Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery पार्टी के बाद (Re-started) // by udola.champa (पूर्ण)
#7
Bug 
मेरे अंदर जो बची खुची चेतना थी उसको इकठ्ठा करके इसबार उठ कर भागने को हुई... पर मैं उठ नही पा रही थी...बस मुझे सिर्फ़ इतना याद है कि भखारी निरोध का पैकेट फाड़ कर अपने लिंग पर चढ़ा रहा था... उसके बाद मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया...


7

कुछ देर बाद जब मुझे होश आया तब मुझे एहसास हुआ कि मैं जमीन पर बिल्कुल चारों खाने चित्त हो कर पड़ी हुई हूं... वह बूढ़ा भिखारी मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था... उसने मेरी दोनो टांगे पर फैला दी थी और मेरी दोनों टांगों के बीच में काफी फासला था और उसके बीच में वह लेटा हुआ था... और वह जी भर के मेरे साथ चुम्मा-चाटी कर रहा थामैंने उसको धकेलकर हटाने की कोशिश की लेकिन मेरे शरीर को मानो लकवा मार गया था...

न जाने कितनी देर तक वह भी कारी मुझे चूमता रहा चाटता रहा उसके बाद उसने अपना लिंग मेरे यौनंग में घुसा दिया| मैं दर्द से चीख उठी लेकिन उसने मेरे मुंह पर हाथ रख कर मेरी आवाज़ को दबा दिया... और फिर बढ़े ही जोश के साथ उसने मुझे चोदना शुरू किया...

एक तो उसका लिंग इतना बढ़ा और मोटा था और उसके उप्र से ना जाने कहाँ से उसके अंदर इतनी ताक़त आ गई थी... वह रुका नही... बस अपना काम जारी रखता गया... रखता गया... रखता गया...

मैं उसके वजन से दबकर सिर्फ छटपटा ही रही ... शुरू शुरू में मुझे काफी तकलीफ हो रही थी, लेकिन उसके बाद मानो सब कुछ ठीक हो गया... मुझे भी मज़ा आने लगा लेकिन भिखारी जो था वह मानो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था... वह बस अपना काम जारी रखता गया... रखता गया... रखता गया...

जहां तक मुझे याद है मैंने कम से कम दो बार अपना पानी छोड़ दिया होगा लेकिन भिखारी रुकने का नाम नहीं ले रहा था आखिरकार मुझे लगा कि उसका भी वीर्य स्खलन हो गया और वह मेरे ऊपर निढाल होकर लुढ़क गया... पर तब तक शायद मैं फिर से बेहोश हो चुकी थी|
***

भौं- भौं... भौं- भौं...भौं- भौं…”

एक कुत्ते के भौंकने की आवाज से मेरी नींद खुली या फिर मैं कहूं कि मेरी बेहोशी टूटी| पहले पहले तो मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, उसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं और बूढ़े भिखारी की कुटिया में बिल्कुल खुली नंगी चित्त होकर पड़ी हुई हूं... मेरी दोनो टांगे तभी भी एकदम फैली हुई है और वह बूढ़ा भिखारी का बदन मेरे ऊपर था मैं उसके वजन से दबी हुई थी और कुछ देर बाद मुझे एहसास हुआ कि उसका शीतल पड़ा हुआ लिंग अभी तक मेरे गुप्तांग के अंदर घुसा हुआ है... और वह भिखारी अब नशे की हालत में बिल्कुल धुत्त सा हो कर निढाल हो कर मेरे उपर पड़ा हुआ था... धीरे- धीरे मुझे पूरा पूरा होश आने लगा और मैने उस भिखारी को धकेल कर अपने उपर से हटाया... फर्श पर मेरे यौनांग से निकले हुए खून के छींटे सॉफ नज़र आ रहे थे

उसे हटाते वक्त उसका लिंग तो मेरे यौनंग से अलग हो गया था, पर कंडोम उसके लिंग से सरक गई थी और अभी भी मेरे यौनंग से थोड़ा सा बाहर लटकी हुई थी| मैंने कंडोम को खींच कर दूर फेंक दिया और वह कुत्ता कभी भी भौंके जा रहा था... शायद वह इस भिखारी का पालतू होगामुझे अनजान को देख करके वह सिर्फ भौंके ही जा रहा था... उसके क्या मालों की कुछ देर पहले ही मेरे साथ क्या हुआ था

मेरे पुर बदन से बदबू आ रही थी, मेरा चेहरा गीला गीला और चिपचिपा लग रहा था| मैने किसी तरह से अपना हॉल्टर उठा कर धूल झाड़ कर उसे पहना... और इससे पहले की उस भिखारी को होश आए, मैने अपना प्लास्टिक का पैकेट उठाया, देखा कि उसमें गाड़ी की चाबी है कि नही और कुत्ते को डरा के भगाने के बाद मैं वहाँ से भाग निकली...

बाहर दिन चढ़ आया था| चारों तरफ सूरज की रोशनी फैल चुकी थी| रास्ते में लोग बाग आ जा रहे थे| पहले तो मुझे रास्ता समझ में नहीं आ रहा था, लेकिन फिर मुझे रेलगाड़ियों की आवाज सुनाई दी और मैं उस दिशा की तरफ दौड़ पड़ी|

जल्दी ही मुझे अपनी लाल चमचमाती हुई मारुति आल्टो कार दिख गई... मैं भाग कर जल्दी से गाड़ी के पास पहुंची और उसके दरवाज़े में चाबी लगाई... मैं जानती थी कि आसपास के लोग अवाक होकर मेरी तरफ देख रहे थे क्योंकि मेरे हॉल्टर पर अभी भी धूल मिट्टी लगी हुई थी| लेकिन मैंने उनकी परवाह नहीं की मैंने जल्दी-जल्दी से गाड़ी का दरवाजा खोला और उस में जा बैठी और गाड़ी स्टार्ट कर दी है लेकिन मैंने देखा कि अभी भी फाटक बंद है गाड़ी में लगी घड़ी में सुबह के पौने आठ बज रहे थे|





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply


Messages In This Thread
RE: // पार्टी के बाद (Re-started) // by udola.champa - by suneeellpandit - 27-03-2019, 10:14 AM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)