26-03-2019, 01:43 PM
वो समझ चुकी थी के मासूम दरिंदा राज नहीं था मासूम दरिंदा तो समीर था,
भाई मुझे माफ़ करदे मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई, उफ़ में भी कितना पागल थी अपने भाई के सच्चे प्रेम को न समझ सकी, और उस कमीने की झूठी बातो में फ़स गई, भला हो ऊपर बाले का जिस ने उन लोगो को कुत्ते की मौत मर दिया, नहीं तो हमारे परिवार का क्या होता, अच्छा हुआ कमीने दरिंदे खुद अपनी मौत मर गए,
दीदी दरिंदे कभी अपनी मौत नहीं मरते उन को मरना पड़ता हे,
क्या मतलब राज तू क्या कहना चाहता हे,उफ़ मेरे भाई उफ़ तू इतना बड़ा कैसे हो गया, मेरा बच्चा में समझ गई तेरी बात, सही किया तूने मेरे भाई आज तूने बहिन की राखी के साथ माँ के दूध और पिता का कर्ज भी उतर दिया,
सच भाई तू दुनिया का सबसे अच्छा भाई और बेटा हे,
दोनों भाई बहिन एक दूसरे से लिपट कर रोने लगे,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा,
आज प्रेम अपने चरम पर पहुंच गया था तब मन में केबल प्रेम था निस्चल निर्मल प्रेम,
आज कुछ सही या गलत नही था, आज उस का धयान मार्ग पर नही था, आज तो रिया को केबल लक्छ दिख रहा था, वो बिसुद्ध प्रेमिका बन गई थी,
प्रेमी पागल होते हे सामान्य बेयक्ति किसे प्रेमी के मनो भाव को नहीं समझ सकता,
कोई जाती धर्म समाज किसी प्रेमी के मन को नहीं पढ़ सकता, उन की भाबनाओ को नही समझ सकता ,
क्युके जाती धर्म समाज नियमो की अनुसार चलते हे, उस के साथ बंधन होते हे, उन के साथ जुडी होती हे परम्परये, उन के पास नियमो की किताबे होती हे, परन्तु प्रेम तो बंधनो के टूटने के उपरांत ही जन्म लेता हे, बंधनो के साथ तो संबंध हो सकते हे, रिश्ते हो सकते हे, परन्तु प्रेम के लिए तो सब से पहले बंधन मुक्त होना पड़ता हे ,प्रेम का कोई नियम नही होता प्रेम के लिए नियमो को तोडना पड़ता हे, यदि अलौकिक प्रेम की प्राप्ति करनी हे तो परम्पराओ को भूलना पड़ता हे, प्रेम मोक्ष प्राप्ति का अंतिम पढ़ाओ होता हे, जब ब्यक्ति सारे बंधनो से मुक्त होकर अपनी सारी इक्छाओ को समाप्त कर अपने आप को प्रेम से बसीभूत होकर किसी को समर्पित कर देता हे, उस में समा जाता हे, खुद के बजूद को मिटा देता हे, प्रेमी बन जाता हे, तो उस का नाता इस जीवन मरण और दुःख सुख के संसार से छूट जाता हे, उस के लिए संसार का बजूद समाप्त हो जाता है,
उस के लिए उस का प्रेमी ही सारा संसार हो जाता है, फिर उसे अपने प्रेमी के सिबाय कुछ नहीं दिखाई पड़ता, फिर उसे अपने प्रेमी की अबाज के सिबाय कोई अबाज नहीं सुनाई पड़ती,
वो मुक्त हो जाता हे और मुक्ति ही तो अंतिम अभिलासा होती हे हर बुद्धिजीबी की,
जैसा किसी प्रेम मार्ग के बहुत पुराने रही ने अपने आप को धर्म जाती और समाज के बंधनो से से मुक्त करते हुए कहा था,
मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सब तेरा
तेरा तुझको सौपदू , क्या लागे है मेरा
रिया भी प्रेम में डूब कर मुक्त हो गई थी, वो धर्म जाती समाज के नियम कायदे सब भूल गई थी,, वो सही गलत के दायरे से बहार निकल गई थी, उस ने खुद को प्रेम के समंदर में डूबा लिया था, वो प्रेमिका बन गई थी, अपने छोटे भाई राज की प्रेमिका,
आज उसने अपने आप को अपने तन मन को अपने प्रेमी को समर्पित करने का निष्चय कर लिया था,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
"अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज तो बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा, "
चल आजा भाई आज तुझ को तेरा पहला बर्थडे गिफ्ट देती हु,
अरे दीदी तू भी न पहले फ्रेस तो हो ले फिर दे देना गिफ्ट,
बच्चे मेरा पहला गिफ्ट तो यही है के आज में सबकुछ तेरे सामने ही करूगी, आज तो में सब फ्रेस भी तेरे सामने ही होउगी,चल बाथरूम में मेरे साथ, तूने मुझे कैमरे में जो करते देखा है आज वो तुझे सामने बैठा कर दिखाती हु,
अरे यार दीदी तुम भी ना सुबह से फिर शुरू हो गई, तुम भी ना अभी तक उसी बात के पीछे पड़ी हो,
मैने सॉरी बोल दिया था गलती मान ली थी छोड़ ना यार पुरानी बातो को,
मेरे बच्चे में मजाक नहीं कर रही तेरी कसम सच कह रही हु मेने तेरे लिए यही पहला गिफ्ट सोचा है के में सब कुछ तेरे सामने करू तेरे लिए करू,हा अगर तुझे मेरा गिफ्ट पसंद नहीं तो ठीक है तू यही बैठा रह में चली फ्रेस होने,
रिया के बात सुन कर राज के हालत ख़राब हो गई, अपनी बहिन को अपने सामने बैठ कर टट्टी और पिशाब करने की बात सोच कर ही उस का दिमाक घूम गया, उस के मन में आनंद के साथ वासना के फूल खिलने लगे उस की बरसो की इक्छा जाग गई उस का दबा हुआ प्रेम उबालें लेने लगा,छड़ भर में चड्डी में छुपा चूहा तन कर लण्ड बन गया उस के अंडकोस कड़क हो गये,
रुक तो दीदी में भी चल रहा हु ना, में तो मज़ाक कर रहा था,
मेरी प्यारी दीदी मुझे कुछ गिफ्ट दे और में ना लू ऐसा कभी हो सकता है क्या आप के हाथो से तो में जहर भी हस्ते हस्ते पी लूँगा,
अरे मेरा छुटकू सा बेबी मुझे मक्खन लगा रहा है, बच्चे में तेरी बड़ी बहिन हु अच्छे से जानती हु तुझे,
लेकिन तूने पहली बार में गिफ्ट लेने से मना किया तो अब तुझे यह गिफ्ट पाने के लिए मेरी एक बात माननी होगी,
हा बोलो ना दीदी आप के गिफ्ट के लिए तो में कुछ भी करने को त्यार हु,
अब तू मेरे साथ एक ही शर्त पर चल सकता है के में जो कुछ भी करू तू केबल देखेगा मुझे छूने की कोशिस नहीं
करेगा और ना है तू अपने उस को छुएगा,बोलो मंजूर है ,
हा मुझे आप की शर्त मंजूर ही दीदी मुझे मंजूर है आप के ऐसे बेमिसाल गिफ्ट के लिए तो में चाँद पर भी जाने को त्यार हु यह तो बड़ी मामूली बात है ,
देख्ते है बच्चे के यह मामूली बात तू पूरी कर पता है के नहीं चल फिर आ जा,
रिया और राज दोनों बाथरूम में आ गये,
भाई मुझे माफ़ करदे मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई, उफ़ में भी कितना पागल थी अपने भाई के सच्चे प्रेम को न समझ सकी, और उस कमीने की झूठी बातो में फ़स गई, भला हो ऊपर बाले का जिस ने उन लोगो को कुत्ते की मौत मर दिया, नहीं तो हमारे परिवार का क्या होता, अच्छा हुआ कमीने दरिंदे खुद अपनी मौत मर गए,
दीदी दरिंदे कभी अपनी मौत नहीं मरते उन को मरना पड़ता हे,
क्या मतलब राज तू क्या कहना चाहता हे,उफ़ मेरे भाई उफ़ तू इतना बड़ा कैसे हो गया, मेरा बच्चा में समझ गई तेरी बात, सही किया तूने मेरे भाई आज तूने बहिन की राखी के साथ माँ के दूध और पिता का कर्ज भी उतर दिया,
सच भाई तू दुनिया का सबसे अच्छा भाई और बेटा हे,
दोनों भाई बहिन एक दूसरे से लिपट कर रोने लगे,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा,
आज प्रेम अपने चरम पर पहुंच गया था तब मन में केबल प्रेम था निस्चल निर्मल प्रेम,
आज कुछ सही या गलत नही था, आज उस का धयान मार्ग पर नही था, आज तो रिया को केबल लक्छ दिख रहा था, वो बिसुद्ध प्रेमिका बन गई थी,
प्रेमी पागल होते हे सामान्य बेयक्ति किसे प्रेमी के मनो भाव को नहीं समझ सकता,
कोई जाती धर्म समाज किसी प्रेमी के मन को नहीं पढ़ सकता, उन की भाबनाओ को नही समझ सकता ,
क्युके जाती धर्म समाज नियमो की अनुसार चलते हे, उस के साथ बंधन होते हे, उन के साथ जुडी होती हे परम्परये, उन के पास नियमो की किताबे होती हे, परन्तु प्रेम तो बंधनो के टूटने के उपरांत ही जन्म लेता हे, बंधनो के साथ तो संबंध हो सकते हे, रिश्ते हो सकते हे, परन्तु प्रेम के लिए तो सब से पहले बंधन मुक्त होना पड़ता हे ,प्रेम का कोई नियम नही होता प्रेम के लिए नियमो को तोडना पड़ता हे, यदि अलौकिक प्रेम की प्राप्ति करनी हे तो परम्पराओ को भूलना पड़ता हे, प्रेम मोक्ष प्राप्ति का अंतिम पढ़ाओ होता हे, जब ब्यक्ति सारे बंधनो से मुक्त होकर अपनी सारी इक्छाओ को समाप्त कर अपने आप को प्रेम से बसीभूत होकर किसी को समर्पित कर देता हे, उस में समा जाता हे, खुद के बजूद को मिटा देता हे, प्रेमी बन जाता हे, तो उस का नाता इस जीवन मरण और दुःख सुख के संसार से छूट जाता हे, उस के लिए संसार का बजूद समाप्त हो जाता है,
उस के लिए उस का प्रेमी ही सारा संसार हो जाता है, फिर उसे अपने प्रेमी के सिबाय कुछ नहीं दिखाई पड़ता, फिर उसे अपने प्रेमी की अबाज के सिबाय कोई अबाज नहीं सुनाई पड़ती,
वो मुक्त हो जाता हे और मुक्ति ही तो अंतिम अभिलासा होती हे हर बुद्धिजीबी की,
जैसा किसी प्रेम मार्ग के बहुत पुराने रही ने अपने आप को धर्म जाती और समाज के बंधनो से से मुक्त करते हुए कहा था,
मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सब तेरा
तेरा तुझको सौपदू , क्या लागे है मेरा
रिया भी प्रेम में डूब कर मुक्त हो गई थी, वो धर्म जाती समाज के नियम कायदे सब भूल गई थी,, वो सही गलत के दायरे से बहार निकल गई थी, उस ने खुद को प्रेम के समंदर में डूबा लिया था, वो प्रेमिका बन गई थी, अपने छोटे भाई राज की प्रेमिका,
आज उसने अपने आप को अपने तन मन को अपने प्रेमी को समर्पित करने का निष्चय कर लिया था,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
"अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज तो बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा, "
चल आजा भाई आज तुझ को तेरा पहला बर्थडे गिफ्ट देती हु,
अरे दीदी तू भी न पहले फ्रेस तो हो ले फिर दे देना गिफ्ट,
बच्चे मेरा पहला गिफ्ट तो यही है के आज में सबकुछ तेरे सामने ही करूगी, आज तो में सब फ्रेस भी तेरे सामने ही होउगी,चल बाथरूम में मेरे साथ, तूने मुझे कैमरे में जो करते देखा है आज वो तुझे सामने बैठा कर दिखाती हु,
अरे यार दीदी तुम भी ना सुबह से फिर शुरू हो गई, तुम भी ना अभी तक उसी बात के पीछे पड़ी हो,
मैने सॉरी बोल दिया था गलती मान ली थी छोड़ ना यार पुरानी बातो को,
मेरे बच्चे में मजाक नहीं कर रही तेरी कसम सच कह रही हु मेने तेरे लिए यही पहला गिफ्ट सोचा है के में सब कुछ तेरे सामने करू तेरे लिए करू,हा अगर तुझे मेरा गिफ्ट पसंद नहीं तो ठीक है तू यही बैठा रह में चली फ्रेस होने,
रिया के बात सुन कर राज के हालत ख़राब हो गई, अपनी बहिन को अपने सामने बैठ कर टट्टी और पिशाब करने की बात सोच कर ही उस का दिमाक घूम गया, उस के मन में आनंद के साथ वासना के फूल खिलने लगे उस की बरसो की इक्छा जाग गई उस का दबा हुआ प्रेम उबालें लेने लगा,छड़ भर में चड्डी में छुपा चूहा तन कर लण्ड बन गया उस के अंडकोस कड़क हो गये,
रुक तो दीदी में भी चल रहा हु ना, में तो मज़ाक कर रहा था,
मेरी प्यारी दीदी मुझे कुछ गिफ्ट दे और में ना लू ऐसा कभी हो सकता है क्या आप के हाथो से तो में जहर भी हस्ते हस्ते पी लूँगा,
अरे मेरा छुटकू सा बेबी मुझे मक्खन लगा रहा है, बच्चे में तेरी बड़ी बहिन हु अच्छे से जानती हु तुझे,
लेकिन तूने पहली बार में गिफ्ट लेने से मना किया तो अब तुझे यह गिफ्ट पाने के लिए मेरी एक बात माननी होगी,
हा बोलो ना दीदी आप के गिफ्ट के लिए तो में कुछ भी करने को त्यार हु,
अब तू मेरे साथ एक ही शर्त पर चल सकता है के में जो कुछ भी करू तू केबल देखेगा मुझे छूने की कोशिस नहीं
करेगा और ना है तू अपने उस को छुएगा,बोलो मंजूर है ,
हा मुझे आप की शर्त मंजूर ही दीदी मुझे मंजूर है आप के ऐसे बेमिसाल गिफ्ट के लिए तो में चाँद पर भी जाने को त्यार हु यह तो बड़ी मामूली बात है ,
देख्ते है बच्चे के यह मामूली बात तू पूरी कर पता है के नहीं चल फिर आ जा,
रिया और राज दोनों बाथरूम में आ गये,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!