26-03-2019, 01:25 PM
"इसी कारण मैं यहाँ हूँ" Asma दूसरे छोर पर हँसी "मुड़ कर बाहर देखो l
समीर खिड़की की तरफ़ रवाना हुआ फिर गेट से अस्मा को सेलुलर फोन पकड़े, आते हुए देखा . उनकी आँखों एक बार मिली और
गर्म मुस्कान का आदान - प्रदान कियाl समीर ने अपने
हैंडसेट बंद किया और दरवाजे की ओर भागा कि उसकी बहन अंदर आ जाओ उसे
दाहिने हाथ आगे बढ़ाकर पहले दरवाजा खोला.
" सुखद आश्चर्य है!" समीर ने अपनी भावनाओ को प्रकट किए बिना ही मुस्कराया
वह अपनी बहन की विनम्र भाव अति प्रसन्न हुआ l घर
अचानक Asma की उपस्थिति के साथ जीवंत हो गया और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब विचार विमर्श में तल्लीन हो गय
ज़ोर जोर से हँसी कह्कहे गूँजने लगे ,माहौल मे रौनक सी छागई l
"आप अपने नाश्ते के बारे मे क्या विचार है?Asma नेहँसी में पूछा l
वह जानती थी कि उसके भाई में रसोईघर मेंखड़े होने का धैर्य कभी नहीं था l
कॉनटिनेंटल," समीर जोर से हँसा. "मक्खन के साथ ब्रेड." "मैंने भी यही सोचा था
Asma, "हँसी में शामिल हो गई, भाई के भावो से एक बार फिर
उसकी धारणा की पुष्टि हुई कि पुरुषों को रसोई घर के अंदर जाने से नफरत है ,
उसने अपने वैनिटी बैग से एक स्वच्छ पैकेट
खींच लिया जो अच्छी तरह से एक चमक पन्नी में लपेटा हुआ था.
समीर लगा उसमे जो भी है वह ब्रेड बटर से बेहतर ही होगा
” बहुत अच्छा है" समीर ने कहा सही मायने में Asma की प्रशंसा की और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब punctuated विचार विमर्श में तल्लीन हो गए
समीर अपनी बहन के चेहरे पर बात करते समय भावो मे आने वाले बदलाव को देख रहा था
यद्यपि Asma उससे दो साल छोटी थी वह हमेशा अपने लंबे, घने और काले बालों की विशेष देख्भाल करती थी जो उसकी कमर के नीचे तक जाते थे l
सुबह सर्दियों हवा से बचाव के लिए उसने अपने चारों ओर एक सुर्ख लाल रंग का शाल लपेटा था l
वह अपने बाएं गाल पर डिम्पल के कारण हमेशा सुन्दर लगती थी विशेष रूप से जब वह मुस्कराती थी उसके
विवाहित जीवन के छह साल बाद भी स्तनों का आकार में अच्छी तरह से बना था l
ऐसी उदात्त सुंदरताके कारण परिवार में वह हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही l
घर बहुत खाली खाली लग रहा है,कह्ते हुए भाँप लिया कि उसने उसे निहारते हुए देख लिया है l
तुम्हारी अगली साल गिरह पर नन्हा मुन्ना भी आ जाएगा" कह्ते हुए अस्मा ने अपना दाहिना हाथ उसकी गोद मे रख दिया समीर के लिए असज स्थिति उठ खड़ी हुई क्योंकि किशोरावस्था के बाद उन्होने एक दूसरे को छुआ भी न था l
"हाँ," समीर उसके सिर हिला बात की थी. "मैं इंतजार नहीं कर सकता."
"मुझे यकीन है आप नहीं कर सकते हैं" Asma हँसकर कहा.
"तुम हमेशा जल्दी बाजी मे रह्ते हो यही कारण है कि सलमा इतनी जल्दी गर्भवती हो गई
उसके लिए यह एक सुखद टिप्पणी किसी भी प्रकार से नहीं थी फिर भी Asma इस तरह की बाते अक्सर कर जाती थी
समीर उसके वैवाहिक जीवन की निराशा से परीचित था
हितेन उसका
पति व्यक्ति के रूप मे एक रत्न था. फिर भी हितेन अपने कारोबार की तुलना में
घर पर समय कम ही दे पाता था उसे अहसास था कि ही कि Asma इस्से कुछ अधिक चाह्ती थी
उस से थोड़ा बहुत ज्यादा की उम्मीद थी
उसे आसानी से रिसेप्शनिस्ट रूप में एक नौकरी मिल गई
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में है और जल्द ही रिसेप्शनिस्ट के तौर प्र ठेठ उद्यमी महिला साबित हुई
सलमा की देख रेख मे कोई कमी नहीं आनी चाहिये,बाप बनने के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ देना
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-
’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
अस्मा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "Asma
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l
तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,अस्मा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?
समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि सलमा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
अच्छा होगा कि मैं पार्सल खोल दूँ,कह कर अजीब तरह से मुस्कराते हुए कन्धे से खींच कर शाल उतार दिया अच्छी तरह से ढ्की गोलाइयों का अद्भुत नजारा समीर को पेश करते किया जो भाव शून्य रूप से स्थिर हो कर बैठा था l
वह आलिव ग्रीन रंग का लो कट गले वाला चूड़ीदार सूट पहने थी जिसका 'v' कट गला कृत्रिम पत्थरों से सजा था l अद्भुत रेशम कढ़ाई आस्तीन और कंधों बाहोँ पर गजब ढा रही थी ,इन कपड़ो मे वह गजब की सुन्दर लग रही थी l उसके कुर्ते के दो बटन खुले थे जिनसे स्तनो के बीच की दरार की झलक मिलती थी l उसके सुडौल आकार के स्तन के तीक्ष्ण किनारे इस बात की चुगली कर रहे थे कि उसने एकदम सही आकार की ब्रा पहन रखी है l
क्षणांश के लिए उसकी नजरें हवा में भटकने के बाद साहसपूर्वक उसके स्तनों पर जाकर ठहर गईं l यह असामान्य क्षण उन दोनों के लिये रोमांचक क्षण था.
समीर खिड़की की तरफ़ रवाना हुआ फिर गेट से अस्मा को सेलुलर फोन पकड़े, आते हुए देखा . उनकी आँखों एक बार मिली और
गर्म मुस्कान का आदान - प्रदान कियाl समीर ने अपने
हैंडसेट बंद किया और दरवाजे की ओर भागा कि उसकी बहन अंदर आ जाओ उसे
दाहिने हाथ आगे बढ़ाकर पहले दरवाजा खोला.
" सुखद आश्चर्य है!" समीर ने अपनी भावनाओ को प्रकट किए बिना ही मुस्कराया
वह अपनी बहन की विनम्र भाव अति प्रसन्न हुआ l घर
अचानक Asma की उपस्थिति के साथ जीवंत हो गया और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब विचार विमर्श में तल्लीन हो गय
ज़ोर जोर से हँसी कह्कहे गूँजने लगे ,माहौल मे रौनक सी छागई l
"आप अपने नाश्ते के बारे मे क्या विचार है?Asma नेहँसी में पूछा l
वह जानती थी कि उसके भाई में रसोईघर मेंखड़े होने का धैर्य कभी नहीं था l
कॉनटिनेंटल," समीर जोर से हँसा. "मक्खन के साथ ब्रेड." "मैंने भी यही सोचा था
Asma, "हँसी में शामिल हो गई, भाई के भावो से एक बार फिर
उसकी धारणा की पुष्टि हुई कि पुरुषों को रसोई घर के अंदर जाने से नफरत है ,
उसने अपने वैनिटी बैग से एक स्वच्छ पैकेट
खींच लिया जो अच्छी तरह से एक चमक पन्नी में लपेटा हुआ था.
समीर लगा उसमे जो भी है वह ब्रेड बटर से बेहतर ही होगा
” बहुत अच्छा है" समीर ने कहा सही मायने में Asma की प्रशंसा की और
जल्द ही भाई बहन कुछ अजीब punctuated विचार विमर्श में तल्लीन हो गए
समीर अपनी बहन के चेहरे पर बात करते समय भावो मे आने वाले बदलाव को देख रहा था
यद्यपि Asma उससे दो साल छोटी थी वह हमेशा अपने लंबे, घने और काले बालों की विशेष देख्भाल करती थी जो उसकी कमर के नीचे तक जाते थे l
सुबह सर्दियों हवा से बचाव के लिए उसने अपने चारों ओर एक सुर्ख लाल रंग का शाल लपेटा था l
वह अपने बाएं गाल पर डिम्पल के कारण हमेशा सुन्दर लगती थी विशेष रूप से जब वह मुस्कराती थी उसके
विवाहित जीवन के छह साल बाद भी स्तनों का आकार में अच्छी तरह से बना था l
ऐसी उदात्त सुंदरताके कारण परिवार में वह हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही l
घर बहुत खाली खाली लग रहा है,कह्ते हुए भाँप लिया कि उसने उसे निहारते हुए देख लिया है l
तुम्हारी अगली साल गिरह पर नन्हा मुन्ना भी आ जाएगा" कह्ते हुए अस्मा ने अपना दाहिना हाथ उसकी गोद मे रख दिया समीर के लिए असज स्थिति उठ खड़ी हुई क्योंकि किशोरावस्था के बाद उन्होने एक दूसरे को छुआ भी न था l
"हाँ," समीर उसके सिर हिला बात की थी. "मैं इंतजार नहीं कर सकता."
"मुझे यकीन है आप नहीं कर सकते हैं" Asma हँसकर कहा.
"तुम हमेशा जल्दी बाजी मे रह्ते हो यही कारण है कि सलमा इतनी जल्दी गर्भवती हो गई
उसके लिए यह एक सुखद टिप्पणी किसी भी प्रकार से नहीं थी फिर भी Asma इस तरह की बाते अक्सर कर जाती थी
समीर उसके वैवाहिक जीवन की निराशा से परीचित था
हितेन उसका
पति व्यक्ति के रूप मे एक रत्न था. फिर भी हितेन अपने कारोबार की तुलना में
घर पर समय कम ही दे पाता था उसे अहसास था कि ही कि Asma इस्से कुछ अधिक चाह्ती थी
उस से थोड़ा बहुत ज्यादा की उम्मीद थी
उसे आसानी से रिसेप्शनिस्ट रूप में एक नौकरी मिल गई
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में है और जल्द ही रिसेप्शनिस्ट के तौर प्र ठेठ उद्यमी महिला साबित हुई
सलमा की देख रेख मे कोई कमी नहीं आनी चाहिये,बाप बनने के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ देना
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-
’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
अस्मा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "Asma
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l
तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,अस्मा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?
समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि सलमा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
अच्छा होगा कि मैं पार्सल खोल दूँ,कह कर अजीब तरह से मुस्कराते हुए कन्धे से खींच कर शाल उतार दिया अच्छी तरह से ढ्की गोलाइयों का अद्भुत नजारा समीर को पेश करते किया जो भाव शून्य रूप से स्थिर हो कर बैठा था l
वह आलिव ग्रीन रंग का लो कट गले वाला चूड़ीदार सूट पहने थी जिसका 'v' कट गला कृत्रिम पत्थरों से सजा था l अद्भुत रेशम कढ़ाई आस्तीन और कंधों बाहोँ पर गजब ढा रही थी ,इन कपड़ो मे वह गजब की सुन्दर लग रही थी l उसके कुर्ते के दो बटन खुले थे जिनसे स्तनो के बीच की दरार की झलक मिलती थी l उसके सुडौल आकार के स्तन के तीक्ष्ण किनारे इस बात की चुगली कर रहे थे कि उसने एकदम सही आकार की ब्रा पहन रखी है l
क्षणांश के लिए उसकी नजरें हवा में भटकने के बाद साहसपूर्वक उसके स्तनों पर जाकर ठहर गईं l यह असामान्य क्षण उन दोनों के लिये रोमांचक क्षण था.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!