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Adultery शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र (Completed) // by Jyoti Singh
#15
अनु ने घुटनों के बल बैठ कर उसको चूसना शुरू किया। मैं कसमसा कर रह गई। मेरा मन कर रहा था कि बाहर निकलकर उससे वह लंड छीन कर अपने मुँह में ले लूँ। मैं वही खड़ी खड़ी अपने मम्मे दबाने लगी और ऊँगली से चूत रगड़ने लगी।

तभी मैंने देखा किमाधुरी नंगी डाईनिंग टेबल पर लेटी हुई है और अशोक उसकी चूत में लंड घुसा कर धक्के मार रहा है। फिर थोड़ी देर में दोनों सोफे पर बैठ कर चूमा-चाटी करने लगे।


तभी मैंने देखा किमाधुरी मेरी तरफ देख रही है। उसने मुझे इशारे से अपने पास बुलाया। अशोक अचानक मुझे देखकर चौंक गया फिर मुस्कुराने लगा।

अनु ने बताया- यह मेरी दोस्त शिल्पा है और बहुत देर से हमें चुदाई करते हुए देख रही है ! मुझे नहीं लगता कि यह और रुक पाएगी।

मैं अशोक के बगल में बैठ गई। बार बार मेरी नज़र उसके लम्बे, मोटे लंड की तरफ जा रही थी। अशोक ने मुस्कुराकर मेरा हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया। मैं नीचे बैठ गई और उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैंने फिर अपने सारे कपड़े उतार दिए और अशोक के सामने नंगी हो गई।

मैं उसके सामने घुटनों पर बैठ कर उसका लंड चूसने लगी। तभी पीछे सेमाधुरी ने मेरी चूत में ऊँगली डाल कर उसक रगड़ना शुरू कर दिया। मैं मस्त होने लगी और थोड़ी देर में झड़ गई। अशोक भी मेरे मुँह में झड़ गया और मैंने उसका लंड चाट कर साफ़ कर दिया।

तभी दरवाज़े की घण्टी बजी, हम लोगों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए।माधुरी के सास-ससुर घर आ गए थे और थोड़ी देर में उसका देवर भी आ गया। हम सबने खाना खाया।

अनु ने मुझे कहा- घर फ़ोन कर दे और आज यहीं रुक जा।

मैं वैसे भी घर जाना कहाँ चाहती थी बिना अशोक के साथ चुदाई किये हुए। खाना खाने के थोड़ी देर के बाद बाद हम सोने चले गए।माधुरी मुझे अपने बेडरूम में ले गई। मैं बेसब्र हो रही थी लेकिनमाधुरी और उसका पति सब धीरे धीरे कर रहे थे और मेरी बेचैनी का मज़ा ले रहे थे।
अशोक ने कहा- आज मैं एक नई ब्लू फिल्म लाया हूँ, तीनों मिलकर देखते हैं।

अशोक ने फिल्म लगाई और हम दोनों के बीच में आकर लेट गया। थोड़ी देर में हम उसके चुदाई के सीन देखकर गर्म हो गए। मैंने देखा कि वे दोनों शुरू हो चुके थे। मुझसे भी रुका नहीं गया, मैंने पीछे से अशोक से चिपटना शुरू कर दिया और धीरे से हाथ उसके लौड़े पर ले गई जो कि पूरी तरह खड़ा हो चुका था।

मुझसे रुका नहीं गया मैं नीचे गई उसका पजामा नीचे किया और लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वह भी मजे ले ले कर मुझसे चुसवा रहा था।

फिर हम तीनों ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरे नंगे हो गए। मैं अशोक के ऊपर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में डाल कर चुदाई करने लगी। वो मेरे मम्मे कस कस के दबा रहा था- आह आह….। कितना मज़ा आ रहा था।

तभीमाधुरी ने भी मेरी एक चूची अपने मुँह में डाली और चूसने लगी। मुझे और मज़ा आने लगा। थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए। फिर अशोक नेमाधुरी की चुदाई की और इस बार मैंनेमाधुरी की चूचियाँ चूसी, बड़ा मज़ा आया। उसके बाद थक कर हम सो गए।

रात में मेरी आँख खुली तो देखा किमाधुरी बिस्तर पर नहीं है। मुझे लगा कि शायद बाथरूम गई होगी। मुझे भी प्यास लग रही थी तो मैंने गाउन पहना और हाल में फ्रिज से पानी पीने लगी। तभी मैंने देखा कि एक कमरे की बत्ती जली हुई है और उसमें से आवाजें आ रही हैं।

मुझे लगा कि अंकल और आंटी इस उम्र में भी मज़े ले रहे हैं। मैं धीरे से कमरे के पास गई और दरवाज़े से अन्दर झाँका और नज़ारा देखकर दंग रह गई। अंकल नंगे बिस्तर के किनारे बैठे हुए हैं औरमाधुरी घुटनों के बल नीचे बैठ कर उनका लंड चूस रही है, पीछे से उसका देवर उसके मम्मे दबा रहा है और चूम रहा है।

मैंने मन ही मन कहा- बहनचोद साली एक और चुदासा परिवार !
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र (Completed) // by Jyoti Singh - by suneeellpandit - 26-03-2019, 03:16 PM



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