03-02-2021, 07:01 PM
(This post was last modified: 24-09-2021, 12:14 PM by komaalrani. Edited 5 times in total. Edited 5 times in total.)
स्काई कोचिंग
माहौल थोड़ा हलका हुआ और उन्होंने भी अपना एक्स्पेलेनेशन दे दिया ,
" अरे यार मल्होत्रा को ही मेसेज कर रहा था , वो ड्राइव कर रहा था। उसी का मेसेज था। घर पहुँच के मेल करेगा ,बस पांच मिनट में। "
अब मेरी चमकी।
" यार ,तू स्काई कोचिंग की बात कर रही ही थी ? " मैंने गुड्डी से पूछा।
" और क्या भाभी ,इत्ती देर से मैं बोले जा रही थी आप से। बेस्ट मेडिकल कोचिंग , एक बार बस उसमें ऐडमिशन हो गया तो समझिये मेडिकल में एडमिशन हो गया। टॉप १०० में ९७ स्टूडेंट्स उसकी कोचिंग के। ९८.५ % रिजल्ट था लास्ट ईयर ,एक बार खाली एडमिशन हो जाय बस ,... "
गुड्डी की चाहत उसकी आवाज में झलक रही थी।
गुड्डी की आवाज में एक बार फिर मजबूरी छलक रही थी,
" ... लेकिन वो मेरे लिए नहीं है, एक तो उसकी फ़ीस कितनी ज्यादा है,... एक मेरी क्लास की लड़की ने प्रॉस्पेक्ट्स मंगाया था, उसके भाई दिल्ली में रहते हैं उनसे। बहुत ज्यादा, ... फिर कोर्स भी सब क्लास रूम, कोई ऑनलाइन या करस्पांडेंस नहीं, वहीँ रह के पढ़ो, ... तो फ़ीस के अलावा, कमरा, शेयर्ड रूम या पी जी लो तो भी , टिफिन और भी बहुत कुछ,... फिर अब तो एडमिशन भी क्लोज हो गया है , बैचेज भी शुरू हो गए हैं , अब तो कोई कोशिश करने से फायदा नहीं,... बेकार का मन बहलाने को,... लेकिन अगर किसी तरह से हो गया न तो मेडिकल में मेरा एडमिशन पक्का,... "
उसका दिल बैठा जा रहा था और मुझे भी बहुत खराब लग रहा था। लेकिन मैंने उसकी हिम्मत बंधाई,
गुड्डी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था, उसकी आँखे एकदम फैली हुई थीं, मुझसे बोली,
" भाभी प्लीज, ये मजाक वाली बात नहीं है मैंने प्रॉस्पेक्ट्स में उन दोनों लोगों की फोटो देखी है , एकदम स्मार्ट, मिसेज मल्होत्रा तो और,... सच बोलिये न आप दोनों लोग जानते हैं उन लोगों को या सिर्फ मेरा दिल बहलाने को बोल रहे हैं, वहां तो कोई छोटा मोटा क्लर्क भी भाव नहीं देता, मेरी सहेली की एक बेस्टी है दिल्ली में वो इसी का बड़ा नक्शा दिखा रही थी की एडमिशन में एक क्लर्क से उसकी भाभी की जान पहचान है। सच बोलिये , ऐसे ही देखा है कहीं या मुलाकात है, मेरा एडमिशन हो न हो, झूठ न बोलियेगा, ... "
मैं उसका सर दुलार से सहला रही थी, फिर उसको ढांढ़स दिलाते बोली
" अरे यार मैं ही न ,मेरे दिमाग में ही ये बात नहीं आयी की तू इंटर के बाद मेडिकल की कोचिंग करना चाहती है, इत्ती बार फोन पे बात हुयी लेकिन मैंने पूछा भी नहीं। वो स्काई कोचिंग के मालिक मिस्टर मल्होत्रा तो तेरे भैय्या के बहुत अच्छे दोस्त और दोस्त क्या ,उन्होंने तो उनकी जिंदगी बचा ली , ऐसे बुरे फंसे थे वो ,वो तो तेरे भैय्या ने बचा लिया वरना कोचिंग तो उनकी बंद ही हो गयी होती और वो भी ,... "
अचानक मुझे याद आया और मैं गुड्डी से बोली।
" और मिसेज मल्होत्रा ,तेरी भाभी न पहुंचती मौके पर तो उनकी जो दुर्गति होती तुम सोच नहीं सकती , मुझसे ज्यादा तो तेरी भाभी के अहसानमंद है वो दोनों। "
वो गुड्डी से बोले।
" मिसेज मल्होत्रा तो मेरी पक्की फ्रेंड हैं ,हर तरह से , वैसे तो मेडिकल का पूरा वही लेकिन , ... हम लोग जहाँ है उस सेंटर की इंचार्च भी वही हैं , सच में बुरी फंसी थी बिचारी , साल भर तो नहीं हुआ अभी ,सच में ,... "
मैंने भी गुड्डी से कहा।और मैं गुड्डी की बात के बारे में सोच रही थी, बात उसकी एकदम सही थी, जबरदस्त रिजल्ट आता था उनका, ख़ास कर जो सेंटर मिसेज मलहोत्रा खुद देखती थीं,... और बच्चे मेहनत भी तो,... ४- ६ घंटे कोचिंग के अलावा कम से कम ७-८ घंटे पढ़ाई घर में, इतना होमवर्क, टेस्ट, ... और टीचर भी मिसेज मल्होत्रा ने एकदम चुन के रखे थे, जो यूनिवर्सिटी के टीचर को मिलती थी उससे ज्यादा उनकी कोचिंग में और रिजल्ट बेस्ड बोनस अलग से, एक अवार्ड फंक्शन में मैं भी गयी थी,... ऑल इण्डिया के टॉप टेन में से चार इसी सेंटर के, सेकेण्ड, थर्ड, सेवंथ और नाइंथ और उनमे तीन लड़कियां।
और गुड्डी मुंह खोले हम लोगो को देख रही थी ,मुश्किल से बोली,
" आप लोग जानते हैं स्काई कोचिंग के ओनर्स को , "
उन्होंने जवाब में अपना मोबाइल गुड्डी की ओर बढ़ा दिया , जिसमे मल्होत्रा का मेसेज था की वो पांच मिनट में मेल करेंगे। और साथ में गुड्डी से बोला भी,
"अरे यार , वो स्साला ,गांडू ,... तेरी भाभी सही कह रही थीं , वो तो हम लोग टाइम से पहुँच गए वरना वो थानेदार तो उसकी माँ बहन सब एक ,... उसका प्लान चल जाता न तो रात भर में उसकी गांड का ,... लेकिन मुझसे ज्यादा तेरी भाभी ने उस गांडू की मदद की और यार मदद तो बनती थी। मेरा पुराना यार है ,आज तक उसने मेरी कोई बात नहीं टाली,...
गुड्डी तो अपने भैय्या का प्रभाव -प्रताप देख के खुश हो रही रही थी पर मेरी जेठानी ,
बिचारी,
अपने संस्कारी देवर के मुंह से ये सब शब्द सुन के , वो भी हम लोगों के सामने , उनका तो मुंह खुला रह गया।
यही तो मैं देखना चाहती थी।
लेकिन जेठानी जी उन्होंने हाल खुलासा जानने की इच्छा प्रकट की , और फिर उनके देवर को रुकना मुश्किल था।
गुड्डी भी कान पारे सुन रही थी।
जैसे किसी बंद दमघोंटू अँधेरे कमरे में कहीं से छिपछिपाकर कोई धुप की नन्ही किरण आ रही हो,
जैसे किसी को विश्वास तो नहीं हो पर तब भी उम्मीद की पतली सी डोरी थाम के बैठा हो,
शायद ,
गुड्डी की भी यही हालत हो रही थी, क्या पता हम लोग उसका,...
और वो चालू हो गए ,
माहौल थोड़ा हलका हुआ और उन्होंने भी अपना एक्स्पेलेनेशन दे दिया ,
" अरे यार मल्होत्रा को ही मेसेज कर रहा था , वो ड्राइव कर रहा था। उसी का मेसेज था। घर पहुँच के मेल करेगा ,बस पांच मिनट में। "
अब मेरी चमकी।
" यार ,तू स्काई कोचिंग की बात कर रही ही थी ? " मैंने गुड्डी से पूछा।
" और क्या भाभी ,इत्ती देर से मैं बोले जा रही थी आप से। बेस्ट मेडिकल कोचिंग , एक बार बस उसमें ऐडमिशन हो गया तो समझिये मेडिकल में एडमिशन हो गया। टॉप १०० में ९७ स्टूडेंट्स उसकी कोचिंग के। ९८.५ % रिजल्ट था लास्ट ईयर ,एक बार खाली एडमिशन हो जाय बस ,... "
गुड्डी की चाहत उसकी आवाज में झलक रही थी।
गुड्डी की आवाज में एक बार फिर मजबूरी छलक रही थी,
" ... लेकिन वो मेरे लिए नहीं है, एक तो उसकी फ़ीस कितनी ज्यादा है,... एक मेरी क्लास की लड़की ने प्रॉस्पेक्ट्स मंगाया था, उसके भाई दिल्ली में रहते हैं उनसे। बहुत ज्यादा, ... फिर कोर्स भी सब क्लास रूम, कोई ऑनलाइन या करस्पांडेंस नहीं, वहीँ रह के पढ़ो, ... तो फ़ीस के अलावा, कमरा, शेयर्ड रूम या पी जी लो तो भी , टिफिन और भी बहुत कुछ,... फिर अब तो एडमिशन भी क्लोज हो गया है , बैचेज भी शुरू हो गए हैं , अब तो कोई कोशिश करने से फायदा नहीं,... बेकार का मन बहलाने को,... लेकिन अगर किसी तरह से हो गया न तो मेडिकल में मेरा एडमिशन पक्का,... "
उसका दिल बैठा जा रहा था और मुझे भी बहुत खराब लग रहा था। लेकिन मैंने उसकी हिम्मत बंधाई,
गुड्डी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था, उसकी आँखे एकदम फैली हुई थीं, मुझसे बोली,
" भाभी प्लीज, ये मजाक वाली बात नहीं है मैंने प्रॉस्पेक्ट्स में उन दोनों लोगों की फोटो देखी है , एकदम स्मार्ट, मिसेज मल्होत्रा तो और,... सच बोलिये न आप दोनों लोग जानते हैं उन लोगों को या सिर्फ मेरा दिल बहलाने को बोल रहे हैं, वहां तो कोई छोटा मोटा क्लर्क भी भाव नहीं देता, मेरी सहेली की एक बेस्टी है दिल्ली में वो इसी का बड़ा नक्शा दिखा रही थी की एडमिशन में एक क्लर्क से उसकी भाभी की जान पहचान है। सच बोलिये , ऐसे ही देखा है कहीं या मुलाकात है, मेरा एडमिशन हो न हो, झूठ न बोलियेगा, ... "
मैं उसका सर दुलार से सहला रही थी, फिर उसको ढांढ़स दिलाते बोली
" अरे यार मैं ही न ,मेरे दिमाग में ही ये बात नहीं आयी की तू इंटर के बाद मेडिकल की कोचिंग करना चाहती है, इत्ती बार फोन पे बात हुयी लेकिन मैंने पूछा भी नहीं। वो स्काई कोचिंग के मालिक मिस्टर मल्होत्रा तो तेरे भैय्या के बहुत अच्छे दोस्त और दोस्त क्या ,उन्होंने तो उनकी जिंदगी बचा ली , ऐसे बुरे फंसे थे वो ,वो तो तेरे भैय्या ने बचा लिया वरना कोचिंग तो उनकी बंद ही हो गयी होती और वो भी ,... "
अचानक मुझे याद आया और मैं गुड्डी से बोली।
" और मिसेज मल्होत्रा ,तेरी भाभी न पहुंचती मौके पर तो उनकी जो दुर्गति होती तुम सोच नहीं सकती , मुझसे ज्यादा तो तेरी भाभी के अहसानमंद है वो दोनों। "
वो गुड्डी से बोले।
" मिसेज मल्होत्रा तो मेरी पक्की फ्रेंड हैं ,हर तरह से , वैसे तो मेडिकल का पूरा वही लेकिन , ... हम लोग जहाँ है उस सेंटर की इंचार्च भी वही हैं , सच में बुरी फंसी थी बिचारी , साल भर तो नहीं हुआ अभी ,सच में ,... "
मैंने भी गुड्डी से कहा।और मैं गुड्डी की बात के बारे में सोच रही थी, बात उसकी एकदम सही थी, जबरदस्त रिजल्ट आता था उनका, ख़ास कर जो सेंटर मिसेज मलहोत्रा खुद देखती थीं,... और बच्चे मेहनत भी तो,... ४- ६ घंटे कोचिंग के अलावा कम से कम ७-८ घंटे पढ़ाई घर में, इतना होमवर्क, टेस्ट, ... और टीचर भी मिसेज मल्होत्रा ने एकदम चुन के रखे थे, जो यूनिवर्सिटी के टीचर को मिलती थी उससे ज्यादा उनकी कोचिंग में और रिजल्ट बेस्ड बोनस अलग से, एक अवार्ड फंक्शन में मैं भी गयी थी,... ऑल इण्डिया के टॉप टेन में से चार इसी सेंटर के, सेकेण्ड, थर्ड, सेवंथ और नाइंथ और उनमे तीन लड़कियां।
और गुड्डी मुंह खोले हम लोगो को देख रही थी ,मुश्किल से बोली,
" आप लोग जानते हैं स्काई कोचिंग के ओनर्स को , "
उन्होंने जवाब में अपना मोबाइल गुड्डी की ओर बढ़ा दिया , जिसमे मल्होत्रा का मेसेज था की वो पांच मिनट में मेल करेंगे। और साथ में गुड्डी से बोला भी,
"अरे यार , वो स्साला ,गांडू ,... तेरी भाभी सही कह रही थीं , वो तो हम लोग टाइम से पहुँच गए वरना वो थानेदार तो उसकी माँ बहन सब एक ,... उसका प्लान चल जाता न तो रात भर में उसकी गांड का ,... लेकिन मुझसे ज्यादा तेरी भाभी ने उस गांडू की मदद की और यार मदद तो बनती थी। मेरा पुराना यार है ,आज तक उसने मेरी कोई बात नहीं टाली,...
गुड्डी तो अपने भैय्या का प्रभाव -प्रताप देख के खुश हो रही रही थी पर मेरी जेठानी ,
बिचारी,
अपने संस्कारी देवर के मुंह से ये सब शब्द सुन के , वो भी हम लोगों के सामने , उनका तो मुंह खुला रह गया।
यही तो मैं देखना चाहती थी।
लेकिन जेठानी जी उन्होंने हाल खुलासा जानने की इच्छा प्रकट की , और फिर उनके देवर को रुकना मुश्किल था।
गुड्डी भी कान पारे सुन रही थी।
जैसे किसी बंद दमघोंटू अँधेरे कमरे में कहीं से छिपछिपाकर कोई धुप की नन्ही किरण आ रही हो,
जैसे किसी को विश्वास तो नहीं हो पर तब भी उम्मीद की पतली सी डोरी थाम के बैठा हो,
शायद ,
गुड्डी की भी यही हालत हो रही थी, क्या पता हम लोग उसका,...
और वो चालू हो गए ,