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Adultery मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी
#3
जेसे जेसे वो कहानी पड़ती जा रही थी उस की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. वो खुद को कहानी की नयका समझने लगी.  उस का बदन काम की आग में जलने लगा. उस ने अपनी चूत को मुठी में जकड़ लिया और जोर जोर से मसले लगी. जेसे कपडा निचोड़ रही हो. वो अपनी चूत को निचोड़ने लगी. उसे मीठा दर्द हो रहा था लेकिन वो और दर्द महसूस करना चाहती थी.
 वो खड़ी हो गई और नल के पास जाके अपनी चूत नल की टोटी पर रख दी, और नल को अपनी चूत में घुसाने लगी, उस की क्वारी चूत में नल की टोटी थोड़ा सा घुस गई वो जोर से सिसक पड़ी, वो अपने दूध दबाने लगी ,और अपनी चूत को हलके हलके नल की टोटी पर रगड़ने लगी, तभी उस नई नजर ब्रस पर पड़ी उसकी आखो में चमक दौड़ गई उस ने अपना और राज का पेस्ट करने का ब्रश उठा लिया, और दोनों को उलटी तरफ से अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी, अब उस ने एक ब्रस मुँह से निकला और अपनी गांड के सुराख़ पर रगड़ने लगी, हलके हलके रगड़ने के साथ अब वो ब्रस को अपनी गांड में घुसाने लगी,
 
उफ़ क्या नजारा था राज मोबाईल में यह नजारा देख कर पागल हो गया अपनी बड़ी बहिन को नल की टोटी चूत में डाले और पेस्ट करने का एक  ब्रश गांड में डाले और एक ब्रश लन्ड जेसे चूसते देख उस का लन्ड उत्तेजना से फूल गया, उफ़ ऐसा कामुक नजारा, उस ने कभी सोचा भी न था के रिया दीदी इतना कामुक और kinki है,
 अब रिया दीदी एक हाथ से जोर जोर से ब्रश से अपनी खुद की गांड मारे जा रही थी. और दूसरे हाथ में पकडे ब्रश को लन्ड समझ अपने गले में उतरे जा रही थी, और अपनी  चूत टोटी पर रगड़ती जा रही थी,
 उस के मुँह से कुतियो जैसी लार बह रही थी, वो काम की उत्तेजना में पागल होती जा रही थी


वहां राज अपनी बड़ी बहिन का लाइव शो देख कर रिया की ब्रा को मुँह में घुसाए और रिया की लाल पैंटी को अपने लन्ड पर बांधे   जोर जोर से अपना लन्ड हिला रहा था, वो ब्रा को ऐसे चूस रहा था मनो वो रिया दीदी की ब्रा नहीं उन की दूध हो, और वो पैंटी को भी रिया दीदी की चूत समझकर अपने लन्ड से रगड़े जा रहा था, उस का लन्ड रिया दीदी को इतने भयानक तरीके से काम  क्रिया देखा उत्तेजना से फूलने लगा उस की लन्ड से माल की पिचकारी रिया दीदी की लाल मखमली पेंटी को भिगोने लगी, वो अपनी बड़ी दीदी को ब्रश से खुद की गांड मारते देख सिसकारियां छोड़ता झड़ने लगाउस की लन्ड की माल से उस की सगी बड़ी बहिन की पैंटी भर गई लाल लाल मखमली पेंटी लन्ड क़े सफ़ेद  माल से सन कर और कामुक  लगने लगी.

वहां रिया काम की आग में जलती एक सरीफ लड़की से, कुत्तो क़े झुंड में फसी कामुक कुतिया में  बदल गई थी

वो अपनी चूत को टोटी पर रगड़ती अपनी गांड में ब्रश पेलती  जा रही थीवो उतेज़ना क़े अंतिम सफर पर पहुंचने वाली थी वो जोर क़े झटके लेने लगी मुँह से बहती लार और तेजी से बहने लगी, तभी 
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी - by suneeellpandit - 26-03-2019, 01:36 PM



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