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Adultery शादी की सालगिरह बहन के साथ (neerathemall)//
#3
क्षणांश के लिए उसकी नजरें हवा में भटकने के बाद साहसपूर्वक उसके स्तनों पर जाकर ठहर गईं l यह असामान्य क्षण उन दोनों के लिये रोमांचक क्षण था.

 
समीर उसकी बहन के विपरीत स्थिर बैठा हुआ था. उसने अपने पैरों से उसके पैरों के पार डाल कर
वह उसके सीने् पर झुकती चली गई और कहा कि "मैं चाहती हूँ कि
आप मुझे एक दिन के लिए सलमा मान लें

समीर तुरंत पशु प्रवृत्ति द्वारा जीत लिया गया. जैसे ही उसने उसकी ओर अपना सिर झुकाना शुरू किया समीर नेअपने हाथों से उसके सिर को पकड़ा

और अपनी ओर खींच लिया.


उनके होंठ एक्क दूसरे के होंठो मे दब रहे थे और समीर की जीभ उसके मुँह के भीतर भ्रमण कर रही थी

तभी समीर ने झट्का खाया और अपनी बहन को साथ में खींच कर फर्श पर पसर गया

वह समीर के सीने से चिपकी हुई थी , समीर का उभार उसके जघन- प्रदेश में घुस जाना चाहता था वे एक दूसरे से आलिंगन्बद्ध फ़र्श पर लोट रहे थे

समीर उसकी स्वचालित जिज्ञासा से चकित था जैसा कि उसने
बेसब्री से समीर के पायजामे के नाड़े को खोला और बहुत ही जल्दी से पजामे को खींच कर अलग कर दिया


वह एक अनुभवी सवार की तरह उस पर चढ़ गई और उसके कठोर शरीर पर धक्के लगाने लगी l जैसा ही वह आगे झुकी उसके लंबे बा्लों ने उसके चेहरे को ढ्क लिया और उसके बालो के इत्र की खुशबू ने उस पर विजय प्राप्त की l

उसने अपने सिर को बग़ल में कर के उसके चेहरे को बालों के आवरण से मुक्त कर दिया

और अपने होठों को उसके मुंह पर मजबूती से आरोपित कर दिया l
उसका दाहिना हाथ उसके
बालों के मध्य मे विचरण कर रहा था और जबकि उसका बाँया हाथ उसके पेट पर उत्तेजना की लहरें उठा रहा था l
उसके सारे शरीर पर सनसनीखेज लहरें. उसकी ब्रा उसके सीने के नीचे रगड़ खा रही थी और कपड़े के माध्यम से उभड़नेवाला निपल्स में गुदगुदी लग रही थी l

उसके होंठो ने कामुक यात्रा की शुरूआत

गाल, ठोड़ी और कान को चाट्ने से हुई . समीर अंदर के दानव ने बंधन तोड़ दिये और उसके हाथ बेसब्री से नितंबों पर वासनात्मक रूप से चल रहे थे
. उसने अपनी बहन के बारे मे सभी विचार खो दिये थे फर्श पर उसे अपने नियंत्रण मे करने के लिए

उसके शरीर पर चढ़ गया वह भी पीछे नहीं थी और उसने भी समीर की
कमर के चारों पैर लपेट और उसे अपनी तरफ़ पूरी ताकत लगा कर खींच लिया. वह अभी भी कमर के नीचे कपड़े पहने हुए थी फिर भी अपने शरीर से समीर को धक्के लगा रही थी l
 
" समीर एक क्षण मुक्त होने में कामयाब हुआ और कहा "तुम आज से बेहतर महसूस करोगी
आप करने जा रहे हैं.
मेरी जीभ तुम्हारी चूत को मजा देने जा रही है जब तुम मेरा घर छोड़ कर जा रही होगी तब तुम्हारे होठ दर्द कर रहेम होगें और तुम्हारी योनि की चौड़ाई कुछ बढ़ चुकी होगी
"हाँ," Asma उत्साह से चिल्लाया. "मैं ऐसी बाते सुनने के लिए तरस गई हूँ प्यार की ऐसी बाते ,बस करते जाओ


समीर के नीचे की उत्तेजना बढती जा रही थी और उसकी टागों के बीच उसकी बहन के होने के अहसास मात्र से ही उसे उत्तेजना की सरस जगंली धारा बहती हुई महसूस हो रही थी
उसकी नजरें
उन उभड़े स्तनों पर थीं, जो बंद ब्रा तड़क कर बाहर आने के लिये उतावले प्रतीत हो रहे थे . परिवार की जान,उसकी अपनी सेक्सी बहन उससे हर भी तरीके से चुदने के लिए तैयार थी


समीर अपनी बहन के उन नाजुक होंठो को चबाने के प्रलोभन से बच न सका उसकी . उसने तुरंत उसके साथ अपनी जीभ भिड़ा दी
यद्यपि वह उसके चुंबन का इंतज़ार कर रही थी और अपने हाथों मे उसके मजबूत कन्धे जोश मे आकर जकड़ लिए
"
मुझे पर आवरण के साथ मिठाई खानी है कह कर समीर ने उसकी ब्रा पर छ्लांग लगाई और उसके स्तनों को एक दूसरे के बाद चूसने लगा
.
वह ले लिया
मुंह के अंदर लगभग पूरे स्तन को लेकर तेजी से स्तनों को चूसने लगा
और उसके स्तन और उसके ब्रा के मिश्रित स्वाद को चखा.
वह जितनी जोर से चूसता उतनी ही जोर से उसकी सिस्कारी निकलती एक चूसने के बाद वह,
दूसरे को चूसना शुरू करने से पहले दोनों के बीच में विश्राम करने लगा
आप ऐसा सामान्य रूप सलमा से करते हैं?" उसने जिस अन्दाज में बात की, उसने कमोत्तेजना के आन्नद को भंग कर दिया
संतोषजनक चूषण सत्रावसान के बाद समीर ने बेचैन हो ब्रा हुक को जल्द बाजीमें नोच डाला
वह उसकी आँखों में चमकदार उम्मीदों की किरणों को देख सकता था जब वह उसके
नग्न स्तनों पर झुक रहा था. उसके हाथ उसके शरीर के बीच से फ़र्श पर उसके नितम्बों को जकड़ रहे थे
जबकि उसका मुंह उसके बाएं स्तन पर आ चुका था. वह जानबूझकर अपने नाखूनों से उसके नरम मुलायम नितम्बो पर निशान बना रहा था
जबकि उसकी उभरे हुए स्तन उसके मुंह की गिरफ्त में थे
.
वह जल्दी से कभी
बाएँ स्तन को तो कभी दायें स्तन को चूस रहा था वापस आ गया है और कभी कभी धीरे से उसकी निपल्स काट भी ले रहा था
.
वह हर बार जब वह सिसकारी भरती तो क्षण भर के लिये ठहर जाता मानो कि उसे भी तक्लीफ़ हो रही है और पुनः गोलार्द्धों पर जिव्हा की चोटों की बौछार कर देता
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: //शादी की सालगिरह बहन के साथ (neerathemall)// - by suneeellpandit - 26-03-2019, 01:26 PM



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