26-03-2019, 02:58 PM
मैंने कहा- मज़ा आ रहा है?
“हाँ”
मैंने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा- तेरा तो खड़ा हो गया है, तू अपनी दीदी को नहीं दिखायेगा? देखें तो तेरा कितना बड़ा है !
वो खड़ा हो गया और अपनी पैंट खोलकर अपना अंडरवियर नीचे कर दिया। मैं उसका लौड़ा देख कर मस्त हो गई। कितने दिनों से मेरी चूत एक लंड के लिए प्यासी थी। मैंने नीचे बैठ कर उसे चाटना शुरू कर दिया।
वो बोला- दीदी यह क्या कर रही हो?
मैंने कहा- तू चुपचाप बैठ जा और मज़े ले !
उसको बैठाकर मैंने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वो मस्त होने लगा और जल्दी ही झड़ गया।
मैंने कहा- बहनचोद, थोड़ी देर तो रुक जाता !
वो मेरे मुँह से गाली सुनकर घबरा गया। फिर मैंने उसके लंड का सब पानी चूस लिया और उसे चाटकर साफ़ कर दिया। उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और भाग गया। मेरी चूत फिर तड़पती रह गई।
अगले दिन मैंने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी। वो आया तो मैंने पूछा- क्या हुआ ? कल मज़ा आया था?
उसने कुछ जवाब नहीं दिया। मैंने उसको अपने बगल में बिस्तर पर बैठा लिया और उसके दोनों हाथ पकड़कर अपने मम्मों पर ले गई और दबवाने लगी। फिर उसने खुद मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए। मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट उतार दी। वो मेरे मम्मों को हाथ में लेकर बारी बारी से मेरी दोनों चूचियों को चूसने लगा। मैं मस्त होने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अपनी दीदी की चूत देखेगा?
वो बोला- हां ! देखूंगा !
मैंने बिस्तर पर खड़े होकर अपनी स्कर्ट उतार दी और उसको अपनी चिकनी चूत के दर्शन कराए। मैं बिस्तर पर लेट गई और टाँगे फैला दी। फिर उससे कहा- ले चाट मेरी चूत को !
वो नीचे जाकर मेरी चूत चाटने लगा। मुझे मज़ा आने लगा था और आआह….. आह…. की आवाजें निकालने लगी। थोड़ी देर में मैं झड़ गई।
फिर मैंने उसकी पैंट और अंडरवियर को उतारकर उसका लंड चूसना शुरू किया। इससे पहले कि वो झड़ जाये मैं रुक गई और उससे बोली- चोदेगा अपनी दीदी को?
वो बोला- हाँ ! चोदूंगा !
मैंने फिर लेटकर अपनी टाँगें फैला दीं। उसने मेरे ऊपर आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया, मेरी आह निकल गई, मैं बोली- हाय, आज कितने दिनों के बाद मेरी चूत की प्यास बुझी है ! बहनचोद आज अपनी दीदी की फाड़ के रख दे !
वो मुझे जोर जोर से धक्के मारने लगा।
मैं बोली- भोंसडी वाले मुझे गाली दे दे के चोद !
पर वो चुपचाप ही मुझे चोदता रहा और थोड़ी देर में झड़ गया।
अगले दिन मैं बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रही थी। साढ़े तीन बजे तक जब वो नहीं आया तो मैंने उसके घर फ़ोन किया, उसने फ़ोन उठाया तो मैंने पूछा- क्या हुआ? इतनी देर क्यों लगा दी?
वो बोला- बहन की लौड़ी, रंडी साली ! तुझे बड़ी जल्दी है चुदवाने की, अभी आता हूँ साली ! आज तेरी फाड़ के रख दूंगा।
यह कहकर उसने फ़ोन रख दिया। मैं सन्न रह गई और उसका बेसब्री से इंतज़ार करने लगी। वो जैसे ही घर में घुसा तो मुझे उठा लिया और मेरे बिस्तर पर पटक दिया। फिर अपनी पैंट खोलकर अंडरवियर उतारा और लंड बाहर निकालकर कहा- आजा रांड ! चूस इसे !
मैंने उसकी बात मान ली और उसका लंड चूसने लगी। वो फिर मेरा सर पकड़कर मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने कहा- कुतिया, चल अब जल्दी से नंगी हो जा, अभी तेरी चूत फाड़ता हूँ।
मैं अपने कपड़े उतारकर नंगी होकर लेट गई।
उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से चोदने लगा और गालियाँ देने लगा। उस दिन मुझे चुदने में बहुत मज़ा आया। फिर वो रोज़ रोज़ आकर मुझे गालियाँ दे दे कर चोदने लगा। मैं उससे रोज़ चुदवाने लगी, वह भी मज़े ले लेकर अपनी दीदी को रोज़ चोदने लगा।
थोड़े ही दिन बाद मुझे एक दूसरे लंड की चाह होने लगी। मैंने उसके दोस्त राजीव के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो कई लड़कियों को चोद चुका है।
मैंने कहा- मुझे भी उससे चुदवाओ न !
वो बोला- कैसे ?
मैंने कहा- तुम उससे कहो कि तुम्हारे बगल के घर में एक बहुत मस्त माल रहता है और तुम उसे चोदना चाहते हो उसमें तुम्हें उसकी मदद चाहिए। उससे बोलो कि तुम मेरे घर में आकर मुझे बेहोशी की दवाई देकर चोदना चाहते हो और उसमें उसकी मदद चाहिए।
मैंने जैसा समझाया था उसने वैसा ही किया। वो राजीव को लेकर मेरे घर आ गया और बोला दीदी आज से यह भी मेरे साथ पढ़ने आएगा। मेरी मस्त जवानी देखकर राजीव की आँखें खुली रह गई। उन दोनों को मैंने अपने कमरे मैं बैठाया।
शम्पी कहने लगा- दीदी, एक कप चाय पिलाओ !
मैंने तीनों के लिए चाय बनाई। फिर उसने चुपचाप से एक नकली बेहोशी की दवाई मेरी चाय में मिला दी। थोडी देर में मैं चक्कर आने की एक्टिंग करने लगी।
उन दोनों ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।
शम्पी बोला- अब क्या करें?
राजीव ने कहा- करना क्या है, अब तुम्हारी दीदी को चोदेंगे !
यह कह कर वो मेरे मुँह को चूमने लगा और मेरे मम्मे दबाने लगा। फिर मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा के ऊपर से ही मेरे मम्मे चूमने लगा। फिर दोनों ने मिलकर मुझे थोड़ा सा पलटकर मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और ऊपर उठा दी।
राजीव बोला- बहनचोद, क्या मम्मे है साली के ! बहुत मस्त माल फँसाया है !
फिर शम्पी ने मेरी स्कर्ट नीचे कर दी और मेरी टाँगें देख कर राजीव बोला- आज तूने दिल खुश कर दिया शम्पी ! ऐसा माल तो मैंने कभी नहीं चोदा ! बहुत मज़ा आएगा !
मैं अंदर से बहुत उत्तेजित हो रही थी और इंतज़ार कर रही थी कि कब राजीव का लंड मेरी चूत की शोभा बढ़ाएगा।
फिर राजीव ने मेरी पैंटी उतार के मेरी चिकनी चूत के दर्शन किये। वो मेरी चूत देखकर बोला- साली कईयों से चुद चुकी है !
शम्पी बोला- तुझे कैसे पता?
राजीव बोला- बहुत चूतें देखी हैं मैंने ! एक नज़र में बता सकता हूँ !
उसने मेरी चूत में ऊँगली डाल दी और मैं कसमसाने लगी।
“हाँ”
मैंने उसके लंड पर हाथ रख दिया और कहा- तेरा तो खड़ा हो गया है, तू अपनी दीदी को नहीं दिखायेगा? देखें तो तेरा कितना बड़ा है !
वो खड़ा हो गया और अपनी पैंट खोलकर अपना अंडरवियर नीचे कर दिया। मैं उसका लौड़ा देख कर मस्त हो गई। कितने दिनों से मेरी चूत एक लंड के लिए प्यासी थी। मैंने नीचे बैठ कर उसे चाटना शुरू कर दिया।
वो बोला- दीदी यह क्या कर रही हो?
मैंने कहा- तू चुपचाप बैठ जा और मज़े ले !
उसको बैठाकर मैंने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वो मस्त होने लगा और जल्दी ही झड़ गया।
मैंने कहा- बहनचोद, थोड़ी देर तो रुक जाता !
वो मेरे मुँह से गाली सुनकर घबरा गया। फिर मैंने उसके लंड का सब पानी चूस लिया और उसे चाटकर साफ़ कर दिया। उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और भाग गया। मेरी चूत फिर तड़पती रह गई।
अगले दिन मैंने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी। वो आया तो मैंने पूछा- क्या हुआ ? कल मज़ा आया था?
उसने कुछ जवाब नहीं दिया। मैंने उसको अपने बगल में बिस्तर पर बैठा लिया और उसके दोनों हाथ पकड़कर अपने मम्मों पर ले गई और दबवाने लगी। फिर उसने खुद मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए। मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट उतार दी। वो मेरे मम्मों को हाथ में लेकर बारी बारी से मेरी दोनों चूचियों को चूसने लगा। मैं मस्त होने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अपनी दीदी की चूत देखेगा?
वो बोला- हां ! देखूंगा !
मैंने बिस्तर पर खड़े होकर अपनी स्कर्ट उतार दी और उसको अपनी चिकनी चूत के दर्शन कराए। मैं बिस्तर पर लेट गई और टाँगे फैला दी। फिर उससे कहा- ले चाट मेरी चूत को !
वो नीचे जाकर मेरी चूत चाटने लगा। मुझे मज़ा आने लगा था और आआह….. आह…. की आवाजें निकालने लगी। थोड़ी देर में मैं झड़ गई।
फिर मैंने उसकी पैंट और अंडरवियर को उतारकर उसका लंड चूसना शुरू किया। इससे पहले कि वो झड़ जाये मैं रुक गई और उससे बोली- चोदेगा अपनी दीदी को?
वो बोला- हाँ ! चोदूंगा !
मैंने फिर लेटकर अपनी टाँगें फैला दीं। उसने मेरे ऊपर आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया, मेरी आह निकल गई, मैं बोली- हाय, आज कितने दिनों के बाद मेरी चूत की प्यास बुझी है ! बहनचोद आज अपनी दीदी की फाड़ के रख दे !
वो मुझे जोर जोर से धक्के मारने लगा।
मैं बोली- भोंसडी वाले मुझे गाली दे दे के चोद !
पर वो चुपचाप ही मुझे चोदता रहा और थोड़ी देर में झड़ गया।
अगले दिन मैं बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रही थी। साढ़े तीन बजे तक जब वो नहीं आया तो मैंने उसके घर फ़ोन किया, उसने फ़ोन उठाया तो मैंने पूछा- क्या हुआ? इतनी देर क्यों लगा दी?
वो बोला- बहन की लौड़ी, रंडी साली ! तुझे बड़ी जल्दी है चुदवाने की, अभी आता हूँ साली ! आज तेरी फाड़ के रख दूंगा।
यह कहकर उसने फ़ोन रख दिया। मैं सन्न रह गई और उसका बेसब्री से इंतज़ार करने लगी। वो जैसे ही घर में घुसा तो मुझे उठा लिया और मेरे बिस्तर पर पटक दिया। फिर अपनी पैंट खोलकर अंडरवियर उतारा और लंड बाहर निकालकर कहा- आजा रांड ! चूस इसे !
मैंने उसकी बात मान ली और उसका लंड चूसने लगी। वो फिर मेरा सर पकड़कर मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने कहा- कुतिया, चल अब जल्दी से नंगी हो जा, अभी तेरी चूत फाड़ता हूँ।
मैं अपने कपड़े उतारकर नंगी होकर लेट गई।
उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से चोदने लगा और गालियाँ देने लगा। उस दिन मुझे चुदने में बहुत मज़ा आया। फिर वो रोज़ रोज़ आकर मुझे गालियाँ दे दे कर चोदने लगा। मैं उससे रोज़ चुदवाने लगी, वह भी मज़े ले लेकर अपनी दीदी को रोज़ चोदने लगा।
थोड़े ही दिन बाद मुझे एक दूसरे लंड की चाह होने लगी। मैंने उसके दोस्त राजीव के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो कई लड़कियों को चोद चुका है।
मैंने कहा- मुझे भी उससे चुदवाओ न !
वो बोला- कैसे ?
मैंने कहा- तुम उससे कहो कि तुम्हारे बगल के घर में एक बहुत मस्त माल रहता है और तुम उसे चोदना चाहते हो उसमें तुम्हें उसकी मदद चाहिए। उससे बोलो कि तुम मेरे घर में आकर मुझे बेहोशी की दवाई देकर चोदना चाहते हो और उसमें उसकी मदद चाहिए।
मैंने जैसा समझाया था उसने वैसा ही किया। वो राजीव को लेकर मेरे घर आ गया और बोला दीदी आज से यह भी मेरे साथ पढ़ने आएगा। मेरी मस्त जवानी देखकर राजीव की आँखें खुली रह गई। उन दोनों को मैंने अपने कमरे मैं बैठाया।
शम्पी कहने लगा- दीदी, एक कप चाय पिलाओ !
मैंने तीनों के लिए चाय बनाई। फिर उसने चुपचाप से एक नकली बेहोशी की दवाई मेरी चाय में मिला दी। थोडी देर में मैं चक्कर आने की एक्टिंग करने लगी।
उन दोनों ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।
शम्पी बोला- अब क्या करें?
राजीव ने कहा- करना क्या है, अब तुम्हारी दीदी को चोदेंगे !
यह कह कर वो मेरे मुँह को चूमने लगा और मेरे मम्मे दबाने लगा। फिर मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा के ऊपर से ही मेरे मम्मे चूमने लगा। फिर दोनों ने मिलकर मुझे थोड़ा सा पलटकर मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और ऊपर उठा दी।
राजीव बोला- बहनचोद, क्या मम्मे है साली के ! बहुत मस्त माल फँसाया है !
फिर शम्पी ने मेरी स्कर्ट नीचे कर दी और मेरी टाँगें देख कर राजीव बोला- आज तूने दिल खुश कर दिया शम्पी ! ऐसा माल तो मैंने कभी नहीं चोदा ! बहुत मज़ा आएगा !
मैं अंदर से बहुत उत्तेजित हो रही थी और इंतज़ार कर रही थी कि कब राजीव का लंड मेरी चूत की शोभा बढ़ाएगा।
फिर राजीव ने मेरी पैंटी उतार के मेरी चिकनी चूत के दर्शन किये। वो मेरी चूत देखकर बोला- साली कईयों से चुद चुकी है !
शम्पी बोला- तुझे कैसे पता?
राजीव बोला- बहुत चूतें देखी हैं मैंने ! एक नज़र में बता सकता हूँ !
उसने मेरी चूत में ऊँगली डाल दी और मैं कसमसाने लगी।
// सुनील पंडित // yr):
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!


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