने देखा कि अभी भी फाटक बंद है गाड़ी में लगी घड़ी में सुबह के पौने आठ बज रहे थे|

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कहां मैं उस बूढ़े भिखारी को बुद्धू समझ कर थोड़ा तफरी लेने गई थी और कहां उसने मुझे ही बेवकूफ बनाकर मेरा पूरा फायदा उठा लिया थालगता है उस बूढ़े भिखारी ने मुझे जो पानी पिलाई थी उसमें शायद कोई तगड़ी नशीली चीज मिली हुई थी जिस वजह से मैं निढाल हो गई थी और कुछ देर के लिए मेरे शरीर को लकवा मार गया था इसी बीच उस भखारी ने मेरा काम तमाम कर दिया

हालांकि रेलवे फाटक खोलने में चंद ही मिनट लगे लेकिन उस वक्त वह चंद मिनट मेरे लिए घंटों के बराबर लग रहे थे और लोगों की जो निगाहें मेरे उपर पड़ रहीं थी उससे मानो मेरा पूरा बदन जल रहा था...


रेलवे फाटक खुल गया था... मुझे रास्ता साफ दिख रहा था मैंने गाड़ी को गियर में डालकर आक्सेलरेटर पर अपना पैर जमा दिया... और गाड़ी तेज रफ्तार से भागने लगी...

गाड़ी चलाते-चलाते में यही सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि उसने निरोध का इस्तेमाल किया था... पता नहीं उसने ऐसा क्यों किया लेकिन उसने ऐसा ही किया था... नही तो पता नही क्या हो जाता... ना जाने उसे कौन- कौन सी बीमारी लगी हुई होगी... अगर वह निरोध का इस्तेमाल नही करता तो बीमारी का ख़तरा मुझे भी लगा हुआ होता... शायद उस भिखारी ने भी कुछ ऐसा ही सोचा होगा... क्योंकि कोई भी लड़की इतनी जल्दी किसी अंजान के साथ सहवास के लिए राज़ी नही हो जाती... उसने सोचा होगा कि मैं कोई चालू लड़की हूँ... और उसने ठीक ही सोचा था| पेशे से मैं एक चालू लड़की ही हूंएक हाई क्लास कॉल गर्लआज कई साल हो गएमैं इसी लाइन में अपनी जिंदगी बिता रही हूं|

मैं बहुत छोटी थी तब मेरे चाचा मुझे गांव से उठाकर ले आए थे और उन्होंने मुझे रुबीना आंटी के हाथों बेच दिया था| तब से मैं रुबीना आंटी के लिए ही काम कर रही हूँ|

मैं जवान हूं, सुंदर हो और दिखने में एक अच्छे घर की और किसी बड़े खानदान की लड़की जैसी दिखती हूँ, इसीलिए रुबीना आंटी ने मुझे एक खास काम सौंपा था... मेरा काम था बड़ी-बड़ी पार्टीज में जाना, वहां लोगों से मेलजोल बढ़ाना और हो सके एक मोटी सी मुर्गी को फाँसना... चाहे वह एक अधेड़ उम्र का रईस बिजनेसमैन हो या फिर किसी बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद... मुझे से कोई मतलब नहीं था... अगर मतलब था तो सिर्फ थोड़ी सी मस्ती और ज़्यादा से ज़्यादा पैसों से... जिसमें से कुछ हिस्सा मुझे रुबीना आंटी को देना पड़ता था...


पर आज पहली बार मैं रुबीना आंटी के घर खाली हाथ लौट रही थी और वह भी अपना पूरा काम तमाम करने के बाद| न जाने रुबीना आंटी मुझ से क्या कहेंगी और क्या हर्ष करेंगी मेरा? यही सोचते हुए मैं गाड़ी चलाती रही...
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // पार्टी के बाद (Re-started) // by udola.champa - by suneeellpandit - 27-03-2019, 10:17 AM



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