26-03-2019, 03:12 PM
मैं अपनी जींस और पैंटी उतार कर बिस्तर पर कुतिया बन गई, राजीव मेरे पीछे से आया और कुतिया की तरह मुझे चोदने लगा। शम्पी ने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड लेकर मेरे मुँह के पास आ गया और मैंने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में राजीव झड़ गया और बिना बोले ही मैं सीधी हो कर लेट गई और अपनी टांगें फैला कर शम्पी से कहा- आजा बहनचोद अपनी दीदी की चूत फाड़ दे !
शम्पी मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे गलियाँ दे दे कर चोदने लगा। राजीव यह देखकर हैरान रह गया। बाद में हमने राजीव को सब सच सच बताया और हँसने लगे।
इस तरह शिल्पा ने अपनी चुदाई का किस्सा ख़त्म किया।
मैंने उससे कहा- तू साली रंडी नहीं कुतिया है जो हरेक कुत्ते के सामने अपनी चूत खोल के खड़ी हो जाती है ! चल इस बार तुझे कुतिया की तरह चोदता हूँ ! चल नीचे जाकर कुतिया बन जा !
वो नीचे जाकर कुतिया बन गई और मेरा इंतज़ार करने लगी। मैं उसके पीछे घुटनों के बल बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। थोड़ी देर में हम दोनों फिर झड़ गए। उसने मेरा लंड चाट के साफ़ किया और सीट पर लेट गई।
Update 6
पिछले किस्से के बाद मैं उसकी चुदाई करके उसकी बगल में लेट गया और उससे पूछा- अच्छा अब आगे बताओ !
वह बोली- फिर शम्पी और राजीव दोनों मुझे आकर रोज़ चोदने लगे। एक दिन मैं बहुत चुदासी हो रही थी तो राजीव को फ़ोन किया।
वो बोला- मेरे घर आ जाओ, यहीं चुदाई करेंगे !
मैं उसके घर पहुँची तो देखा कि घर का दरवाजा खुला हुआ है। अंदर गई तो एक कमरे से जोर जोर से आवाजें आ रही थी। मैंने सोचा कि इस साले राजीव से इतना भी कण्ट्रोल नहीं हुआ? मेरे आने से पहले ही अपनी नौकरानी को चोदने लगा।
मैंने कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि एक अधेड़ उम्र का आदमी कामवाली का काम लगा रहा है। मैं कुछ समझ पाती उससे पहले ही राजीव ने पीछे से आकर मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बोला- यह मेरे पापा हैं और कामवाली का काम लगा रहे हैं।
मैं सन्न रह गई कि कैसा परिवार है, बाप अपने बेटे के सामने ही कामवाली को चोद रहा है।
राजीव मुझे ड्राइंग रूम में ले गया और हम सोफे पर बैठ गए। उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगा। इतने में उसका बाप बाहर आ गया। उसने बनियान और धोती पहनी हुई थी जिसके नीचे शायद कच्छा नहीं था क्योंकि उसका लंड हिलता हुआ साफ़ दिख रहा था। राजीव ने मेरी जांघ से अपना हाथ नहीं हटाया। उसका बाप मेरे बगल में आकर बैठ गया। मेरे दिमाग से वो दृश्य नहीं हट रहा था जिसमें मैंने उसके बाप का लंड मैंने उस नौकरानी की चूत में अन्दर-बाहर होते देखा था।
उसके बाप ने मेरे बारे पूछा- यह कौन है?
राजीव बोला- यह वही शिल्पा है जिसके बारे में मैंने आपको बताया था।
वो बोला- अच्छा तो यह है जिसके साथ तुम एक महीने से मस्ती कर रहे हो !
उसने मेरी दूसरी जांघ पर हाथ रख कर कहा- माल तो बहुत सही फंसाया है तूने ! देखें तो चखने में कैसी है यह !
कह कर उसका बाप मेरा मुँह पकड़कर मुझे चूमने लगा। उधर राजीव ने मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए। मैं सोफे पर पीछे होकर बैठ गई और दोनों बाप बेटों को मज़ा देने लगी। उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा के हुक खोल दिए। मैंने हाथ ऊपर किये और उन्होंने मेरी शर्ट और ब्रा दोनों उतार दी। फिर दोनों मेरी एक एक चूची को चूसने लगे।
इतने में अन्दर से कामवाली बाहर निकली और बोली- मैं जा रही हूँ !
उन दोनों ने मेरी चूचियाँ चूसना जारी रखा। कामवाली मेरी तरफ देखकर मुस्कुराकर चली गई। फिर उसका बाप मेरे सामने खड़ा हो गया, उसकी धोती में से उसका लंड खड़ा होकर बाहर झांक रहा था। मैंने उसकी धोती खोल दी और उसका लंड अपने हाथ में लेकर चाटना और चूसना शुरू किया। पीछे से आकर राजीव ने मेरी स्कर्ट नीचे उतार दी और गांड पर हाथ फ़ेरने लगा।
तभी दरवाज़े की घंटी बजी। उसके बाप ने राजीव को दरवाजा देखने को बोला और मुझे कहा- तू मेरा लंड चूसना जारी रख !
तभी पीछे से एक लड़की की आवाज़ आई- क्या बात है भैया ! आज तो पापा को चोदने के लिए नया माल मिला है !
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो राजीव एक लड़की के साथ खड़ा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह कैसा चुदासा परिवार है किसी को कोई शर्म नहीं !
मैं खड़ी हो गई। राजीव ने पीछे से आकर मेरी पैंटी उतार दी और बोला- पापा देखो क्या मस्त चूत है इसकी !
उसके बाप ने मुझे कहा- चल भोंसड़ी वाली ! कुतिया बन जा ! अब मैं तुझे चोदूंगा।
थोड़ी देर में राजीव झड़ गया और बिना बोले ही मैं सीधी हो कर लेट गई और अपनी टांगें फैला कर शम्पी से कहा- आजा बहनचोद अपनी दीदी की चूत फाड़ दे !
शम्पी मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे गलियाँ दे दे कर चोदने लगा। राजीव यह देखकर हैरान रह गया। बाद में हमने राजीव को सब सच सच बताया और हँसने लगे।
इस तरह शिल्पा ने अपनी चुदाई का किस्सा ख़त्म किया।
मैंने उससे कहा- तू साली रंडी नहीं कुतिया है जो हरेक कुत्ते के सामने अपनी चूत खोल के खड़ी हो जाती है ! चल इस बार तुझे कुतिया की तरह चोदता हूँ ! चल नीचे जाकर कुतिया बन जा !
वो नीचे जाकर कुतिया बन गई और मेरा इंतज़ार करने लगी। मैं उसके पीछे घुटनों के बल बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। थोड़ी देर में हम दोनों फिर झड़ गए। उसने मेरा लंड चाट के साफ़ किया और सीट पर लेट गई।
Update 6
पिछले किस्से के बाद मैं उसकी चुदाई करके उसकी बगल में लेट गया और उससे पूछा- अच्छा अब आगे बताओ !
वह बोली- फिर शम्पी और राजीव दोनों मुझे आकर रोज़ चोदने लगे। एक दिन मैं बहुत चुदासी हो रही थी तो राजीव को फ़ोन किया।
वो बोला- मेरे घर आ जाओ, यहीं चुदाई करेंगे !
मैं उसके घर पहुँची तो देखा कि घर का दरवाजा खुला हुआ है। अंदर गई तो एक कमरे से जोर जोर से आवाजें आ रही थी। मैंने सोचा कि इस साले राजीव से इतना भी कण्ट्रोल नहीं हुआ? मेरे आने से पहले ही अपनी नौकरानी को चोदने लगा।
मैंने कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि एक अधेड़ उम्र का आदमी कामवाली का काम लगा रहा है। मैं कुछ समझ पाती उससे पहले ही राजीव ने पीछे से आकर मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बोला- यह मेरे पापा हैं और कामवाली का काम लगा रहे हैं।
मैं सन्न रह गई कि कैसा परिवार है, बाप अपने बेटे के सामने ही कामवाली को चोद रहा है।
राजीव मुझे ड्राइंग रूम में ले गया और हम सोफे पर बैठ गए। उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगा। इतने में उसका बाप बाहर आ गया। उसने बनियान और धोती पहनी हुई थी जिसके नीचे शायद कच्छा नहीं था क्योंकि उसका लंड हिलता हुआ साफ़ दिख रहा था। राजीव ने मेरी जांघ से अपना हाथ नहीं हटाया। उसका बाप मेरे बगल में आकर बैठ गया। मेरे दिमाग से वो दृश्य नहीं हट रहा था जिसमें मैंने उसके बाप का लंड मैंने उस नौकरानी की चूत में अन्दर-बाहर होते देखा था।
उसके बाप ने मेरे बारे पूछा- यह कौन है?
राजीव बोला- यह वही शिल्पा है जिसके बारे में मैंने आपको बताया था।
वो बोला- अच्छा तो यह है जिसके साथ तुम एक महीने से मस्ती कर रहे हो !
उसने मेरी दूसरी जांघ पर हाथ रख कर कहा- माल तो बहुत सही फंसाया है तूने ! देखें तो चखने में कैसी है यह !
कह कर उसका बाप मेरा मुँह पकड़कर मुझे चूमने लगा। उधर राजीव ने मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए। मैं सोफे पर पीछे होकर बैठ गई और दोनों बाप बेटों को मज़ा देने लगी। उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा के हुक खोल दिए। मैंने हाथ ऊपर किये और उन्होंने मेरी शर्ट और ब्रा दोनों उतार दी। फिर दोनों मेरी एक एक चूची को चूसने लगे।
इतने में अन्दर से कामवाली बाहर निकली और बोली- मैं जा रही हूँ !
उन दोनों ने मेरी चूचियाँ चूसना जारी रखा। कामवाली मेरी तरफ देखकर मुस्कुराकर चली गई। फिर उसका बाप मेरे सामने खड़ा हो गया, उसकी धोती में से उसका लंड खड़ा होकर बाहर झांक रहा था। मैंने उसकी धोती खोल दी और उसका लंड अपने हाथ में लेकर चाटना और चूसना शुरू किया। पीछे से आकर राजीव ने मेरी स्कर्ट नीचे उतार दी और गांड पर हाथ फ़ेरने लगा।
तभी दरवाज़े की घंटी बजी। उसके बाप ने राजीव को दरवाजा देखने को बोला और मुझे कहा- तू मेरा लंड चूसना जारी रख !
तभी पीछे से एक लड़की की आवाज़ आई- क्या बात है भैया ! आज तो पापा को चोदने के लिए नया माल मिला है !
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो राजीव एक लड़की के साथ खड़ा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह कैसा चुदासा परिवार है किसी को कोई शर्म नहीं !
मैं खड़ी हो गई। राजीव ने पीछे से आकर मेरी पैंटी उतार दी और बोला- पापा देखो क्या मस्त चूत है इसकी !
उसके बाप ने मुझे कहा- चल भोंसड़ी वाली ! कुतिया बन जा ! अब मैं तुझे चोदूंगा।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!