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Adultery मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी
#4
वो अपनी चूत को टोटी पर रगड़ती अपनी गांड में ब्रश पेलती  जा रही थीवो उतेज़ना क़े अंतिम सफर पर पहुंचने वाली थी वो जोर क़े झटके लेने लगी मुँह से बहती लार और तेजी से बहने लगी, तभी 


तभी जोर जोर  से  भजनो की आवाज आने लगी किसी ने फुल साउंड पर टीवी चालू कर क़े कोई धार्मिक चैनल लगा दिया था

कोई बहुत पहुंचे हुए कथा बाचक भजन सुना रहे थे

रिया दीदी पर मानो किसी ने खौलता पानी ढाल दिया उस क़े हाथो से ब्रस छूट गए वो सदमे से पीछे हट कर दीवाल से टिक गयी

हमें अपनी वासना पर काबू पाना सीखना होगा, वासना नर्क का मार्ग होती है, अपने जीवन से वासना को  निकाल दो, वासना आदमी को जानवर बनती है,
 
सुबह सुबह  टीवी पर एक बहुत बड़े कथा बाचक अपनी कथा सुना रहे थे, लाखो लोगो की भीड़ उस को बड़े धयान से सुन रही थी

वहां रिया दीदी की आँखे अंगारो जैसी जल रही थी गुस्से  क़े मारे उस क़े नथुनो से चिंगारिया निकाल रही थी, ऐसी अबस्था में टीवी से निकलती आबज़े उस क़े कान में पिघले सीसे क़े तरह लग रही थी ,
वो जोर से चिल्लाई किस पागल ने सुबह सुबह इतनी तेज़ आबाज में टीवी चालू किया,

सॉरी दीदी गलती से हो गया अभी बंद करता हु,

मोबाईल में रिया की हालत देखता राज अपना मुँह पकडे लोटपोट हो रहा था
गुस्से और काम अग्नि  से जलती नाहा धोकर रिया बाथरूम से  बहार आई और जलती नजरो से राज को देखने लगी

और राज मासूम बच्चा मैथ  की किताब पड़ रहा था

रिया का दिन फिर से बिगड़ गया, सुबह से ही मूड ख़राब हो गया वो नास्ता कर क़े कॉलेज चली गई,

 
और मासूम बच्चा अपने प्लान को आगे ले जाने क़े बारे में सोचने लगा

रिया का मन आज बहुत बेचैन था, चूत की आग उस को परेशान कर रही थी, उस का कॉलेज में भी मन नहीं लगा, उस ने सोचा चलो घर चल  कर दोपहर में कोशिस करते है,
 
दोपहर में तो घर में शांति होती है मम्मी पापा ऑफिस चले जाते है और राज भी पड़ता रहता है

राज ने रिया दीदी की एक्टिवा की आवाज सुनते ही अपने को प्लान क़े अगले पार्ट क़े लिए तैयार कर लिया

रिया घर क़े अंदर आई और अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगी वो जेसे ही अपने कमरे में गेट पर पहुंची तो बड़ी जोर से  चौक गई उस क़े पैर थम गए

राज रिया क़े बेड पर नंगा खड़ा था और बेड पर रिया की 4 -5  ब्रा और पैंटी पड़ी थी,
 

वो xossipy  खोले honey boy की कहानी  " ये गलत है (भाई-बहन का प्यार)" पड़ रहा था और अपना लन्ड हिला रहा था,



// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी - by suneeellpandit - 26-03-2019, 01:37 PM



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