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Adultery मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी
#2
अब उसकी जिंदगी का मकसद रिया को अपनी रंडी बनाना था.

अब वो अपनी सगी माँ जाइ बहिन को किसी बाजारू रंडी की तरह चोदना चाहता था.
वो एक नाकाम आशिक बन गया था जो अब अपनी महबूबा को बर्बाद कर देना चाहता था.
अब राज अपनी चालें चलने लगा.
  
रिया दीदी और समीर की शादी होने वाली थी दोनों ने फोन पर अब काफी  खुल कर बात करना सुरु कर दिया था समीर रिया को सेक्स स्टोरी और प्रोन मूवी  भेजने लगा, रिया को भी जवानी का अहसास होने लगा,
 
रिया की चूत भी मचलने लगी वो भी चूत सहलाते सहलाते सेक्स स्टोरी पड़ने लगी.  


रिया कल रात को काफी देर तक समीर से बातें करती रही दोनों ने बहुत उत्तेजित फोन सेक्स किया रात को  उस की कुवारी चूत ने दो बार पानी छोड़ा फोन पर चूत लण्ड की बातें का भी एक अलग मज़ा है चुदाई की  बातें करते करते समय का पता ही नहीं चलता बातो बातो में चूत सहलाते सहलाते  कब रात गुजर जाये कब  सुबह हो जाये  कुछ पता है नहीं चलता.

आज वो थोड़ा लेट उठी शरीर में रत जगे की टूटन और आखो में चुदाई की बातो की खुमारी के साथ वो बाथरूम में जाके नंगी हो गई और अपने बदन को आईने में देखने लगी. क्या कयामत जिस्म था 32  के बूब केले के पेड़ो जैसी चिकनी जाँघे बड़े बड़े गोल गोल संगमरमर जैसे सफ़ेद चूतड़ दोनों जांघो के बीच सुनहरी सुनहरी झाटो से घिरी गुलाबी चूत. रिया खुद के नंगे जिस्म को को देखा देखा कर फिर से वासना की खुमारी में खोती जा रही थी. उस के हाथ अपने बूब्स पर पहुंच गए वो अपने निप्लो को हलके हलके मसलने लगी अपनी जाँघे आपस में  रगड़ने लगी.
 
फिर वो जाके कमोड पर बैठ गई और मोबाइल पर xossipy  खोल कर  "komaalrani " की कहानी "सोलवां सावन" पड़ने लगी. रिया जैसे जैसे कहानी पड़ती जा रही थी उस की उतेज़ना  और बढ़ती जा रही थी. उसे पता भी न चला कब उस का हाथ उस की चूत से खेलने  लगा उस की जाँघे खुल गई. वो अपनी चूत को जोर से मसलने लगी वो बार बार अपने पिशाब बाले छेद को कुरेदे जा रही थी. वासना उस के पूरे वजूद पर हाबी हो गई थी काम की आग ने उस की सराफत का चोला जलादिया था. वो दीवानो की तरह अपनी चूत और दूध मसलने लगी वो खड़ी हो गई और दीवाल पर अपने नग्न शरीर को रगड़ने लगी. अपने दूधो को पकड़ के अपने निपल दीवाल से घिसने लगी अपनी चूत से दीवाल पर धक्के पे धक्के  मारने लगी. वो किसी आग  में जलते इंसान जैसे तड़प रही थी. उस को देख कर समझ आ रहा था के शरीर के अंदर की आग की तड़प बाहर की आग से ज्यादा भयानक  होती है. अब वो बाथरूम की  जमीन पर लेट गई और अपना एक हाथ जांघो के बीच में दवा के दूसरे हाथ से अपने दूध मसलने लगी. वो फर्श पर करवटें बदलने लगी उस की चूत से पिशाब की धार निकलने लगी वो जांघो से और जोर से हाथ को दबाने लगी उस ने दोनों हाथ जांघो के बीच में  डाल दिए.  वो खुद के पिशाब से भरे  फर्श पर लोटने लगी उस का पूरा शरीर उस के बाल पिशाब से भीग गए थे. वो वासना की आज में तड़प रही थी वो पिशाब से भरे फर्श पर उलटी लेट गई और दोनों हाथ चूत में दवाये अपने पैरो को आगे पीछे करने लगी जोर जोर से झटके मारने लगी. वो खुद को चोदने लगी. उस ने अपना मुँह फर्श पर भरी पिशाब में लगा और जोर जोर  सु सु की आवाजे करते करते हुए अपना पिशाब पिने लगी. अपना पूरा मुँह पिशाब में डाल कर वो जोर जोर से झटके मारने लगी अचानक उस का पूरा शरीर कांपने लगा और हाथो को जोर से चूत पर दवाये यह बहा लोटने लगी .और एक हलकी सी चीख मारके शांत पड़ गई. उस की चूत से उस की जवानी का पानी बहने लगा. वो जोर जोर से सांसे लेने लगी. उस की आँखे बंद हो गई वो काम वासना के परम सुख को महसूस करती अपनी ही  पिशाब में नहाई किसी कुतिया की तरह बाथरूम के गंदे फर्स पर पड़ी थी.  फिर रिया दीदी ने अपना चूत के माल से भरा हाथ अपने मुँह के पास लाया और  अपने चेहरे पर मलने लगी अपने मुँह में घुसने लगी जीव निकाल कर उगलिया चाटने लगी माल चाट कर उस ने 4 -5  बार और करवट बदली अपने शरीर को फिर से अपने पिशाब से भीगा लिया. फिर वो आईने के सामने खड़ी होकर खुद को निहारने लगी. तुलना करने लगी के वो पहले ज्यादा अच्छी लग रही थी के अब .समीर उस को कोन से रूप में देखना पसंद करेगा पहले वाले या इस वाले.


बाथरूम क्या जगह होती है, कहा जाये तो बाथरूम एक अलग ही दुनिया होती है जहां इंसान बिल्कुल बदल जाता है. बाथरूम वो जगह होती है जहां इंसान अकेला होता है, जहां वो जो चाहे वो कर सकता है, बाथरूम समाज जाती धर्म संस्कार मर्यादा तमीज तहजीब अपना पराया सब से दूर एक अनोखी दुनिया जहां इंसान जो चाहे वो कर सकता है, बिना नकाब के अपनी फेंटेसी पूरी कर सकता है, यहाँ आप को कोई नहीं देख सकता, जैसी रिया दीदी अपनी सराफत का चोला उतर अपनी ही पिशाब में लोट लोट कर अपनी वासना शांत कर रही थी 

लेकिन क्या रिया दीदी को किसी ने नहीं देखा? या यू कहो के रिया दीदी ने बाथरूम में छुपा हुआ वीडियो रिकॉर्डिंग करता मोबाइल नहीं देखा. 
 
राज मोबाईल में रिया की बाथरूम की रिकॉर्डिंग देख़ कर सोच रहा था.  


हा हा हा हा मेरी प्यारी रिया दीदी कितनी शरीफ हो तुम, वाह वाह बाथरूम में क्या क्या कारनामे करती हो, वाह दीदी वाह तुमने तो रंडियो को भी फेल कर दिया बड़ी आग लगी हे तेरे बदन में, साली मुझे शराफत का भाषण दे रही थी तू ,अब बताता हु तुझे के में क्या चीज हू, अब तुझे मेरी रंडी बनने से कोई नहीं बचा सकता बस आज जरा तेरे यार समीर का इंतजाम कर दू फिर तुझ को देखता हू,


वाह समीर भाई पापा की  बुलेट लेकर आया हे क्या बात हे, आज तो लगता हे रिया भाभी के साथ कही घूमने जाना हे,

नहीं यार आज कॉलेज के बाद थोड़ा काम हे इसलिए लाया हू, रिया तो आज कॉलेज आएगी ही नहीं उस को कुछ काम हे घर पर चल क्लास में चलते हे. 

समीर दोस्तों के साथ क्लास में चला गया

कुछ ही देर  बाद  राज छुप छुप कर समीर की बुलेट के पास आता हे और अपनी जेब से छोटी आरी निकलता हे  और आरी से बुलेट के ब्रैक बायर को 90 %  काट देता हे, .

चल बैठ यार जरा घर का सामान भी लेना हे आज जल्दी निकलते हे

ठीक  हे भाई चल लेकिन बुलेट जरा आराम से चलना, तेरे हाथ में बुलेट आ जाती हे तो तू तो बुलेट को हवाईजहाज़ बना देता हे

अबे बुलेट भी कही आराम से चलाई जारी हे चूतिये, बुलेट तो 150  पर ही भगाई  जाती हे चल बैठ जल्दी

समीर के दोनों दोस्त बुलेट पर बैठ गए और समीर ने गाड़ी आगे बड़ा दी

जैसे ही बुलेट हाईवे पर पहुंची समीर ने फुल रफ़्तार से बुलेट दौड़ना शुरू कर दी बुलेट 150  की स्पीड से भागने लगी, तीनो लोग रफ़्तार के इस सफर का आनंद उठाने लगे, लेकिन वो नहीं जानते थे के उन के पीछे अपनी एक्टिवा से एक मासूम दरिंदा चला आ रहा था ,अपने दरिंदो भरे काम का अंजाम अपनी आखो से देखने की चाहत लिए,

अबे समीर ब्रेक लगा सामने दो ट्रक रहे हे, समीर पूरी ताकत से ब्रेक दवाता हे, लेकिन तभी कड़ाक की आवाज़ के साथ ब्रेक बायर टूट जाता हे, और वो लोग जब तक कुछ  समझ सकते बुलेट 150  की रफ़्तार से अपने बिपरीत दिशा से आ रहे ट्रक में घुश जाती हे, ट्रक वाला भी जबतक ब्रेक लगता तब तक तो ट्रक बुलेट और उस पर सवार  तीनो को कुचलता 100  मीटर आगे निकल चुका था, ट्रक बाले ने एक नजर पीछे देखा तो वो काँप गया वहां तो केबल खून का दरिया था किसी इंसान का वजूद तो दिख ही नहीं रहा था, वहां तो केबल टुकड़ो में बट्टी बुलेट और चीथड़ों में बिखरे इंसानी मांस के लोथड़े दिख रहे थे ,उस ने जल्दी से ट्रक भगा लिया

दरिंदा भी बहा पहुंच चुका था  भीड़ में खड़ा बो मोबाईल से सड़क पर बिखरे इंसानी मांस के लोथड़ो और सड़क पर  खून से बने तालाब का वीडियो बना रहा था और मन ही मन अपनी करतूत पर हस रहा था.

समीर की मौत की खबर सुनकर रिया सदमे से पागल हो, गई २-३ दिन तो उस से कुछ खाया ही नहीं गया

कहते ही वख्त बड़े से बड़े गम को भुला देता हैं 15  दिनों में रिया भी समीर को भूल कर अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगी,
 
वहां राज ने भी अपना प्लान आगे बड़ा दिया था उस ने रिया के बैडरूम और बाथरूम में wifi कैमरा लगा दिया था, जिस से अब वो अपने मोबाईल पर रिया की गतिबिधिया देख़ सकता था और रिकॉर्ड कर सकता था.
उसने रिया को हासिल करने का बड़ा ही दिलचस्प प्लान बनाया था.अब उसे केबल वख्त का इंतजार था और वख्त आने ही वाला था .

रिया सुबह उठ कर बाथरूम में पहुंची काफी दिन हो गए थे समीर के गम की बजह से  उस ने चूत की तरफ देखा भी नहीं था, लेकिन आज सुबह से ही उस की चूत मचल रही थी आज वासना की खुमारी फिर उसे मदहोस कर रही थी

उस ने "xossipy" खोली और "Lion000666" की कहानी  "Nazbeen Behek Gayi"  पड़ने लगी,
 
कहानी के शब्दो की गर्मी से उस के जवान जिस्म में वासना की लहरे मचलने लगी, उस का हाथ अपनी कुवारी चूत पर पहुंच गया वो कहानी पड़ते पड़ते अपनी चूत को सहलाने लगी, चूत तो कब से इसी इंतज़ार मै थी,
 
उसने भी हाथ पर हल्का सा काम रास छोड़ दिया रिया ने चूत रास लगा हाथ अपने मुँह में डाला और उंगलियों को चाटने लगी, अपनी चूत का माल चाट कर उस की आखे नसे में बंद हो गई और उस ने मुँह से हाथ निकाल कर अपनी चूत पर रखा और जोर जोर से अपनी चूत मसलने लगी वो खड़ी  हो गई और दीवाल से चिपक गई और अपने चूतड़ जोर लगाके अपने हाथ पर दवाने  लगी, वो सिसकारियां लेने लगी काम की आग पुरितः भड़क चुकी थी वो मस्ती में खोटी जा रही थी, के तभी ,


दीदी ओ दीदी क्या कर रही हो इतनी देर से जल्दी निकलो मुझे नहाना हैं

मनो किसी ने करेंट का तार रिया के ऊपर ढाल दिया, राज की आवाज सुनकर वो हड़वड़ा गई गुस्से से उस की आँखे लाल हो गई, बस कुछ ही पालो में वो पानी छोड़ने वाली थी, राज की आवाज से उस का स्खलन होते होते रह गया, उस का चेहरा वासना की आग से लाल हो रहा था, उसे राज पर बहुत गुस्सा आया, लेकिन वो क्या कर सकती थी बाथरूम की बातें तो पति से भी सेयर नहीं की जाती, और फिर वो जो कर रही थी वो सामाजिक और परिवारी रूप से गलत भी था, और रिया दीदी भी बाथरूम के बाहर एक संस्कारी सीधी सदी शरीफ लड़की थी,

बस भाई दो मिनिट में निकलती हू कह कर वो जल्दी से फ्रेस होने लगी, और मन ही मन अपने एकलौते  लाडले छोटे  भाई को हजार हजार गालिया देने लगी,

वहां राज मोबाईल में रिया का हाल देख़ कर अपना पेट पकड़ कर हसीं के मरे लोट  पोत हो रहा था,
 
उस का प्लान सफल हो रहा था, यही तो  उस का प्लान था जब भी रिया का स्खलन होने वाला होगा वो उसे डिस्टर्व कर देगा वो रिया दीदी को काम की आग  भड़का ने तो देगा लेकिन बुझाने नहीं देगा.  
 
रात के 12   बज चुके थे रिया वासना की आग में जलती करबटें बदल रही थी,

 
उसे समझ नहीं आ रहा था बो अपनी आग कैसे बुझये, वो एक सरीफ लड़की थी जल्दवाजी में कुछ गलत करना नहीं चाहती थी, उसे अपने परिवार की मर्यादा का पूरा ख्याल था, वो अंदर ही अंदर घुटती जा रही थी, उस के अंदर वासना की आग बढ़तीही जा रही थी

7 -8 
दिन से वो जब भी अपने हाथो से अपनी चूत को ठंडा करने  की कोशिस करती किसी न किसी बहाने से राज उस को डिस्टर्व कर देता, अभी कुछ समय पहले  भी वो अपनी चूत रगड़ रही थी के राज जोर जोर से खांसने लगा था, उस ने सोच लिया था के वो कल जल्दी उठेगी और बाथरूम में जाके अपनी चूत की आग तो ठंडा करेगी. 


सुबह के पांच बज रहे थे रिया जल्दी से बाथरूम पहुंची और नंगी होकर मोबाईल पर xossipy  खोल चुकी थी और sangeetha69   की कहानी Me Mom and Brother  पड़ने लगी.





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // मासूम दरिंदा // by सोफिया आलम नकवी - by suneeellpandit - 26-03-2019, 01:36 PM



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