27-03-2019, 10:08 AM
मैं बोली, "ठीक है, मैं भी यहाँ तफ़री के लिए आई हूँ... मुझे कोई ऐतराज़ नही है... पर आप ज़ोर से दबाना मत, दर्द होती है…"
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मैंने एक बड़ा सा घूँट ले करके अपनी ड्रिंक खत्म की और फिर अपने बालों को समेट कर जुड़े में बांधा, फिर मैंने डॉक्टर साहब का हाथ पकड़ कर बोली, "चलिए डॉक्टर साहब डांस करते हैं"
डॉक्टर साहब ने अपनी ड्रिंक आधी ही छोड़ दी और मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुए डांस फ्लोर की तरफ बढ़े... डाक्टर साहब भी मेरे से सॅंट कर, अपने दोनो हतों से मेरी नंगी पीठ को सहलाते हुए डांस कर रहे थे| हम दोनों के गाल सटे हुए थे मैंने जानबूझकर अपना सीना उनके सीने से चिपका रखा था| वह मौका मिलते ही मेरे कूल्हों को दबाने से भी बाज़ नही आए... मुझे इस बात से कोई आपत्ति नही थी| मैं यहाँ आई इसलिए थी- - तफ़री लेने के लिए| अचानक मुझे एहसास हुआ की दो टाँगों के बीच में एक अजीब सी चीज़ का दबाव पड़ रहा है| मुझे समझते देर नही लगी की, डाक्टर साहब का मेरे उपर दिल आ गया है, और उनका गुप्त अंगखड़ा हो गया है|
"मिस, क्या आप मेरे साथ कुछ वक़्त अकेले में बिताना पसंद करेंगी?", उन्होने मुझ से कहा|
"जी ज़रूर, पर मैं सिर्फ़ एक क़ुइक बैंग , के मूड मे ही हूँ"
"काश हर लड़की आप जैसी समझदार होती"
एक एक और ड्रिंक लेने के बाद हम लोग स्वीमिंग पूल की तरफ गये|
वहाँ जैसे डाक्टर साहब पर हैवान हावी हो गया, वो मुझे पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे| मेरी पैंटी उतरते वक़्त उन्होने उसे फाड़ ही डाली... यह चार सौ रुपय की पैंटी थी... उनका यह रवैया बदलने के लिए मैने कहा, "डाक्टर साहब... रुकिये, मैं स्कर्ट उपर करती हूँ, आप पैंट तो उतरिए?"
डाक्टर साहब अपनी बैल्ट खोरकर अपना पैंट उतरने लगे, उसके बाद मैं उनके आगोश मे थी|
“आपके के पास कंडोम तो हैं ना, डाटार साहब?”
“चुप हरामजादी , तू यहाँ चुदने आई है, कॉन्डोम का क्या लेना देना?”
मैं इसके बाद कुछ नही बोली, डाक्टर साहब ने मेरे बदन का निचला हिस्सा बिल्कुल नंगा कर दिया और वह मेरे जिस्म जानना अंग मे अपना मर्दाना अंग घुसने ही वाले थे कि मोबाइल फ़ोन बाज उठा|
यह शायद उसकी बीवी होगी, क्योंकि मुझे फ़ोन से एक औरत की आवाज़ सुनाई दे रही थी... वह काफ़ी गुस्से में थी| फ़ोन जैसे तैसे रखने के बाद उन्होने मुझ से कहा, "माफ़ करना आएशा, मुझे जाना होगा..."
मैने देखा की उनका लिंग अब बिल्कुल ढीला पद गया है| मुझे बड़ा गुस्सा आया मैने कहा, "हरामजादे, लड़की को चोदने के बहाने नंगा कर के बोलता है की जाना होगा? तेरा खड़ा नही होता क्या?"
“माफ़ करो आएशा, मेरी बीवी का फ़ोन आया था और देखो वह जो बंदा इस तरफ आ रहा है, वह इस होटेल का मैनेजर है और रिश्ते में मेरा साला, अगर उसने मुझे इस हालत मे देख लिया तो...”
मैने डाक्टर साहब पर दो तमाचे कस दिए, "मादरचोद, अब बता, किसी और से चुदने के लिए मैं पैसे खर्च करूँ?”
डाक्टर साहब को भी गुस्सा आ गया उन्होने ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा गला दबाते हुए कहा, "सुन कुतिया, मौका रहता तो तुझे चोद के मैं तेरा कीमा बना डालता... मौके का इंतज़ार करना... अभी मुझे जाना होगा हरामजादी "
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मैंने एक बड़ा सा घूँट ले करके अपनी ड्रिंक खत्म की और फिर अपने बालों को समेट कर जुड़े में बांधा, फिर मैंने डॉक्टर साहब का हाथ पकड़ कर बोली, "चलिए डॉक्टर साहब डांस करते हैं"
डॉक्टर साहब ने अपनी ड्रिंक आधी ही छोड़ दी और मेरे कूल्हों पर हाथ फेरते हुए डांस फ्लोर की तरफ बढ़े... डाक्टर साहब भी मेरे से सॅंट कर, अपने दोनो हतों से मेरी नंगी पीठ को सहलाते हुए डांस कर रहे थे| हम दोनों के गाल सटे हुए थे मैंने जानबूझकर अपना सीना उनके सीने से चिपका रखा था| वह मौका मिलते ही मेरे कूल्हों को दबाने से भी बाज़ नही आए... मुझे इस बात से कोई आपत्ति नही थी| मैं यहाँ आई इसलिए थी- - तफ़री लेने के लिए| अचानक मुझे एहसास हुआ की दो टाँगों के बीच में एक अजीब सी चीज़ का दबाव पड़ रहा है| मुझे समझते देर नही लगी की, डाक्टर साहब का मेरे उपर दिल आ गया है, और उनका गुप्त अंगखड़ा हो गया है|
"मिस, क्या आप मेरे साथ कुछ वक़्त अकेले में बिताना पसंद करेंगी?", उन्होने मुझ से कहा|
"जी ज़रूर, पर मैं सिर्फ़ एक क़ुइक बैंग , के मूड मे ही हूँ"
"काश हर लड़की आप जैसी समझदार होती"
एक एक और ड्रिंक लेने के बाद हम लोग स्वीमिंग पूल की तरफ गये|
वहाँ जैसे डाक्टर साहब पर हैवान हावी हो गया, वो मुझे पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे| मेरी पैंटी उतरते वक़्त उन्होने उसे फाड़ ही डाली... यह चार सौ रुपय की पैंटी थी... उनका यह रवैया बदलने के लिए मैने कहा, "डाक्टर साहब... रुकिये, मैं स्कर्ट उपर करती हूँ, आप पैंट तो उतरिए?"
डाक्टर साहब अपनी बैल्ट खोरकर अपना पैंट उतरने लगे, उसके बाद मैं उनके आगोश मे थी|
“आपके के पास कंडोम तो हैं ना, डाटार साहब?”
“चुप हरामजादी , तू यहाँ चुदने आई है, कॉन्डोम का क्या लेना देना?”
मैं इसके बाद कुछ नही बोली, डाक्टर साहब ने मेरे बदन का निचला हिस्सा बिल्कुल नंगा कर दिया और वह मेरे जिस्म जानना अंग मे अपना मर्दाना अंग घुसने ही वाले थे कि मोबाइल फ़ोन बाज उठा|
यह शायद उसकी बीवी होगी, क्योंकि मुझे फ़ोन से एक औरत की आवाज़ सुनाई दे रही थी... वह काफ़ी गुस्से में थी| फ़ोन जैसे तैसे रखने के बाद उन्होने मुझ से कहा, "माफ़ करना आएशा, मुझे जाना होगा..."
मैने देखा की उनका लिंग अब बिल्कुल ढीला पद गया है| मुझे बड़ा गुस्सा आया मैने कहा, "हरामजादे, लड़की को चोदने के बहाने नंगा कर के बोलता है की जाना होगा? तेरा खड़ा नही होता क्या?"
“माफ़ करो आएशा, मेरी बीवी का फ़ोन आया था और देखो वह जो बंदा इस तरफ आ रहा है, वह इस होटेल का मैनेजर है और रिश्ते में मेरा साला, अगर उसने मुझे इस हालत मे देख लिया तो...”
मैने डाक्टर साहब पर दो तमाचे कस दिए, "मादरचोद, अब बता, किसी और से चुदने के लिए मैं पैसे खर्च करूँ?”
डाक्टर साहब को भी गुस्सा आ गया उन्होने ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा गला दबाते हुए कहा, "सुन कुतिया, मौका रहता तो तुझे चोद के मैं तेरा कीमा बना डालता... मौके का इंतज़ार करना... अभी मुझे जाना होगा हरामजादी "
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!