31-01-2021, 02:53 PM
(This post was last modified: 20-09-2021, 02:47 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी- गर्भाधान का मुहूर्त
" दीदी ,अरे सिर्फ दूध देने लायक होने से थोड़े ही दूध देना कोई शुरू कर देगा ,कुछ और करना पड़ता है उसके लिए "
अपनी जेठानी को मैंने थोड़ा और चढ़ाया।
बस वो अपने लेवल पर आ गयीं। बोलीं ,
" अरे ये सांड ६ फिट का बैठा तो है बगल में ,बस एक दिन चढ़ जाओ ,शर्तिया गाभिन कर दोगे। बस नौ महीने बाद दूध सप्लाई शुरू। "
उनका हाथ न गुड्डी के कंधे पर था ,बल्कि उँगलियाँ गुड्डी की खुली दूधिया गोलाइयों के ऊपरी भाग को छु रही थीं ,सहला रही थीं .
गुड्डी ने जैसे अपनी भाभी की बात पे हामी जताते , उनकी उस के जोबन को सहलाती उँगलियों को खुद खींच के थोड़ा और नीचे।
मैं क्यों मौका चूकती मैं भी तेल पानी लेकर उनके ऊपर ,
" हे सुन रहे हो मेरी जेठानी जी क्या कह रही हैं , फिर बड़ी भाभी की बात तो आप कभी टालते नहीं हो , बस मौका भी है और अब तो ये तुझे नेग में भी मिल गयी है.”
"एकदम ,और कौन मुहूरत निकालने की बात ,बस सटाओ ,घुसेडो ,सटासट , अगस्त चल रहा है ,फरवरी में सोहर और फिर दूध की नदी ,... "
जेठानी मेरी मूड में आ गयी थीं।
" अरे भाभी मुहूर्त निकालना भी हो तो ये मेरा मोबाइल हैं न ,गूगल बाबा ,...ये देखिये निकल गया गर्भाधान का मुहूर्त , सच में अगल दो महीने तक तो बहुत बढ़िया योग है ,.. "
मैंने जेठानी जी को मोबाइल दिखाया।
लेकिन वो बिचारे ,गुड्डी से ज्यादा तो वो ,उन्होंने बात बदल दी और गुड्डी से पूछा ,
" हे तेरा इंटर के बाद क्या प्लान है। "
और मैं फिर बीच में कूद गयी ,
" अरे इंटर का कोर्स कर लिया बिना इंटरकोर्स के तो ,... "
लेकिन गुड्डी की ओर से जवाब दे दिया मेरी जेठानी ने ,
" अरे तो चलो ,लेकिन अब चौदहवीं के पहले चुदवा लेगी मेरी ननद ,पक्का मेरी गारंटी। "
लेकिन जो जवाब गुड्डी ने दिया तो माहौल बदल गया।
" दीदी ,अरे सिर्फ दूध देने लायक होने से थोड़े ही दूध देना कोई शुरू कर देगा ,कुछ और करना पड़ता है उसके लिए "
अपनी जेठानी को मैंने थोड़ा और चढ़ाया।
बस वो अपने लेवल पर आ गयीं। बोलीं ,
" अरे ये सांड ६ फिट का बैठा तो है बगल में ,बस एक दिन चढ़ जाओ ,शर्तिया गाभिन कर दोगे। बस नौ महीने बाद दूध सप्लाई शुरू। "
उनका हाथ न गुड्डी के कंधे पर था ,बल्कि उँगलियाँ गुड्डी की खुली दूधिया गोलाइयों के ऊपरी भाग को छु रही थीं ,सहला रही थीं .
गुड्डी ने जैसे अपनी भाभी की बात पे हामी जताते , उनकी उस के जोबन को सहलाती उँगलियों को खुद खींच के थोड़ा और नीचे।
मैं क्यों मौका चूकती मैं भी तेल पानी लेकर उनके ऊपर ,
" हे सुन रहे हो मेरी जेठानी जी क्या कह रही हैं , फिर बड़ी भाभी की बात तो आप कभी टालते नहीं हो , बस मौका भी है और अब तो ये तुझे नेग में भी मिल गयी है.”
"एकदम ,और कौन मुहूरत निकालने की बात ,बस सटाओ ,घुसेडो ,सटासट , अगस्त चल रहा है ,फरवरी में सोहर और फिर दूध की नदी ,... "
जेठानी मेरी मूड में आ गयी थीं।
" अरे भाभी मुहूर्त निकालना भी हो तो ये मेरा मोबाइल हैं न ,गूगल बाबा ,...ये देखिये निकल गया गर्भाधान का मुहूर्त , सच में अगल दो महीने तक तो बहुत बढ़िया योग है ,.. "
मैंने जेठानी जी को मोबाइल दिखाया।
लेकिन वो बिचारे ,गुड्डी से ज्यादा तो वो ,उन्होंने बात बदल दी और गुड्डी से पूछा ,
" हे तेरा इंटर के बाद क्या प्लान है। "
और मैं फिर बीच में कूद गयी ,
" अरे इंटर का कोर्स कर लिया बिना इंटरकोर्स के तो ,... "
लेकिन गुड्डी की ओर से जवाब दे दिया मेरी जेठानी ने ,
" अरे तो चलो ,लेकिन अब चौदहवीं के पहले चुदवा लेगी मेरी ननद ,पक्का मेरी गारंटी। "
लेकिन जो जवाब गुड्डी ने दिया तो माहौल बदल गया।