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Gay/Lesb - LGBT मनोज से माया तक का सफर
#71
_________________________अपडेट -- 11____________________________ 
घर पर पहुंचते ही कमला बाई ने दरवाजा खोला तो मैंने नोट किया की उन्होंने एक मैक्सी पहन रखी हुई है ,
जो बहुत ही सेक्सी और महंगी लग रही थी जिसमे से कमला बाई की चूँचियो की घाटी का नजारा बहुत ही 
आसानी से हो रहा था साथ ही कोई बढ़िया इत्र भी लगा रखा था जो पुरे घर को ही महका रहा था ....
खैर में अंदर आया तो कमला बाई ने सवाल किया की आज देर बहुत कर दी ना मैंने तो मैंने बहाना कर दिया ,
में ऊपर गया जल्दी से शॉवर लिया आज मेरे लंड  से तीन बार पानी निकला था में थक सा गया था नहा के बिस्तर पे गया 
तो मेरी आँख लग गयी ... करीब दो घंटे बाद मुझे कमला बाई ने झकझोर कर उठाया वो बोली :: खाना नहीं खाना क्या चलो निचे ,

में जल्दी से निचे गया खाना टेबल पर लगा हुआ था लेकिन पापा नहीं आये थे अभी तक मैंने अकेले ही खाना खा लिया ,
कमला बाई आज बहुत ही खुश लग रही थी ,खैर में वापस ऊपर आ गया कुछ देर पढ़ाई की फिर मेरी आँख लग गयी ,
रात को अचानक मेरी आँख खुली , मुझे जोर की प्यास लगी हुई थी ,आज में ऊपर पानी लाना भूल गया था , खैर में 
निचे गया निचे रसोई से पानी निकाल के पिया तभी मुझको कुछ अजीब सी आवाज सुनाई दी जो सिर्फ सेक्स के वक्त ही आती है ,
ये आवाजें पापा के रुम से आ रही थी पर पापा किसके साथ सेक्स कर रहे होंगे क्या कमला बाई के साथ ?? में कुछ समझ नहीं पा रहा था 
मेरे कदम पापा के रूम की और बढ़ने लगी थे पापा के रूम की एक खिड़की पर पर्दा नहीं लगा हुआ था में उसी में से देखने लगा ......
कमला बाई घोड़ी बनी हुई थी पापा के बिस्तर पर पापा उसके पीछे अपना लंड रगड़ रहे थे उफ़ क्या लंड था पापा का गोरा चिट्टा लंबा मोटा 
करीब आठ इंच तो पक्का ही होगा मुझको कुछ कुछ होने लगा में वहीं खड़ा देखता रहा तभी पापा ने पास के टेबल से एक गिलास जिसमे दारु थी 
उसको उठाया और कमला बाई की गांड और चुत  पे गिरा दिया और फिर मेरे पापा मेरी नौकरानी की गांड और चुत को अपनी जीभ से चाटने लगे 
कमला बाई  धीरे धीरे अपने मुंह से “आआह्ह ह्ह्ह ऊम्म्म आआऊऊच इम्म्म उह हुहह्ह..” की आवाजें निकाल रही थीं.
 पापा भी सीसिया रहे थे मेरी नजर तो पापा के लंड से हट ही नहीं रही थी , जो बिलकुल सीधा खड़ा हुआ था
एक बात और ना तो कमला बाई के और ना ही पापा के निचे एक भी बाल था एकदम चिकनी थी दोनों के ,
खैर फिर पापा ने एक और पेग बनाया जिसको कमला बाई और पापा ने मिलकर पीया ...
पापा के लंड से मेरी नजरे यूँ चिपकी थी की क्या बतायूँ उनका चिकना लंड उतनी दूर से ही चमक रहा था ,
तभी कमला बाई ने उनका लैंड पकड़ा और अपने मुंह में लेलिया वो बहुत ही अच्छे से पापा का लैंड चूस रही थी। ....


यह नजारा देख कर मुझसे रहा नहीं गया मैंने मेरे लंड को आजाद कर दिया , वो भी खड़ा हो चुका था आज के दिन में चौथी बार ,
तभी पापा ने उसकी चूंची पकड़ ली वो तड़पने लगी- जान… ऐसे क्यों कर रहे हो… रुको, तुमको असली मजा देती हूँ.
कमला बाई कहा और अपने दोनों हाथ पीछे करके ब्रा खोल कर निकाल दी… फिर लेट गई.
उसकी नंगी, चिकनी चूचियां देख देखकर पापा अपनी आंखें सेंकने लगे. फिर हाथ लगाकर सहलाने लगे.
मैंने देखा की कमला के दूध बहुत सेक्सी हैं… बड़े बड़े, गोल गोल, मुलायम और बेहद नर्म.
पापा उसके मम्मे दबा दबाकर मजा लूटने लगे. फिर मुँह में लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगे.
मुझे भी यह देखकर मजा आने लगा. वो मर्दाना जिस्म के थे. पूरे 6 लम्बे और पहलवानी बॉडी वाले थे. मैं भी अब उनका लंड खाना चाहता था .
कमला ने भी उनको दोनों हाथों से पकड़ लिया और दूध पिलाने लगी- पी लीजिये साहब… आप मेरे मस्त मस्त आम पी लो…
वो “अई… अई… अई… उम्म्ह… अहह… हय… याह… इसस्स…” करने लगी.
पापा अपना मुँह चला चला कर उसके निपल्स को मुँह में अन्दर तक लेकर चूस रहे थे.
उसको हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था पर मजा भी खूब आ रहा था. फिर 10 मिनट बाद दूसरी वाली चूसने लगे. मुझे यह देख कर बड़ा मजा आ रहा था .
तभी पापा ने कोई क्रीम अपने लंड पर लगाई और कमलाबाई को घोड़ी बना दिया ,
ओह भगवान पापा कमलाबाई की गांड में अपना हब्शी लंड डाल रहे थे वाओ इतना बड़ा लंड कमलाबाई की गांड को छू रहा था मुझको देखकर ही मजा आने लगा
मैंने अपना बारमूडा निचे उतार दिया और जॉकी भी अब में नंगा खड़ा हुआ यह लाइव सेक्स देख कर अपना लंड हिला रहा था

 
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RE: मनोज से माया तक का सफर - by Sexyboyforol - 13-03-2019, 09:53 AM
RE: मनोज से माया तक का सफर - by Salmakhan21 - 26-03-2019, 12:05 PM



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