26-03-2019, 01:27 PM
समीर अब और अधिक सक्रिय लग रहा था उसने अस्मा के बाकी कपड़े भी पैरों से निकाल दिये और उसकी पैन्टी निकालने में भी देरी नहीं की उसके भग प्रदेश में थोड़े से बाल थे जो योनि को आच्छादित करने में असमर्थ थे l
पहली बार ,उसने गौर किया कि उसकी बहन पली बार शर्म से लाल हुईl
उसे बहन सेक्स की बारीकियों मे जाने की चिन्ता नहीं थी अतःउसने बिना कोई देरी किये अपनी बहन की चूत पर मुँह रख दिया और अपनी खुरदरी जीभ से उसकी चूत पर तेजी से प्रहार करने लगा
कुछ क्षण बाद, उसकी जीभ मुँह से लपलपाकर निक्ली और उसकी तर चूत की गहराइयों में समाती चली गई l
भाई के द्वारा उसके बह्ते हुए प्रेम द्रव्य को चाट्ने से उत्पन्न कामोन्माद से अस्मा की साँस उखड़्ने की कगार पर पहुँच गई l
"Yessss!" Asma चिल्लाई और उसका शरीर हवा में एक धनुष की तरह धनुषाकार हो गया l
समीर के चेहरे पर sadistic मुस्कराहट उभर आई और उसने विद्युत गति से अपनी दो उँगलियाँ अस्मा की योनि में घुसा दीं l
Asma क्षणिक विराम के बाद पुनः चिल्लाने लगी जैसे ही उसके भाई की उँगलिया उसकी योनि की अतल गहराइयों मे तेजी से आ जा रहीं थीं और अस्मा कामुक सिसकारियाँ लेते लेते कामोन्माद में चिल्लाने लगती l
उसे अपनी बीबी की याद ताजा हो गई जो समागम से पूर्व इस तरह के उँगल चुदाई का आन्न्द लेने से नहीं चूकती थी l
उसकी उंगलियाँ तब तक उसकी चूत में खल्बली मचाती रही जब तक कामोन्माद के चरम शिखर पर पहुँच कर उसने आन्नद से चिल्ला कर योनिरस नहीं छोड़ दिया और उस रस की फ़ुहार की कुछ छींटे उसके चेहरे पर आ गिरींl
"ओह ! समीर ! कितना प्यारा था ", अब पता चला कि पिछ्ले कितने दिनों से इस सुख से वंचित थी और समीर के ने जैसे ही झुक कर उसके चेहरे के समीप आने काप्रयास किया उसने अपने होठ उसके होठो पर रख दियेl
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
उसने पहल करते हुए आलिंगनबद्ध होकर उसके माथे से लेकर उदर तक चुम्बनों की बरसात कर दीl
और धीरे से उसने हाथ नीचे सरकाकर उसके लण्ड पर हल्के -हल्के प्रहार करने आरम्भ कर दिये जिससे प्रतीक्षित चुदाई का शुभारम्भ किया जाएऔर यह जानने के लिये कि उसके भाई को मजा आ रहा है,ऊपर देखाऔर उसके लण्ड पर एक चुम्बन रख दिया ,
अपनी बहन के नाजुक होठों का अह्सास पाकर समीर ने स्वयं को मेघों के मध्य उड़ता हुआ महसूस किया l
उसने अपने भाई के लण्ड पर इस तरह से जिव्हा फ़िराई कि उसका कोई भी हिस्सा न छूटा l
समीर के सिर तुरंत वापस झटका लगा जैसे ही उसने समीर का समूचा लण्ड अपने मुहँ रूपी जादूई गुफ़ा मे घुसा लिया l
पहली बार ,उसने गौर किया कि उसकी बहन पली बार शर्म से लाल हुईl
उसे बहन सेक्स की बारीकियों मे जाने की चिन्ता नहीं थी अतःउसने बिना कोई देरी किये अपनी बहन की चूत पर मुँह रख दिया और अपनी खुरदरी जीभ से उसकी चूत पर तेजी से प्रहार करने लगा
कुछ क्षण बाद, उसकी जीभ मुँह से लपलपाकर निक्ली और उसकी तर चूत की गहराइयों में समाती चली गई l
भाई के द्वारा उसके बह्ते हुए प्रेम द्रव्य को चाट्ने से उत्पन्न कामोन्माद से अस्मा की साँस उखड़्ने की कगार पर पहुँच गई l
"Yessss!" Asma चिल्लाई और उसका शरीर हवा में एक धनुष की तरह धनुषाकार हो गया l
समीर के चेहरे पर sadistic मुस्कराहट उभर आई और उसने विद्युत गति से अपनी दो उँगलियाँ अस्मा की योनि में घुसा दीं l
Asma क्षणिक विराम के बाद पुनः चिल्लाने लगी जैसे ही उसके भाई की उँगलिया उसकी योनि की अतल गहराइयों मे तेजी से आ जा रहीं थीं और अस्मा कामुक सिसकारियाँ लेते लेते कामोन्माद में चिल्लाने लगती l
उसे अपनी बीबी की याद ताजा हो गई जो समागम से पूर्व इस तरह के उँगल चुदाई का आन्न्द लेने से नहीं चूकती थी l
उसकी उंगलियाँ तब तक उसकी चूत में खल्बली मचाती रही जब तक कामोन्माद के चरम शिखर पर पहुँच कर उसने आन्नद से चिल्ला कर योनिरस नहीं छोड़ दिया और उस रस की फ़ुहार की कुछ छींटे उसके चेहरे पर आ गिरींl
"ओह ! समीर ! कितना प्यारा था ", अब पता चला कि पिछ्ले कितने दिनों से इस सुख से वंचित थी और समीर के ने जैसे ही झुक कर उसके चेहरे के समीप आने काप्रयास किया उसने अपने होठ उसके होठो पर रख दियेl
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
समीर ने अपने शरीर को तिरछा कर अपने ब्रीफ़ से छुट्कारा पाया इस बीच उसकी बहन उसके ने उसके मीनार के समान खडे लण्ड का दीदार किया l
उसने पहल करते हुए आलिंगनबद्ध होकर उसके माथे से लेकर उदर तक चुम्बनों की बरसात कर दीl
और धीरे से उसने हाथ नीचे सरकाकर उसके लण्ड पर हल्के -हल्के प्रहार करने आरम्भ कर दिये जिससे प्रतीक्षित चुदाई का शुभारम्भ किया जाएऔर यह जानने के लिये कि उसके भाई को मजा आ रहा है,ऊपर देखाऔर उसके लण्ड पर एक चुम्बन रख दिया ,
अपनी बहन के नाजुक होठों का अह्सास पाकर समीर ने स्वयं को मेघों के मध्य उड़ता हुआ महसूस किया l
उसने अपने भाई के लण्ड पर इस तरह से जिव्हा फ़िराई कि उसका कोई भी हिस्सा न छूटा l
समीर के सिर तुरंत वापस झटका लगा जैसे ही उसने समीर का समूचा लण्ड अपने मुहँ रूपी जादूई गुफ़ा मे घुसा लिया l
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!