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Adultery मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी
#7
 उस की माँ उस की दीदी उस का ईस्वर उस की प्रेमिका उस की पत्नी सब रिया थी, उस का प्रेम इतना गहरा और पबित्र था के उस के सामने  सामाजिक बंधन धर्म जाती के नियम सब गोड़ हो चुके थे, उस के प्रेम की गहराई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हे के बो अपने प्रेम के अपमान के आघात से एक मासूम से दरिंदा बन गया था, मूलतः वो था तो एक  मासूम बच्चा  वो मासूम जो अपनी रिया से दिलो जान से मुहब्बत करता था, रिया के ठुकराने की बजह से वो दरिंदा बना था, उस ने अपने मन में प्रेम के ऊपर दरिंदगी डाल ली थी,
  लेकिन अब रिया का यह हाल देख, रिया को अपने पेरो में पड़ा रोता देख एक पल  में उस की दरिंदगी प्रेम के अलौकिक प्रकाश में जल गई, अपनी प्रेमिका का यह हाल देख कर वो मासूम बच्चा कराह उठा, प्रेम ने एक पल  में दरिंदे को मार दिया, अपनी दीदी को अपनी प्रेमिका को अपने पैरो में पड़ा रोता देख उस मासूम प्रेमी का कलेजा फटने लगा, उस की आखो से आसुओ की नदी बहने लगी उस ने जल्दी से रिया के उठाया और सोफे पर बैठा दिया और खुद रिया के सामने घुटनो पर बैठ गया,


दीदी मुझे माफ़ कर दो मुझ से बहुत  बड़ी गलती हो गई, मेने आप के साथ बहुत गलत कर दिया, आप मेरे लिए भगबान जैसे हो, मेने आप से सच्चा प्यार किया हे ,में जानवर बन गया था, में दरिंदा बन गया था,
 मुझे माफ़ कर दो दीदी, वो रिया की गोदी में सर रख कर रोने लगा, रिया ने भी अपना सर उस के सर पर रख दिया दोनों भाई बहिन की आखो से आसुओ की धराये बाह रही थी, रिया भी अब अपने भाई के निस्छल प्रेम को महसूस कर चुकी थी, वो समझ चुकी थी के यह प्रेम है, पूजा हे, दीवानगी हे, लेकिन इस में कही भी वासना नहीं हे, हा थोड़ा क्रोध था जो आसुओ के साथ वह चूका था, एक अहंकार था जो प्रेम प्रकाश में जल चुका था ,

दोनों भाई बहिन रो रो कर बेहाल हो रहे थे, जहां कुछ देर पहले दोनों एक दूसरे को जानी दुसमन लग रहे थे, एक दूसरे के लिए बुरा सोचे जा रहे थे, बुरा किये जा रहे थे, जो कमरा कुछ समय पहले वासना और छल कपट से भरा था, अब बहा केबल सीतलता थी, निर्मलता थी, देवालयों जैसी असीम शांति, और पवित्रता थी ,
 प्रेम के प्रकट होते ही बताबरण आद्यात्मिक हो गया था, सभी दोष जल गए थे अंधकार छठा गया था  अलौकिक प्रकाश फेल  गया था , केबल और केबल प्रेम बाकि रह गया था खुशिया बाकी रह गई थी , 


कुछ देर बाद दोनों सम्हाल गए शांत हो गए, राज तो रिया के  प्रेम में पागल दीवाना था ही रिया भी अब राज  के बारे में सोचने लगी, वो बड़ी थी एक अच्छी लड़की थी, समझदार थी,
 
वासना पूर्ति का सब का अपना अपना तरीका होता हे, आप किसी के तरीके को गलत नहीं कह सकते,
 यह हर बालिग मनुष्य का अधिकार होता हे, वो जैसे चाहे बंद कमरे में अपनी वासना पूर्ति कर सकता हे,

 रिया बाथरूम में जो करती थी वो उसका वासना पूर्ति का अपना ब्यक्तिगत मामला था, लेकिन उस तरीके से उस के बाहरी जीवन को नहीं मापा जा सकता,

 बहरी तौर पर वो एक बेदाग चरित्र की सामान्य सरीफ लड़की थी जो समाज धर्म और परिबार के सारे नियमो को मानती थी निभाती थी, 


वो राज से एक छोटे भाई के रूप में असीम मुहब्बत करती थी, दोनों ने पूरा जीबन साथ जिया था, दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते थे, और अब तो दोनों एक दूसरे के सामने और भी खुल गए थे, राज के आज के बर्ताव ने रिया के मन में उस के लिए प्यार और बड़ा दिया था ,वो जानती थी के राज चाहता तो उस को हासिल कर सकता था, लेकिन उस  ने रिया के साथ कुछ नहीं किया बल्कि खुद अपनी गलतियों की माफ़ी मांगी ,

रिया की नजर में राज और ऊचा उठ गया, वो भी राज पर मोहित होने लगी, लेकिन अभी भी उस के संस्कार उस का पीछा नहीं छोड़ रहे थे, सो वो संस्कारी लड़कियों की तरह मन की बात को मन की गहराइयों में दबा कर रह गई. 
राज ने बाथरूम और रिया के बैडरूम से कैमरे निकल दिए थे साडी रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी थी ,
   
अब राज और रिया सामान्य लाइफ जीने लगेलेकिन एक दूसरे के वीडियो देख चुके थे, एक दूसरे के बारे में पहले से ज्यादा जान चुके थे , वो दोनों अब थोड़ा खुल गए थे भाई बहिन से कुछ कुछ दोस्त बन गए थे डबल मीनिंग की बातें करने लगे थे,

कहाँ जा रही हो दीदी 

भाई मार्किट जा रही हु तुजे कुछ मगना हे  

हा  दीदी मेरा ब्रश ख़राब हो गया हे नाली में गिर पड़ा था दूसरा ले आना 

राज की बात सुनकर रिया समझ गई के वो क्या कहना कह रहा हे 

भाई ब्रश तो में ले आउगी लेकिन नाली तो खुली ही  रहती हे कही तेरा ब्रश फिर गिर गया तो और कही इस  बार  जहां तो पेस्ट लगता हे उस तरफ से गिरा तो.

अरे नहीं दीदी ऐसा मत करना में बही ब्रश डेटोल से धो धो कर यूज़ कर लूगा लेकिन तू मेरे ब्रश को पेस्ट लगाने वाली तरफ से गिरने की बददुआ न दे,

ठीक  हे भाई जैसे तू कहे, अच्छा भाई  कल तेरा जन्मदिन है तेरे लिए गिफ्ट लेकर आउगी

वाओ दीदी क्या लाओगी गिफ्ट में   

यह तो कल ही पता चलेगा केक काटने के बाद पार्टी खतम होने के बाद जब तू सब की गिफ्ट खोलेगा 

लेकिन दीदी कल तो मम्मी पापा मामा के घर शादी में  जा रहे हे कल तो हम दोनों ही होंगे हम दो लोगो में क्या पार्टी होगी

अरे यार चिंता क्यों करता हे में हु न तू हे न दोनों मिलकर जोरदार पार्टी करेगे चल में जाती हु 

रिया शॉपिंग कर के आ गई वो राज के लिए गिफ्ट के साथ पिज़्ज़ा भी लाई थी दोनों बैठ कर पिज़्ज़ा खा रहे थे 

दीदी में आप से कुछ कहना चाहता हु

हा बोल भाई क्या कहना हे 





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी - by suneeellpandit - 26-03-2019, 01:41 PM



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