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गाँव की डॉक्टर साहिबा ( पुरी कहनी )
#97
अब काव्या फटा फट दोड़ कर हवेली के पीछे वाले गेट से सीधा हवेली में घुस कर अपने कमरे में चली गयी. और अपना काला जैकेट निकाल कर साइड में फैकती है और अपने बैड पर लेट जाती है.

अब काव्या की आँखों से आसु निकल रहे थे यह उसने क्या कर दिया खुद ही अफजल से सेक्स कर लिया. वह एक शादी शुदा पढ़ी लिखी औरत है और उसने अफजल जैसे आदमी के साथ छि छि यह क्या कर लिया. रमण को पता चलेगा तो क्या होगा.....? मैंने रमण को धोका दिया. इन्हीं सब बातों के साथ और थोड़ी थकान के साथ काव्या सो जाती है.

अब काव्या उठती है दस बजे और नाश्ता करके सीधा अपने रूम में चली जाती हैं. अब दोपहर हो रही थी कुछ 3 बज रही थी रणधीर आज भी नहीं आया था. अब सुनने में यह आ रहा था कि रणधीर कल आयेगा.

इधर काव्या की दादी की तबीयत भी थोड़ी खराब थी आज सुबह से. काव्या ने दादी को एक गोली देकर रेस्ट करने को बोला था.

काव्या अपने रूम में अपनी रात भर की थकान को दूर करने के लिये बाथरूम में नहाने जाती है. 

करीब आधे घण्टे के बाद जब काव्या बाथरूम से नहा धो कर सिरफ़ एक तौलिया लपेट कर बथरूम से निकली तो उसने देखा कि नजमा सिरफ़ ब्लाऊज और पेटीकोट पहने टांगे फैला कर अपनी कुरसी पर फैली आधी लेटी और आधी बैठी हुई है और उसके ब्लाऊज के बटन सब के सब खुले हुए है रहीम चाचा झुक कर नजमा की एक चूंची अपने हाथों से पकड़ चूस रहा है और दूसरे हाथ से नजमा की दुसरी चूंची को दबा रहा है। काव्या यह देख कर सन्न रह गई और अपनी जगह पर खड़ी कि खड़ी रह गई। तभी नजमा कि नज़र काव्या पर पर गई तो उसने अपनी हाथ हिला कर काव्या को अपने पास बुला लिया. और बोली आरी ओ काव्या चल अब ज्यादा कुछ बोलने और सोचने के बजाय ले चल बैठ जा इधर मुझको सब पता है तेरे और सुलेमान के बारे में. फिर नजमा अपनी एक चूंची रहीम चाचा से छुड़ा कर काव्या की तरफ़ बढा कर बोली, “लो काव्या तुम भी मेरी चूंची चूसो।” रहीम चुपचाप नजमा कि चूंची चूसता रहा और उसने काव्या कि तरफ़ देखा तक नही। रहीम चाचा एक चालाक और मंजे हुए खिलाड़ी थे रहीम चाचा का प्लान तो काव्या को अपनी तीसरी पत्नी या बेगम बनाने का था और उससे बच्चे निकालने का था. रहीम भी चाहता था कि काव्या जैसी बड़े घर की औरत उसकी हो जाये. पर अभी वो सारे कदम सोच समझ कर रख रहा था l रहीम भी अब नजमा से थक गया था नजमा को चोद कर. नजमा ने फिर से काव्या से बोली, “लो काव्या मेरी रानी तुम भी मेरी चूंची चूसो, मुझे चूंची चुसवाने में बहुत मज़ा मिलता है तभी मैं रहीम से अपनी चूंची चुसवा रही हूं।” काव्या अब कुछ नही बोली और नजमा की दुसरी चूंची अपने मुंह में भर कर चूसने लगी। काव्या को समझ ही नहीं आ रहा था की क्या करना है उसको उस समय जो सही लगा वो किया. उसको थोड़ा अजीब लगा कि उसके घर की काली और भद्दी कामवाली उसको अपनी चुची चूसवा रहीं है थोड़ी देर के बाद काव्या ने देखा कि नजमा अपना हाथ आगे कर के रहीम चाचा का लण्ड उसके पैजामे के ऊपर से पकड़ कर अपनी मुट्ठी में लेकर मारोड़ रही है और रहीम चाचा नजमा कि एक चूंची अपने मुंह में भर कर चूस रहा है। अब तक काव्या भी गरम हो गई थी। तभी नजमा ने रहीम चाचा का पैजामे का नाड़ा खींच कर खोल दिया और रहीम का पैजामा सरक कर नीचे गिर गया। पैजामा के नीचे गिरते ही रहीम नंगा हो गया क्योंकि वो पैजामे के नीचे कुछ नही पहन रखा था। जैसे ही रहीम नंगा हो गया वैसे ही नजमा आगे बढ कर रहीम का खड़े लण्ड को पकड़ लिया और उसका सुपारा को खोलने और बंद करने लगी और अपने होठों पर जीभ फेरने लगी। यह देख कर काव्या ने अपने हाथों से पकड़ कर रहीम का लण्ड नजमा के मुंह से लगा दिया और नजमा से बोली, “लो नजमा, मेरे कातिल ठर्की चाचा का लण्ड चूसो। लण्ड चूसने से तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा। नजमा बोली मैं अपनी चूत मारवाने के पहले रहीम का लण्ड चूसती हूं। फिर रहीम भी मेरी चूत को अपने जीभ से चाटता है।” जैसे ही काव्या ने रहीम का लण्ड नजमा के मुंह से लगाया वैसे ही नजमा ने अपनी मुंह खोल कर के रहीम का लण्ड अपने मुख में भर लिया और उसको चूसने लगी। अब रहीम अपनी कमर हिला हिला कर अपना लण्ड नजमा के मुंह के अन्दर बाहर करने लगा और अपने हाथों से नजमा कि दोनो चूंची पकड़ कर मसलने लगा। तब काव्या ने आगे बढ कर नजमा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट का नाड़ा खुलते ही नजमा ने अपनी चूतड़ कुरसी पर से थोड़ा सा उठा दिया और काव्या अपने हाथों से नजमा की पेटीकोट को खींच कर नीचे गिरा दिया। नजमा ने पेटीकोट के नीचे पेण्टी नही पहनी थी और इसालीये पेटीकोट खुलते ही नजमा भी रहीम चाचा कि तरह बिलकुल नंगी हो गई।

काव्या ने सबसे पहले नंगी नजमा की काली मोटी जांघो को खोल दिया और उसकी चूत को देखाने लगी। नजमा की चूत पर झांटे बहुत ही थी और इस समय नजमा कि चूत बिलकुल झांटे का जंगल लग रही थी। नजमा कि चूत से चुदाई के पहले निकलने वाला रस रिस रिस कर निकल रहा था। काव्या झुक कर सुमन के सामने बैठ गई और नजमा कि चूत से अपनी मुंह लगा दिया। काव्या का मुंह जैसे ही नजमा कि चूत पर लगा तो नजमा ने अपनी टांगे और फैला दिया और अपने हाथों से अपनी चूत को खोल दिया। अब काव्या ने आगे बढ कर नजमा कि चूत को चाटना शुरु कर दिया। काव्या को यह भी ध्यान नहीं रहा कि वो एक कामवाली देहाती औरत की चूत चाट रही हैं पता नहीं इसको किस किस ने ठोका होगा. काव्या अपनी जीभ को नजमा कि चूत के नीचे से लेकर चूत के ऊपर तक ला रही थी और नजमा मारे गरमी के काव्या का सर अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी। उधर रहीम ने जैसे ही देखा कि काव्या अपनी जीभ से नजमा कि चूत को चाट रही है तो उसने अपना लण्ड नजमा के मुंह से लगा कर एक हलका सा धक्का दिया और नजमा रहीम कि रंडी ने अपना मुंह खोल कर रहीम का लण्ड अपने मुंह में भर लिया। नीचे काव्या अपनी जीभ से नजमा कि चूत को चाट रही थी और कभी कभी नजमा के दाने को अपने दांतो से पकड़ कर हलके हलके से दबा रही थी।

थोड़ी देर तक काव्या कि चूत को चाटने और चूसने का बाद नजमा उठ कर खड़ी हो गई और रहीम का काला कटा लण्ड पकड़ काव्या के मुंह से निकाल दिया और काव्या से बोली, “काव्या अब बहुत हो गया लण्ड चूसना और चूत चटवाना चलो अब अपने पैर कुरसी के हत्थो के ऊपर रखो और रहीम का लण्ड अपने चूत में पिलवाओ। मुझे मालूम है कि अब तुम्हे रहीम का लण्ड अपने मुंह में नही अपनी चूत के अन्दर चाहिये।” और नजमा ने अपने हाथों से रहीम चाचा का खड़ा हुआ लण्ड काव्या कि गीली चूत कि ऊपर रख दिया। चूत पर लण्ड के रखते ही काव्या ने अपने हाथों से उसको अपनी चूत की छेद से भिड़ा दिया और रहीम कि तरफ़ देख कर मुसकुरा कर बोली, “लो अब तुम्हारी रखेल ने ही तुम्हारा लण्ड को मेरी चूत से भिड़ा दिया। अब देर किस बात का है। चलो चुदाई शुरु कर दो।” इतना सुनते ही रहीम पागल सा हो गया और उसने ने अपना कमर हिला कर अपना तना हुआ लण्ड सुमन कि चूत के अन्दर उतार दिया। चूत के अन्दर लण्ड घुसते ही काव्या ने अपने पैर को कुरसी के हत्थों पर रख कर और फैला दिया और अपने हाथों से रहीम का कमर पकड़ कर उसको अपनी तरफ़ खींच लिया। अब रहीम अपने दोनो हाथों से काव्या कि दोनो चूंचियों को पकड़ कर अपना कमर हिला हिला कर काव्या को बेरहमी से चोदना शुरु कर दिया। नजमा काव्या की चूत में रहीम का लण्ड पिलवा कर बहुत खुश थी और वो मुड़ कर काव्या से बोली, “देख मेरे रहीम का लण्ड बहुत ही शानदार है, बहुत लम्बा और मोटा है। देख रहीम का लण्ड तेरी बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है। मेरी ज़िन्दगी तो रहीम से चुदवा कर बहुत आराम से कट रही हैं ” नजमा तब रहीम का एक हाथ काव्या कि चूंची पर से हटा कर काव्या कि चूंची को मसलते हुए बोली, “हां, मेरे रहीम चाचा का लण्ड बहुत ही शानदार है और मुझे रहीम से चुदवाने में बहुत मज़ा मिलता है। मैं तो हर रोज़ रहीम का लण्ड अपनी चूत में पिलवाती हूं। क्यों, तेरा पती तेरी चूत नही चोदता? कैसा है तेरे पती का लण्ड?” काव्या बोली, “मेरे पती का लण्ड भी अच्छा है और मैं हर रोज तो अपने पती के लण्ड से अपनी चूत नहीं चुदवाती हूं। मेरे पती रोज़ रात को हमको ऐसे रगड़ कर नहीं चोदता है और जब कभी कभी रात कि चुदाई के समय हम नॉर्मल ही सेक्स कर लेते है। लेकिन मेरे पती की बात ही कुछ और है। रहीम चाचा का लण्ड तो मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है। असल में मुझे अपनी पति के अलावा दूसरे लण्ड से चुदवाने में कोई मज़ा नही आता है मुझको पसन्द नहीं की कोई अनजान आदमी मुझको छुए. पर जब से मैने रहीम को देखा है, तभी से मैं रहीम का लण्ड देखने के लिये लालायित थी। मुझको देखना है कि रहीम चाचा कैसे मुझको चोदता है। मुझे मालूम है कि रहीम चाचा के लण्ड को अपनी चूत से खाकर मै बहुत खुश होगी।” नजमा चुपचाप काव्या कि बात सुनती रही और झुक कर रहीम का लण्ड काव्या की चूत के अन्दर बाहर होना देखती रही। थोड़ी देर के बाद नजमा झुक कर काव्या कि एक चूंची अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी। अब काव्या काफी थक चुकी थी उसको आदत नहीं थी इसलिये वो खडी हो कर नीचे घुटनों के बल बैठ गयी ये देखते ही नजमा फिर कुर्सी पर बैठ गयी टांग फैला कर और रहीम ने काफी गुस्से में आकर नजमा को चोदाना शुरू कर दिया था पर उसको तो काव्या को चोद कर अपना माल या मलाई यानी स्पर्म काव्या की चुत मैं उतारना था पर काव्या ये बात जानती थी कि अब रहीम झड़ने वाला है और काव्या एक ठर्की मु*स्लि*म बूढे के बच्चे की माँ नहीं बनना चाहती थी और वो वहीं खड़ी नजमा और रहीम को देखती रही ! 

थोड़ी देर के बाद काव्या को अहसास हुआ कि कोई उसके चूतड़ के ऊपर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी चूत में अपना लण्ड घुसेड़ने की कोशिश कर रहा है। कोने था वो......?
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RE: गाँव की डॉक्टर साहिबा ( पुरी कहनी ) - by THANOS RAJA - 31-01-2021, 11:05 PM



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